इंटेलिजेंट लोग क्यों कम कमाते हैं? “द अनफेयर एडवांटेज” का सारांश The Unfair Advantage Book Summary in Hindi
इंटेलिजेंट लोग क्यों कम कमाते हैं? “द अनफेयर एडवांटेज” का सारांश
आज आप देख रहे हो कि इंजीनियर्स, डॉक्टर्स, लॉयर्स जैसे इंटेलिजेंट लोग महीने के 1 लाख से भी कम कमा रहे हैं, तो वहीं कुछ बेवकूफ लोगों की मंथली इनकम, इंटेलिजेंट लोगों की एनुअल इनकम से भी ज्यादा होती है। यानी कि आज की डेट में डम लोग इंटेलिजेंट लोगों से पांच नहीं, 10 नहीं, बल्कि 50 गुना ज्यादा पैसा कमा रहे हैं।
“द अनफेयर एडवांटेज”: डम लोग कैसे अमीर बन रहे हैं?
फॉर एग्जांपल, कच्चा बदाम से पॉपुलर हुई अंजली अरोरा को ही देख लो, जिसने हाल ही में मुंबई में 4 करोड़ का फ्लैट खरीदा है। वह भी बस अपनी बेवकूफी भरी हरकतों से कमाए गए पैसों से। तो आपके मन में यह सवाल तो जरूर आ रहा होगा कि कैसे यह डम लोग लाखों में खेर, वहीं हम इतने इंटेलिजेंट और इतने स्मार्ट होने के बावजूद भी महीने का 1 लाख भी नहीं कमा पा रहे हैं? और आपका दूसरा डाउट यह भी हो सकता है कि कैसे इलॉन मस्क, बिल गेट्स, और जेफ बेजोस जैसे इंटेलिजेंट लोग भी काफी सारे पैसे कमा रहे हैं?
“द अनफेयर एडवांटेज”: सफलता का सीक्रेट फ़ॉर्मूला
क्या इन इंटेलिजेंट लोगों के पास कोई सीक्रेट फॉर्मूला है? सच कहूं तो हां, इन इंटेलिजेंट लोगों को सक्सेस का एक सीक्रेट इक्वेशन पता है, जो जरूर से आपको पता नहीं है। और इसीलिए आप इंटेलिजेंट होने के बाद भी रिच नहीं हो। तो आइए जानते हैं “द अनफेयर एडवांटेज” बुक में दिए गए इस सक्सेस सीक्रेट इक्वेशन को, जिसको यूज करके आप भी रिच और इंटेलिजेंट लोगों की कैटेगरी में आ सकते हो।
“द अनफेयर एडवांटेज”: डम लोग कैसे अमीर बन रहे हैं?
वई डम्स आर गेटिंग रिचर! Glassdoor और Indeed जैसे जॉब पोर्टल्स की 2024 की रिपोर्ट के अनुसार, आज इंडिया में इंजीनियर्स की एवरेज सैलरी ₹5 लाख पर ईयर है, यानी कि सिर्फ ₹41,667 पर मंथ। तो वहीं, Influencer Marketing एजेंसी, Koffees की 2024 की स्टडी के अकॉर्डिंग, इंडिया में डम इनफ्लुएंसर्स, अपने
[संगीत]
हैं, तो भी उनकी मंथली इनकम आराम से 20 लाख से ऊपर ही चले जाएगी। जो कि एक एवरेज इंडियन सीईओ की एनुअल इनकम के बराबर है। इन लेटेस्ट रिपोर्ट से यह साबित हो रहा है कि इंटेलिजेंट = पुअर, और डम = रिच। लेकिन सवाल है क्यों, और कैसे? इसके पीछे दो बहुत ही इंटरेस्टिंग रीजन्स हैं। पहले हम डिस्कस करते हैं कि डम लोग कैसे रिच हो रहे हैं।
“द अनफेयर एडवांटेज”: डम लोगों की दो कैटेगरी
डम लोगों की दो कैटेगरी हैं: पहले “डम नेपो किट्स,” और दूसरे “डम इनफ्लुएंसर्स।”
“द अनफेयर एडवांटेज”: डम नेपो किट्स
डम नेपो किट्स के रिच होने का रीजन है “मनी।” जैसे आलिया भट्ट और सोनाक्षी सिन्हा, इसकी बेस्ट एग्जांपल हैं। वो इसलिए, क्योंकि एक बार जब कॉफी विद करन शो पर जब आलिया से पूछा गया कि “Who is the President of India?” तो उन्होंने जवाब में “पृथ्वीराज चौहान” कहा था। और सोनाक्षी सिन्हा की बात करें, तो इन्होंने हद ही पार कर दी थी। KBC में उनसे पूछा गया था कि “हनुमान जी किसके लिए संजीवनी बूटी लेकर आए थे?” तो जवाब में उन्होंने “सीता” बोल दिया था। इससे कम आईक्यू तो छोटे बच्चों का भी नहीं होता, जितना इन सो कॉल्ड सेलिब्रिटीज का है। इतना डम होने के बाद भी इनको फिल्मों पर फिल्में मिल रही हैं, जिनसे ये डम लोग करोड़ों कमा रहे हैं।
“द अनफेयर एडवांटेज”: डम इनफ्लुएंसर्स: हिम्मत और आत्मविश्वास
अब दूसरे टाइप के डम लोग, यानी कि डम इनफ्लुएंसर्स की बात करें, तो इनके रिच होने के पीछे का रीजन है “करेज।” एक्चुअली, ये लोग कोई भी रिस्क लेने से डरते नहीं हैं, और इन्हें स्टुपिड दिखने में भी कोई शर्म नहीं आती। जैसे कि हम राकेश सावंत की बात करें, तो एक बार वह बिग बॉस के शो पर जाने के लिए स्पाइडरमैन की ड्रेस पहनकर बैठ गई थी। और यहां तक कि इन डम लोगों में ओवर कॉन्फिडेंस भी ज्यादा होता है, जिसकी वजह से अनजाने में ही सही, यह जो सोचते हैं, वह अचीव कर लेते हैं। इसके पीछे सिर्फ एक लॉजिक है:
“द अनफेयर एडवांटेज”: “फेक इट टिल यू मेक इट”
“फेक इट टिल यू मेक इट”। कोई भी चीज आप लंबे टाइम तक फेक करते हो, तो फिर वह आपकी रियलिटी बन ही जाती है। आती है। देखो पहले लोग कहते थे कि “ऑयल इज द न्यू करेंसी।” फिर इंटरनेट आने के बाद, लोग कहने लगे कि “डेटा इज द न्यू करेंसी।” और अब कई सारा डेटा रिकॉर्ड हो जाने के बाद, लोग कहते हैं कि “अटेंशन इज द न्यू करेंसी।” यानी कि आज आपका अटेंशन पाने के लिए बड़े-बड़े कॉरपोरेट्स एक दूसरे के साथ लड़ रहे हैं।
“द अनफेयर एडवांटेज”: डम इनफ्लुएंसर्स: अटेंशन और मोनेटाइजेशन
डम इनफ्लुएंसर्स अटेंशन वाली गेम को अच्छी तरह से समझते हैं, और अपनी डम हरकतों की वजह से ऑडियंस का अटेंशन अपनी तरफ करते हैं, और उस अटेंशन को काफी सारे ब्रांड डील्स करके मोनेटाइज भी करते हैं। जिसके कारण ये एक शॉर्ट रील के लिए ब्रांड से लाखों चार्ज करते हैं, और फाइनली रिच बन जाते हैं।
“द अनफेयर एडवांटेज”: इंटेलिजेंट लोग क्यों गरीब?
वई इंटेलीजेंट आर गेटिंग पुअरर! अब आप सोच रहे होंगे कि इंटेलिजेंट लोगों में क्या दिक्कत है, और वह क्यों नहीं अमीर बन पाते? तो वह इसलिए क्योंकि उनमें मिडिल क्लास माइंडसेट कूट-कूट के भरा हुआ है, और वह अपना टीईएम कम करने में कोई कसर नहीं छोड़ते।
“द अनफेयर एडवांटेज”: टीईएम: समय, ऊर्जा और पैसा
अब आप पूछोगे कि टीईएम क्या है? टीईएम का मतलब है, “Time, Energy, and Money.” मिडिल क्लास माइंडसेट कैरी करने वाले लोग, ना तो अपना टाइम, ना एनर्जी, ना ही मनी को वाइज यूज करते हैं, और इसी रीजन से वह गरीब पैदा होते हैं, और गरीब ही मर जाते हैं।
“द अनफेयर एडवांटेज”: इंटेलिजेंट लोगों की गलतियाँ
ज्यादातर इंटेलिजेंट लोग अपने मिडिल क्लास माइंडसेट के कारण, अपने पैसे बचाने के लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन, सस्ते प्रोडक्ट ढूंढने में घंटों वेस्ट कर देते हैं। सिनेमा हॉल में मूवी घटिया होने के बावजूद भी पूरी फिल्म देख के ही वापस आते हैं। फालतू की गॉसिप में घंटों वेस्ट कर देंगे। लेकिन यह बुक, या ऑडियो बुक समरी नहीं सुनेंगे। ऐसा करके वह अपना कीमती वक्त वेस्ट कर देते हैं, यह जानते हुए भी कि
“द अनफेयर एडवांटेज”: इंटेलिजेंट लोगों की गलतियाँ: टाइम और मनी मैनेजमेंट
“Time is money.” मनी की बात चल रही है, तो आपको बताता चलूं कि सो कॉल्ड इंटेलिजेंट लोग, अपने टाइम के साथ पैसे की भी अच्छी कैर नहीं करते, और तो और, शोऑफ करने के चक्कर में अपने पैसे भी उड़ा देते हैं। वह पैसा उड़ा देते हैं जो उनका होता ही नहीं है। यानी कि क्रेडिट कार्ड के लोन से शॉपिंग करना। आजकल लोग इतना शोऑफ कर रहे हैं कि 15-20,000 मंथली सैलरी वाले, ई पर ₹1 लाख के iPhone खरीद रहे हैं।
“द अनफेयर एडवांटेज”: इंटेलिजेंट लोगों की गलतियाँ: टाइम, ऊर्जा और शोऑफ
तो वहीं, 6 लाख के एनुअल सैलरी वाले, 15 से 20 लाख की SUV कार खरीद रहे हैं। इस तरह पैसों को वेस्ट करके ये लोग अमीर बनना तो दूर की बात है, बल्कि डेब्ट ट्रैप में फंसते जा रहे हैं। और फाइनली, टाइम और मनी वेस्ट करने के बाद, जो एनर्जी इनके पास बच जाती है, वह
“द अनफेयर एडवांटेज”: टीईएम का प्रभाव
अनप्रोडक्टिव चीजों, या फिर सोशल मीडिया कंटेंट देखने में खर्च हो जाती है। अब आपका टीईएम डिस्ट्रॉय होने के बाद, आप करोड़पति तो नहीं, लेकिन रोडपति जरूर बन जाओगे। मैं यह गारंटी देता हूं।
“द अनफेयर एडवांटेज”: सक्सेस इक्वेशन
तो सवाल उठा है कि क्या हम अपने टीईएम को सही यूज करें, तो हम रिच और सक्सेसफुल बन सकते हैं? इसका जवाब है, “एक बड़ा नहीं,” क्योंकि यह सिक्के का एक ही साइड है। और जब तक सिक्के के दोनों साइड नहीं होंगे, तब तक सिक्का वैलिड नहीं माना जाएगा। देखो आपको सच में रिच और सक्सेसफुल बनना है, तो आपको सक्सेस इक्वेशन को समझना होगा। और आपको बताता चलूं कि सक्सेस इक्वेशन के अनुसार, आपको अमीर बनने के लिए ना तो पैसे चाहिए, और ना ही कोई डम हरकतें करने की जरूरत है। चाहिए तो सिर्फ चार चीजें, जो हम आगे रियल लाइफ, इंटेलिजेंट, सक्सेस पर्सनेलिटीज के एग्जांपल से समझेंगे।
“द अनफेयर एडवांटेज”: सक्सेस इक्वेशन
“The Unfair Advantage” बुक में ऑथर बताते हैं कि जिसने भी सक्सेस इक्वेशन को मास्टर कर लिया, तो फिर उसे अमीर बनने से कोई भी नहीं रोक सकता।
“द अनफेयर एडवांटेज”: सक्सेस इक्वेशन
Success Equation = Fair Play × Unfair Advantage
“द अनफेयर एडवांटेज”: फेयर प्ले
इस इक्वेशन में सिर्फ दो एलिमेंट्स हैं, जिसको अगर आप मास्टर कर लो, तो कामयाबी आपके कदम चूमेगी। पहला है “फेयर प्ले”, जिसका शॉर्ट में मतलब है कि आप अपना टीईएम को इंप्रूव करने के लिए हार्ड वर्क, पैशन, प्रेज़र वेनेस, डिसिप्लिन, जैसी गुड क्वालिटीज अपने अंदर डेवलप कर लो।
“द अनफेयर एडवांटेज”: अनफेयर एडवांटेज
दूसरा है “Unfair Advantage”, जिसका सीधा मीनिंग है कि कुछ ऐसी हट के चीजें, जो आपने खुद में कंट्रोल कर ली, तो आप क्राउड में स्टैंड आउट कर पाओगे, और अमीर बन पाओगे। आपको सिर्फ चार चीजें ही अपने कंट्रोल में लानी हैं, जो आपको अनफेयर एडवांटेज देंगी, और उन चार चीजों को याद करने के लिए मैंने आपके लिए एक मैजिकल सेंटेंस भी बनाया है, जो है “Feel the Status, Story at Prime Location”।
“द अनफेयर एडवांटेज”: फील
इस सेंटेंस में आपको बस चार वर्ड्स पर ही गौर करना है: “Feel,” “Status,” “Story,” और “Location”। जिसके बारे में अब आप एक-एक करके, रिच और सक्सेसफुल लोगों के एग्जांपल से समझोगे।
“द अनफेयर एडवांटेज”: फील: खुद को एक्सप्रेस करना
सबसे पहले बात करते हैं “Feel” की। यहां “Feel” का मतलब है खुद को एक्सप्रेस करना। जैसे कि आपने देखा कि कैसे लोग दूसरों को इंप्रेस करने के लिए ई पर फोन और SUV खरीद रहे होते हैं। हालांकि आपको उसका ठीक उल्टा करना है। लोगों को इंप्रेस नहीं, बल्कि खुद को एक्सप्रेस करना है। और इसी तरह से आप अपने अंदर छुपे हुए पोटेंशियल को बाहर लेकर आ सकते हो, जो आपको अमीर बना देगा।
“द अनफेयर एडवांटेज”: फील: मनसुख भाई प्रजापति का उदाहरण
मनसुख भाई, इसके बेस्ट एग्जांपल हैं। दरअसल, बात यह थी कि मनसुख भाई प्रजापति गुजरात के क्ले क्राफ्ट्समैन थे, और वह बेसिकली मिट्टी के प्रोडक्ट्स बनाया करते थे। लेकिन 2001 में गुजरात में आए खतरनाक भूकंप में, उनका पूरा बिजनेस तबाह हो गया। वो काफी मुश्किलों से गुजर रहे थे, और एक बेहतर आईडिया की तलाश में थे, जिसकी वजह से उनके क्ले का बिजनेस फिर से खड़ा ही नहीं, बल्कि बड़ा भी हो जाए। एक दिन वह खुद से बातें कर रहे थे कि क्ले से ऐसा क्या प्रोडक्ट बनाया जाए, कि वह गरीबों से लेकर अमीरों तक के काम आए।
“द अनफेयर एडवांटेज”: फील: मनसुख भाई प्रजापति का उदाहरण
खुद से बातें करते-करते उन्हें एक ऐसा आईडिया आया जिसने आगे चलकर उन्हें अमीर बना दिया। वो आईडिया था एक ऐसा फ्रिज बनाना जो बिना इलेक्ट्रिसिटी से चले। कुछ टाइम उसके ऊपर काम करके, उन्होंने मिट्टी से बिना इलेक्ट्रिसिटी से ऑपरेट होने वाला, “मिट्टी कूल” नाम का एक फ्रिज बना दिया। यह फ्रिज साइंस के एवपोरेट्स पल्स पर काम करता था, जो खाने को कुछ दिनों तक फ्रेश रखता था।
“द अनफेयर एडवांटेज”: फील: मनसुख भाई प्रजापति का उदाहरण
इस प्रोडक्ट का प्राइस केवल ₹300 होने से, अमीरों के साथ-साथ गरीब भी इसे अफोर्ड कर पाते थे, और इसीलिए उनकी सेल स्काई रॉकेट हो गई। यह सब तभी पॉसिबल हो पाया जब उन्होंने खुद से बातें की, यानी कि खुद को एक्सप्रेस किया, और एक फ्रूगल आईडिया प्रोड्यूस किया, जिसने उन्हें अमीर बना दिया।
“द अनफेयर एडवांटेज”: फील: आइडिया पर निवेश करना
लेकिन बाय एनी चांस, अगर आप खुद एक आर्टिस्ट की तरह फील नहीं कर सकते, एक्सप्रेस नहीं कर सकते, तो भी आपके पास एक और ऑप्शन है, जो कि है ऐसे लोगों को हायर करना जो खुद को एक्सप्रेस करके ब्रिलियंट आईडियाज प्रोड्यूस कर सकते हैं। और उस आईडिया पर इन्वेस्ट करके आप रिच हो जाओगे। जैसे कि KGF चैप्टर वन और
“द अनफेयर एडवांटेज”: फील: आइडिया पर निवेश करना: KGF का उदाहरण
चैप्टर टू को प्रोड्यूस करने वाले प्रोडक्शन हाउस, Hombale Films के फाउंडर, विजय किरण गंडू ने किया है। बेसिकली वो प्रशांत नील जैसे दिग्गज राइटर और डायरेक्टर के साथ, और काफी सारे क्रिएटिव लोगों को हायर करके अमीर बने थे। अकॉर्डिंग टू वर्ल्ड वाइड बॉक्स ऑफिस रिपोर्ट, KGF चैप्टर टू ने ₹1220 करोड़ के बजट में ₹1300 करोड़ कमाए थे, यानी कि पूरी 10 एक्स अर्निंग हुई थी। तो आप खुद को एक्सप्रेस करो।
“द अनफेयर एडवांटेज”: फील: खुद को एक्सप्रेस करना
आप खुद को तभी एक्सप्रेस कर पाओगे, जब आप खुद को खुद से ही कंपेयर करोगे, ना कि दूसरों से। दूसरे शब्दों में कहूं, तो जब आप खुद से बातें करोगे, जैसे कि मनसुख भाई ने किया था, तभी आपका ट्रू पोटेंशियल बाहर निकल कर आएगा। नहीं तो दूसरों को इंप्रेस करने के चक्कर में आपकी पूरी लाइफ बर्बाद हो जाएगी। सो बेसिकली, आपको क्रिएटिव आर्टिस्ट की तरह बनना होगा।
“द अनफेयर एडवांटेज”: फील: आइडिया पर निवेश करना: KGF का उदाहरण
लेकिन बाय चांस आप यह नहीं कर सकते, तो आप विजय सर की तरह, दूसरे क्रिएटिव लोगों को हायर करके, उनके आईडियाज पर इन्वेस्ट करके, अमीर बन सकते हो।
“द अनफेयर एडवांटेज”: स्टेटस: पर्सनल ब्रांड
तो खुद को फ्रीली एक्सप्रेस करने वाली क्वालिटी, दूसरों के मुकाबले आपको एक अनफेयर एडवांटेज देगी, और आपका रिच होने के साथ ही, सोसाइटी में स्टेटस भी बढ़ेगा। और यही है “Unfair Advantage” का दूसरा पॉइंट,
“द अनफेयर एडवांटेज”: स्टेटस: पर्सनल ब्रांड का महत्व
“Status”। स्टेटस, “Unfair Advantage” देने वाली दूसरी चीज है। यहां “Status” का मतलब है आपका पर्सनल ब्रांड। आज की डेट में लोग ब्रांड को ही प्रेफर कर रहे हैं। और इसीलिए तो कंपनियां IITians को हायर करती हैं।
“द अनफेयर एडवांटेज”: स्टेटस: पर्सनल ब्रांड का महत्व: उदाहरण
कंज्यूमर्स iPhone, फैशन, लग्जरी ब्रांड, लुई वीटन को प्रेफर करते हैं। सोचो इन ब्रांड्स की मार्केट में अगर इतनी डिमांड है, तो जब आप अपना पर्सनल ब्रांड बनाओगे, तो फिर कंज्यूमर्स से लेकर क्रिएटर्स तक, और फिर क्रिएटर्स से लेकर कॉरपोरेट्स तक, सब आपको ही अपना काम रेफर करेंगे।
“द अनफेयर एडवांटेज”: स्टेटस: पर्सनल ब्रांड का महत्व: अंकुर वारी का उदाहरण
जिसके लिए आप उनसे प्रीमियम अमाउंट चार्ज कर सकोगे, और आप भी जल्दी ही अमीर बन जाओगे। आज इसी पर्सनल ब्रांड की पावर से अंकुर वारी को सर का नेटवर्थ करीब $15 मिलियन डॉलर का हो गया है। दरअसल, अंकुर वारिक एक एंटरप्रेन्योर हैं, जिन्होंने सोशल मीडिया पर अपना पर्सनल ब्रांड बनाना शुरू किया था। पहले वो सिर्फ फ्री कंटेंट प्रोवाइड करते थे, लेकिन आज वह फ्री और प्रीमियम कंटेंट के साथ-साथ कोर्सेस, और कॉरपोरेट कंसल्टेशन भी ऑफर करते हैं।
“द अनफेयर एडवांटेज”: स्टेटस: पर्सनल ब्रांड का महत्व: अंकुर वारी का उदाहरण
उनकी एजेंसी की बात करें, तो 2021 में उन्होंने ₹12.6 करोड़ का रेवेन्यू किया था। वहीं 2022 में यह बढ़कर ₹27 करोड़ का हो गया था, यानी कि पिछले साल से करीब 150% ज्यादा की ग्रोथ। इनके सोर्सेस ऑफ इनकम देखें, तो कंटेंट्स, कॉलेबोरेशंस, कोर्सेस, और कॉर्पोरेट कंसल्टेशंस। 2022 में ही इन्होंने सिर्फ अपने कोर्सेस से करीब ₹10 करोड़ बनाए थे, जिसमें 29,000 स्टूडेंट्स इनरोल हुए थे।
“द अनफेयर एडवांटेज”: स्टेटस: अपना पर्सनल ब्रांड बनाएं
तो ऐसे ही आप भी सोशल मीडिया का लेवरेज करके अपना स्टेटस, यानी कि पर्सनल ब्रांड बना सकते हो। और फिर कंज्यूमर्स, क्रिएटर्स, और कॉरपोरेट्स से अपनी सर्विसेस के लिए प्रीमियम चार्ज करके अमीर बन सकते हो, जैसे कि अंकुर वारी को सर ने किया। जैसे कि आप जानते हो कि हमें कोई काम करने के लिए रेफरेंस पॉइंट की जरूरत होती है, और अंकुर वारी को सर की जर्नी आपके लिए एक इंस्पायरिंग स्टोरी की तरह साबित होगी।
“द अनफेयर एडवांटेज”: स्टोरी: कहानी कहने की कला
और यही “Unfair Advantage” का तीसरा पॉइंट,
“द अनफेयर एडवांटेज”: स्टोरी: कहानी कहने की कला: उदाहरण
“Story”। आपने अपने स्कूल और कॉलेज टाइम में नोटिस किया होगा कि दो पेज का जवाब याद नहीं होता था, लेकिन 3 घंटे की फिल्म या फिर 8-10 घंटे की वेब सीरीज आसानी से याद हो जाती थी। ऐसा क्यों होता है? इसका जवाब है “Story”। हम सभी को स्टोरीज आसानी से याद हो जाती हैं।
“द अनफेयर एडवांटेज”: स्टोरी: कहानी कहने की कला: महत्व
और शायद इसीलिए बचपन में सुनी हुई कहानियां आज भी याद होती हैं। इसी यूनिवर्सल फैक्ट को ध्यान में रखते हुए, हमारे ऋषि मुनियों ने ज्यादातर वेदों, उपनिषदों, पुराणों, और किसी भी चीज को समझाने के लिए कहानी का इस्तेमाल किया है। आज जो भी अपनी बातों को दुनिया के सामने अच्छे से स्टोरी टेलिंग के फॉर्मेट में रखता है, वही अमीर बन पाता है।
“द अनफेयर एडवांटेज”: स्टोरी: कहानी कहने की कला: महत्व: उदाहरण
आज की डेट में स्टोरी टेलिंग एक प्रीमियम स्किल बन गई है। अगर आप रैंडम पीस ऑफ इंफॉर्मेशन से कुछ हेल्पफुल इनसाइड्स निकालकर, स्टोरी फॉर्मेट में प्रेजेंट कर सकते हो, तो आपकी डिमांड हर जगह होगी। लेकिन आपकी सप्लाई कम होने से, आप प्रीमियम चार्ज करके खुद को अमीर बना सकते हो।
“द अनफेयर एडवांटेज”: स्टोरी: कहानी कहने की कला: उदाहरण
बाहुबली सीरीज और RRR के डायरेक्टर, एसएस राजामौली, और एनिमल फिल्म के डायरेक्टर संदीप रेडी वांगा ने अपनी बेहतरीन स्टोरी टेलिंग से काफी सारे पैसे कमाए हैं। जैसे कि बाहुबली 2 ने ₹1800 करोड़ का लाइफ टाइम बिजनेस किया, तो वहीं ₹100 करोड़ के बजट में बनने वाली “एनिमल” मूवी ने ₹930 करोड़ का बिजनेस किया था। आज देखो, वही सेल्समैन और ब्रोकर ज्यादा पैसे कमा रहे हैं जो स्टोरी टेलिंग जैसे सुपर पावर को सुपर्ब तरीके से इस्तेमाल करते हैं।
“द अनफेयर एडवांटेज”: स्टोरी: कहानी कहने की कला: उदाहरण
उदाहरण के लिए, एक बेहतरीन सेल्समैन सबसे पहले अपने कस्टमर की प्रॉब्लम को सुनता है, और समझता है। एक बार प्रॉब्लम पता लगते ही, वह कस्टमर को अपने प्रोडक्ट्स के उन बेनिफिट्स को हाईलाइट करता है जो कस्टमर की प्रॉब्लम को सॉल्व करते हैं। यानी कि सेल्समैन अपने कस्टमर्स को पर्सनलाइज्ड सलूशन ऑफर करता है, और कस्टमर के साथ डील क्रैक कर लेता है।
“द अनफेयर एडवांटेज”: लोकेशन: सही समय पर सही जगह
क्या आपने कभी नोटिस किया कि सेल्समैन ने कैसे कस्टमर को स्टोरी टेलिंग का उपयोग करके डील फाइनल की? ऐसे ही आप भी लोगों और सिचुएशन से इनसाइड्स एक्सट्रैक्ट करो, और फिर स्टोरी टेलिंग फॉर्मेट में प्रेजेंट करो, और फिर रिजल्ट आपके फेवर में ही होगा। यह प्रीमियम स्किल कैरी करने वाले लोगों के पास यह अनफेयर एडवांटेज होगा, ये लोग आसानी से अमीर बनेंगे। लेकिन यह तभी पॉसिबल है, जब आप सही समय पर सही लोकेशन पर होगे।
“द अनफेयर एडवांटेज”: लोकेशन: महत्व
और यही “Unfair Advantage” का चौथा पॉइंट,
“द अनफेयर एडवांटेज”: लोकेशन: उदाहरण
“Location”। अगर मैं आपसे पूछूं कि आज सबसे ज्यादा अपॉर्चुनिटी कहां है, ज्यादातर लोग कहेंगे कि इंडिया की बड़ी सिटीज जैसे कि मुंबई, दिल्ली, और बेंगलोर में। You are right. यहां बड़े-बड़े स्टार्टअप्स, और कॉरपोरेट एस्टेब्लिश हैं, जिससे अपॉर्चुनिटी मिलने के चांसेस बढ़ जाते हैं। Compared to tier 2 and tier 3 cities, और देश के बड़े इनफ्लुएंशल लोग भी इन्हीं सिटीज में रहते हैं। जिनके साथ नेटवर्क करने से भी आपको अपॉर्चुनिटी मिल सकती है।
“द अनफेयर एडवांटेज”: लोकेशन: उदाहरण: सुंदर पिचाई का उदाहरण
और तो और, यहां काफी सारे सेमिनार्स होते रहते हैं, जहां आपको फिर से अपॉर्चुनिटी मिल सकती है। Over all, मोटा पैसा कमाने के लिए आपको सही समय पर सही जगह पर होना जरूरी है। So, right location is very important for ultimate growth. और इसका बेस्ट एग्जांपल Google’s Sundar Pichai हैं। Sundar Pichai ने भले ही IIT से ग्रेजुएट किया था, लेकिन उन्होंने यूएसए में जाकर ऑब्सटेकल्स को पार करते-करते, आदमी की पूरी एनर्जी खत्म हो जाती है, और वह कुछ
“द अनफेयर एडवांटेज”: लोकेशन: उदाहरण: सुंदर पिचाई का उदाहरण
क्रेडिट काम नहीं कर पाता है। लेकिन यूएसए में काफी कम ऑब्स्टेकल्स हैं, जिसकी वजह से सुंदर का पूरा टीईएम उनके काम में लगा रहा। और उन्होंने बहुत सारे क्रिएटिव आईडियाज जनरेट किए, और उसको कंपनी ग्रोथ में अप्लाई तक किए। और इसी काम को देखते हुए उन्हें
“द अनफेयर एडवांटेज”: लोकेशन: उदाहरण: सुंदर पिचाई का उदाहरण
Google में ₹2 मिलियन डॉलर, यानी कि ₹2200 करोड़ अर्न करने लगे, और उन चंद लोगों में से एक हो गए जो अपनी जॉब से अमीर हुए हैं। अभी 2022 में उनकी नेट वर्थ $1 बिलियन डॉलर हो गई थी, जो कि 2024 में बढ़कर $1.7 बिलियन डॉलर यानी कि करीब ₹144,000 करोड़ हो गई है।
“द अनफेयर एडवांटेज”: लोकेशन: उदाहरण: सुंदर पिचाई का उदाहरण
Sundar Pichai की तरह ही, अगर आप खुद को राइट लोकेशन पर रखोगे, तो आपको भी आपके टैलेंट के अकॉर्डिंग अपॉर्चुनिटी मिलेगी, और आप अमीर बनोगे। और वैसे भी, “Feel Your Status, Story at Prime Location,” सेंटेंस भी आपको यही मैसेज कर रहा है कि अपनी पर्सनल स्टेटस स्टोरी फील करने के लिए आपको एक अच्छी लोकेशन पर होना जरूरी है।
“द अनफेयर एडवांटेज”: समाप्ति और मुख्य takeaways
तो फाइनली, आपने जाना कि कैसे आप अनकंट्रोल चीजें, जैसे अनफेयर एडवांटेज को भी, कुछ चीजों को अपने कंट्रोल में लाकर अपने फेवर में कर सकते हो। “Feel Your Status, Story at Prime Location”, सेंटेंस उन चार वर्ड्स को याद रखने के लिए हेल्पफुल है। इस वीडियो को सराइज करूं तो, आपको रिच और सक्सेसफुल बनने के लिए सक्सेस इक्वेशन को समझना जरूरी है, जो कहता है कि सक्सेस तभी मिलती है जब आप फेयर प्ले के साथ-साथ अनफेयर एडवांटेज को भी अपने फेवर में कर लेते हो। फेयर प्ले का सिंपल मीनिंग है कि आप अपना टीईएम, यानी कि टाइम, एनर्जी, और मनी को प्रोडक्टिव वेज में यूज करो। और उसके अलावा, Unfair Advantage को अपने फेवर में लाने के लिए लोगों को इंप्रेस नहीं, बल्कि खुद को एक्सप्रेस करो। अपना पर्सनल ब्रांड बनाओ। स्टोरी टेलिंग सीखो। और फाइनली, राइट अपॉर्चुनिटी को ग्रैब करने के लिए राइट टाइम पर राइट लोकेशन पर प्रेजेंट रहो।
“द अनफेयर एडवांटेज”: समाप्ति और प्रेरणा
फेयर प्ले और Unfair Advantage एक्सपेक्ट को मजबूत बनाकर ही आप इंटेलिजेंट लोगों की तरह रिच और सक्सेसफुल बन सकते हो, बिना कोई तमाशा किए। फाइनली, You guys are amazing! Keep reading, keep learning, keep growing! Thank you.