इजराइल का आसमान हुआ लाल: ट्रिपल एच के हमलों ने तेल अवीव को दहलाया
इजराइल का आसमान हुआ लाल। ट्रिपल एच के हमलों को तेल अवीव पर देखकर दहल गया पूरा वाशिंगटन। अब तक का सबसे बड़ा कोऑर्डिनेटेड अटैक हुआ है इजराइल पर। ऐसा लग रहा है मानो ईरान एक हाइव माइंड की तरह कंट्रोल कर रहा है हमास, हिज्बुल्लाह, और हुथी को। हाइव माइंड जो मिडिल ईस्ट के सारे प्रॉक्सी ग्रुप्स के लीडर्स को ब्लूप्रिंट दे रहा है कि कहां वार करो, कैसे वार करो, कब तक वार करो, कि इजराइल का डिफेंस, ग्राउंड डिफेंस हो या एयर डिफेंस हो, सब जार-जार हो जाए, छलनी हो जाए। कई सिक्योरिटी लूप होल्स एक्सपोज हो जाए। और जब ऐसा होगा, तब अपने सबसे तेज, सबसे घातक, सबसे स्टेल्थ, ना डिटेक्ट हो सकने वाले, ताकतवर मिसाइल से ईरान इजराइल में छेद करके ऐसी चोट देगा जो परमानेंट होगी, जिसे कभी रिपेयर नहीं किया जा सकेगा।
जमीनी घुसपैठ और इजराइली जनता का भरोसा
और उसके बाद होगी जमीनी घुसपैठ क्योंकि हिज्बुल्लाह की स्पेशल यूनिट, रदवां फोर्स, रेडी बैठी है इजराइल में ग्राउंड से, जमीन से घुसपैठ करने के लिए। ताकि उन इलाकों में कब्जा कर लिया जाए, जहां से नेतनयाहू की सरकार ने 70,000 से ज्यादा यहूदियों को बाहर निकाल लिया है, इवाक्युएट करा दिया है। और पूरे देश के सामने वादा किया है कि अभी के लिए आपको वहां से हटाया गया है क्योंकि वहां पर हमले हो रहे हैं हिज्बुल्लाह के। जैसे स्थिति समान होगी, और तनयाहू की सरकार यह वादा करती है कि स्थिति सामान्य होगी, सरकार उन्हें वापस उनके घरों में लौटा लेगी, साउंडली और सेफली। जरा सोच के देखिए, अगर यह कोऑर्डिनेटेड अटैक जो हो रहा है, हिज्बुल्लाह, हमास, हुथी की तरफ से एक साथ हो रहा है।
ईरान की रणनीति और संभावित परिणाम
और इसके बीच में सिक्योरिटी लूप होल्स निकल रहे हैं। हिज्बुल्लाह ने इंफॉर्मेशन दे दी, हुथी ने इंफॉर्मेशन दे दी, हमास ने इंफॉर्मेशन दे दी कि यह इलाका है जहां पर हम रॉकेट मार रहे हैं। तो यह क्रॉस कर जा रहा है वायु सीमा को और इजराइल में जाकर गिर रहा है। यह कोऑर्डिनेशन अगर शेयर कर दिए गए ट्रिपल एच के द्वारा ईरान को, तो ईरान इस डाटा का इस्तेमाल कितने खतरनाक तरीके से कर सकता है? और ऐसा वार कर सकता है कि फिर पूरा नॉर्दर्न इजराइल कट ऑफ हो सकता है इजराइल से। और ऐसे स्थिति में अगर रदवां फोर्स अंदर एंटर, घुस जाती है, हिज्बुल्लाह की क्रॉस बॉर्डर अटैक करने वाली, इन्फिल्ट्रेट करने वाली टीम अगर घुस जाती है, तो उसके बाद फिर उन 70,000 लोगों को जो वादा किया था नेतनयाहू की सरकार ने, उसका क्या होगा?
इजराइली जनता का विश्वास और संभावित तख्तापलट
इजराइली जनता का भरोसा ऑलरेडी नेतनयाहू की सरकार से डगमगा चुका है। यह अगर हो गया, तो उसके बाद वहां पर तख्तापलट कंफर्म हो जाएगा। और यह इतिहास में पहली बार ऐसा होगा कि अमेरिका ने सपोर्ट किया एक देश को, उसके सबसे महत्त्वपूर्ण एलाई को, और एक जंग की शुरुआत की। जंग जब हुई, तो दुश्मन देश के अंदर का तख्तापलट नहीं हुआ, बल्कि उस देश के अंदर तख्तापलट हो गया जो कि अमेरिका जिसे सपोर्ट कर रहा था। सोच के देखिए। अमेरिका ने हमला किया था अफगानिस्तान के ऊपर, सरकार पलट गई थी, तालिबान की। अमेरिका ने हमला किया था इराक के ऊपर में, सद्दाम हुसैन को पूरी तरीके से सूली पर लटका दिया गया था। जहां-जहां अमेरिका ने हमला किया, वहां की सरकारें बदल कर रख दी। लेकिन पहली बार ऐसा होगा, अगर नेतनयाहू की सरकार चली जाती है, तो यह पहली बार ऐसा होगा कि हमला शुरू किया गया और उसके बाद में सरकार पलट गई।
अमेरिकी प्रभाव और संभावित बदलाव
और यह सीधे-सीधे सिंहासन के ऊपर बात आ जाएगी अमेरिका की कि अमेरिका का वह रसूख, वह दम, वह पावर, सब अब जूना पुराना हो चुका है। और चीजें जब पुरानी हो जाती हैं, तो उन्हें घर के बाहर फेंक दिया जाता है, और नया उम्मीदवार बैठता है सिंहासन पर। वह कौन होगा? यह अलग टॉपिक है, अलग वीडियो के लिए टॉपिक होगा। लेकिन अभी आपको बता दें, हमास, हमास वापस से जिंदा हो गया है। और हमास सेंट्रल इजराइल, तेल अवीव, कमर्शियल कैपिटल ऑफ इजराइल, और इस इलाके में लगातार रॉकेट से हमला कर रहा है।
हमास, हिज्बुल्लाह और हुथी के हमले
खती वापस एक्टिव हो चुका है और दक्षिणी इजराइल पर हमला कर रहा है। कई सारे जो है जहाज, इजराइली जहाजों के ऊपर में हमला करने के बाद, अब वह दक्षिण इजराइल पर हमला करना शुरू कर चुका है। बात करें हिज्बुल्लाह की, तो हिज्बुल्लाह ने लगातार दहलाया है नॉर्दर्न इजराइल को और अभी भी दहला रहा है। बात करें सीरिया की, सीरिया, नॉर्थ ईस्टर्न, उत्तर पूर्वी जो इजराइल है, जो गोलाना हाइट का इलाका है, सीरिया से जुड़ा हुआ, वहां पर जबरदस्त ताबड़तोड़ हमले कर रहा है। और यह लगातार हो रहा है। दोस्तों, चारों तरफ से वार हो रहा है इजराइल के ऊपर में, और इजराइल इस वक्त प्रॉक्सी से जूझने में लगा हुआ है। सोचिए जरा, इस समय का इस्तेमाल क्या ईरान नहीं कर सकता?
ईरान की संभावित रणनीतियां
क्या ईरान इस समय का सही इस्तेमाल करके दो बड़े काम नहीं कर सकता? और हो सकता है जब हम बात कर रहे हैं इन सब चीजों के ऊपर में, स्पेक्युलेटिव बड़ा अटैक जो कि ड्राइवर, हुथी के डिटेल्स के माध्यम से, यानी कि हमास, हुथी, और हिज्बुल्लाह जो हैं, यहां से इंफॉर्मेशन पास-ऑन कर रहे हैं ईरान तक। क्योंकि यह, यह इलाके इसके वल्नरेबल हैं, वीक हैं इजराइल के, और यहां हमला करने से ज्यादा नुकसान होगा। और यह इंफॉर्मेशन इस्तेमाल करके ईरान रियल टाइम में हमला करना शुरू कर दे। पहला, उसकी तैयारी वह कर रहा होगा, और यह जो डीले देखने को मिल रहा है, यह उसी लिए है।
ईरान का संभावित परमाणु परीक्षण
दूसरा, दूसरी बात यह हो सकती है, इस समय का इस्तेमाल करके अपने साइकोलॉजिकल वेपन को, जिसको बहुत इस्तेमाल करता है ईरान अपने दुश्मनों के खिलाफ, हो सकता है ईरान अंदर ही अंदर एक अंडरग्राउंड न्यूक्लियर टेस्ट करने के बारे में कोशिश कर रहा हो। हो सकता है कि वह अंडरग्राउंड न्यूक्लियर टेस्ट करे, और उसके वीडियो पूरी दुनिया में फिर न्यूज की तरह फैल जाए, और ईरान बताए कि अब वह एक कंप्लीट परमाणु शक्ति बन चुका है, एक न्यूक्लियर पावर कंट्री बन चुका है, ताकि और दबाव बढ़ जाए इजराइल पर, और दबाव बढ़ जाए अमेरिका पर। भले ईरान उसका इस्तेमाल ना करे, वह जानता है कि अगर उसने इस्तेमाल किया, तो पूरे ईरान को जो है नक्शे से मिटाने के लिए अमेरिका कूद पड़ेगा। लेकिन यह बात, यह सिर्फ यह हो जाना कि न्यूक्लियर टेस्ट हो गया ईरान का, यह अपने आप में इतना बड़ा भार, इतना बड़ा पेपर वेट रख देगा इजराइल की छाती पर, कि उसके बाद इजराइल जो है उसको दिक्कत होने वाली है। अमेरिका भी इजराइल को उकसावे वाली कार्रवाई जो करता है, इजराइल बार-बार दुश्मन देश के घर में घुस कर के उसके जो है लोगों पर वार करना, या उसके कैपिटल को निशाना बनाना, उस तरीके की जो अग्रेसिव जो स्ट्रेटेजी है, उसको इस्तेमाल करना रोक देगा। एक बार ऐसा हो गया तो, और उसके बाद फिर ईरान हमला करना शुरू करेगा।
ईरान की संभावित रणनीतियां और परिणाम
तो दो चीजें हो सकती हैं, बिल्कुल एक तो बड़ा अटैक प्लान कर रहा है ईरान, और फेस वन शुरू हो चुका है। हिज्बुल्लाह, हमास, हुथी जो एक साथ कोऑर्डिनेटेड अटैक कर रहे हैं, इस वक्त इजराइल पर, लगातार हो रहा है दोस्तों, 48 घंटे से लगातार जलजला आया हुआ है इजराइल के अंदर। तो यह फेस वन है, और उसकी इंफॉर्मेशन को इस्तेमाल करके, जब पूरी तरीके से एग्जॉस्ट हो जाएगा आईडीएफ वहां पर, इजराइल का, तब उसके ऊपर ईरान का बड़ा हमला हो सकता है। यह एक हो सकती है। दूसरा, अंडरग्राउंड न्यूक्लियर टेस्ट प्लान कर रहा हो ईरान, इस समय का फायदा उठाकर। दोनों चीजें हो सकती हैं, पर दोनों ही चीजों का एक ही आउटकम निकलता नजर आ रहा है यहां पर।
इजराइल की प्रतिक्रिया और नेतनयाहू की स्थिति
अखबारों में पढ़ें, न्यूज़ पोर्टल्स में देखें, तो आपको ऐसा समझ में आएगा कि भाई इजराइल ने तो पहले देख लिया सेटेलाइट से कि हिज्बुल्लाह जो है, वह हजारों मिसाइलों को रेडी कर रहा है इजराइल पर हमला करने के लिए, और इसीलिए इजराइल ने अंदर घुस कर के उन इलाकों पर वार कर दिया जहां पर तैयारी चल रही थी इजराइल पर हमला करने के लिए। इसे प्री-एम्प्टिव स्ट्राइक कहा जाता है। उसके बाद हिज्बुल्लाह ने जब हमला किया, तो 300 रॉकेट दागे। चलो, दागना था, दाग दिए, प्लान बनाया था, तो उन्होंने छोड़ा नहीं। लेकिन उससे कुछ खास नुकसान हुआ नहीं। यह खबरें चल रही हैं इंटरनेट पर।
नेतनयाहू की सुरक्षा और अमेरिकी प्रभाव का क्षरण
लेकिन दोस्तों, अगर यह इतना सिंपल, इतना इजी होता, तो जरा बताइए कि नेतनयाहू अपने पूरे मंत्रिमंडल के साथ में तेल अवीव, देश कमर्शियल कैपिटल को छोड़ कर के, जेरूसलम में क्यों पहुंचे, और वहां पर एक न्यूक्लियर बंकर के अंदर क्यों छिपे हुए हैं? डेफिनेटली उनकी जान को खतरा है। डेफिनेटली ईरान टिट फॉर टैट चाहता है। जिस तरीके से हमास के लीडर को इजराइल ने खत्म कर दिया, ईरान के अंदर बड़ी शर्मिंदगी वाली बात थी ईरान के लिए। ठीक उसी तरीके से ईरान चाहता है कि अगर वह इजराइल के स्टेट हेड को खत्म कर ले, तो उसका बदला पूरा हो जाएगा। शायद इसीलिए नेतनयाहू को अंडरग्राउंड बंकर के अंदर जाना पड़ा।
इजराइल और अमेरिका की वास्तविक ताकत और सवाल
तो दोस्तों कुल मिलाकर देखा जाए, तो चीजें जो सामने नजर आ रही हैं, उसमें अगर पेपर में देखें, और जो आंकड़े निकल कर सामने आ रहे हैं, उन्हें देखें, तो ऐसा लगता है कि इजराइल और अमेरिका इतने ताकतवर हैं कि उनका कोई असर नहीं पड़ेगा, आसपास का कोई। उनका अनपैरेलल्ड पावर है इजराइल के पास और अमेरिका के पास। लेकिन अगर वही देखें, जो चीजें हो रही हैं, अगर इतने ही ताकतवर हैं यह लोग, तो इनके ऊपर हमला करने वाले अभी तक जिंदा क्यों हैं? सवाल यह निकलता है। क्या जरा सोच के देखिए, जो इन पर हमला कर रहे हैं, वह अभी तक जिंदा क्यों हैं? अगर यह लोग इतने ताकतवर हैं, तो क्या यह बहुत रुक-रुक कर हमला कर रहे हैं या सामने वाले की पोजीशन देखकर हमला कर रहे हैं? इजराइल ऐसा कर रहा है क्या?
इजराइली सैन्य कार्रवाइयों का विश्लेषण
बिल्कुल नहीं कर रहा है। उसने सिविलियंस को खत्म कर डाला, इतने सारे। तो कहीं से भी यह नहीं नजर आ रहा है कि कहीं से भी जो सरलता है या थोड़ा सा ह्यूमैनिटी दिखा रहा है। जो भी वह हमले कर रहा है, उसमें सारे लोग खत्म हो रहे हैं। तो फिर ऐसा क्या है? सीधी सी बात है, कैलकुलेशंस अपनी जगह है, पेपर पर चीजें अपनी जगह हैं। लेकिन ग्राउंड पर अगर देखें, तो आईडीएफ भी थक रही है, आईडीएफ भी कमजोर हो चुकी है, और डेफिनेटली इजराइल टूट रहा है, अंदर ही अंदर चकनाचूर हो रहा है।
संभावित भविष्य और आगामी अपडेट
देखना यह होगा कि कोऑर्डिनेटेड अटैक जो हो रहा है, ट्रिपल एच का, क्या इसके तुरंत बाद एक फॉलोइंग अटैक हो जाता है ईरान की तरफ से। यह देखने वाली बात होगी। अगर ऐसा होता है, तो लेटेस्ट अपडेट आपको इसी चैनल पर मिल जाएगी। जितना हो सके, इस वीडियो को शेयर करें। जल्द मिलेंगे अगले वीडियो में। तब तक के लिए आप, आपका इस वीडियो के अंत तक देखने के लिए दिल से धन्यवाद।