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एटॉमिक हैबिट्स बाय जेम्स क्लियर: हिंदी सारांश | Atomic Habits by James Clear book Summary in Hindi

Atomic Habits by James Clear book Summary in Hindi

एटॉमिक हैबिट्स बाय जेम्स क्लियर: हिंदी सारांश

हेलो, हेलो दोस्तों, रीड बुक्स क्लब में आपका फिर से स्वागत है। आज हम बात करने वाले हैं अच्छी आदतें बनाने के बारे में सिखाने वाली किताब “एटॉमिक हैबिट्स” के बारे में, जिसे जेम्स क्लियर ने लिखा है। एक अच्छी आदत बनाने में कभी-कभी हम पूरी जिंदगी लगा देते हैं, और फिर एक दिन छोटी सी गलती से वारदात, एक सेकेंड में बदल जाती है। ऐसा क्यों होता है?

एटॉमिक हैबिट्स: छोटी आदतों का बड़ा प्रभाव

दरअसल, हम अक्सर यह मानकर चलते हैं कि बड़ी सफलता के लिए बड़ी-बड़ी कोशिशें भी जरूरी हैं। हालत यह साफ तौर पर गलत तो नहीं है, लेकिन कभी-कभी छोटी खुशी भी ज्यादा एयरपोर्ट से बेहतर नजर आती हैं। कि जेम्स प्लेट कि यह किताब “एटॉमिक हैबिट्स” बस हमें उन्हें या तो के बारे में बताती है। “एटॉमिक” का मतलब है बहुत छोटा या अनलिमिटेड एनर्जी का सोर्स, और “हैबिट्स” का मतलब है वह चीज है जो हम बार-बार करते हैं। वह चीज है जो हम हर रोज़ खाते हैं, साफ तौर से “एटॉमिक हैबिट्स” वह छोटी-छोटी आदतें हैं जो हमारी जिंदगी में बड़ा बदलाव ला सकती हैं।

एटॉमिक हैबिट्स: किताब का उद्देश्य

तो यह मेक हेर वर्क इन लोगों के लिए है। वह लोग जो कामयाबी के शिखर तक पहुंचना चाहते हैं। वह लोग जो अपनी आंखों के बारे में जानना चाहते हैं, वो जो साइकोलॉजी पढ़ना चाहते हैं, वह लोग जो कि बुरी आदतों को छोड़कर अच्छी आदतें अपनाना चाहते हैं। इस किताब को बेहतर तरीके से समझने के लिए, हम इसे वापिस पॉइंट्स में डिस्कस करने जा रहे हैं। और इससे पहले कि आप इस विडियो में खोजें, अगर आप हमारे चैनल पर पहली बार आए हैं, तो उम्मीद चैनल को सब्सक्राइब करें और वीडियो की बेल आइकॉन भी दबा लें।

हमारा चैनल और वीडियो का कंटेंट

हमारा चैनल YouTube के वे सभी चैनल में से एक है। हमारी यह वीडियो थोड़ी लंबी हो सकती है क्योंकि हम भोग और वीडियो के कंटेंट पर कभी भी कंप्रोमाइज नहीं करते, इसलिए वीडियो को एंड तक देखना जरूरी है। तो चलिए शुरू करते हैं।

सफलता की नींव: छोटे कदम

बड़ी कामयाबी हासिल करने के लिए छोटे स्टेप से शुरुआत करें। जब आप हर दिन एक्सरसाइज करते हैं, तो आप एक ही दिन में सेहतमंद और फिट नहीं बनते। लेकिन एक दिन आप जरूर सेहतमंद हो जाते हैं। वैसे ही, जब आप हर रोज बाहर का फास्ट फूड खाते हैं, तो आपको पता नहीं लगता कि आप मोटे हो रहे हैं। लेकिन कुछ दिनों या कुछ महीनों के बाद जब आप अपनी पुरानी फोटो देखते हैं, तो आपको पता लगता है कि हर रोज के फास्ट फूड खाने ने आपकी सेहत पर क्या असर डाला है।

सफलता: छोटे कदमों का योगदान

हम हर रोज ना जाने कितने ऐसे काम करते हैं या तो अच्छे होते हैं, या कि हम हमेशा ऐसा लगता है कि उस छोटे से काम का नतीजा कुछ खास नहीं होगा। लेकिन हम यह भूल जाते हैं कि छोटे काम को लगातार करने से हम ना जाने कितने पीछे या कितनी आगे जा सकते हैं।

सफलता की नींव: अच्छी आदतों का निर्माण

एग्जांपल के लिए, एक इंसान इंटरनेट पर हमेशा अच्छी जानकारी को सर्च करता है। वहीं पर, दूसरे इंसान हर दिन इंटरनेट पर हमेशा एंटरटेनमेंट की चीजों को देखता है, इस सर्च करता रहता है। हालांकि, देखने में लग रहा है कि दोनों इंसान इंटरनेट के इस्तेमाल कर रहे हैं, लेकिन पांच साल के बाद उन दोनों के बीच का अंतर बहुत ज्यादा होगा। इसलिए अगर आप लंबे समय तक कामयाब और सेहतमंद रहना चाहते हैं, तो आप उन कामों को पहचानिए जो आपको आगे लेकर जा रहे हैं या पीछे, और उसके साथ यह देखिए कि वह काम करना अच्छा है या बुरा। और इसके बाद सोचिए कि वह काम आपको हर रोज करना चाहिए या नहीं।

आदतों का प्रभाव: भविष्य की कल्पना करना

अगर आप आज कोई नया काम कर रहे हैं या कोई ऐसा काम जो आप हर रोज करते हैं, तो आप खुद से सवाल कीजिए कि अगर आप इस काम को अगले पांच साल तक लगातार इसी तरह करते रहेंगे, तो आपके ऊपर इसका क्या असर होगा? इस तरह से आप यह पता कर सकते हैं कि वह काम आपको करना चाहिए या नहीं।

आदतों का प्रभाव: पैसे और निवेश

अगर आप अपने इनकम तथा उत्तर हिस्सा अच्छे-अच्छे कपड़े और सुख-सुविधा खरीदने में बिताते हैं, तो जाहिर सी बात है कि आप खुद को आराम दे रहे हैं। और पांच साल के बाद इसका असर यह होगा कि आप पांच साल के बाद वही पैसा कमा रहे होंगे, जितना भी कमा रहे हैं। लेकिन अगर आप अपने इनकम का ज्यादातर हिस्सा खुद को पहले से बेहतर बनाने में, और फिर इनवेस्ट करते हैं जहां से आपको अच्छा खासा रिटर्न मिले, तो जाहिर सी बात है कि आप पांच साल के बाद बहुत ज्यादा पैसा कमा रहे होंगे, और एक सफल और कामयाब इंसान बनेंगे।

आदतों का प्रभाव: बचपन से सीखना

एक बच्चा बड़ा होकर एक क्रिकेटर बनने का या नहीं, यह इस बात पर डिपेंड करता है कि वह बचपन से इस दिशा में सीखना और प्रैक्टिस करता है या नहीं। जो शुरू नहीं करेगा, वह आगे कैसे बढ़ेगा? इस तरह आपके रिजल्ट भी आपके हाथों पर डिपेंड करते हैं। आपका बैंक बैलेंस, आपकी सेविंग पर। आपका वजन, आपके खाने की आदतों पर। आपके पास कितनी इंफॉर्मेशन है, यह डिपेंड करता है कि आप कितना समय अपनी पढ़ाई को देते हैं।

समय का महत्व: आदतों का प्रभाव

आपके कमरे में और लाइफ में उतना ही पूरा होगा, जितने समय से आपने सफाई नहीं की है। यानी कि आपको वही मिलता है जो आप हर रोज करते हैं। समय हार और जीत की दूरी को पढ़ा करता है। जितना समय आप एक तरफ लगाएंगे, उतना ही आप उसे करीब होंगे। अच्छी आदतें, यह समय को आपका दोस्त बना देती हैं, और बुरी आदतें उसे आपका दुश्मन बना देती हैं। तो इस तरह, हमारी जिंदगी की दिशा को डिटरमाइंड करने में

आदतें: दोधारी तलवार

आदतें इम्पॉर्टेंट रोल निभाती हैं। तो इस तरह आप समझ गए हैं कि अच्छी आदतें कितनी जरूरी हैं, लेकिन इन्हें अपनाना कैसे है? यह जानने के लिए, यह समझना जरूरी है कि हैबिट्स, दोधारी तलवार की तरह है। अगर अच्छी हुई, तो जिंदगी सफल हो जाती है, और अगर बुरी हुई, तो जिंदगी भर आप… आपने अक्सर यह सवाल सुना होगा कि तुम आने वाले पांच साल में खुद को कहां देखते हो, या फिर तुम बड़े होकर क्या बनना चाहते हो? लेकिन ऐसा बहुत कम ही लोग पूछते हैं कि आने वाले 10 मिनट में तुम ऐसा क्या करोगे कि तुम्हारी जिंदगी को बेहतर बनाएगा।

आदत बदलने की कला: छोटे लक्ष्यों का महत्व

और ऐसी सोच रखने वाले लोगों की जिंदगी में ज्यादा कामयाब होते हैं। इसे याद रखिए, अगर आप यह मानकर चल रहे हैं कि मैं कल से हर दिन छह घंटे पढ़कर, आने वाले दो साल में को एक exam crack कर लूं, तो आप काफी दूर की सोच रहे हैं। यह गलत नहीं है, ले इस तरह की कंसिस्टेंसी लाना लगभग इम्पॉसिबल है। इसलिए सिर्फ exam crack करने को अपना गोल मत समझिए, बल्कि अपने एग्जाम के सिलेबस को डेली बेसिस पर छोटे-छोटे पार्ट्स में डिवाइड कर लीजिए, और हर रोज सेट किए गए छोटे-छोटे गोल को अचीव करें।

आदत बदलने की कला: कंसिस्टेंसी और प्रगति

ऐसा हर रोज करने से आपकी goal को हासिल करने की आदत बन जाएगी, जो बड़े लक्ष्य को हासिल करना आपके लिए आसान बना देगा। और इस तरह, हर रोज़ एक प्रतिशत बेहतर होना, आपको नौ दिनों में 1% बेहतर बना देगा, और एक साल में 365%। और अल्टीमेटली, इतनी ज़्यादा बेहतर बनकर आप हर उस लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं जो शायद अभी पाड़ा लग रहा होगा। इसलिए सबक यह है: हर रोज़ अपने आपको एक प्रतिशत बेहतर बनाएं। आपकी पहचान आपके हाथों से बनती है।

आदत बदलने की कला: पहचान में बदलाव

क्या आपने कभी सोचा है कि आदतें बदलना इतना मुश्किल क्यों लगता है? ऐसा इसलिए है क्योंकि हम या तो गलत चीजें बदलने की कोशिश करते हैं, या गलत तरह से अपनी आदतें बदलने की कोशिश करते हैं। लाइफ की किसी भी चीज में बदलाव करने की टीम में कारण होते हैं, और “ट्रिगर,” “टॉम,” और “मेसेज” अपने किसी मनचाही चीज को पाने के लिए हम आदतें बदलते हैं। यह प्रोसेस, “ट्रिगर,” “टॉम,” और “मेसेज,”

आदत बदलने की कला: अट्रैक्टिव बनाना

मतलब जो भी काम कर रही हैं, उसमें मजा आ रहा है। इसलिए उसे और इंजॉय करने के लिए आप रुख बदला, आईडेंटिटी पर भी चेंज, अपनी आदतों को बदलकर अपनी आईडी, इंसान की तरह अन्ना। अब आप खुद सोचिए, इनमें से किस पर फोकस करना चाहिए? अगर आप सिर्फ रिजल्ट के बारे में सोचेंगे, तो बोर हो जायेंगे। क्योंकि हमारे डिज़ायरेबल आप कम हो सकते हैं कि इतने बड़े,

आदत बदलने की कला: पहचान का हिस्सा बनाना

जीने में महीनों या सालों की लगातार कोशिश करेंगे, बात हासिल किया जा सके। इसलिए कोशिश करें कि चेंज को अपनी पहचान का हिस्सा बनाएं, और प्रोसेस को इंजॉय करें। मतलब हर दिन अपने आप में कुछ प्रतिशत बेहतर बदलाव करने के लिए, अपने हाथों को बदलिए। एग्जांपल के लिए अगर आप रोज़ अखबार पढ़ने की आदत डालना चाहते हैं, तो शॉर्ट लाइन से पढ़ना शुरू करें, फिर उन

आदत बदलने की कला: आसान बनाना

पहचानने वालों के साथ डिस्कस करें। और रोज़ अखबार पढ़ने की आदत बन जाएगी।

आदत बदलने की कला: चार आसान तरीके

अच्छी आदतें बनाने की चार आसान तरीके: यह सच है कि सवाल ही जवाब है। जो जितनी अच्छी क्वालिटी से सवाल पूछता है, उसे उतने ही अच्छे जवाब मिलते हैं। जो जवाब जिंदगी को एक नए और बेहतर मुकाम पर ले जाते हैं। यह बात तो आप के लिए भी सच है। इसलिए जब आप अपनी कोई आदत बदलना चाहते हैं, तो खुद से चार सवाल जरूर पूछें:

  1. मैं इसे कैसे बदल सकता हूं?

  2. कौन से छोटे-छोटे स्टेप इसे बदलने के लिए मैं भी लिख सकता हूं?

  3. मैं इसे कैसे अट्रैक्टिव बना सकता हूं?

  4. मैं इसे कैसे आसान बना सकता हूं?

  5. मैं इसे कैसे सेटिस्फाइंग बना सकता हूं?

इस तरह से धोकर मिनट पर सी आपकी जिंदगी को ईसी और बेहतर बनाता है। इसलिए उन्हें वेबसाइट जो आप बनना चाहते हैं, खुद को वैसा होते हुए इमेजिन करें। आप जब भी कोई नई आदत डालने की सोचते हैं, उससे पहले यह सोचिए कि उसका आपकी जिंदगी पर क्या इफेक्ट होगा? क्या इस आदत से मैं वह पाऊंगा जो मैं करना चाहता हूं? अगर आपको जवाब हां मिले, तो समझ लीजिए कि आपका दिमाग ठीक है, आदत को अपनाने के लिए तैयार है। इसलिए फिर अपने आप को उस तरह से एक्ट करते हुए इमेजिन करें कि बेहतर आदत अपनाने की बात आप कैसे काम करने वाले हैं, कैसे सोचने वाले हैं, और किस तरह से महसूस करने वाले हैं।

आदत बदलने की कला: मोटिवेशन की जगह क्लियारिटी

क्यों नहीं आदत शुरू करने का सबसे बेहतर तरीका? जिन लोगों को लगता है कि मैं कुछ करने के लिए मोटिवेशन की कमी है, उन्हें इस बात पर गौर करने की जरूरत है कि असल में उनमें कभी मोटिवेशन की नहीं, बल्कि क्लियारिटी की कमी है। वह जानते ही नहीं है कि उन्हें कहां जाना है, और फिर क्यों जाना है। इस बारे में ब्रिगेड कहते हैं कि हर वह इंसान इन फ्लाइट कामयाबी हासिल कर सकता है जिसके पास क्लियारिटी और एनर्जी होती है। ऐसे में goal बनाने के लिए सबसे अच्छा तरीका है कि आप इन बातों की क्लियारिटी बनाएं:

  1. आप आदत को क्यों बदलना चाहते हैं?

  2. इस आदत को छोड़ने के लिए क्या छोड़ने वाले हैं?

  3. नई आदत अपनाने के लिए कौन से छोटे-छोटे कामों से शुरुआत करने वाले हैं?

आदत बदलने की कला: इनविजिबल हैंड

अभी से छोटे से शुरुआत करिए, आपको ज्यादा मोटिवेशन कि नहीं, अच्छे एनरोलमेंट की जरूरत नहीं है। जेम्स क्लियर का फेमस कोट है, “Involvement in the Invisible Hand.” सीनियर, आसान शब्दों में कहें तो आपके इस वर्ष की बच्ची से, जिम के साथ आप ज्यादा समय बिताते हैं। यह चीजें कोई किताब, किसी बात को सुनकर एक सफल होना हो सकता है। और याद रखें कि हर आदत की शुरुआत जरूरत होती है। इसलिए बेहतर आदत को अपनाने के लिए एक बेहतर जरूरत जरूर ढूंढें। और उसके मायने वाले लोगों के साथ विचारों के साथ

आदत बदलने की कला: सेल्फ कंट्रोल

बाद समय कर दें, और उस बारे में महसूस करिए।

सेल्फ कंट्रोल: लालच का त्याग

सेल्फ कंट्रोल कैसे करें? एक बार अच्छी आदत पड़ जाए, तो वह हमेशा बनी रहती है और जिंदगी को बेहतर बनाने में साथ ही रहती है। लेकिन फिर भी कभी-कभी इंसान का दिमाग खराब दोस्तों के साथ, रिसेप्शन के लालच में फट जाता है। एग्जांपल के लिए जब भी आप
किसी तरह के दौरान कुछ मीठा देखते हैं, तो उसे खाने के लिए लालच बढ़ने लगता है, और आपका सेल्फ कंट्रोल होने लगता है।

सेल्फ कंट्रोल: लालच से दूर रहना

ऐसे में कुछ लोग तोहार कर अपनी लाइफ को भी
बर्बाद कर देते हैं जिस वजह से वह दोबारा खराब आदतों की तरफ

सेल्फ कंट्रोल: लालच से दूर रहना

पहुंच जाते हैं। इसलिए सेल्फ कंट्रोल करना बहुत जरूरी है, और इसे बनाने का सबसे बेहतर तरीका यह है कि आप ऐसी चीजों को अपनी नजरों से दूर रखें जो आपका सेल्फ कंट्रोल तोड़ सकती हैं, और आपके हौसला बढ़ाने वाली चीजें हो, जैसे विचार, फीलिंग्स, और लोगों को अपने आस-पास रखिए, या खुद उनके भी जाए।

सेल्फ कंट्रोल: ग्रीन हिल्स एंड मास्टर इमोशंस

सेल्फ कंट्रोल को बढ़ाने के लिए आप Green Hills और Master Emotions कोर्स पर भी सुन सकते हैं। आपको और हमको डाउनलोड करके, बहुत से कोर्स को, और 7000 नोटिफिकेशन

ग्रीन हिल्स एंड मास्टर इमोशंस

सकते हैं। आप सबको पता ही है कि यह एनुअल मेंबरशिप के साथ चल रहा है, 50% डिस्काउंट। मतलब ₹399 की जगह सिर्फ ₹199 पर। इसके लिए जल्दी से “R15” कूपन कोड यूज करें, क्योंकि यह सिर्फ पहले 15 लोगों को ही मिल पाता है। इसका लिंक भी आपको डिस्क्रिप्शन में मिल जाएगा।

आदतों की आदत: लक्ष्य और दृष्टिकोण

आदतों की आदत कैसे डालें? “आदतों की आदत डालने” का मतलब है कि अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए बेहतर आदतों को अपनाएं, और खराब आदतों को छोड़ने की आदत बनाना। इसके लिए हमेशा आपकी नजर रिजल्ट, यानी कि लक्ष्य पर रखी रहें। यह सोचिए कि अगर आज मैं इस आदत को पूरी तरह से फॉलो कर लूं, तो कल मुझे क्या फायदा होगा? इसे मेरा कल कितने बेहतर और कंफर्टेबल होने वाला है। और लगातार ऐसा करते रहना चाहिए। अपनी आंखों को अट्रैक्टिव बनाएं, और इस पर नजरें गड़ाए रखने से आदत की आदत लग जाती है, जो एक शांत, खुश, और कामयाब जिंदगी बनाने में बहुत मदद करता है।

परिवार और दोस्तों का प्रभाव

अपने परिवार और दोस्तों का आपकी आदतों पर क्या असर पड़ता है? इस बात में कोई दोराय नहीं है कि हम हमेशा अपने आसपास के लोगों के जैसा बनने की कोशिश करते हैं। और कामयाब लोगों की मशहूर कोट है कि आप उन लोगों का एवरेज होते हैं जिनके साथ आप ज्यादा समय बिताते हैं। आपकी इनकम, हेल्थ, रिस्पेक्ट, और सोचने का तरीका, लगभग उन पांच लोगों का एवरेज होता है जिनके साथ आप सबसे ज्यादा समय बिताते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि आपके परिवार और दोस्तों की आदतें अच्छी हों, और अगर ऐसा नहीं है, तो आप इसे ऐसे बदलें या तिलक को ज्वाइन करें।

बुरी आदतों को बदलना: कारणों को समझना

जैसे बनना चाहते हैं। बुरी आदतों की वजह कैसे ढूंढें, और उन्हें कैसे बदले? जैसे किसी अच्छी आदत के रिजल्ट के बारे में सोचना, उसे अट्रैक्टिव बनाता है। रिजल्ट को सोचकर आप उस आदत, या काम को और जोर-शोर और मोटिवेशन से करने लगते हैं। वैसे ही किसी बुरी आदत के रिजल्ट के बारे में सोचना, उसे अनअट्रैक्टिव बनाता है, और आपको डिप्रेश्ड या डिमोटिवेट करता है।

बुरी आदतों को बदलना: रूटीन का विश्लेषण

इसलिए अपने डेली रूटीन पर ध्यान दें, और ऐसे आदतें या डिलीवरी के ढूंढ निकालेंगे जो आपका टाइम बर्बाद करती हैं। पीपर एक्टिविटी को कम करती हैं। यह आपको goal की तरफ ले जाने में कोई भूमिका नहीं निभाते। फिर उन आदतों के रिजल्ट पर विचार करें, और मनचाहे रिजल्ट देने वाले आदतों को लगातार करते रहें, और बुरी आदतों को छोड़ दें।

आदत बदलने की कला: आसान बनाना

धीरे-धीरे आगे अपनी-अपनी आदतों में बदलाव करने के लिए, यह भी जरूरी है कि आपकी नई आदतें आसान हों, उन्हीं से शुरू करना, और दोहराते रहना आसान हो। कोई भी आदत, चाहे वह अच्छी हो या बुरी, चार स्टेप से ही बनती है: “ट्रिगर,” “टॉम,” “रिप्लेसमेंट,” और “रिवॉर्ड.”

आदत बदलने की कला: ट्रिगर, टॉम, रिप्लेसमेंट, रिवॉर्ड

ट्रिगर यानी कि ठीक है। सबसे पहले आपको बाहर सिगरेट मिलता है, जैसे अगर आप ही स्मोकिंग का पोर्शन देखते हैं, तो वह आपके लिए सिग्नल का काम करता है। तो इस ट्रिगर के साथ ही “टॉम” मिलेंगे, तो आप आप भी इस चीज की इच्छा एक

आदत बदलने की कला: ट्रिगर, टॉम, रिप्लेसमेंट, रिवॉर्ड

करीबन 4 होती है। ट्रिगर, टॉम, रिस्पांस, फिर आप उस करेंगे। इच्छा, pursuing, रिस्पांस देते हैं, यानी आप उस काम को करने लगते हैं। जैसे स्मोकिंग का पोस्टर देखकर, आप भी डिजायर आ सकती है और फिर आप सिगरेट पीने लगते हैं। ट्रिगर, टॉम, रिस्पांस, रिवॉर्ड। इनके बाद आपका दिमाग आपको खुशी और प्लेज़र, इन रिवॉर्ड देता है। आपने देखा होगा, सारी बुरी आदतें आपको थोड़े समय के लिए जो से भर देती हैं, लेकिन धीरे-धीरे यह आपके दुःखों का कारण बन जाता है, जिससे आपको तरह की परेशानी होने लगती हैं।

बुरी आदतों को तोड़ना: ट्रिगर को कंट्रोल करना

और कहते हैं कि अगर आपको कोई बुरी आदत छोड़नी है, तो उसे

बुरी आदतों को तोड़ना: ट्रिगर को कंट्रोल करना

समझें। जैसे आपके सामने स्मोकिंग का पोस्टर हो, तो उसकी ओर देखिए, बल्कि ज्वॉइंट करते हुए वहां से निकल जाए। अगर ट्रिगर मिल भी जाए, तो डिजायर को खत्म करें। डिजायर होने भी लगे, तो भी रिस्पांस ना दें। बल्कि दूसरा काम करने में लग जाएं। इससे आप कभी भी उस आदत में नहीं फसेंगे, और अच्छी आदतें बनाने की तरफ बढ़ेंगे।

अच्छी आदतें बनाने का फॉर्मूला: अट्रैक्टिव, इजी, सेटिस्फाइंग

अच्छी आदतें बनाने का फॉर्मूला: “अट्रैक्टिव,” “इजी,” और “सेटिस्फाइंग.” आइए देखते हैं आप कोई भी अच्छी आदत कैसे बना सकते हैं। इसके लिए आपको चार स्टेप्स फॉलो करने होंगे:

  1. क्लियरिटी:

  2. अट्रैक्टिव बनाना:

  3. आसान बनाना:

  4. सेटिस्फाइंग बनाना:

क्लियरिटी: लक्ष्य को स्पष्ट करना

क्लियरिटी का मतलब है,

क्लियरिटी: लक्ष्य को स्पष्ट करना

क्लियरिटी। जो भी अच्छी आदत बनाना चाहते हैं, तो पहले सब कुछ क्लियर कर लें। मतलब आप क्या पाना चाहते हैं और कितना? जैसे ब्लॉगिंग का एग्जांपल देते हैं। अगर आप ब्लॉगिंग शुरू करना चाहते हैं, तो यह डिसाइड कर लें कि आप कितना पैसा कमाना चाहते हैं। बिजनेस है तो आपका टारगेट ₹5,000

क्लियरिटी: लक्ष्य को स्पष्ट करना

गर्मी नहीं हो सकता है। अगर आप दिमाग को

क्लियरिटी: लक्ष्य को स्पष्ट करना

हटा कर देंगे, तो उससे कोई कंफ्यूजन नहीं होगा। वह सा वेट को ठीक करने में लग जाएगा। लेकिन अगर आप ऐसा सोचेंगे कि मैं ब्लॉग से बहुत सारा पैसा कमाऊंगा, तो प्रिंस कन्फ्यूज्ड रहेगा कि बहुत कम, अब तो कुछ भी हो, अच्छा है। आप Google पर क्लियर सर्च करें, ऐसे ही ब्लॉग ही कि इसमें आप दिन में कितना लिख सकते हैं? इसका गोल भी बना लें। अगर आप एक पेज लिख सकते हैं, तो बोले कि मैं आज एक पेज लिखूंगा। ऐसा ना प्यास, आपने पांच पेज लिखिए। फिर हफ्ते में कुछ भी ना लगाएं।

अट्रैक्टिव बनाना: मजेदार बनाना

ऐसे ही बॉडीबिल्डिंग करनी है, तो यह डिसाइड कर लें कि कितने घंटे एक्सरसाइज करेंगे। 15 मिनट, 30 मिनट, यह जितना टाइम होता है, करें। ऐसे ही, कितने पुश-अप्स करनी है, यह पहले सोच लीजिए। फिर 40, 86 तो हर काम का टारगेट ऐसा रखिए कि दिमाग का गोल जस्ट क्लियर हो पाए। तभी वहां से वह आपसे

अट्रैक्टिव बनाना: मजेदार बनाना

करवाने की कोशिश करेगा। Step 2, अट्रैक्टिव, goal को अट्रैक्टिव यानी कि मजेदार बनाएं। आप कोई भी गलत चीज नहीं कर पाएंगे अगर वह आपको

अट्रैक्टिव बनाना: मजेदार बनाना

सोच रखता है, लेकिन उसे अट्रैक्टिव बनाना बहुत जरूरी है। इसके बहुत से तरीके हो सकते हैं, जैसे कि आपको छोटे-छोटे हिस्सों में बांटना चाहिए। ब्लॉग में पोस्ट लिख रही हैं, तो 500 लिखिए, फिर देख लीजिए, ब्रेक में कॉफ़ी में, वह कर सकते हैं। म्यूजिक भी सुन सकते हैं। जब ऋषि कीजिए, तो 500 और लिखिए। ऐसे ही बॉडीबिल्डिंग में एक रिपोर्ट, शुभ रात्रि, इसलिए दोस्तों के साथ गपशप के लिए। ऐसे ही किसी भी काम को लंबे समय तक एक साथ ना करें। हर आधे घंटे में ब्रेक जरूर लें। और फिर इसमें कुछ इंटरेस्टिंग काम कर लें।

आसान बनाना: शुरुआत छोटी करना

चलिए, Step 3, इजी, कुल कोशिश करना आसान बना लें। इसके लिए पहले से इम्पॉसिबल गोल ना रखें। पहले दिन बॉडीबिल्डिंग टिप्स, और पुश-अप्स करने की ना सोचें। ब्लॉगिंग में भी एक दिन 45 पोस्ट लिखने की ना सोचें। गोल को छोटे-छोटे सपने में करें। यह आपको बहुत आसान

आसान बनाना: शुरुआत छोटी करना

नतीजा, तरफ और सर्विस पाएंगे। गोल से आपको संतुष्टि मिलनी चाहिए। जैसे बॉडीबिल्डिंग कर रही हैं, तो देखिए कि आप उस कूलर और हैंडसम होते जा रही हैं। फैट यूज कर रहे हैं, बुरी आदतों पर काबू पा रहे हैं। जब आपको संतुष्टि,

सेटिस्फाइंग बनाना: शांति और खुशी

ऑप्शन मिलेगा, तो आपको सच है, बिल्कुल जारी रखने के लिए मोटिवेशन मिलेगी, लंबे समय तक।

आदतें डालने की कला: समय और जगह

हैबिट को कैसे जारी रखिए? अगर आप किसी भी गोल को पाने के लिए अच्छी आदतें बनाना चाहते हैं, तो दो काम जरूर करें: पहले से करने का टाइम फिक्स कर लें, और दूसरा, आपको कहां करेंगे, यह डिसाइड कर लें। जैसे ब्लॉगिंग के लिए पोस्ट करनी है, तो यह किस टाइम लिखेंगे? सुबह के घंटे लगेंगे, या शाम को, या फिर दोनों? यह सब टाइप कर लेंगे। इससे आपका प्रिंटर के मूड में आ जाएगा। फिर यह भी सोच लें कि किस कमरे में, कहां बैठकर लिखेंगे। मतलब टाइम और प्लेस करना बहुत जरूरी है।

आदतें: जीवन में परिवर्तन

तो दोस्तों, यह तो आदतों के बारे में जानकारी, और बेहतर आदतें बनाने के तरीके। हमें उम्मीद है कि आपने कई जरूरी बातें सीखी होंगी। अपनी जिंदगी में अपनी बुरी आदतों को, जो लाइक की असल खुशी में कोई खास मायने नहीं रखती थी, जो बस कुछ पल का

आदतें: जीवन में परिवर्तन

निर्देशन देती हैं, उनको बेहतर और अच्छी आदतों से रिप्लेस कर दें। ऐसी आदतों से जो आपको सच में खुशी, शांति, और कामयाबी दें, और उसी दिशा में प्रॉपरली

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चलें। थैंक यू, दोस्तों। I hope यह वीडियो आपको पसंद आई होगी। आशा करते हैं कि इस वीडियो के सभी सैनिकों की लाशें अपनाकर आप अपनी लाइफ को अभी भी तरीके से जी पाएंगे। इसके साथ, आपको डाउनलोड करके डिस्काउंट के लिए, और इसी मिट्टी कूपन कोड यूज कर सकते हैं। लिंक

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