ध्यान दें, बंद होंगी ट्रेनें और जहाज, दौड़ेंगे ये चमत्कारी विमान
अगर हम आपसे कहें कि यूं ट्रेनों का हर दो-चार महीने में पटरी से उतर जाना, यह रोज की ट्रैफिक की झिक-झिक, यह पोल्यूशन, यह धूल, यह लंबा वेटिंग टाइम, यह सब कुछ खत्म हो जाने वाला है, तो शायद आप विश्वास नहीं करेंगे। और यह भी तो है कि आज से 15 साल पहले जब कहा जाता था कि ऐसा वक्त आएगा जब बिजली से कारें चलेंगी, बिजली से बाइक चलेंगी, तो कोई बिलीव नहीं करता था। आज देखिए, 1 लाख, अरे भाई 1 लाख क्या ही कहें, हम लाखों की तादाद में भारत में ही इलेक्ट्रिक कारें दौड़ रही हैं। भाई साहब, ईवीज चल रही हैं, तो आने वाला भविष्य और बहुत कुछ लेकर आने वाला है।
एडवांस ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम्स: भविष्य का स्वरूप
आज के इस वीडियो में जानेंगे एडवांस ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम्स जो या तो डेवलप होने शुरू हो चुके हैं, या तो कांसेप्ट डिजाइन के प्रोसेस में हैं, और जल्द यह हमारे और आपके इस्तेमाल में आने वाले हैं। जी हां दोस्तों, नंबर वन,
जायरोस्कोपिक ट्रांसपोर्ट
जायरोस्कोपिक ट्रांसपोर्ट। यह एक फ्यूचरिस्टिक ट्रांसपोर्ट कांसेप्ट है जिसमें जो व्हीकल्स हैं, जो गाड़ियां हैं, वो ग्राउंड लेवल से, यूं कहें रोड के लेवल से ऊपर उठकर मूव करेंगी। क्योंकि इनमें टेलीस्कोपिक रैक्स या टेलीस्कोपिक सस्पेंशन किस्म की चीजें होंगी। और इनके पहिए ऑलरेडी जो रोड्स होंगी, उसके बाजू में रेल्स, पटरियां बिछाई जाएंगी, उसके ऊपर यह चल सकते हैं। जायरोस्कोपिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम को बनाने का एक ही एम है कि यह ट्रैफिक कंजेशन को पूरी तरीके से खत्म कर देगा और प्रमोट करेगा लोगों को कि इंडिविजुअल कारें रखना छोड़िए, और पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन का इस्तेमाल कीजिए। जो आने वाले वक्त में चूंकि इलेक्ट्रिक होगा क्योंकि ग्रीन एनर्जी से चलेगा, तो सस्ता पड़ेगा और साथ में एनवायरमेंटल फ्रेंडली भी रहेगा, और आपके पॉकेट पर भी कम भार डालेगा।
कतर में जायरोस्कोपिक ट्रांसपोर्टेशन
इस गायरोस्कोपिक ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम की डेवलपमेंट की जो बात चल रही है, यह दरअसल रशियन डिजाइन फर्म, दाहिर इन्सर्ट ने इसका कांसेप्ट बनाया है और बताया जा रहा है कि इस रशियन डिजाइन फर्म दाहिर इन्सर्ट की बात कतर से चल रही है। कतर देश जो है, फ्यूचरिस्टिक टेक्नोलॉजी पर ज्यादा निवेश करना चाहता है। तो हो सकता है, आने वाले समय में यह जायरोस्कोपिक ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम कतर देश के अंदर सबसे पहले देखने को मिले।
अंडरग्राउंड कार टनल्स: द बोरिंग कंपनी
दूसरा जो फ्यूचरिस्टिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम जल्द देखने को मिल सकता है, और उसका एक एग्जांपल भी अमेरिका में देख सकते हैं आप, वह है अंडरग्राउंड कार टनल्स। दरअसल, इलन मस्क की एक कंपनी है, नाम है The Boring Company, और इसने प्लान बनाया कि क्यों ना धरती के नीचे सुरंगे बनाई जाएँ और इन सुरंगों में हाई स्पीड इलेक्ट्रिक कारों को चलाया जाए। सरफेस पर कार आकर रुक और एक एलिवेटर, एक लिफ्ट के जरिए कारों को नीचे ले जाया जाए, जहां पर यह हाई स्पीड टनल में इलेक्ट्रिक ट्रॉली की मदद से 124 मील प्रति घंटा की रफ्तार से आराम से ट्रेवल कर सके। आपको बता दें, बोरिंग कंपनी ने अपना पहला प्रोजेक्ट, लास वेगस कन्वेंशन सेंटर लूप, AVCC, जिसे कहा जाता है, यह 2021 में पूरा कर लिया और लास वेगस के नीचे यह टनल सिस्टम काम कर रही है।
अंडरग्राउंड टनल सिस्टम्स का लाभ
यूनाइटेड स्टेट्स में प्राइमरी यह डिजाइन डेवलप हुआ। अब इसे दूसरी कंट्रीज भी अपना रही हैं। अंडरग्राउंड टनल सिस्टम से क्या फायदा होगा? पहला, यह ट्रैफिक कंजेशन को कम करेगा। दूसरा, यह ट्रैफिक कंजेशन होता है जो भीड़-भाड़ धरती के ऊपर, जो रोड्स के ऊपर में मिलता है, वह कम हो करके अंडरग्राउंड ट्रैफिक में चैनलाइज किया जा सकता है, जिससे कि ट्रैफिक कम हो जाए।
एयर बस पॉपअप: मॉड्यूलर ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम
तीसरा फ्यूचरिस्टिक जो मॉडल है, ट्रांसपोर्टेशन का, उसका नाम है एयर बस पॉपअप। अब यह एयर बस पॉपअप है क्या? यह दरअसल मॉड्यूलर ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम है जिसमें कि एक इसका ग्राउंड व्हीकल रहता है और उसके साथ अटैच होता है एक एयर मॉड्यूल। यह उन जगहों के लिए बेहतर रहेगा जहां बहुत ज्यादा ट्रैफिक होता है। एक कार जो कि पैसेंजर को अपने साथ लेकर जाएगी। और जहां पर इसे फ्लाई करने की जरूरत पड़ेगी, तो एक एयर मॉड्यूल इससे निकलेगा और वह फ्लाइंग कार के रूप में, जो भी डेस्टिनेशन सेट करेगा पैसेंजर, वह कैप्सूल उसे वहां पर ले जाकर के छोड़ आएगा।
पॉपअप का विकास और लाभ
इसका डेवलपमेंट जो हो रहा है, वह तीन बड़ी कंपनियों के कोलैबोरेशन से हो रहा है। इसमें एयरबस का इवॉल्वमेंट है। पब्लिक डोमेन में आ गया तो यह पॉपअप जो है, यह रिवॉल्यूशनराइज कर देगा, क्रांतिकारी बदलाव ला देगा अर्बन ट्रांसपोर्ट में, स्पेशली मेट्रो सिटीज में जहां बहुत ज्यादा ट्रैफिक होता है।
रेनाल्ट फ्लोट: मैग्नेटिक लेविटेशन टेक्नोलॉजी
चौथा जो फ्यूचरिस्टिक मेथड ऑफ ट्रांसपोर्ट सामने आ सकता है, वह है रेनाल्ट फ्लोट। देखिए दोस्तों, इलेक्ट्रिक व्हीकल जब नहीं आए थे, तो इसके बारे में बात की जाती थी कि क्या इलेक्ट्रिक मोटर्स इतनी पावरफुल हो सकती हैं कि पेट्रोल और डीजल कारों को वह रिप्लेस कर पाएंगी? उस वक्त भी संशय रहा करता था। लेकिन इवेंचुअली, कितनी सारी ईवीज दौड़ रही हैं सड़कों पर। ठीक इसी तरीके से एक ऐसी टेक्नोलॉजी है, जो अभी शायद हमें बहुत दूर की लगे, या बहुत ज्यादा ऐसा लगे कि दो-तीन दशक लग जाएंगे, लेकिन यह एकदम करीब आ चुकी है डेवलपमेंट के, या यूं कह लीजिए, इंप्लीमेंटेशन के, यानी इन्हें देख सकते हैं आने वाले समय में जल्द। और वह है लेविटेशन टेक्नोलॉजी, मैग्नेटिक लेविटेशन टेक्नोलॉजी, यानी कि चुंबकत्व का, मैग्नेटिज्म का इस्तेमाल करके बिना फ्रिक्शन को फेस किए, हवा में फ्लोट होते हुए उड़ना।
न फ्लोट: फ्लाइंग कार कांसेप्ट
जिका नाम आपने जरूर सुना होगा, फ्रांस की यह कंपनी Renault, हमारे यहां Renault की गाड़ियां चलती हैं भारत में। तो फ्रांस की कंपनी Renault और यूनाइटेड किंगडम का एक डिजाइन स्कूल है, जिसका नाम है Central Saint Martins। तो 2017 में Car of the Future कंपटीशन हुआ था, जिसे फंड किया था Renault कंपनी ने, फ्रांस की, और वहां पर न फ्लोट नाम का एक कांसेप्ट लाया गया। दरअसल, लेविटेटिंग बबल्स होते हैं और इन लेविटेटिंग पॉड लाइक व्हीकल्स में दो पैसेंजर बैठ सकते हैं और यह मैग्नेटिक लेविटेशन टेक्नोलॉजी काम करता है। यह फ्लोट करता है जमीन से ऊपर, ग्राउंड से अबोव, यह फ्लोट करता है, तैरता है। दो पॉड्स आपस में मैग्नेटिक बेल्ट से कनेक्ट भी किए जा सकते हैं और यह बड़े आराम से ट्रेवल कर सकते हैं। अब यह रियल वर्ल्ड में कब आएंगे, यह कहना मुश्किल है। अभी कांसेप्चुअल फॉर्मेट में है, लेकिन अगर लेविटेशन टेक्नोलॉजी सपोर्ट करने लगे हमारे शहर, ऐसी टेक्नोलॉजी डेवलप करके उसे बड़े पैमाने पर लागू कर दिया गया हमारे शहरों में, तो यह शहरों के ट्रैफिक को एकदम से कम कर सकता है।
न फ्लोट: भविष्य का ट्रांसपोर्टेशन
न फ्लोट ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम अभी भी एक कांसेप्ट है, और बड़े पैमाने पर प्रोडक्शन करके कमर्शियल यूज के लिए पब्लिक में इसे बेचना, इसमें काफी वक्त लेगा।
एरो मोबिल: फ्लाइंग कार की वास्तविकता
अगला मोड ऑफ ट्रांसपोर्ट जो फ्यूचर में देखने को मिलेगा, वह है एरो मोबिल। यह एरो मोबिल जो है, यह असली में एक फ्लाइंग कार है। जी हां, एक ऐसा रोड व्हीकल जो अपने आप को ट्रांसफॉर्म कर सकता है एक एयरक्राफ्ट में, वह भी 3 मिनट के अंदर। यह पर्सनल ट्रांसपोर्ट के रूप में इस्तेमाल होगा और यह रोड ट्रैफिक को बायपास करके हवाई रूट लेने में मदद करेगा। अब यह सुनने में बड़ा अजीब लग रहा हो, लेकिन यह रियल में हो चुका है। एरो मोबिल दरअसल एक स्लोवाकियन कंपनी, एरो मोबिल, एसआरओ द्वारा बनाया गया है, और सन 2010 से यह स्लोवाकियन कंपनी, स्लोवाकिया एक देश है, स्लोवाकियन कंपनी एरो मोबिल, सन 2010 से काम कर रही थी फ्लाइंग कार्स के ऊपर में।
एरो मोबिल: टेस्टिंग और सर्टिफिकेशन
पहला फुल्ली फंक्शनल प्रोटोटाइप इन्होंने सन 2014 में बना लिया था और इसका लेटेस्ट वर्जन, एरो मोबिल 4.0, सन 2017 में इंट्रोड्यूस हो गया था, स्लोवाकिया कंट्री के अंदर। एरो मोबिल इसे बना रही है और इसे सर्टिफाई किया जा रहा है यूरोप के अंदर। यूरोप में इस गाड़ी को कोई भी खरीद सकता है और इस्तेमाल कर सकता है। रियल वर्ल्ड, अगर इसके एप्लीकेशन की अगर बात करें, तो एरो मोबिल जो है, बेहद कम फ्लाइंग कार कांसेप्ट में से है जो कि अपने इस स्टेज तक पहुंच चुकी है कि रियल वर्ल्ड टेस्टिंग और सर्टिफिकेशन इसको मिल सकता है। तो बहुत जल्द यह अवेलेबल हो सकती है मार्केट में।
एरो मोबिल: लागत और उपयोग
एक बात है, काफी महंगी होगी और वेल्थी इंडिविजुअल्स और इमरजेंसी सर्विस के लिए इसे इस्तेमाल किया जाएगा, शुरू-शुरू में, जब तक कि टेक्नोलॉजी आसान और सस्ती ना हो जाए।
रोल्स रॉयस विजन नेक्स्ट: लग्जरी ऑटोनोमस फ्लाइंग कार
अगला मोड ऑफ ट्रांसपोर्ट भी फ्लाइंग कार का एक एग्जांपल है। नंबर सिक्स, रोल्स रॉयस विजन नेक्स्ट। रोल्स रॉयस कंपनी के बारे में किसने नहीं सुना? BMW’s Rolls-Royce जो है, उसका हेडक्वार्टर यूके में पड़ता है। सन 2016 में इन्होंने रोल्स रॉयस विजन नेक्स्ट को पहली बार पब्लिक के सामने लाया था। उस वक्त यह जो रोल्स रॉयस था, 100 ईयर एनिवर्सरी अपनी मना रहे थे, और 2016 में यह दिखाना चाहते थे जनता को कि BMW’s Rolls Royce और यह एक प्रकार की कांसेप्ट कार है, ऐसी कांसेप्ट कार जिसमें Rolls-Royce की लग्जरी का ध्यान रखा गया है, ऑल इलेक्ट्रिक पावर ट्रेन, ऑटोनोमस ड्राइविंग कैपेबिलिटीज, यानी इसमें ड्राइवर की जरूरत नहीं, खुद ड्राइव करने की जरूरत नहीं, बल्कि इसमें कोई स्टीयरिंग व्हील, कोई आपको ब्रेक या वह कुछ नहीं मिलेगा। यह ऑटोमेटिक, कंप्लीट, खुद अपने आप को चलाने वाली यह गाड़ी है। फुल्ली ऑटोनोमस ड्राइविंग एक्सपीरियंस, और इसे शोकेस किया गया था सन 2016 में।
भविष्य की कारें: ऑटोनोमस ड्राइविंग
तो अगर रियल वर्ल्ड में बात करें, तो आने वाले समय में फ्यूचर कार्स जो होंगी, वो ऐसे ही हो जाएंगी। उसमें चलाने का मजा कोई नहीं लेगा, बस उसमें बैठ जाएगा, और राइड का मजा कार खुद आपको देगी। वैसे क्या आपको यह पसंद आएगा कि आपकी गाड़ी एक कंप्यूटर चला रहा है? बड़ा इसके बारे में जरूर कमेंट कीजिएगा दोस्तों। जल्द मिलते हैं आपसे अगले इंटरेस्टिंग वीडियो में। तब तक के लिए आप सबका इस वीडियो के अंत तक बने रहने के लिए दिल से धन्यवाद।