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विश्व की 10 सबसे बड़ी मस्जिदें: आश्चर्यजनक वास्तुकला और इतिहास Top 10 Biggest Mosque in the World

इस्लामिक वास्तुकला: दुनिया की 10 सबसे बड़ी मस्जिदें

दुनिया की 10 सबसे बड़ी मस्जिदें: आस्था और भव्यता का संगम

दोस्तों, आपने एक से एक शानदार महल, घर, बंगले, रिजॉर्ट, यहां तक कि कई भव्य मंदिरों के भी दर्शन किए होंगे। लेकिन क्या आप उन चुनिंदा मस्जिदों के बारे में जानते हैं जहां चाहे कितने ही हजार लोग जमा हो जाएं, लेकिन फिर भी जगह खत्म नहीं होती है? कौन सी हैं ये 10 सबसे बड़ी मस्जिदें जिन्हें दुनिया में आला मुकाम हासिल है? इनमें ऐसी क्या खास बात है कि मुस्लिम हो या हिंदू, हर कोई इनमें जाकर एक बार इनकी खूबसूरती निहारना चाहता है? किसने बनवाया इन मस्जिदों को और क्यों? कहीं आपके देश और शहर की भी तो मस्जिद इस लिस्ट में शामिल तो नहीं है? चलिए हम बताते हैं। लेकिन इससे पहले भाई हमें थोड़ा सा मोटिवेट कर दीजिए, चैनल को सब्सक्राइब करके बेल आइकॉन प्रेस कर लीजिए। लेट्स स्टार्ट द वीडियो विद जामा मस्जिद।

1. जामा मस्जिद: भारत का गौरव

सबसे पहले नंबर पर जिस भव्य मस्जिद को लिया गया, वह भारत के दिल, दिल्ली में मौजूद है, जिसे हम और आप जामा मस्जिद के नाम से भी जानते हैं। संगमरमर और लाल पत्थर से बनी यह मस्जिद दिखने में जितनी खूबसूरत है, उतनी ही बड़ी भी है। भारत की सबसे बड़ी मस्जिदों के लिस्ट में शुमार है जामा मस्जिद। जामा मस्जिद का असली नाम है मस्जिद-ए-जहान-नुमा। इस शब्द का अर्थ है दुनिया की सबसे बड़ी मस्जिद। और यह नाम इसे इसके बड़े आकार के चलते दिया गया है। दिल्ली के पुराने शहर, यानी कि पुरानी दिल्ली में स्थित है जामा मस्जिद। इस मस्जिद का निर्माण मुगल शासक शाहजहां ने साल 1650 ईस्वी में करवाया था। मस्जिद को बनाने में 6 साल का टाइम लगा था। 1650 में इसे बनाने का काम शुरू किया गया और 1656 तक इसका काम पूरा हुआ।

जामा मस्जिद: इतिहास और भव्यता

इस चांदनी मस्जिद में नमाज पढ़ने कई लोग आते हैं। मस्जिद की खूबसूरती को बढ़ाने के लिए 5000 मजदूरों ने काम किया था और करीब 1 मिलियन का खर्च आया था। इसका बड़ा गुंबद और चारों तरफ बिछी कारीगरी, खूबसूरती इस मस्जिद में जान डाल देती है। इस मस्जिद में दोस्तों एक मशहूर मीनार भी है, जिससे दिल्ली को टकटकी लगाकर निहारा जा सकता है। यह मस्जिद इतनी बड़ी है कि इसमें एक समय पर तकरीबन 25,000 लोग एक साथ नमाज अदा कर सकते हैं, और रोजाना यहां पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु नमाज पढ़ने आते हैं। और जब यह भीड़ एक साथ नमाज पढ़ती है, तो मस्जिद की खूबसूरती जैसे 10 गुना बढ़ जाती है।

2. शेख जायद ग्रैंड मस्जिद: यूएई का रत्न

नौवें नंबर पर आती है यूएई की सबसे बड़ी और दुनिया की चौथी विशाल मस्जिद, जिसका नाम है शेख जायद ग्रैंड मस्जिद। खूबसूरती का नमूना है, दोस्तों। यह मस्जिद, जिसमें लगा सफेद संगमरमर, ताज महल की याद दिलाता है। इस मस्जिद को बनाने में सोने का, कीमती पत्थरों का, क्रिस्टल का, चीनी मिट्टी का यूज किया गया, जो इस मस्जिद की शान बढ़ाते हैं। मस्जिद के अंदर एंटर होते ही आपको ऐसा महसूस होगा कि आप किसी रॉयल महल में आ गए हैं। आपको बता दें, इस मस्जिद को बनाने का काम साल 1696 में शुरू किया गया था, और पूरे 12 साल बाद यह मस्जिद बनकर तैयार हुई।

शेख जायद ग्रैंड मस्जिद: निर्माण और महत्व

मस्जिद को सबसे आलीशान बनाने के लिए लगभग 545 मिलियन डॉलर खर्च किए गए थे, और लगभग 38 जानी-मानी कंपनियों ने मिलकर इसका डिजाइन और कंस्ट्रक्शन का काम किया था। और इसको बनाने में तकरीबन 2300 मजदूर लगे थे। मस्जिद के नाम की बात करें तो यूएई के पहले प्रेसिडेंट और अबू धाबी के शासक, शेख जायद बिन सुल्तान अल नायान ने ही इस मस्जिद को बनाने का फैसला किया था। लेकिन जब 2004 में उनकी डेथ हुई, तो ना सिर्फ उनको आंगन में दफनाया गया, बल्कि इस मस्जिद का नाम भी शेख जायद रख दिया गया। जहां आज करीब 41,000 लोग नमाज अदा कर सकते हैं।

शेख जायद ग्रैंड मस्जिद: विशेषताएं

इस मस्जिद की खास बात है यहां का 35 टन वजनी कालीन, जिसे बनाने में 2 साल का टाइम लगा और 1200 ईरानी महिलाओं की मेहनत लगी। और आज 5400 स्क्वायर मीटर कालीन पर लगभग 10,000 नमाजी नमाज पढ़ते हैं।

3. अल-शा मस्जिद: यमन की शान

अल-शा मस्जिद, 200 विवादों से री, खूबसूरती में लिपटी, नमाजियों से रोशन, और यमन की सबसे बड़ी मस्जिद होने का खिताब अपने नाम दर्ज करने वाली इस नायाब मस्जिद का नाम है अल-शा मस्जिद, जो कि यमन के सना में स्थित है। जितनी इसकी सुंदरता दिल को तरोताजा और सुकून से भर देती है, वहीं इसका इतिहास रूह कंपा देता है। 27,300 वर्ग मीटर में फैली इस मस्जिद को बनाने में करीब 6 करोड़ का खर्च आया था।

अल-शा मस्जिद: इतिहास और विवाद

मस्जिद में ना सिर्फ नमाजी नमाज पढ़ते हैं, बल्कि यहां टूरिस्ट भी आकर इस मस्जिद की खूबसूरती को आंखों में बसाकर ले जाते हैं। इस मस्जिद को बनाने के दौरान कई हादसे पेश आए, जिसे कई बार मीनारे गिरीं तो कभी कुछ लोग मौत के हवाले हो गए। ऐसे ही साल 2017 में, हुथी और साले के जो समर्थक थे, वह इस मस्जिद को लेकर मार-काट करने लगे। दरअसल, सना में ऐसी अफवाह फैल रही थी कि हुथियों का इरादा मस्जिद के गुंबद को हरा रंग देना है, यानी वह इसे अपने हक में करना चाहते हैं। खैर, दंगों का सिलसिला थमा, और मस्जिद की खूबसूरती दुनिया के सामने चमक उठी।

4. बादशाही मस्जिद: लाहौर का प्रतीक

ब्लैक बेसाल्ट स्टोंस के साथ लाल, सफेद पत्थरों से सजी हुई इस मस्जिद में करीब 44,000 लोग एक साथ नमाज भी पढ़ सकते हैं। बादशाही मस्जिद, दोस्तों, पाकिस्तानी शहर लाहौर में खड़ी बादशाही मस्जिद के देश-विदेश में चर्चे हैं। यह विशाल आकार, बादशाही मस्जिद, पाकिस्तान में धार्मिक स्थान और कई लोगों के आंसुओं का प्रतीक है, जहां सिख, मुस्लिम, हिंदू एक साथ आकर पूजा-पाठ, नमाज पढ़ते हैं। यहां पर ना हिंदुओं को आने की मनाही है, और ना ही सिख जैसे दूसरे धर्मों को। यहां पर हर धर्म का इंसान आकर इसे निहार सकता है।

बादशाही मस्जिद: इतिहास और स्थापत्य कला

दरअसल, इसी मिले-जुले धर्म की वजह बताया जाता है औरंगजेब को, जिसने 1671 में इसका निर्माण कार्य शुरू करवाया और 1673 में यह बनकर तैयार हो गई। जब यह बनी, तो इसे दुनिया की सबसे बड़ी मस्जिद होने का गौरव प्राप्त था। यह मस्जिद ना सिर्फ मुगलों की पहचान है, बल्कि यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट का भी हिस्सा है। ऐसा कहा जाता है कि इस बादशाही मस्जिद को एक हिंदू मंदिर की जगह पर बनवाया गया था। इस मंदिर को औरंगजेब की सेना ने तबाह कर दिया था। इस तरह बादशाही मस्जिद की नींव रखी गई। लाल संगमरमर और सफेद गुंबद से सजी यह मस्जिद 276,000 स्क्वायर फीट एरिया में बनी हुई है, और इसमें करीब 60,000 हज लोगों की व्यवस्था है।

5. इमाम रजा मकबरा: ईरान का धार्मिक केंद्र

इमाम रजा, पवित्र तीर्थ स्थल, दोस्तों, दुनिया की सबसे बड़ी मस्जिदों में जिसे सिक्स्थ पोजीशन पर रखा है, वह है इमाम रजा का मकबरा। इसे अगर आठवां अजूबा कहें, तो गलत नहीं होगा। इसमें ना सिर्फ लोग नमाज अदा करने आते हैं, बल्कि खूबसूरती देख टूरिस्ट भी खुद को यहां आने से रोक नहीं पाते हैं।

इमाम रजा मकबरा: इतिहास, वास्तुकला और महत्व

एक मस्जिद होने के साथ-साथ, बहुत सी कब्रों का घर है, यानी कि एक कब्रिस्तान भी है, संग में लाइब्रेरी भी है, और म्यूजियम भी है यहां। यह मकबरा ईरान में स्थित है और ईरान की शान बनकर खड़ा है। इसका दीदार करने के लिए हर साल करीब 20 मिलियन लोग यहां आते हैं और इसकी सुंदरता में खो जाते हैं। इस परिसर का एरिया लगभग 331,571.88 वर्ग मीटर है। आपको बता दें, इस जगह का निर्माण 13वीं शताब्दी में हुआ था। इमाम की कब्रगाह में पहली मस्जिद 11वीं सदी में बनाई गई थी, लेकिन फिर जल्द ही इसे तबाही के पेट में आना पड़ा, और यह खत्म हो गई। इस भव्य मकबरे में खूबसूरती तो जैसे चारों ओर बिखरी है, जिसे एक साथ करीब 7 लाख लोग देख सकते हैं।

6. हसन द्वितीय मस्जिद: मोरक्को का आकर्षण

हसन द्वितीय मस्जिद, कसाब्लांका में बनी हसन द्वितीय मस्जिद, जिसे हसन टू की ग्रैंड मस्जिद के नाम से भी जाना जाता है, मक्का में मस्जिद अल हरम और मदीना की अल मस्जिद नबावी के बाद इसे दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी, जबकि मोरक्को की सबसे बड़ी मस्जिद होने का खिताब दिया गया है। इस मस्जिद को सबसे अलग और खास बनाता है इसका डिजाइन और आसमान को चूमती मीनार, जिसकी ऊंचाई लगभग 210 मीटर है।

हसन द्वितीय मस्जिद: स्थापत्य कला और विशेषताएं

इस मस्जिद को डिजाइन देने का क्रेडिट जाता है फ्रांसीसी वास्तुकार मिशेल पांसू को, और वहीं बॉएग ने इसका कंस्ट्रक्शन का काम किया था। मस्जिद के विशाल ग्लास हॉल से अटलांटिक महासागर का नजारा तो बस दिल को सुकून से भर देता है। यह मस्जिद 9 हेक्टेयर के एरिया में फैली हुई है। मस्जिद की लंबाई 200 मीटर और चौड़ाई 100 मीटर है। इसे प्लास्टर, संगमरमर, ग्रेनाइट, लकड़ी, और भी कई चीजों के इस्तेमाल से एक नायाब लुक दिया गया है। चारों तरफ आप नजर घुमाएंगे, तो आपको कारीगरों की मेहनत, खूबसूरती, और लाजवाब डिजाइन देखने को मिलेगा।

7. इस्तकलाल मस्जिद: इंडोनेशिया की आजादी का प्रतीक

साल 1993 में इस मस्जिद को लोगों के घरों के लिए खोल दिया गया था। मस्जिद को बनाने का काम 1961 में किंग मोहम्मद फिफ्थ की डेथ के बाद उनके मकबरे को बनाने के लिए शुरू हुआ था। और आज इस विशाल मस्जिद में लगभग 105,000 लोग एक साथ नमाज अदा कर सकते हैं। इस्तकलाल मस्जिद। अब बात करते हैं एक बहुत ही खास से खास मस्जिद के बारे में, जिसका नाम, डिजाइन, इतिहास, हर चीज निराली है। और इस मस्जिद का नाम है दोस्तों, इंडिपेंडेंस मस्जिद, या हिंदी में इसे आजादी की मस्जिद भी कहा जाता है। और असल में इसका नाम है इस्तकलाल।

इस्तकलाल मस्जिद: इतिहास और महत्व

लेकिन आजादी के मौके पर डिजाइन होने के चलते इसे आजादी की मस्जिद कहते हैं, जिसका जालीदार डिजाइन, सफेद गुंबद, और चारों तरफ दिलो-दिमाग को सुकून से भर देने वाली शांति, लोगों को बहुत भाती है। आपको बता दें, यह आजादी की मस्जिद, इंडोनेशिया के जकार्ता शहर में बनी हुई है। साल 1945 में जब इंडोनेशिया को आजादी मिली, तो इस मस्जिद को देश की आजादी के प्रतीक के रूप में बनाया गया। और दक्षिण पूर्व एशिया में सबसे बड़े धार्मिक स्थल की नींव रखी गई।

8. फैसल मस्जिद: पाकिस्तान की गौरवशाली मस्जिद

साल 1961 में इंडोनेशिया की पहचान, यानी आजादी की मस्जिद को बनाने का काम शुरू हुआ। इस मस्जिद को करीब 9 हेक्टेयर में बनाया गया है। यही वजह है कि सुंदरता से सजी मस्जिद में करीब 2 लाख लोग एक साथ नमाज अदा कर सकते हैं। फैसल मस्जिद, दोस्तों, पहाड़ों से गिरी हरियाली के बीच मौजूद, सफेद संगमरमर से बनी फैसल मस्जिद को भला कोई कैसे भूल सकता है? पहाड़ी इलाके में जब दूर से ही दूध जैसी सफेद फैसल मस्जिद को देखा जाता है ना, तो बस दिल और दिमाग एक ही बात कहता है कि इस मस्जिद की जितनी तारीफ की जाए, यार, उतना कम है।

फैसल मस्जिद: निर्माण और वास्तुकला

फैसल मस्जिद, पाकिस्तान के इस्लामाबाद शहर में मौजूद है। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी, इसे पाकिस्तान सरकार ने नहीं, बल्कि सऊदी अरब सरकार ने बनवाया था। दरअसल, सऊदी अरब के बादशाह, शाह फैसल, जब आए और पाकिस्तान का दौरा किया, तो उन्होंने पाकिस्तान में एक राष्ट्र मस्जिद बनाने का फैसला किया, जिसमें पाकिस्तान के साथ सऊदी के बड़े-बड़े लोग भी शामिल थे। और उन्होंने किंग फैसल की बात को मान लिया।

9. अल मस्जिद नबावी: पैगंबर की मस्जिद

इसके बाद, साल 1976 में इस मस्जिद की नींव रखी गई, और इसको बनवाने का काम शुरू किया गया। लेकिन शाह फैसल इसको देख नहीं पाए, क्योंकि मस्जिद के बनने से पहले ही वह दुनिया से रुखसत हो गए। जिसके बाद इनके भाई ने मस्जिद के काम को संभाला और इस मस्जिद को नाम मिला, फैसल। इसका डिजाइन दूसरी मस्जिदों से बिल्कुल अलग है। इसमें 3 लाख लोग एक साथ नमाज अदा कर सकते हैं। पैगंबर की मस्जिद, दोस्तों, 1 मिलियन लोगों को अपने अंदर समेटने वाली, शानदार, भव्य, और सुंदरता से भरपूर इस मस्जिद का नाम है अल मस्जिद नबावी, जिसे पैगंबर मस्जिद भी कहा जाता है। यह दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी मस्जिद मानी जाती है।

अल मस्जिद नबावी: इतिहास और महत्व

अल नबावी मस्जिद, मदीना में बनाई गई थी, जिसका टोटल एरिया 1050 स्क्वायर मीटर में फैला है। पैगंबर की मस्जिद में 105 मीटर ऊंची 10 मीनारें हैं, जो कि 27 गुंबद और 250 छत्रियों से घिरी हुई है। यह मस्जिद बहुत ही खास मानी जाती है, क्योंकि कहा जाता है कि इस मस्जिद को खुद पैगंबर साहब ने बनवाया था।

अल मस्जिद नबावी: विशेषताएं और धार्मिक महत्व

और उनकी डेथ के बाद उनकी कब्र यहीं बनाई गई, जो कि ग्रीन डूम के ठीक नीचे बनी है। इनके अलावा भी यहां कई बड़ी-बड़ी हस्तियों की कब्रें मौजूद हैं। इस मस्जिद में टोटल करीब 85 दरवाजे हैं, इससे ही आप अंदाजा लगा सकते हैं कि जब मस्जिद में 85 दरवाजे हैं, तो यह कितनी बड़ी होगी। इस मस्जिद को 622 ईस्वी में बनाना शुरू किया गया था, और जब यह मस्जिद बनकर तैयार हुई, तो उसके बाद हजारों, लाखों नमाजी यहां नमाज पढ़ने आते रहे। इस मस्जिद में 10 लाख लोग एक साथ नमाज अदा कर सकते हैं। सोचिए, कितनी बड़ी मस्जिद है।

10. मस्जिद अल हरम: मुस्लिमों का पवित्रतम स्थल

मस्जिद अल हरम, अल हरम मस्जिद दुनिया की सबसे बड़ी मस्जिद मानी जाती है। यह सऊदी अरब के मक्का में स्थित है। यहीं पर मुस्लिम लोगों की आस्था का केंद्र, काबा भी मौजूद है, जो कि इस मस्जिद की इम्पॉर्टेंस, अहमियत को और ज्यादा बढ़ा देता है। इसी काबे की तरफ ना सिर्फ लोग मस्जिद में नमाज पढ़ते हैं, बल्कि दुनिया के मुसलमान काबे की तरफ ही सर रखकर नमाज अदा करते हैं।

अल हरम मस्जिद: निर्माण, महत्व और खूबसूरती

लगभग 88 एकड़ जमीन में फैली इस मस्जिद में हर साल लाखों की संख्या में लोग आते हैं, और अपने गुनाहों की माफी मांगकर, दिल में सुकून, शांति लेकर घर वापस जाते हैं। इस मस्जिद को पहली बार प्रोफेट इब्राहिम ने बनाया था। यह मस्जिद दिन के समय नीले आसमान के नीचे बड़ी खूबसूरत नजर आती है। वहीं रात में अंधेरे की चादर, रौशनी, काले आसमान के नीचे लाइट से जगमगा उठती है, जिसे देखना हर मुसलमान का एक ख्वाब होता है। इस मस्जिद में ढाई मिलियन लोग एक साथ नमाज अदा कर सकते हैं, और यही बात इसे सबसे अलग और खास बनाती है।

समापन और अगली वीडियो की घोषणा

दोस्तों, यह थी वह शानदार और बड़ी मस्जिदें जो अपने साइज और खूबसूरती से सबको अपना दीवाना बना देती हैं। वैसे आपको सबसे खूबसूरत कौन सी लगी? हमें कमेंट करके जरूर बताएं। वीडियो को लाइक और शेयर करें, और चैनल को सब्सक्राइब करके बेल आइकॉन प्रेस करें जिससे आने वाली वीडियोस आपसे मिस ना हो। मिलते हैं आपसे अगली वीडियो में, टिल देन बाय-बाय, टेक केयर।

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