शेयर मार्केट का संपूर्ण निचोड़: 32% रिटर्न कमाई
हमारे को कोई काम ही नहीं होता इससे। ये सब तो पैसे वाले लोगों का काम है, जिनके पास पैसा है, बहुत। दो नंबर वाली काम है वो लोग स्टॉक मार्केट में जाते हैं। इन्वेस्ट करने एंडोमेंट पॉलिसी?
शेयर मार्केट: आपके लिए जरूरत है?
एंडोमेंट पॉलिसी टर्म से आप लोग नहीं समझ पाएंगे तो वैसे समझा देता हूं। एंडोमेंट पॉलिसी ये वही वाली पॉलिसी है, वही दो नंबर वाली पॉलिसी है। दो नंबर मतलब नकली पॉलिसी, जो लाइफ इंश्योरेंस के नाम पे आपको बेचा जाता है। अब यही तो समझना है कि भैया कौन सा शेयर अच्छा परफॉर्म करेगा? कौन सी कंपनी अच्छी परफॉर्म करेगी? जहां हम पैसा डालें। हर किसी ऐसे थोड़ी, किसी में भी डाल दें, तो शेयर मार्केट से हर दिन पैसा कमा लेता। फिर मैंने लास्ट सेशन में भी कहा था, जब समाज में जब तक देखो ज्यादा समझदार लोग रहेंगे, ज्ञान
शेयर मार्केट: आपके लिए जरूरत है?
वाले लोग रहेंगे, अज्ञानी लोगों का हमेशा शिकार होता रहेगा। Now, अब सवाल उठता है कि पैसे कैसे इन्वेस्ट करें स्टॉक मार्केट में। स्टॉक मार्केट, शेयर मार्केट होता क्या है और क्यों होता है? हम जैसे लोगों को क्या जरूरत है? क्या हम जैसे, कहने का मतलब हम जैसे मिडिल क्लास लोग, जो नौकरी पेशी वाले होते हैं या छोटा-मोटा बिजनेस करते हैं, कोई भी छोटा-मोटा काम करते हैं, हमारे जैसे लोगों के लिए स्टॉक मार्केट का मतलब क्या है?
शेयर मार्केट: आम आदमी के लिए महत्व
हमारे को कोई काम ही नहीं होता इससे। ये सब तो पैसे वाले लोगों का काम है, जिनके पास पैसा है, बहुत। दो नंबर वाली काम है वो लोग स्टॉक मार्केट में जाते हैं। इन्वेस्ट करने, वहां से पैसा कमाते हैं। हमारे पास भैया इतना पैसा नहीं है, स्टॉक मार्केट में जाए। हमारे लिए एफडी ठीक है, पीपीएफ ठीक है, एलआईसी ले लिया, वही ठीक है। वही इन्वेस्ट कर लेते हैं। ज्यादा से ज्यादा म्यूचुअल फंड भी आजकल सीखे गए हैं, वहीं से काम चला लेंगे। स्टॉक मार्केट की जरूरत क्या है? सबसे पहले यह समझते हैं। क्या जरूरत है, क्या स्टॉक मार्केट समझने की? क्या स्टॉक मार्केट से हम जैसे लोगों को कोई फायदा है? क्या?
शेयर मार्केट: आपके लिए फायदा है?
तो सबसे पहले यह समझ, उसके बाद हम बेसिक्स वगैरह, क्या स्टॉक मार्केट की टर्मिनोलॉजी क्या होती है? कौन इन्वेस्ट करता है? कैसे मार्केट ऊपर-नीचे होता है? प्राइस कौन बढ़ाता है, घटाता है? क्या फ्रॉड होते हैं? क्या स्कैम होते हैं? आम आदमी का पैसा डूबता भी है क्या इसमें?
शेयर मार्केट: जोखिम और संभावना
हां, डूबता है। वो भी बताऊंगा। आम आदमी पैसा कमाता भी है इसमें? क्या कमाता है? वह भी बताऊंगा। पहले यह समझते हैं जरूरत है कि नहीं? पहले यह तो मैं सबसे पहले स्क्रीन शेयर कर देता हूं अपने फोन की, और उस पर कुछ चीजें आपको दिखाता हूं।
शेयर मार्केट: रिटर्न की तुलना
Let me share my screen. Okay, so अब मेरी स्क्रीन आ गई आपके सामने। यहां पर मैंने क्या करा है? यहां पर मैंने कुछ इन्वेस्टमेंट के नाम लिखे हैं। और जैसे एंडोमेंट पॉलिसी लिखा है, एफडी लिखा है। आपने अगर ₹1 लाख, 2010 में इन्वेस्ट करा होता इन सारी चीजों में, हमने कंपेयर करा है। जैसे गोल्ड ले लिया होता, या किसी शेयर में इन्वेस्ट किया होता, तो उस टाइम पर ₹1 लाख रुपए आज किसमें हमारे को ज्यादा, सबसे ज्यादा रिटर्न देता? जरा यह समझने की कोशिश करते हैं। तो हम तो यह समझ जाएंगे भैया आगे किसमें हमारे को इन्वेस्ट करना है।
शेयर मार्केट: एंडोमेंट पॉलिसी
तो सबसे पहले मैंने लिखा है यहां पर एंडोमेंट पॉलिसी। एंडोमेंट पॉलिसी टर्म से आप लोग नहीं समझ पाएंगे, तो वैसे समझा देता हूं। एंडोमेंट पॉलिसी यह वही वाली पॉलिसी है, वही दो नंबर वाली पॉलिसी है। दो नंबर मतलब नकली पॉलिसी, जो लाइफ इंश्योरेंस के नाम पर आपको बेचा जाता है। जीवन धंग, जीवन बढ़न, जीवन तरंग, जीवन उमंग, जीवंग टंग, जीवंग फिरंग। जिंदगी के बाद भी साथ भी, इधर भी, उधर भी। देखो उन जैसी पॉलिसीज को अगर आपने लिया है 2010 में, ऐसी पॉलिसीज में मैं मान रहा हूं महीने वाला नहीं। एक लाख डाल के छोड़ दिया होता किसी पॉलिसी में, तो आपको 2010 में रिटर्न मिलता, 5.74% के हिसाब से। मैंने कैलकुलेट किया है यहां पर, मैंने लिख दिया। लिख दिया है तो 2010 में आपका पैसा हो जाता सवा लाख। ठीक है? और यही पैसा 2023 में 6% के हिसाब से, मैं कैलकुलेट किया, तो ₹2.13 लाख हो जाता।
एंडोमेंट पॉलिसी: रिटर्न की गणना
अब आप कहते हो, 6% कैसे सर? आप अगर परसेंटेज कैलकुलेट करोगे ना, इन पॉलिसी का, तो यही निकल के आएगा। दरअसल कैलकुलेट करना बहुत मुश्किल होता है। क्योंकि इन पॉलिसीज को बनाने वाले मुझे लग रहा है नासा से साइंटिस्ट आते होंगे, क्योंकि इनका प्लान इतना कॉम्प्लिकेटेड होता है। भाई साहब, परसेंटेज तो पूछ लो ना एजेंट से, कितने परसेंट का रिटर्न मिल रहा है? एजेंट भी नहीं बता पाएगा। हम सीनियर से पूछेंगे, सीनियर को नहीं पता होगा। अच्छा कोई बढ़िया कैलकुलेट करने वाला, मैथ का नॉलेजेबल हो, वही कैलकुलेट कर पाएगा।
एंडोमेंट पॉलिसी: रिटर्न की तुलना
ठीक है। तो वैसे आज के टाइम तो इंटरनेट का जमाना है। इंटरनेट पे आप सर्च कर सकते हो। तो आपको पता चल जाएगा कितना परसेंट रेट मिलता है। वैसे, एजेंट एजेंट, कभी नहीं बताएगा आपको। तो % के हिसाब से भैया ₹1 लाख अगर 2010 में आपने डाला होता, तो 2023 में आपको ₹2.13 लाख मिलता। ₹2 लाख, मतलब लगभग डबल। कितने साल में? 13 साल में।
एफडी और पीपीएफ: रिटर्न की तुलना
अब आगे हम बढ़ते हैं। दूसरा हमने लिया एफडी। एफडी में ₹1 लाख अगर 2010 में डाला होता, तो ₹1.27 लाख हो जाता। भैया 6%, 6.16% पे हिसाब से हमने लिया है। अच्छा 6.16% एनुअल के हिसाब से हमने लिया है, और 2023 में यही पैसा आपका ₹2.27 लाख हो जाता। 6.5% के हिसाब से हमने एनुअल ले लिया। ठीक है। पीपीएफ में डाला होता, तो पीपीएफ का ₹1 लाख आपका ₹1.31 लाख बन जाता। 2023 में आपको यह बन जाता, ₹2.41 लाख, 7% के हिसाब से हमने लिया है पीपीएफ का।
गोल्ड और शेयर बाजार: रिटर्न की तुलना
गोल्ड में अगर ₹1 लाख आपने डाला होता, तो आपका गोल्ड भैया ₹1.55 लाख का हो जाता। और इसमें रिटर्न यह बेसिकली गोल्ड का जो प्राइस आप Google
गोल्ड और शेयर बाजार: रिटर्न की तुलना
में देखते थे, जितना 2014 में हुआ, जितना अभी है, उसके हिसाब से मैंने कैलकुलेट करके यह आपको शेयर किया है। ठीक है। तो ₹1 लाख अगर उस टाइम डाला होता, तो गोल्ड का जो रिटर्न मिला है, 11.58% मिला है 4 साल में। ठीक है, ये बढ़िया है, बाकियों से तो बहुत बढ़िया है। ठीक है।
गोल्ड और शेयर बाजार: रिटर्न की तुलना
और उसी को अगर हम 2023 तक देखते हैं, तो 9.75%। यह बाकियों से बहुत बढ़िया है। ठीक है। तो ₹3.35 लाख आपका हो जाता, अगर गोल्ड में 2010 में डाला होता। लेकिन क्या गोल्ड बेस्ट है? अब आगे बढ़ो भैया, जरा आगे बढ़ो, जरा देखो। यह भी ब्रिटानिया कंपनी के शेयर में अगर आपने डाला
शेयर बाजार: ब्रिटानिया कंपनी
होता, जस्ट वन सेकंड, थोड़ा इसको मैं
शेयर बाजार: ब्रिटानिया कंपनी
हां, ब्रिटानिया कंपनी के अगर शेयर में आपने डाला होता ₹1 लाख, उस वक्त, तो सर जो ब्रिटानिया कंपनी के शेयर की प्राइस 2010 में थी, और 2014 में हुई, और 2023 में जो उस प्राइस के हिसाब से ही मैं कैलकुलेट करके बता रहा हूं, मतलब यह एक्चुअल प्राइस के बेस पे कैलकुलेट करके बता रहा हूं, जो ब्रिटानिया की प्राइस है, सर, 4 साल में 28% एनुअल ग्रोथ के हिसाब से बड़ी है।
शेयर बाजार: ब्रिटानिया कंपनी: रिटर्न की तुलना
जिसका मतलब, 4 साल में ही आपका पैसा हो जाता
शेयर बाजार: ब्रिटानिया कंपनी: रिटर्न की तुलना
₹2.7 लाख, और 2023 तक यह बन जाता, ₹28 लाख। और 28% के हिसाब से ग्रोथ मिली है। 28% या 25-28%, 28% इतना हो सकता है, लेकिन इतना ही है। यह कैलकुलेट आप भी कर सकते हो, just ब्रिटानिया शेयर प्राइस, और उसमें 2010 का देख लेना, 2014 का देख लेना, अभी का देख लेना। तो आपको ₹28 लाख बन जाता भैया 2023 में। बाकियों में कहां ₹2 लाख, कहां ₹3 लाख, कहां सवा लाख बन रहा था? यहां ₹28 लाख!
शेयर बाजार: ब्रिटानिया कंपनी: कारण
अच्छा क्या सिर्फ ब्रिटानिया शेयर? एक और शेयर ले लेते हैं। अच्छा ब्रिटानिया मैंने क्यों लिया? ब्रिटानिया बिस्किट हर घर की जरूरत है। हर घर में बिस्किट खाया जाता है, तो मैंने देखा कि भैया, आसपास की जरूरत वाला शेयर कौन सा है? तो सबसे पहले, घर में बिस्किट, निल के आया सुबह-सुबह, चाय के साथ जो जाता है।
शेयर बाजार: एमआरएफ टायर
दूसरा, चायवा, हो गया। नहा-धोकर के बाहर निकलोगे ना? गाड़ी चाहिए, टू व्हीलर चाहिए, कुछ भी चाहिए, तो पहिया लगेगा, टायर लगेगा ना? एमआरएफ टायर। मैंने ले लिया एमआरएफ टायर के शेयर में, अगर आपने ₹1 लाख डाला होता, भैया, तो आपका ₹3.1 लाख हो जाता, 33% के हिसाब से। ₹1 लाख हो जाता, 2023 में, 23% के हिसाब से रिटर्न मिला है एमआरएफ शेयर का प्राइस।
शेयर बाजार: एमआरएफ टायर: रिटर्न की तुलना
Again, आप चेक कर सकते हो। इसी लिहाज से बड़ा है।
शेयर बाजार: एमआरएफ टायर: रिटर्न की तुलना
₹16 लाख। इसी तरीके से अब जरा आगे-पीछे जा रहे हो तो, काम बहुत कर लिए। अब तो महीने के एंड में सैलरी भी तो आएगी। HDFC बैंक ले लिया हमने। HDFC बैंक के शेयर में अगर आपने ₹1 लाख डाला होता, तो आपका ये ₹2 लाख बन जाता। क्योंकि जो रिटर्न मिला है, 4 साल में 18.21% का मिला है।
शेयर बाजार: HDFC बैंक: रिटर्न की तुलना
और यही आप अगर 2023 में निकालते, तो ₹9 लाख, ₹9.5 लाख आपको मिलता। 19% का एनुअल रिटर्न मिला है। भैया हिंदुस्तान लीवर भी लिख लेते हैं। हिंदुस्तान यूनिलीवर, नहीं जानते तो बता दूं। आपके घर में साबुन, शैम्पू, सरफ, टिकिया यह सब जो आता है ना आपके घर में, बेसिक नीड की यह सब जो सामान है, उसमें 80% सामान ब्रांड, आप देखोगे, हिंदुस्तान यूनिलीवर ही बनाती है।
शेयर बाजार: हिंदुस्तान लीवर: रिटर्न की तुलना
ठीक है? आपको पता भी नहीं होगा आपका जो टूथपेस्ट है, वह कोलगेट, पेप्सोडेंट, पीछे हिंदुस्तान यूनिलीवर। एग्जैक्टली मुझे याद नहीं है। कोलगेट भी, पेप्सोडेंट भी, दोनों बनाती हैं क्या? या दोनों में से कोई एक? वो मुझे याद नहीं। लेकिन पेप्सोडेंट का मैक्सिमम ब्रांड आपको इसी का मिलेगा। सॉरी टूथपेस्ट का।
शेयर बाजार: हिंदुस्तान लीवर: रिटर्न की तुलना
तो ₹1 लाख अगर आपने उसमें डाले होते, हिंदुस्तान लीवर में, तो भैया ₹2.44 लाख हो जाता, अगले 4 साल में, क्योंकि 24.95% का रिटर्न मिला है, 4 साल में। ₹1 लाख हो जाता आपका 2023 तक, क्योंकि 20% का एनुअल रिटर्न मिल चुका है।
शेयर बाजार: हिंदुस्तान लीवर: रिटर्न की तुलना
टोटल जब निकाला गया, तो 20% का एनुअल रिटर्न मिला। इसी तरीके से अब सैलरी भी मिल रहा है, बेसिक नीड्स भी आपने देख लिए। अब जरा घर की पेंटिंग,
शेयर बाजार: एशियन पेंट्स
वेंटिंग का भी देख ले। घर भर है तो दिवाली वाली आने वाला होगा, तो घर की पेंटिंग तो हमने एशियन पेंट को भी नहीं छोड़ा, यहां पर। एशियन पेंट्स भी ले लिया है। एशियन पेंट्स के शेयर में अगर ₹1 लाख डाला होता, तो भैया ₹2.7 लाख लक्स
शेयर बाजार: एशियन पेंट्स: रिटर्न की तुलना
₹2.9 लाख हो जाता आपका पैसा, क्योंकि 29% का एनुअल रिटर्न मिला, 4 साल में। और जब हमने 13 साल में देखा, 2023 तक, तो ₹1 लाख हो जाता, ₹2.4 लाख, 24% के एनुअल हिसाब से। अब हमने टाइटन का भी देख लिया।
शेयर बाजार: टाइटन: रिटर्न की तुलना
गाड़ी बड़ी, टाइटन में अगर ₹1 लाख रुपए डाला होता, तो भैया तो आपका
शेयर बाजार: टाइटन: रिटर्न की तुलना
सॉरी, आपका पैसा ₹1 लाख रुपए हो चुका होता, और ₹3.7 लाख रुपए हो चुका होता, आपका 2023 तक, क्योंकि 32% का एनुअल रिटर्न दिया है टाइटन ने। भैया, कहां ₹2 लाख रुपए मिल रहे हैं 13 साल में, और इस वाली कैटेगरी में जरा आप देखिए, कहीं ₹2 लाख, कहीं ₹2.5 लाख, कहीं सवा लाख।
शेयर बाजार: टाइटन: रिटर्न की तुलना
अच्छा, और देखो ऊपर एक चीज मैंने लिखी है: 96.5%. जितने भी लोग इन्वेस्ट करते हैं इंडिया में,
शेयर बाजार: निवेश की प्रवृत्ति
96.5% लोग इधर इन्वेस्ट करते हैं, और सिर्फ 3.5% लोग इधर इन्वेस्ट करते हैं। भैया, इन सब डिपार्टमेंट में सिर्फ 3.5%, और यूएस में 50% से ऊपर का आंकड़ा है, जो स्टॉक मार्केट में लोग इन्वेस्ट करते हैं।
शेयर मार्केट: आवश्यकता और अज्ञानता
अब मुझे आप बताइए, क्या आपको स्टॉक मार्केट, शेयर मार्केट समझने की जरूरत है, कि नहीं? है!
शेयर मार्केट: डिस्क्लेमर और सफलता
अच्छा, एक और बात। बा एक डिस्क्लेमर दे देता हूं। यह जो मैंने ग्रोथ दिखाई है ना, स्टॉक मार्केट में कंपनियों की, यह ग्रोथ हर कंपनी की ऐसी नहीं होती है। यह मैंने टॉप परफॉर्मिंग शेयर्स लिए हैं। ठीक है। अब यही तो समझना है कि भैया, कौन सा शेयर अच्छा परफॉर्म करेगा? कौन सी कंपनी अच्छी परफॉर्म करेगी? जहां हम पैसा डालें, हर किसी ऐसे थोड़ी? किसी में भी डाल दें तो शेयर मार्केट से हर आदमी पैसा कमा लेता?
शेयर मार्केट: ज्ञान का महत्व
फिर यही तो सीखने की बात है, यही तो समझने की बात है। इसीलिए तो कहते हैं शेयर मार्केट सीखने की जरूरत है। यह नहीं कहते कि शेयर मार्केट में घुस जाओ, पैसा डाल दो। पहले सीखो, तब घुसो। ठीक है, और नहीं भी, शेयर मार्केट सीखो। म्यूचुअल फंड की भी अगर बात करो, जो कि इनडायरेक्ट इन्वेस्टमेंट होता है।
शेयर मार्केट: म्यूचुअल फंड
डायरेक्टली आपको शेयर में तो इन्वेस्ट करते नहीं हो, म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट करना मतलब किसी कंपनी का आपने पैसा दे दिया। जो आपका फंड मैनेज करती है। सर, उसमें भी एनुअल, आप देखोगे ना, लंबे समय में 15% का रिटर्न मिल जाता है।
शेयर मार्केट: म्यूचुअल फंड: रिटर्न की तुलना
तो उसमें भी अगर ₹1 लाख डाले होते हैं ना, लंबे समय में एक बार डाल के छोड़ दिए होते, तो सर, ₹6.5 लाख आपका बन जाता। सॉरी, ₹1 लाख बन जाता 2023 तक। इनसे तो बढ़िया ही है। अब सवाल उठता है कि 96% जितने भी आबादी का, नहीं बोल रहा हूं मैं। यह बोल रहा हूं जितने लोग इन्वेस्ट करते हैं उसका 96% लोग इधर इन्वेस्ट कर रहे हैं।
शेयर मार्केट: अज्ञानता और डर
ऐसा क्यों है?
शेयर मार्केट: अज्ञानता और डर
अज्ञानता! स्टॉक मार्केट तो दो नंबर वाला काम है। जिसके पास दो नंबर कमाई है, वही स्टॉक मार्केट में करेगा। हमारा ज्यादा कमाई थोड़ी है? जो हम स्टॉक मार्केट में पैसा डालें? यही सब चीजों की वजह से। अरे, स्टॉक मार्केट में हमने सुना बहुत जुआ है। एकदम जुआ। पैसा बर्बाद हो जाता है। लोग बर्बाद होते हैं। हमने देखा हमारा चाचा, लड़का गया था, वो तो बर्बाद हो गया। हमारा एक दोस्त था, उसने सुसाइड कर लिया।
शेयर मार्केट: ज्ञान का महत्व
सर, यह सारी चीजें सही है। यह सारी चीजें होती हैं। लेकिन क्या हर जगह होती है? क्या हर कोई ऐसा ही होता है? अरे भैया, मेडिकल की तैयारी करते हुए, आईआईटी की तैयारी करते हुए लड़के नहीं मरते, सुसाइड नहीं कर लेते? आईएएस की तैयारी करते हुए लड़के सुसाइड नहीं कर लेते?
शेयर मार्केट: ज्ञान का महत्व
इसका मतलब कि आईएएस की तैयारी नहीं कर रहे हो? मेडिकल की तैयारी नहीं करो, आईआईटी की तैयारी नहीं करो? ऐसा नहीं होता ना? एक पुलिस वाले ने आपका घर लूट लिया, तो क्या सारे पुलिस वाले ऐसे ही होते हैं? नहीं ना? कोई मुंबई रेलवे स्टेशन पर उतरा, और उतरते ही उसका पॉकेट कटवा मार लिया गया, तो क्या मुंबई में जिस जो भी उतरता है उसका पॉकेट ही कटवा जाता है? ऐसा नहीं होता ना।
शेयर मार्केट: ज्ञान का महत्व
सर, मैं तो डेटा शेयर कर रहा हूं। यह डाटा, मैं जो दिखा रहा हूं, इसको Google में आप सर्च कर लो। आपको पता चल जाएगा। अब समझ में आ रहा है? शेयर मार्केट में करना है, कि नहीं करना है? इन्वेस्ट करना चाहिए कि नहीं करना चाहिए? तो अब अगर आपको लगता है कि करना चाहिए, तो थोड़ा आगे समझाऊं आपको, क्या चीजें होती हैं, कैसे होती हैं शेयर मार्केट में। समझाऊं? Yes लिख के बताइए मुझे कमेंट बॉक्स में।
शेयर मार्केट: पैसा कैसे काम करता है?
जरा अब समझते हैं कि क्या है भैया यह खेल, क्या है? कोई कहता है, शेयर मार्केट में पैसा डालो, अरे कहां डालें? कोई कुआं है क्या, जहां जाकर डाल दें? कहता है, पैसा डालो, बढ़ जाएगा? क्या कोई पेड़ है जो बढ़ जाएगा? ऐसे कैसे बढ़ जाएगा भैया? और कितने दिन में बढ़ेगा? अच्छा अभी हम अगर ₹100 डालें, तो कितने देर में हमारा ₹112 हो जाएगा? ठीक है, समझाता हूं।
शेयर मार्केट: मार्केट की गति
लोग कहते हैं, “मार्केट ऊपर जा रहा है।” मार्केट? अरे कैसे, मार्केट? हमने क्या कोई हवा लगाई है मार्केट में, जो ऊपर जा रहा है, नीचे जा रहा है? कुछ लोग कहते हैं जुआ है। सब समझेंगे अभी।
शेयर मार्केट: मूल्य कैसे तय होता है?
अभी स्टॉक मार्केट, ठीक है, अभी सब समझते हैं। प्राइस कैसे ऊपर जाता है, नीचे जाता है? आज हम समझेंगे कि प्राइस, शेयर खरीदते कैसे हैं। सबसे पहले, देखो, एक चीज समझने की जरूरत है कि शेयर मार्केट का वजूद क्यों है? मतलब, कोई कंपनी अगर शेयर मार्केट में है, तो वह है क्यों? फिर हम यह समझ, फिर हम यह समझ पाएंगे, समझ पाएंगे कि हमें खरीदने, बेचने की जरूरत क्यों पड़ती है।
शेयर मार्केट: पब्लिक लिमिटेड कंपनियां
ठीक है। बट उससे पहले, मैं एक बार रिपीट कर देता हूं, डायरेक्ट और इनडायरेक्ट इन्वेस्टमेंट। जैसा मैंने अभी वर्ड यूज़ किया। इनडायरेक्ट इन्वेस्टमेंट, म्यूचुअल फंड। बिना शेयर मार्केट को समझे भी आप म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट कर सकते हो।
शेयर मार्केट: म्यूचुअल फंड: रिटर्न
म्यूचुअल फंड में, लेकिन वही 15%, 16%, या 12% के आसपास झूलोगे। लेकिन जैसा मैंने दिखाया, 32% भी है 13 साल में। वो वाला अगर लेना है, तो फिर शेयर मार्केट समझना पड़ेगा, सीखना पड़ेगा। ऐसे ही अंधा बनकर किसी भी शेयर में पैसा नहीं डाल सकते। फिर बढ़ने, लूटने की भी कहानी है। फिर आप ही एक टेस्टिमोनी
शेयर मार्केट: अज्ञानता और खतरा
दे देंगे। “हम भी गए थे शेयर मार्केट में, हमारा तो सब कुछ बर्बाद ही हो गया। भैया, बिल्कुल नहीं जाना शेयर मार्केट में।”
शेयर मार्केट: जीवन का महत्व
फिर आप भी कहोगे, ठीक है तो चलो आगे बढ़
शेयर मार्केट: कंपनी का उद्देश्य
जी, परपस समझते हैं। सबसे पहले, शेयर मार्केट का परपस क्या है? मान लो आप एक कंपनी खोलते हो, तो कंपनी जब खुलती है, तो उसको प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बोलते हैं। जैसे आपने
शेयर मार्केट: कंपनी का उद्देश्य
खोला, ABC प्राइवेट लिमिटेड कंपनी। ठीक है। प्राइवेट लिमिटेड कंपनी लिख के आती है। अब आपकी ABC प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में धंधा बढ़िया होने लग गया। बढ़ रही है कंपनी। अब आपको और बड़ा करने के लिए फंड की जरूरत है। पैसे की जरूरत है। ₹1 करोड़ की जरूरत है। अब आपके पास ₹1 करोड़ लाने के दो ऑप्शन हैं: या तो ₹1 करोड़ का लोन ले लो।
शेयर मार्केट: कंपनी का उद्देश्य
लेकिन वहां इंटरेस्ट चुकाना पड़ेगा। बैंक से लोन लोगे, तो 10%, 12%, 15% चुकाना पड़ेगा। अब इस इंटरेस्ट से अगर बचना चाहते हो, तो इस कंपनी को आप शेयर मार्केट में लिस्ट करा दो।
शेयर मार्केट: कंपनी का उद्देश्य
क्या मतलब? समझाता हूं, रुको। इसको पब्लिक लिमिटेड बनाना पड़ेगा। बहुत सारी कंपनियों का नाम आपने देखा होगा, ABC प्राइवेट लिमिटेड या ये वो, प्राइवेट लिमिटेड या यह प्राइवेट लिमिटेड। बहुत सारे कंपनियां आप देखते होंगे। यह लिमिटेड
शेयर मार्केट: कंपनी का उद्देश्य
जैसे टेक,
शेयर मार्केट: कंपनी का उद्देश्य
SCL लिमिटेड, TCS लिमिटेड।
शेयर मार्केट: कंपनी का उद्देश्य
क्या मतलब है, वहां “प्राइवेट” गायब हो जाता है।
शेयर मार्केट: कंपनी का उद्देश्य
क्यों, सर? ऐसी कंपनियां पब्लिक लिस्टेड हैं, पब्लिकली अवेलेबल हैं। कहने का मतलब, यह स्टॉक मार्केट में लिस्ट है। तो पब्लिक लोग इसमें पैसा, इसका शेयर खरीद सकते हैं।
शेयर मार्केट: शेयर का महत्व
शेयर क्या होता है? पहले यह समझो। शेयर एक हिस्सेदारी होती है। शेयर और स्टॉक एक ही वर्ड है। जैसे आपको मान लो टाटा की हिस्सेदारी खरीदनी है, तो टाटा की
शेयर मार्केट: शेयर का महत्व
भारत आपको मिलने नहीं है। बहुत पैसे लगेंगे हिस्सेदारी खरीदने में। तो टाटा कहता है कि हमने अपने 1000 शेयर मार्केट में छोड़ रखे हैं।
शेयर मार्केट: शेयर का महत्व
मार्केट में छोड़ रखे, मतलब शेयर मार्केट में। अच्छा, शेयर मार्केट क्या है? कहां, कैसे? वह सीखेंगे।
शेयर मार्केट: शेयर का महत्व
फिलहाल, जो समझा रहा हूं वो समझिए। टाटा कहता है हमने 1000 शेयर अपने मार्केट में छोड़ रखे हैं। आप और एक शेयर की कीमत हमने ₹100 रखी है। आपको जितना शेयर खरीदना है, खरीद लो। आप कहते हो, 10 शेयर हम खरीद लिए, हमने टाटा के, तो 10 शेयर की हिस्सेदारी आपने खरीद ली टाटा में। अब वह टाटा कंपनी ऊपर जाएगी, तो आपका वह 10 शेयर का वैल्यू बढ़ेगा। कंपनी डाउन जाएगी, तो आपके 10 शेयर की वैल्यू बढ़ेगी।
शेयर मार्केट: शेयर का महत्व
तो 10 शेयर का जो भी वैल्यू हुआ, उतना आपकी हिस्सेदारी टाटा में है। अब आप यह भी कह सकते हो, “मैं टाटा का मालिक हूं”, वह 10 शेयर की हिस्सेदारी तो हो ही गई। तो शेयर वही होता है।
शेयर मार्केट: शेयर खरीदने का फायदा
ठीक है? क्या शेयर खरीदना हमेशा फायदेमंद है? यह आपको देखना पड़ेगा कि कौन सी कंपनी का शेयर क्या अच्छा, इसको आप इस तरीके से समझो। आप मार्केट निकलते हो, मार्केट में 50 दुकानें हैं। क्या हर दुकानदार एक जैसा ग्रो कर रहा होगा?
शेयर मार्केट: कंपनी का प्रदर्शन
कोई दुकानदार पता चले ₹10 लाख का टर्नओवर कर रहा है, कोई ₹15 लाख का कर रहा होगा, कोई ₹20 लाख का कर रहा होगा, कोई लॉस में होगा। अब आप कैसे पता करोगे कि किस दुकानदार पर पैसा लगाओ, ताकि आपका प्रॉफिट में हो? तो आप पता करोगे, हिसाब-किताब चेक करोगे। किस दुकानदार का क्या हिसाब-किताब चल रहा है, कौन बढ़िया धंधा कर रहा है? जो बढ़िया धंधा कर रहा होगा, उसमें आप इन्वेस्ट कर सकते हो।
शेयर मार्केट: कंपनी का प्रदर्शन
कि “भैया, तेरे दुकानदार में, तेरे दुकानदारी में मैं इन्वेस्ट करता हूं। जो भी कमाएगा उसका शेयर मुझे भी देना, लेकिन जो लॉस में, उसमें थोड़ी करोगे?” इसी तरीके से शेयर मार्केट में जितनी कंपनियां हैं, जरूरी नहीं है सब प्रॉफिट में हो। जरूरी नहीं है सब लॉस में हो। तो आपको समझना पड़ेगा, पढ़ करके, समझ करके, कंपनी का पूरा डेटा, सब कुछ।
शेयर मार्केट: शुरुआत और बेसिक्स
ठीक है? आज के सेशन में हम बेसिक-बेसिक समझते हैं, और चीजें ठीक है। तो हम क्या बात कर रहे थे? प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को जब और पैसा चाहिए, उसको बैंक से नहीं चाहिए, वह शेयर मार्केट में अपने को लिस्ट कर देगी। लिस्ट करने का मतलब पब्लिक उसके शेयर को खरीदेगी।
शेयर मार्केट: कंपनी का लिस्टिंग
पब्लिक उसमें हिस्सेदारी खरीदेगी, और वह पैसा किसको जाएगा? उस कंपनी को जाएगा। उस ABC प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को जाएगा। तो मान लो, इस ABC प्राइवेट लिमिटेड कंपनी अब प्राइवेट रही नहीं। अब तो पब्लिक लिमिटेड हो गई। इस ABC लिमिटेड कंपनी को कंपनी ने भी बोला, 1000 शेयर मार्केट में छोड़ दिया। और एक ₹1 का, एक शेयर की कीमत इसने रख दी। तो इसके पास और ₹1000 शेयर इसका बिक गया, तो बिक गया।
शेयर मार्केट: कंपनी का लिस्टिंग
बिकने का मतलब, ₹1000 शेयर से जितना पैसा आया, उस पैसे को कंपनी यूटिलाइज करेगी अपने बिजनेस करने में, उस बिजनेस ग्रोथ में।
शेयर मार्केट: कंपनी का प्रदर्शन और रिटर्न
अच्छा क्या वह बिजनेस ग्रो ही करेगा या डूब जाएगा? दोनों हो सकता है। वह बिजनेस अगर ग्रो कर गया, तो आपने जो शेयर खरीदा है, उसकी वैल्यू बढ़ेगी, और आप प्रॉफिट में जाओगे। अच्छा, वह बिजनेस अगर डूब गया, तो शेयर की प्राइस घटेगी, और आपका पैसा
शेयर मार्केट: मूल्य में बदलाव
गायब हो जाएगा। ठीक है? इतना समझ में आया?
शेयर मार्केट: मूल्य में बदलाव
Now, अब यह समझो कि प्राइस अप और प्राइस डाउन कैसे होता है। कहते हैं ना, “ऊपर भाग रहा है मार्केट।” नीचे भाग रहा है मार्केट। प्राइस नीचे जा रहा है। प्राइस ऊपर। यह कैसे होता है भैया, जरा यह समझें। अब एग्जांपल मैंने ब्रिटानिया का दिखाया आपको स्क्रीनशॉट में।
शेयर मार्केट: ब्रिटानिया कंपनी: मांग और आपूर्ति
मान लो ब्रिटानिया कंपनी है। ब्रिटानिया क्या बनाती है? बिस्किट। भारत की आबादी बढ़ रही है। हर रोज़ बढ़ रही है, हर मिनट बढ़ रही है, हर साल बढ़ रही है। तो ब्रिटानिया बिस्किट का कंजम्पशन भी बढ़ रहा है। जितनी आबादी बढ़ रही है, उतना ज्यादा ब्रिटानिया बिस्किट का कंजम्पशन।
शेयर मार्केट: ब्रिटानिया कंपनी: मांग और आपूर्ति
शेयर की प्राइस बढ़ना डिमांड और सप्लाई पर डिपेंड करता है। जब दुनिया वालों को यह पता चल रहा है कि ब्रिटानिया का प्रॉफिट बढ़ रहा है। अच्छा लोग नजर लगाए रहते हैं ना, जो शेयर मार्केट वाले इंटरेस्टेड होते हैं, खिलाड़ी होते हैं। इस कंपनी का क्या चल रहा है? जरा देखो,
शेयर मार्केट: ब्रिटानिया कंपनी: मांग और आपूर्ति
Google सब डेटा अवेलेबल है, न्यूज़ में मिल जाता है डाटा। अच्छा, इस कंपनी ने इतने का प्रॉफिट किया, इस क्वार्टर में, उस क्वार्टर में प्रॉफिट पता चल गया। अब लोगों को पता चला, भैया, प्रॉफिट में है। इसका मतलब, बढ़िया कर रही है कंपनी। तो लोगों ने उसके शेयर खरीदे। ब्रिटानिया ने एक, ब्रिटानिया ने एक ही, 1000 शेयर छोड़ रखे हैं
शेयर मार्केट: ब्रिटानिया कंपनी: मांग और आपूर्ति
मार्केट में। एग्जैक्ट नहीं है यह, रियल नहीं है, एग्जांपल दे रहा हूं। मान लो ब्रिटानिया ने 1000 शेयर मार्केट में छोड़ रखे हैं। अब 1000 शेयर पर लोग झपट पड़े, “ब्रिटानिया अच्छा बिजनेस कर रही है, शेयर खरीदो इसका, खरीदो-खरीदो-खरीदो-खरीदो-खरीदो।” तो क्या होगा? उस शेयर की प्राइस बढ़ेगी, घटेगी?
शेयर मार्केट: मूल्य में बदलाव: मांग और आपूर्ति
अब आपसे मैं पूछता हूं, फ्लाइट की टिकट जब लेते हैं, सर, फ्लाइट की टिकट आप तीन महीने पहले लोगे ना, आपको ₹5000 का मिलेगा। जब आप 15 दिन पहले लोगे, तो वही फ्लाइट की टिकट आपको ₹8000 की मिलेगी। जब उसी फ्लाइट की टिकट आप एक दिन पहले लोगे, तो आपको ₹10,000 का मिलेगा।
शेयर मार्केट: मूल्य में बदलाव: मांग और आपूर्ति
मालूम क्यों, सर? ढाई महीने पहले, तीन महीने पहले, पूरा टिकट, पूरा फ्लाइट ही खाली था। इसका मतलब, डिमांड नहीं थी उस वक्त। सप्लाई पूरा था। ठीक है? लेकिन जैसे ही एक दिन बचा, एक दिन में सीट एक ही बचा होगा उसके पास, और लेने वाले 50 हैं, तो फ्लाइट वाले ने क्या करा?
शेयर मार्केट: मूल्य में बदलाव: मांग और आपूर्ति
अरे, 50 लेने वाले हैं हमारे, “प्राइस बढ़ाओ, प्राइस बढ़ाओ।” प्राइस बढ़ गया। इसी तरीके से स्टॉक मार्केट, शेयर मार्केट में होता है। जब डिमांड ज्यादा है, लेने वाले ज्यादा हैं, लोग खरीदे जा रहे हैं। खरीदे जा रहे हैं, खरीदे जा रहे हैं, तो प्राइस ऊपर-ऊपर-ऊपर-ऊपर-ऊपर-ऊपर-ऊपर।
शेयर मार्केट: मूल्य में बदलाव: मांग और आपूर्ति
मतलब, जिन्होंने पहले कम में ले रखा होगा उनको तो फायदा हो गया ना। किसी ने शेयर ले रखा होगा ₹10 में, और प्राइस अब ₹
शेयर मार्केट: मूल्य में बदलाव: मांग और आपूर्ति
20 चला गया। तो उसको ₹10 का प्रॉफिट हो गया। ऐसा प्रॉफिट और ऐसा लॉस होता है।
शेयर मार्केट: मूल्य में गिरावट: मांग और आपूर्ति
अब आप पूछो, “गिरेगा कैसे? यह तो बढ़ने की कहानी होगी।” सर, गिरता ऐसा है प्राइस। मान लो ब्रिटानिया कंपनी में कोई स्कैम हो गया। एमडी ने कुछ स्कैम कर दिया, गड़बड़, पैसे लेकर भाग गया। अब न्यूज़ में आ गई यह बात। “ब्रिटानिया में हुआ स्कैम, ₹1500 करोड़ का स्कैम।” ऐसा एग्जांपल ले रहा हूं, भैया ऐसा कि ब्रिटानिया वाले मुझे पकड़ ले, तो इतना सा स्कैम न्यूज़ में आ गया। रातों-रात हड़कंप। जितने लोग शेयर ले रखे हैं, उनको समझ में आ गया, अरे बाप रे बाप! अब कंपनी चलेगी बंद? पता नहीं? खत्म हो, हमारा पैसा ना डूब जाए? तुरंत वो बेचने लग गए शेयर। अब जब सब लोग बेच रहे हैं, इसका मतलब वह शेयर मार्केट में जमा हो रहा है।
शेयर मार्केट: मूल्य में गिरावट: मांग और आपूर्ति
ठीक है, तो इसका मतलब सप्लाई घटा कि बढ़ा? सर, सप्लाई बढ़ गया ना? क्योंकि खाली हो गया। जैसे एयरप्लेन के सीट का मैंने लिया था। एयरप्लेन वाला सीट में क्या था? ढाई महीने पहले, सारा ही खाली था, यानी कि सप्लाई ज्यादा था। डिमांड कम थी। अभी क्या हुआ?
शेयर मार्केट: मूल्य में गिरावट: मांग और आपूर्ति
जब सब लोग बेच रहे हैं, तो सप्लाई बढ़ गई, डिमांड घट गया। कोई ले ही नहीं रहा, सब बेच रहा है। सब बेच रहा है, तो भैया अब क्या होगी? प्राइस घटेगी। गिरती चली जाएगी। गिरती चली जाएगी। गिरती चली
शेयर मार्केट: मूल्य में गिरावट: कारण
जाएगी। ठीक है? कंपनी में कुछ गड़बड़ हुआ, किसी ने फ्रॉड कर दिया, या कंपनी का परफॉर्मेंस अच्छा नहीं रहा। कंपनी का बिजनेस अच्छा नहीं हो रहा। यह सब जब लोगों को पता चलता है, तो लोगों को लगता है कि अब कंपनी अच्छा नहीं कर रही, इसका बेच शेयर। जब ज्यादा लोग बेचते हैं, तो प्राइस गिरने लग जाता है। ठीक है? ज्यादा लोग खरीदने लग जाते हैं, तो प्राइस बढ़ने लग जाता है। डिमांड और सप्लाई का गेम है।
शेयर मार्केट: ज्ञान का महत्व
ठीक? Now, अब यह सवाल उठता है कि क्या बहुत पढ़े-लिखे लोग ही शेयर मार्केट में इन्वेस्ट कर सकते हैं? क्या मैथ की बहुत अच्छी नॉलेज होनी चाहिए? कमर्स की बहुत अच्छी नॉलेज होनी चाहिए? तब जाके, सर?
शेयर मार्केट: ज्ञान का महत्व
एक शख्स है, राधाकृष्ण दमानी। DMart के फाउंडर हैं। शेयर मार्केट के धुरंधर हैं। शेयर मार्केट से बिलिनियर बने हैं। इनकी आज के टाइम में नेट वर्थ है,
शेयर मार्केट: ज्ञान का महत्व
₹21 बिलियन यूएस डॉलर। ₹21 बिलियन यूएस डॉलर! इंडियन करेंसी में आप कन्वर्ट कर लेना। कितना, सर? यह ग्रेजुएट भी नहीं है। आप जो सेशन अटेंड कर रहे हो, हो सकता है ग्रेजुएट, एमबीबीएस, और बीटेक, और पता नहीं क्या-क्या करके बैठे होंगे। वो आदमी ग्रेजुएट भी नहीं है।
शेयर मार्केट: ज्ञान का महत्व
₹21 बिलियन यूएस डॉलर का टर्नओवर है, शेयर मार्केट का खिलाड़ी। बाद में DMart कंपनी शुरू करी। तो इसका मतलब क्या समझ में आता है? शेयर मार्केट कोई भी कर सकता है, पढ़े हो, लिखे हो, पढ़े-लिखे नहीं भी हो, तो भी, बस मार्केट की समझ होनी चाहिए।
शेयर मार्केट: ज्ञान का महत्व
फंडामेंटल समझ होनी चाहिए, कंपनी की समझ होनी चाहिए, बिजनेस की समझ होनी चाहिए, और इन सब चीजों के समझ के लिए पढ़े-लिखे होने की, हां, बेसिक चीजों की ठीक है। एबीसीडी पढ़ना होना चाहिए। बेसिक मैथ आपको आना चाहिए। बेसिक, उतनी ही काफी है। मतलब, छठी, सातवीं भी आपने पढ़ रखी है, तो काफी है स्टॉक मार्केट का खिलाड़ी बनने के लिए।
शेयर मार्केट: जोखिम और धोखाधड़ी
Now, फ्रॉड भी होते हैं क्या स्टॉक मार्केट में? स्कैम? हर्षद मेहता स्कैम। हर्षद मेहता का भी न्यूज़ आया था, कुछ टाइम पहले कि हर्षद मेहता ने स्कैम कर दिया। होते हैं क्या? लोगों का पैसा डूबता है क्या?
शेयर मार्केट: जोखिम और धोखाधड़ी
हां, सर, बिल्कुल डूबता है। कैसे होता है, जरा यह भी बता दूं। कई बार क्या होता है? कुछ छोटे-छोटे जो स्टॉक्स होते हैं ना, “पेनी स्टॉक्स” बोलते हैं उनको।
शेयर मार्केट: जोखिम और धोखाधड़ी: “पेनी स्टॉक्स”
पेनी, मतलब जिनकी कोई औकात नहीं है। ₹1, ₹2 के शेयर हैं, ₹5 के शेयर हैं, तो उनमें ज्यादातर होता है, अच्छी कंपनियों में भी हो जाता है। लेकिन उनमें ज्यादातर होता है। कुछ खिलाड़ी होते हैं मार्केट के, धुरंधर बहुत हजारों करोड़ लेकर के बैठे हुए।
शेयर मार्केट: जोखिम और धोखाधड़ी: “पंप एंड डंप”
कंपनी मार्केट में पूरा अफवाह फैलाने लग जाता है। “यह कंपनी ऊपर जा रही है, ऊपर जाएगी, ऊपर जाएगी!” और खुद बहुत मोटा शेयर, वह मान लो ₹10 का शेयर है अभी। साड़ा हुआ कंपनी है।
शेयर मार्केट: जोखिम और धोखाधड़ी: “पंप एंड डंप”
साड़ा हुआ शेयर है, ₹10 का शेयर है। मान लो एक करोड़ डाल दिया उस बंदे ने, और पूरा मार्केट में अफवाह फैला दिया कि ऊपर जाएगा, ऊपर जाएगा, ऊपर जाएगा। न्यूज़ के माध्यम से, इधर के माध्यम से, उधर न्यूज़ छपवा दिया। और एक महीने में, सच में वह ₹10 का शेयर ₹20 चला गया। भैया, डबल हो गया। यह पांच गुना हो गया, 50 हो गया, तो इसने जो एक करोड़ लगाए थे, इसका तो ₹5 करोड़ हो गया ना। अब यह क्या करेगा?
शेयर मार्केट: जोखिम और धोखाधड़ी: “पंप एंड डंप”
₹50 जाने पर, अपना बेच देगा सारा शेयर, तो ₹4 करोड़ का नेट प्रॉफिट कमा लिया इसने एक महीने में। ₹4 करोड़ का! क्योंकि बड़ा खिलाड़ी था। अब जब इसने बेच दिया और लोगों को पता चला कि बेच दिया, औकात पता चल गई, एक महीने में इसकी कंपनी में तो कुछ है ही नहीं। यह तो
शेयर मार्केट: जोखिम और धोखाधड़ी: “पंप एंड डंप”
“पंप एंड डंप” का खेल है। इसको बोलते हैं “पंप कराया, और डंप करा दिया”। बड़े-बड़े खिलाड़ी लोग करते हैं। अरे, सद वारसी पर भी तो आरोप लगा था कुछ दिनों पहले। सद वारसी ने पंप कराया किसी कंपनी को। “अरे, बढ़ेगा, बढ़ेगा, बढ़ेगा। ले लो, ले लो। तुम भी ले लो। तुम भी ले लो। तुम भी ले लो। तुम भी ले लो।”
शेयर मार्केट: जोखिम और धोखाधड़ी: “पंप एंड डंप”
लोगों ने लिया। सबने लिया। प्राइस बढ़ाया। बढ़ाया-बढ़ाया-बढ़ाया। ऊपर ले जाकर के अपना बेच दिया। प्रॉफिट बुक करके निकल लिया। यह होता है “पंप एंड डंप”। ऐसे आम लोगों का पैसा डूब जाता है। अब किसी ने ₹10,000 लगाया होगा, किसी ने ₹5,000 लगाया होगा। वो जहां ₹50 पर गया था, अचानक ढम से ₹10 पर आ जाता है। वह गिरकर के ढम से रातों-रात में। अब किसी ने ₹40 पर लिया होगा, उसका ₹10 हो गया शेयर, तो बर्बाद हो गया ना। वो तो ₹10 पर उसने लिया होगा, अब रातों-रात ₹10 पर आ गया। वो तो आम लोग ऐसे फंसते हैं, आम लोग ऐसे डूबते हैं।
शेयर मार्केट: ज्ञान का महत्व
और इसकी वजह क्या लगती है आपको? नॉलेज, जानकारी। जानकारी नहीं है, तो फंसना फिर तय है। मैंने लास्ट सेशन में भी कहा था जब समाज में जब तक देखो ज्यादा समझदार लोग रहेंगे, ज्ञान
शेयर मार्केट: ज्ञान का महत्व
वाले लोग रहेंगे, अज्ञानी लोगों का हमेशा शिकार होता रहेगा। अज्ञानी लोगों को ठगा जाएगा, हमेशा। तो आप अज्ञानी क्यों हो? ज्ञान डेवलप करो ना, सीखो ना।
शेयर मार्केट: इन्वेस्टमेंट की शुरुआत
Now, अब सवाल उठता है कि पैसे कैसे इन्वेस्ट करें स्टॉक मार्केट में? स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट करने के लिए, सबसे पहले आपको एक ब्रोकर अकाउंट चाहिए, जहां आपका डीमैट अकाउंट खुलेगा। जैसे, Angel One। Angel One का मैंने लिंक आपको
शेयर मार्केट: डीमैट अकाउंट
डिस्क्रिप्शन में दे रखा है। आप वहां से डाउनलोड करके, उसमें डीमैट अकाउंट खुलवा सकते हो। तो डीमैट अकाउंट क्या होता है? सबसे पहले, थोड़ा यह भी समझ लो। देखो पहले ना, फिजिकल शेयर होते थे। फिजिकल शेयर का कहने का मतलब, पेपर में जैसे आपने वसीयत, या ज़मीन का, या पेपर में बॉन्ड। बॉन्ड होते हैं ना, एग्रीमेंट वगैरह, पेपर में, उसी तरीके से शेयर का एग्रीमेंट पहले हुआ करता था। आपने मान लो, RIL का शेयर खरीदा, तो रिलायंस के शेयर का पूरा एग्रीमेंट होता था। RIL का आपने 10 शेयर खरीदा है। उधर प्रॉपर मोहर-वार लग करके, आपको पेपर दिया जाता था, तो लोग अलमारी, अलमारी में रखते थे।
शेयर मार्केट: डीमैट अकाउंट
अब लोग अलमारी में रखे हैं, गुम हो गया, तो गया भैया पैसा। लेकिन अब क्या हो गया? अब यह चीज डिजिटल हो गई है। अब डीमटेरियल इज किया गया है, उन सारे डॉक्यूमेंट्स को। कहने का मतलब, मटेरियल इज मटेरियल था पहले। अब उनको डीमटेरियल, मतलब अब डिजिटल किया गया है। तो अब वह डिजिटल जो किया गया, तो शेयर रखा कहां जाए? पहले तो हार्ड कॉपी था, अलमारी में रखते थे। अब डीमैट अकाउंट बोल दिया।
शेयर मार्केट: डीमैट अकाउंट
वह डीमटेरियल, डीमटेरियल इज्ड अकाउंट, उसको डीमैट शॉर्ट में अकाउंट में बोलते हैं। वहां अब आपका शेयर रखा जाता है। तो सेफ एंड सिक्योर है, इजी टू एक्सेस है डीमैट अकाउंट होने की वजह से।
शेयर मार्केट: डीमैट अकाउंट खुलवाना
ठीक है? तो डीमैट अकाउंट कैसे खुलता है? कितने पैसे लगते हैं? कोई पैसे नहीं लगते, बिल्कुल फ्री है। Angel One का जो बारे में मैंने आपको बोला, इसी Angel One में जैसे आप अपना KYC कंप्लीट करते हो, अपना डॉक्यूमेंट अपलोड करते हो, दो-तीन दिन का समय लगता है अप्रूव होने में, आपका डीमैट भी खुल गया, आपका ट्रेडिंग अकाउंट भी खुल गया, इन्वेस्टिंग अकाउंट भी खुल गया। सब इसी में खुल जाता है। एब्सलूट फ्री है। लिंक इसका भी मैंने डिस्क्रिप्शन में दे रखा है आपको। ठीक है। अब एक सवाल उठता है भैया। इस ब्रोकर के जरिए, जैसे Angel One के जरिए हमने शेयर में इन्वेस्ट किया। बहुत पैसा इन्वेस्ट कर दिया, ₹1 लाख, ₹5 लाख, ₹10 लाख, और एक दिन रातों-रात पता चलता है, Angel One भाग गई! यह जो भी ब्रोकर आपने चुन रखा है, वो भाग गया। फिर पैसा कहां जाएगा?
शेयर मार्केट: शेयर का सुरक्षा
भैया, कहीं नहीं जाएगा पैसा आपका, बिल्कुल सेफ है, क्योंकि स्टॉक मार्केट
शेयर मार्केट: शेयर का सुरक्षा
में यह जो आपका शेयर होता है ना, यह स्टोर होता है रिपोजिटरी में। NSDL और CDSL, दो रिपोजिटरीज हैं जहां आपका एक्चुअल शेयर स्टोर होता है, स्टोर होता है। यह ब्रोकर कल को रहे ना रहे, रातों-रात भाग जाए, आपके पैसे पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला। आपका शेयर बिल्कुल सेफ है। अब जैसे ही आप इनमें से किसी में भी लॉग इन करोगे ना, आपको कुछ भयंकर-भयंकर टर्मिनोलॉजी दिखेंगी जिनका मतलब समझ में नहीं आएगा। आपको दिखेगी, “NSE, BSE, Index, Nifty 50।” तो चलो, इसका भी मतलब समझाता हूं। सबसे पहले एक्सचेंज समझो। एक्सचेंज क्या होता है?
शेयर मार्केट: एक्सचेंज: NSE और BSE
स्टॉक एक्सचेंज, आपने सुना होगा। देखो एक्सचेंज, ऐसे समझो कि जैसे दिल्ली में एक मार्केट है, पालिका मार्केट। अंडरग्राउंड मार्केट, कनॉट प्लेस में। आप दिल्ली में हो या बाहर हो, सुना तो जरूर होगा ना? नहीं गए, तो जाना जरूर, बढ़िया जगह। अच्छा लगेगा देखने में। अंडरग्राउंड मार्केट है, एकदम गोल-गोल। हां, वहां ठगी बहुत है। बचना जरा वहां। ₹400 की चीज वहां ₹4000 में बेच देते हैं। तो जैसे ₹4000 की बोले ना, बारगेनिंग करके तुरंत बोलो भैया ₹500।
शेयर मार्केट: एक्सचेंज: NSE और BSE
तब तो जैसे पालिका मार्केट है, तो उस पालिका मार्केट को समझ लो आप स्टॉक एक्सचेंज। अब उसमें जितनी सारी दुकानें हैं, उस दुकानों में कपड़े की खरीद-बिक्री होती है। उसी तरीके से, आपके पास स्टॉक मार्केट में दो एक्सचेंज हैं: NSE और BSE।
शेयर मार्केट: एक्सचेंज: NSE और BSE
National Stock Exchange, NSE, Bombay Stock Exchange, BSE. Bombay Stock Exchange की बात हम इसलिए नहीं करेंगे। पुराना वाला एक्सचेंज है, चलता अभी भी है, लेकिन ज्यादा लोग यूज़ नहीं करते हैं। तो BSE की बात हम साइड करते हैं, हम NSE की बात करते हैं। National Stock Exchange, ठीक है? National Stock Exchange में 5000 दुकानें हैं।
शेयर मार्केट: एक्सचेंज: NSE और BSE
5000 दुकान, हां जैसे पालिका में दुकानें हैं ना, उसी तरीके से, ल
शेयर मार्केट: एक्सचेंज: NSE और BSE
स्टॉक एक्सचेंज में 5000 दुकानें हैं, जहां शेयर मिलते हैं। 5000 दुकान, कहने का मतलब 5000 कंपनीज। RIL, स्टार्ट, ब्रिटानिया, HDFC, नेस्ले, और पता नहीं क्या-क्या। ऐसी 5000 कंपनीज हैं NSE में, तो 5000 दुकानें हमने बोल दी। ठीक है।
शेयर मार्केट: इंडेक्स: निफ्टी 50
अब सीनारियो यह उठता है कि पालिका में, पालिका इंडेक्स में अगर कुछ गड़बड़ हुई, तो किसी दुकानदार ने अपना सेल्स सही नहीं बताया, तो किसी दुकानदार ने पैसा गड़बड़ मार लिया, तो किसी दुकानदार, किसी दुकान में कुछ स्कैम हो गया। तो कैसे क्या होगा? फिर बाकियों का भी नुकसान हो सकता है। पूरा डेटा गड़बड़ हो जाएगा, फिर तो। इसके लिए पालिका वालों ने क्या करा? एक ऑर्गेनाइजेशन बनाया, जिसका नाम रखा है ने
शेयर मार्केट: इंडेक्स: निफ्टी 50
पालिका बोर्ड ऑफ इंडिया। अब पालिका बोर्ड ऑफ इंडिया की मर्जी से ही सारे दुकानदार, कुछ भी
शेयर मार्केट: इंडेक्स: निफ्टी 50
करेंगे। ठीक, ऐसे ही स्टॉक मार्केट में 5000 कंपनियां जो हैं, इन 5000 कंपनियों के ऊपर का मालिक बनाया गया, एक ऑर्गेनाइजेशन को, जिस ऑर्गेनाइजेशन को कहते हैं SEBI।
शेयर मार्केट: इंडेक्स: निफ्टी 50
Securities and Exchange Board of India. यह मालिक है, समझ लो, स्कैम ना हो। कोई गड़बड़ ना कर दे, कोई कुछ इधर का उधर ना हो जाए। सब पे इनकी नजर है। तो SEBI के बिना पत्ता भी नहीं हिलेगा स्टॉक मार्केट में।
शेयर मार्केट: इंडेक्स: निफ्टी 50
यह समझ लो आम आदमी का पैसा किसी तरीके से ना डूब जाए, वह सब SEBI ख्याल रखती है। जैसे पंप एंड डंप एक क्राइम है। यह रूल किसने बनाया? क्राइम है SEBI ने। कोई पंप एंड डंप करता है, वह पकड़ा जाएगा। उसको सीधा अंदर।
शेयर मार्केट: इंडेक्स: निफ्टी 50
समझे? अब सवाल उठता है कि पैसा कैसे कमाते हैं स्टॉक एक्सचेंज में? मेन सवाल। पैसा कमाते कैसे हैं? देखो पैसा कमाने के दो बेसिकली जरिया हैं स्टॉक मार्केट में। एक इन्वेस्टिंग और दूसरा ट्रेडिंग।
शेयर मार्केट: इन्वेस्टिंग
इन्वेस्टिंग क्या होता है? कि हमने पैसे किसी कंपनी का शेयर खरीदा, और खरीद करके हमने छोड़ दिया।
शेयर मार्केट: इन्वेस्टिंग: लॉन्ग टर्म और शॉर्ट टर्म
लॉन्ग टर्म इन्वेस्टिंग, शॉर्ट टर्म इन्वेस्टिंग, दो तरह का इन्वेस्टिंग होती है। शॉर्ट टर्म इन्वेस्टिंग बोलते हैं, एक साल के अंदर अगर हमने खरीद के बेच दिया, तो वह शॉर्ट टर्म इन्वेस्टिंग हो गई।
शेयर मार्केट: इन्वेस्टिंग: लॉन्ग टर्म और शॉर्ट टर्म
लॉन्ग टर्म इन्वेस्टिंग क्या होती है? खरीद लिया हमने, 10 साल, 20 साल, 25 साल के लिए छोड़ दिया। वो लॉन्ग टर्म इन्वेस्टिंग है। तो जब बेचो, तो प्रॉफिट जितना होगा, वो आपका लॉस भी हो सकता है। लेकिन लॉन्ग टर्म में, अगर अच्छा है, तो प्रॉफिट ही होता है, अगर अच्छा शेयर है
शेयर मार्केट: ट्रेडिंग
तो। तो एक तो इन्वेस्टिंग से हो गया। दूसरा, ट्रेडिंग। ट्रेडिंग क्या होता है?
शेयर मार्केट: ट्रेडिंग: अल्पकालिक निवेश
हफ्ते भर में बेच दो। डेली खरीद-बिक्री करो। 5 मिनट में खरीदो, और बेचो। एक मिनट में पैसा खरीदो, और बेचो। अरे, एक सेकंड में खरीदो, और बेचो! एक सेकंड में। हां जी, ऐसे-ऐसे कई सारे लोग हैं जो एक-एक सेकंड में खरीद-बिक्री करते हैं। अभी खरीदा, अगले सेकंड में बेच दिया। अभी खरीदा, अगले सेकंड बेच दिया।
शेयर मार्केट: ट्रेडिंग: अल्पकालिक निवेश
और ऐसे ना जाने कितने लोग हैं। पैसा डेली का भैया, मोटा-मोटा पैसा कमाते हैं। नौकरी में आप, या कोई भी, जितना साल का कमाए ना, स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग करके आदमी, उतना डेली का कमा रहा है। डेली का। ऐसे कई लोग हैं। कई लोगों को मैं पर्सनली जानता हूं।
शेयर मार्केट: ट्रेडिंग: अल्पकालिक निवेश
भैया, और करोड़ों छापने वाले भी कई लोग हैं ट्रेडिंग से। इतना कमाया जा सकता है। आपको अगर ट्रेडिंग का डिटेल में सेशन चाहिए, तो मुझे कमेंट बॉक्स में बताओ।
शेयर मार्केट: ट्रेडिंग: अल्पकालिक निवेश
ट्रेडिंग का डिटेल में सेशन लाता हूं, कि कैसे कमाया जाता है, क्या खेल किया जाता है। कमेंट जितना ज्यादा कमेंट आएगा, उसके हिसाब से हम उस, उतनी ही जल्दी, नेक्स्ट ट्रेडिंग के सेशन को हम प्लान करेंगे। ठीक है।
शेयर मार्केट: ट्रेडिंग: अल्पकालिक निवेश
और अगेन वो सीखने वाली बात है भैया। नहीं सीखोगे, तो फिर वहां भी वही। “हम भी बर्बाद हो गए।” बर्बाद होते हैं। हर जगह बर्बाद होते हैं।
शेयर मार्केट: ट्रेडिंग: जोखिम और ज्ञान
ट्रेडिंग जुआ है? हां, जुआ है। बिना सीखे करोगे, तो जुआ ही है। सीख के करोगे, तो भैया फिर साइंस है। ठीक है।
शेयर मार्केट: निवेश कैसे करें
Now, कैसे इन्वेस्ट करते हैं? थोड़ा यह समझो। इसके लिए मैं आपको थोड़ा स्क्रीन शेयर कर लेता हूं। Just one मिनट। मैं Angel One खोल करके, कुछ चीजें आपको दिखाता हूं। लाइव दिखाते ना, ज्यादा समझ में आएगा, मुंह से बोल करके उतना हो सकता है समझ ना आए। Okay, so अब आपको स्क्रीन मेरी दिखने लग गई।
शेयर मार्केट: Angel One प्लेटफॉर्म
हम Angel One पर लॉग इन कर लेते हैं। यह हम लॉगइन कर लिए। होम पेज पर आ गए। ठीक है। एक बेसिक रूल बताता हूं। बताता हूं इन्वेस्टिंग का बहुत बेस है। बहुत बेसिक। अब जैसे ब्रिटानिया की हम बात कर रहे थे, हम सर्च कर लेते हैं ब्रिटानिया ही। यहां पर देखो, ब्रिटानिया सर्च किया ना?
शेयर मार्केट: Angel One प्लेटफॉर्म: कंपनी सर्च करना
तो यहां पर देखो दो आ रहा है। NSE भी लिख के आ रहा है, BSE भी लिख के आ रहा है। दो कंपनी आ रही है ना, ब्रिटानिया इधर, ब्रिटानिया नीचे। तो एक NSE में है, ब्रिटानिया। एक BSE में है। मतलब जितनी कंपनी BSE में लिस्टेड है ना, वो सारी आपको NSE में मिलेगी।
शेयर मार्केट: Angel One प्लेटफॉर्म: कंपनी सर्च करना
So, हम ब्रिटानिया पर क्लिक कर लेते हैं, NSE वाले पर। यहां पर हम सबसे पहले आते हैं स्टॉक डिटेल में।
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स्टॉक डिटेल कहां है, यह है। यह दिक्कत हो जाती है थोड़ी-थोड़ी। यह देखो, यहां नीचे स्टॉक डिटेल है। तो इस पर हम क्लिक कर रहे हैं। इस पर हमने क्लिक किया। अब यहां पर एक चीज है, देखो, 52 वीक हाई-लो।
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बहुत बेसिक पैरामीटर है। आप इन्वेस्ट करना चाहते हो किसी शेयर में, तो देखो, सबसे पहली चीज तो अगर आप नए हो, तो मैं कहूंगा किसी ऐसे शेयर में मत कद ना, जो कंपनी ही नहीं है टॉप की, जो 50 कंपनियां हैं, उसकी लिस्ट आपको
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Google पे है। इन्वेस्ट करके सीख सकते हो। बाकियों में बाद में, सीखने के बाद, जमना, और उनमें इन्वेस्ट करने का एक बेसिक पैरामीटर यह है कि यह देखो, आप 52 वीक हाई-लो क्या मतलब है इसका? यह एक प्राइस दिखा रहा है, ₹1,500,000। मतलब, कभी गया होगा एक दो बार, सबसे कम, 52 वीक में इतनी, इतना गिर के सबसे कम गया था।
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अच्छा, इधर हाई वाला प्राइस है, तो यह कह रहा है
शेयर मार्केट: Angel One प्लेटफॉर्म: कंपनी सर्च करना
₹4,700। सबसे हाई रहा है किसी दिन, ब्रिटानिया का प्राइस। और अभी करंट प्राइस क्या है? करंट प्राइस आपको यहां दिख रहा है, ₹4,498 का करंट प्राइस अभी चल रहा है। तो हम क्या देख रहे हैं? ₹500,000
शेयर मार्केट: Angel One प्लेटफॉर्म: कंपनी सर्च करना
यानी कि अभी का जो प्राइस है, सबसे हाई के आसपास है। तो शेयर मार्केट का एक बेसिक रूल समझ लो। जब किसी शेयर का प्राइस सबसे टॉप पर हो ना, या हाई के आसपास हो ना, तो नहीं
शेयर मार्केट: Angel One प्लेटफॉर्म: कंपनी सर्च करना
खरीदने का, नहीं खरीदने का। सर, आदमी हो या कोई शेयर, जब तक वह गिरता नहीं है ना, उसकी ताकत का पता नहीं चलता, उसकी औकात का पता नहीं चलता।
शेयर मार्केट: Angel One प्लेटफॉर्म: कंपनी सर्च करना
तो जब शेयर में इन्वेस्ट करना है, वेट करो, उसको नीचे आने दो। आएगा जरूर, जैसे किसी आदमी का भाग्य, हमेशा उसको ऊपर की ओर नहीं ले जा सकता। जिंदगी उठाती है, गिराती है। उठाती है, गिराती है। उसी तरीके से, भैया, शेयर मार्केट में भी खेल चलता है। शेयर मार्केट में भी कोई शेयर अगर शेयर अगर ऊपर है, तो वह कल को गिरेगा जरूर।
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वेट करो, गिरने दो उसको, और इन्वेस्टमेंट का समय वही होता है जब शेयर गिरे, जब नीचे हो, तभी तो आपको सस्ते में मिलेगा। तो अभी जो प्राइस मैं देख रहा हूं, ऊपर की तरफ है, तो मैं अभी इसमें इन्वेस्ट नहीं करूंगा। ऐसे ही बाकी दूसरी कंपनियों को मैं एक्सप्लोर कर-कर के देखूंगा कि अगर ऊपर की तरफ है, ज्यादा
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लेटल है। इसको “ऑल टाइम हाई,” ATI, सॉरी “ऑल टाइम हाई,” मतलब ऊपर की तरफ प्राइस है, तो मैं नहीं, नहीं, हम अभी नहीं करेंगे। हम वेट करेंगे। तो बीच में आ जाए या नीचे आ जाए।
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ठीक। तो यह एक बेसिक पैरामीटर है। अच्छा, कैसे बाय करना है? अब जरा यह समझिए। यहां पर बाय का भी बटन है। यह जो आपको दिख रहा है, यह बाय का बटन है, यह सेल का बटन है। तो हम बाय पर आ जाते हैं।
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सेल का बटन मेरे को क्यों दिख रहा है? मैंने तो खरीदा भी नहीं है। सेल का बटन नहीं दिखना चाहिए ना? सर, खेल होता है इसमें, बिना खरीदे भी आप बेच सकते हो। ऐसे कैसे?
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ब्रिटानिया का बिस्किट बिना खरीदे आप बेच सकते हो? क्या नहीं बेच सकते?
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लेकिन ब्रिटानिया का शेयर बिना खरीदे आप बेच सकते हो। यह सीखना है। बताओ मुझे कमेंट बॉक्स में। सीखना है, तो बताओ। बड़ा मजेदार चीज है, इसको बहुत तगड़ा-तगड़ा प्रॉफिट कमाते हैं लोग, इससे। यह बताऊंगा। फिलहाल हम बाय पर समझ लेते हैं। बाय पर क्लिक करो। आप बाय पर क्लिक करते ही, देखो, यहां पर “इंट्राडे बाय” डिफॉल्ट सिलेक्टेड
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है। हमें इंट्राडे में नहीं जाना। हमें डिलीवरी में जाना है। डिलीवरी यह रहा। इसको सेलेक्ट कर लेना।
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ठीक है? क्या है इंट्राडे और क्या है डिलीवरी? पहले यह समझो। डिलीवरी में जब हम शेयर लेते हैं, तो यह समझ लो हमने परमानेंट, लाइफ टाइम के लिए शेयर खरीद लिया।
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मतलब, लाइफ टाइम हम ही मालिक हैं। इंट्राडे ऑप्शन में अगर आपने शेयर खरीदा है, तो इसका मतलब शाम होने से पहले आपको बेचना है उसको। शाम होने से पहले नहीं बेचो, तो जिस प्राइस में शाम में गया, शाम मतलब 3:30 बजे जब मार्केट क्लोज होता है, तो उस टाइम तक जो भी लास्ट प्राइस होगा, वह अपने आप बेच देगा।
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यह बेच देगा आपका। लॉस में हो, तो लॉस में बिकेगा। प्रॉफिट हो, तो प्रॉफिट में बिकेगा। तो इंट्राडे का मतलब शेयर एक ही दिन के लिए है। आपका उधार लिया है, समझ लो। तो इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए काम आता है, जिसको एक दिन में खरीद-बिक्री, खरीद-बिक्री करना है।
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ट्रेडिंग वाले के लिए यह इंट्राडे है। ठीक है? डिलीवरी मतलब डिलीवरी, अब मेरा है, लाइफ टाइम हमारा ही है। तो हम डिलीवरी में खरीदेंगे। ट्रेडिंग का सेशन अगर आपको चाहिए, एक मिनट में पैसा कमाते, मुझे कमेंट में बताइए।
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वह उस पर भी सेशन हम करेंगे। डिलीवरी में हम ले लेंगे, मान लो डि, हमने सेलेक्ट कर लिया, और डिलीवरी में हमने बोला, ब्रिटानिया का हमको 10 शेयर दे दो, भैया। तो यहां पर देखो, प्राइस लिख के आ गया, भैया ₹4,500 का शेयर है।
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तो टोटल आपको इतना पैसा पड़ेगा। अब जैसे ही मैं बाय बटन पर क्लिक करूंगा, यह बोलेगा, “फंड ऐड करो अपने वॉलेट में”। फंड ऐड करेंगे, खरीदा हो जाएगा। अच्छा, यहां पर एक और चीज देखिए।
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यहां पर दो ऑप्शन हैं, एक “लिमिट” का, और एक “मार्केट” का। यह भी समझिए, ध्यान से। लिमिट क्या होता है? लिमिट में देखो, एडिट का ऑप्शन है। अभी लिमिट सिलेक्टेड है, और यहां पर एडिट का भी ऑप्शन है। मैं इसको एडिट करके, ₹4,598 है ना, मैं इसको कह सकता हूं, ₹4,598 नहीं, ₹4,100, और बाय कर सकता हूं, ₹4,100 पर बाय, मतलब ₹400 में सस्ता मिल जाए।
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₹4,100 शेयर मिल जाए। क्या मतलब? अपनी मर्जी से, हिसाब से, हम कुछ भी प्राइस सेट
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कर लेते हैं। इसका मतलब यह है कि ₹4000 आपने डाला, और बाय बटन पर जैसे ही क्लिक करोगे, पैसा होना चाहिए आपके अकाउंट में यहां पर।
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और बाय बटन पर जैसे क्लिक करोगे, आपने इस ब्रोकर को ऑर्डर दिया कि भैया, ₹4,100 पर अगर शाम होने से पहले प्राइस आ गया, तो मेरा खरीद लेना। यह ऑटोमेटिक अपने शेड्यूल कर दिया, यह समझ लो। शेड्यूल कर दिया आपने ₹4,100 पर। अगर गिरकर प्राइस आया, शाम होने से पहले, क्योंकि शाम तक का ही हिसाब-किताब है।
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शाम मार्केट क्लोज होने के बाद यह सब
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रिसेट हो जाएगा, तो खरीद लेना, और उस प्राइस पर अगर नहीं आया, तो नहीं मिलेगा फिर आपको। ठीक है, तो पैसा उस वक्त के लिए ब्लॉक हो जाएगा आपका, और अगर नहीं खरीदा है, तो पैसा रिलीज हो जाएगा।
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अच्छा, दूसरा ऑप्शन है “मार्केट”। यह वाला “मार्केट”। हम मार्केट पर क्लिक करते हैं, जरा देखो।
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मार्केट, मार्केट पर क्लिक करते ही जैसे हमने मार्केट सेलेक्ट किया, यह डिसेबल हो गया। मतलब अब एडिट करने का ऑप्शन नहीं है। इसका मतलब यह है कि अभी जो करंट रनिंग प्राइस है, उसी पर शेयर खरीद आएगा। आप यहां यह नहीं बोल सकते कि इतने पर आएगा, तब लेना। ठीक है।
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तो दोनों ऑप्शन होता है। कई लोगों का कैलकुलेशन होता है। अभी ₹4,500 है। ₹4,400 आएगा आज। मेरा गणित कह रहा है, पूरा कैलकुलेट करके बैठे हैं, तो ₹4,400 लगाकर के बाय कर दिए। जिस मोमेंट ₹4,400 आए, आपका खरीद लिया जाएगा। कुछ लोग अज्ञानी हैं, पता नहीं ₹4,400 आया, ₹4,600, पता नहीं है। अरे, मार्केट, मार्केट पे ले ले, तो मार्केट पे खरीद लेते हैं।
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ठीक है?
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तो आई होप इतना कुछ आपको आज के लिए समझ में आया होगा। देखो, इन्वेस्ट करने के लिए कुछ बेसिक फैक्टर आपको बता देता हूं। बेसिक फैक्टर जरूर देखो। जिस भी कंपनी में इन्वेस्ट कर रहे हो, उसका मैनेजमेंट जरूर देखो।
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कि मैनेजमेंट में कौन है, भैया, किस तरह का आदमी है? बढ़िया क
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बढ़िया आदमी है। अच्छा, Tata Motors जैसे एग्जांपल, हमने ले लिया। Tata Motors का एक टाइम था जब गाड़ियां नहीं दिखती थीं आपको रोड पर। नहीं बिकती थीं। इसका मतलब, उस टाइम पे प्राइस भी डाउन हो रहा था।
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आज के टाइम पे, गाड़ियां बिकी हैं। तो Tata Motors की प्राइस बढ़ी है। अच्छा, आज के टाइम पे देखो, सोलर का बहुत डिमांड बढ़ रहा है। तो Tata का जो सोलर वाली कंपनी है, Tata Power, उसकी बढ़ेगी, उसका बढ़ेगा। क्या बढ़ सकता है शेयर।
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अच्छा, जो भी देखो आप मार्केट में, जो हलचल ज्यादा हो रही है। अब जैसे हिंदुस्तान
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Unilever के शेयर के प्राइस बढ़ेंगे, घटेंगे सर? हर घर में
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Surf Excel और पता नहीं कौन-कौन सा कपड़ा धोने-धाने का सामान, वह सब तो पहुंचता ही है ना? इसकी डिमांड तो बढ़ने वाली है ना? आबादी बढ़ेगी, तो शेयर प्राइस भी बढ़ने के चांसेस हैं।
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यह एक पैरामीटर। इस बेसिक चीज के बेसिस पे आप जज कर सकते हो, भैया, प्रोडक्ट की डिमांड अगर मेरे चारों तरफ है, तो कंपनी का शेयर कैसे गिर सकता है?
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इस बेस पर सर्च करो। अब शहरों में जैसे पिज्ज़ा, Domino’s, बहुत Domino’s, जहां खुल जाए भैया, सेल ही सेल। लोग दब-बड़का-बड़का पिज्ज़ा लेकर के, मुंह दबाए पड़े
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हैं। तो जब Domino’s जहां खुल रहा है, डिमांड बढ़ जा रही है, खूब पिज्ज़ा बिक रहा है, तो Domino’s की जो कंपनी है, भैया, वो क्या, नाम क्या है? Jubilant FoodWorks, उसका शेयर बढ़ेगा या घटेगा? बढ़ेगा ना?
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तो इस बेस पे आप डिसाइड कर सकते हो। फंडामेंटल एनालिसिस का बेसिक एक यह फैक्टर है।
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बाकी बहुत सारे फैक्टर हैं। वो भी चीजें मैं आपको शेयर कर सकता हूं। मुझे कमेंट बॉक्स में बताइए कि आपको चाहिए क्या? ट्रेडिंग सीखना है?
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फंडामेंटल एनालिसिस सीखना है? स्टॉक मार्केट को और इन डेप्थ, एडवांस्ड लेवल पे सीखना है? मुझे जो भी बताइए, और मजा आया क्या इस सेशन में? अगर मजा आया, तो यह भी मुझे बताओ कि भैया, मजा आ गया, सेशन।