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1 करोड़ माइंडसेट: स्मार्ट इन्वेस्टिंग के साथ वित्तीय स्वतंत्रता | 1 CRORE Mindset: Smart Investing for Financial FREEDOM

सफलता की कहानी: परिणाम और आत्मविश्वास

1 करोड़ Mindset: स्मार्ट इन्वेस्टिंग फॉर फाइनेंसियल फ्रीडम _ अंकुर वारिकू _ हिंदी

लोग अक्सर यह बोलते हैं कि इस चैनल पे करोड़ों से नीचे तो बात ही नहीं होती। एक रीजन है। आपका पहला करोड़ आपकी जिंदगी बदल देता है। इसलिए नहीं, क्योंकि वह ₹1 करोड़ रुपए है, वाकई में बहुत बड़ा अमाउंट है, क्योंकि उसके बाद आपकी गेम ही बदल जाती है। आपके पहले करोड़ पहुंचने में काफी वक्त लगता है। मेहनत लगती है, शिद्दत लगती है, डिसिप्लिन लगता है। लेकिन उसके बाद, एक ऐसा रिदम, एक ऐसा फ्लाई व्हील बन जाता है कि आपको यकीन भी नहीं आएगा आपका एक करोड़ कैसे कई करोड़ों में बदल जाता है।

कंपाउंडिंग: पैसे का जादू

एग्जांपल के तौर पर, अगर मैं आपसे पूछूं कि आप ₹10 लाख, एक लम सम अमाउंट, स्टॉक मार्केट में डालते हैं, एंड वो ऑन एन एवरेज 12% साल का कमाता है, जो कि एक निफ्टी 50, अगर आप पिछले 10-15 साल का रिटर्न देखेंगे, मोटा-मोटा इतना ही बैठता है, तो कितने सालों में आपके ये ₹10 लाख एक करोड़ बन जाएंगे? अब कुछ लोग इसका सही जवाब देंगे, कुछ लोग नहीं देंगे। देखते हैं 20 साल में क्या होगा?

कंपाउंडिंग: पहला करोड़

अरे वाह, ₹96 लाख हो गए हैं, मतलब बहुत पास पहुंच चुके हैं। 21 साल, ₹1 करोड़ 8 लाख। तो मतलब 21 साल के अंदर आपके ये ₹10 लाख रुपए जो है एक करोड़ बन जाएंगे। एंड आप कहेंगे, 21 साल तो बहुत लंबा पीरियड होता है। क्या ही कर लेंगे। फिर एक करोड़ का अचार डालेंगे। वह एक करोड़ रुपए 21 साल बाद पता कितने होंगे? ₹10 लाख की कीमत भी नहीं होगी उसकी, औकात, हैसियत क्या होगी?

कंपाउंडिंग: दूसरा करोड़

ऑल वेरी गुड रिमार्क्स! बहुत अच्छी टिप्पणी, बहुत अच्छा रिएक्शन! दूसरा, दूसरा सवाल, इस एक करोड़ को दो करोड़ पहुंचने में कितना वक्त लगेगा? 21 साल तो निकल चुके हैं, तो आप अगर और 21 साल बैठ गए, तो तब तक तो सब लोग निकल जाएंगे। लेकिन यही कंपाउंडिंग का जादू है। 25 साल बाद देखते हैं आपका पैसा कहां पहुंचा होगा।

कंपाउंडिंग: पहला करोड़, दूसरा करोड़

₹1 करोड़ 70 लाख, 26 साल। ₹1 करोड़ 90 लाख, 27 साल। ₹2 करोड़ 1 लाख। यह क्या हुआ? 21 साल लग गए पहले करोड़ पहुंचने में, और फिर उसके बाद छह ही साल में दूसरा करोड़ आ गया। ऐसे कैसे?

कंपाउंडिंग: तेजी से बढ़ता धन

नथिंग चेंज! वही ₹10 लाख रुपए, वही 12% का इंटरेस्ट है। अब मैं अगर आपसे पूछूं, यह दो करोड़ कब बनेगा? 29 साल के अंदर, ₹2 करोड़ 67 लाख। 30 साल, ₹3 करोड़। तीन ही साल के अंदर आप दो से तीन करोड़ तक चले गए। 35 साल, वह ₹10 लाख रुपए, जो कि 21 साल बाद ₹1 करोड़ बने थे, 14 ही साल के अंदर ₹1 करोड़ से ₹5 करोड़ 28 लाख हो गए। एसआईपी के साथ भी देखते हैं।

एसआईपी: समय का जादू

एसआईपी, ₹100 की, वही 12% पे ग्रो करेंगे, ज्यादा कुछ खेल नहीं खेलेंगे, और देखते हैं 20 साल बाद हम कहां पहुंचे। ₹99 लाख। मुबारक हो! तो आपने ₹100 की एसआईपी के साथ, 20 साल के अंदर ₹1 करोड़ रुपए कमा लिए हैं, 12% रेट ऑफ इंटरेस्ट पे। अब इस 20 को अगर आप 26 कर देंगे, तो वही ₹1 करोड़, ₹2 करोड़ 15 लाख हो गया। छह ही साल के अंदर आपका ₹1 करोड़, दो बन गया। इसको अगर हम 29 कर देंगे, तो ₹3 करोड़ 12 लाख। तीन ही साल के अंदर दो का तीन हो गया। समझ रहे हैं, क्या हो रहा है?

कंपाउंडिंग: सफलता की गति

अब बेसिकली, जितने सालों में पहले करोड़ पहुंचे हैं ना, उसके फराटेदार तेजी से दूसरा करोड़, तीसरा करोड़, चौथा करोड़ पहुंचेंगे। If you change nothing in the way you invest,

सफलता: इन्वेस्टमेंट की रणनीति

कि उनकी इन्वेस्टमेंट कहां रंग लाएगी? कितने मुकाम तक पहुंचेगी? उनकी हवाइयां उड़ जाती हैं। अगर मैं आपसे यह पूछूं कि 10 साल के अंदर आपको क्या लगता है आपके पास टोटल जमा पूंजी, with all of these returns built in, कितनी होगी? तो आपको क्या लगता है?

सफलता: समय का महत्व

₹50 लाख। एंड अगर मैं आपसे पूछूं कि 20 साल में कितनी होगी? डबल होना चाहिए, 10 साल में। रोजलीन, आप करीबन ₹1 करोड़ 32 लाख की जमा पूंजी पर

सफलता: समय का महत्व

हो, 20 साल। अगर आप इसी अप्रोच पे रहे, तो आपके पास ₹1 करोड़ रुपए होंगे। सही है सर? हां।

एक करोड़ कहां से आएगा?

जी, अब सवाल उठता है कि ₹1 करोड़ कहां से और कैसे पहुंचे? सबसे पहली चीज, यह तो जाहिर सी बात है कि यह ₹1 करोड़ आप एफडी करके नहीं पहुंच सकते। यह ₹1 करोड़ आप पीपीएफ करके नहीं, मतलब एक्चुअली यह नहीं बोलना चाहिए, पहुंच तो सकते हैं। सदियां बीत जाएंगी। लाखों साल लग जाएंगे। लाखों तो नहीं, बट you get the feeling। जैसे जस्ट टू शो यू कि अंतर कितना होता है, अगर हम वही ₹10 लाख का लम सम अमाउंट करेंगे। हमने 12% पे किया, एंड हम 21 साल के अंदर ₹1 करोड़ 8 लाख पे पहुंचे।

निवेश: समझदारी और विकल्प

अब वही 12% का अगर हम 12% ना करके 6% करें, जो कि एफडी का रेट है, तो हम उस ₹10 लाख को सिर्फ ₹34 लाख तक ले जाएंगे। एंड अगर इस ₹10 लाख को 6% पर ₹1 करोड़ बनना पड़ेगा, बनना पड़ेगा, तो उसको लगेंगे 40 साल। 40 साल! दुगना अगर आप पीपीएफ में भी डालते हैं, जो कि 7% है, तो वह लेट्स सी, कितने में हो गया। 35 साल के अंदर पहुंचेगा। 35 या 34? हां, 34 से 35 साल के अंदर-अंदर पहुंचेगा वही ₹10 लाख। तो एक रेट ऑफ रिटर्न 5%, 6% से ऊपर तो डालना ही पड़ेगा।

निवेश: शेयर बाजार और जोखिम

अब why do people usually choose 12%? सिंपली, क्योंकि अगर आप निफ्टी 50, या सेंसेक्स को पिछले 10, 15, 20 साल के हिस्टोरिक रिटर्न को मैप करेंगे, तो वह ऑन एन एवरेज 12% आपको रेट ऑफ रिटर्न देता है। एंड, एंड दैट इज आल्सो नॉट कंसीडर्ड वेरी रिस्की इन द स्टॉक मार्केट, क्योंकि दीज़ आर प्रिडिक्टेबल कंपनीज। निफ्टी 50, भारत की टॉप 50 कंपनीज हैं। तो वह 50 कंपनीज बदलती रहेंगी, लेकिन है तो वह भारत की टॉप 50 कंपनीज, तो ऐसा तो नहीं है कि रातों-रात उनका हुलिया बदल जाएगा, कुछ प्रॉफिट-लॉस हो जाएगा, बंद हो जाएंगी। Nothing of that is going to happen। एंड अगर होता भी है, तो 50 का मिक्स विल चेंज, बट यू विल स्टे इन्वेस्टेड इन देर। तो दिस इज अ गुड टेबल।

एसआईपी: सफलता का रास्ता

यह इकोनॉमिक टाइम्स का एक टेबल था कि अगर आप 12% एनुअल रिटर्न मान के चलते हैं, एंड अगर आप 10, 15, 20, या 25 साल के अंदर ₹1 करोड़ तक पहुंचना चाहते हैं, तो आपकी मंथली एसआईपी अमाउंट कितनी होनी चाहिए। तो अगर आप 10 ही साल के अंदर पहुंचना चाहते हैं, आपको मंथली एसआईपी अमाउंट करीब ₹45,000 डालना पड़ेगा। यह सबके बस की बात नहीं है। इसीलिए 10 साल में ₹1 करोड़ पहुंच पाना, यह सबके बस की बात नहीं है। And you should not try and rush it. क्योंकि एक बहुत बड़ी गलती लोग करते हैं जिसके बारे में मैं अभी बताऊंगा।

एसआईपी: समयबद्धता का महत्व

15 साल में अगर आप ₹1 करोड़ पहुंचना चाहते हैं, तो ₹21,000 के अंदर ही हो जाएगा। अगर आप 20 साल के अंदर कंफर्टेबल, 12% पर ₹1 करोड़ पहुंचने के लिए तैयार हैं, तो आपको करीब

एसआईपी: समयबद्धता का महत्व

₹8,800 करने पड़ेंगे। यह सेम टू जो हमने ₹100 की एसआईपी देखी थी। करीब 21 साल में हमारा एक करोड़ आ गया था। और अगर आप 25 साल में वेट करके ₹1 करोड़ पहुंचने के लिए तैयार हैं, तो आपको सिर्फ

एसआईपी: समयबद्धता का महत्व

₹8,800 की एसआईपी करवानी पड़ेगी फॉर 25 ईयर्स।

निवेश की गलती: अति उत्साह और जल्दबाजी

अब गलती क्या करते हैं? गलती करते हैं कि यार मुझे पहुंचना 10 साल के अंदर और मेरे पास हर महीने ₹44,000 डालने की क्षमता नहीं। सो व्हाट?

निवेश की गलती: रिस्क और अप्रत्याशित रिटर्न

I can change this 12% क्योंकि अगर यह 12%

निवेश की गलती: रिस्क और अप्रत्याशित रिटर्न

हो जाए तो मजा आ जाएगा। Let’s see, अगर हमारी एसआईपी ₹100 की 20% दे रही हो, तो 10 साल के अंदर हमारे पास ₹48 लाख रुपए होंगे। और 15 साल के अंदर ₹1 करोड़ 1 लाख। इ अगर 14% करेंगे, तो करीब ₹90 लाख। मतलब 14 से 15 साल के अंदर-अंदर ही हमारा ₹1 करोड़ पहुंच गया। अगर यह 20%, 25% हो जाए, तो फिर 10 साल के अंदर ₹53 लाख रुपए, एंड 13 साल के अंदर ₹1 करोड़ 1 लाख। मतलब ₹100 की एसआईपी, लेकिन अगर 25% साल का रिटर्न मिल रहा हो, तो सिर्फ 13 साल के अंदर ही बंधु आप ₹1 करोड़ रुपए तक पहुंच जाए। कौन सी चीज है जो 25% साल का रिटर्न दे सकती है 13 साल के लिए?

निवेश: जोखिम और रिटर्न

एंड आंसर इज कुछ नहीं। कोई ऐसा इंस्ट्रूमेंट नहीं है जिसने डिक्टेबली, विदाउट टेकिंग मैसिव रिस्क, 13 साल के लिए 25% कंसिस्टेंटली रिटर्न डिलीवर किया है। अगर आप वह स्टॉक, वह म्यूचुअल फंड, वह इन्वेस्टमेंट एसेट ढूंढ लेते हैं, you are taking a mega risk.

निवेश की रणनीति: जोखिम का प्रबंधन

And yes, वह रिस्क काम कर सकता है। एंड लोगों के लिए काम किया है। ऐसा नहीं है कि नहीं किया है। अगर आप राकेश झुनझुनवाला की कहानी सुनेंगे, टाइटन के साथ जो उन्होंने इन्वेस्टमेंट करी थी, और कहां वह इन्वेस्टमेंट पहुंच चुकी है, कितर से शुरू हुई थी, it is unbelievable।

[संगीत]

वो लोग जो ज्यादा रिस्क लेने के लिए तैयार हो जाते हैं, not something that I would recommend. Not something that I would recommend. हां, आप एक चीज कर सकते हैं, you can balance the risk।

निवेश की रणनीति: विविधीकरण

तो मेरी अगर स्ट्रेटजी आप पूछें, ₹100 अगर आपको इन्वेस्ट करने हैं एंड 21 साल नहीं, लेकिन 17-18 साल के अंदर अगर आप ₹1 करोड़ पहुंचना चाहते हैं, then what I would do is कि 50% निफ्टी 50 में डाल दिया, बाकी का 30% जो है वह मिड कैप या फ्लेक्सी कैप में डाल दिया, एंड लास्ट का जो 20% है, वह स्मॉल कैप में डाल दिया।

निवेश की रणनीति: विविधीकरण

क्यों? क्योंकि स्मॉल कैप बहुत रिस्की है, लेकिन उसके चलते ओवर अ लॉन्ग पीरियड ऑफ टाइम, अच्छा रिटर्न भी दे सकता है। निफ्टी 50 स्टेबल है, लेकिन थोड़ा कम रिटर्न देता है। एंड इसका अगर बैलेंस हम कर देंगे, we will be perfectly fine। लेकिन वह लोग जो पूरा का पूरा पैसा क्रिप्टो में डाल देते हैं, पूरा का पूरा पैसा स्मॉल कैप में डाल दिया है, पूरा का पूरा पैसा किसी ऐसे रैंडम चिट फंड में डाल दिया जिसका कोई सर नहीं, कोई पैर नहीं, और पता भी नहीं कहां जाने वाला है।

निवेश की गलती: अति जोखिम

That is wrong। अगर आपको हाई रिस्क एसेट में पैसा डालना है, एंड प्लीज, आपकी लाइफ है, आपकी जिंदगी है, आप डालिए। Always be sure of the risk you are taking, and the willingness of how much capital you want to allocate to that. मैंने क्रिप्टो में इन्वेस्ट किया है, मैं क्रिप्टो पे बहुत स्ट्रांग बिलीव करता हूं। लेकिन no more than 10% of my total investments are in crypto. 90%

निवेश की रणनीति: संयम और विविधीकरण

बोरिंग म्यूचुअल फंड्स, बोरिंग। और मैं दिखाऊंगा वीडियो के एंड में कि वह बोरिंग टेक्नीक कैसे रंग लाई है। इन लास्ट 3 to 4 years, of course, लास्ट 3-4 साल एक अलग ही धुन भी मची है स्टॉक मार्केट में, एंड it is unreasonable to expect कि वह अगले 10 या 15 साल होने वाली है। But even then, it is ridiculous how sticking to an investment approach which is boring, yields the best, safest results.

निवेश: सफलता की कहानी

तो आइए अपनी कहानी देखते हैं। यह कंपनी की है, मेरी नहीं है। तो ऐसा नहीं है कि यह मेरा पैसा है, लेकिन you will get some sense. अगस्त 2021, यह है, by the way, NSDL की कंसोलिडेटेड अकाउंट स्टेटमेंट। गाइस बहुत बढ़िया रिपोर्ट होती है। हर महीने आती है। आपका चिट्ठा-फट्ठा, सब कुछ इसमें। बड़ा अच्छा लगता है मुझे महीने के एंड पर यह देखना, एंड देख के भूल जाना। आगे बढ़ो, पैसे डालते रहो।

निवेश: सफलता की कहानी: परिणाम

ओके, अगस्त 2021। पोर्टफोलियो का वैल्यू था ₹50

निवेश: सफलता की कहानी: परिणाम

लाख। जुलाई 2022, करीब एक साल बाद, वह पोर्टफोलियो बढ़कर हो चुका है ₹3 करोड़ 8 लाख। अब इसमें मेरे खुद के भी इन्वेस्टमेंट्स हैं। तो यहां आप देखेंगे जहां भी बहुत बड़ा एक जंप आया है, यहां

निवेश: सफलता की कहानी: परिणाम

इधर, इधर, इधर। यह सारे मेरी इन्वेस्टमेंट्स हैं। लेकिन यह जो बाकी के जंप आए हैं, यह पागलपन है। यह मार्केट का ही पागलपन है। आगे देखते हैं। जुलाई 2022, वही ₹3 करोड़ 80 लाख। एक साल के अंदर ₹6 करोड़ 30 लाख हो चुके हैं। इसमें आप देखेंगे, जो भी मोटा-मोटा है, it is not so much my investments, but the market performing like crazy.

निवेश: सफलता की कहानी: परिणाम

तो ऑफकोर्स, यह जब ₹4 करोड़ 16 से ₹4 करोड़ 70 हुआ, तो इसमें मेरी थोड़ी कंट्रीब्यूशन थी, बट ओवरऑल it is still the market performing. एट द एंड ऑफ़ द ईयर, ₹6 करोड़ 29 लाख। अभी आप देखेंगे, एंड यह जून का है, जुलाई का अभी तक आया नहीं है क्योंकि यह वीडियो अगस्त को मैं रिकॉर्ड कर रहा हूं, तो it usually comes around the 7th, और एंडिंग इज ₹8 करोड़ 69 लाख।

निवेश: सफलता की कहानी: परिणाम और आत्मविश्वास

अब इस ₹8 करोड़ 70 लाख रुपए के इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो में, मेरा खुद का कंट्रीब्यूशन ₹4 करोड़ 90 लाख। ₹4 करोड़ 90 लाख!

निवेश: सफलता की कहानी: परिणाम और आत्मविश्वास

को अगर आप 12 साल से डिवाइड करेंगे, मतलब ऑन एन एवरेज मैंने महीने के ₹1 लाख रुपए इन्वेस्ट करे हैं। एंड हम इससे कई ज्यादा प्रॉफिट कमाते हैं। Of course, सिर्फ स्टॉक मार्केट में इन्वेस्टमेंट नहीं होती है। US मार्केट में भी होती है, स्टार्टअप्स में भी होती है। As I said, बाकी एसेट्स, रियल एस्टेट में भी इन्वेस्ट किया हुआ है, but for a different reason. तो यह सारा जो है, that comes from the company corpus, और द कंपनी प्रॉफिट एंड it is invested, and it keeps growing by itself. Here is the key.

निवेश: सफलता की कहानी: परिणाम और आत्मविश्वास

यह ₹8 करोड़ 70 लाख अगर वही 12% से हर साल ग्रो करेगा, मेरा रेट ऑफ रिटर्न काफी हाई है क्योंकि मैंने थोड़े से अग्रेसिव बेट्स लिए हुए हैं। But that’s a different story. अगर वह 12% पर भी ग्रो करेगा,

निवेश: सफलता की कहानी: परिणाम और आत्मविश्वास

तो अगले साल, विदाउट एडिंग एनीथिंग, मेरे पास ₹1 करोड़ रुपए

निवेश: सफलता की कहानी: परिणाम और आत्मविश्वास

ज्यादा, क्योंकि 12% ऑफ ₹88.7 लाख इज ग्रेटर दन ₹1 करोड़। मतलब विदाउट इवन टचिंग दिस पोर्टफोलियो, वही 12% का रिटर्न, ₹1 करोड़ रुपए और ऐड कर देगा। महीने के करीब ₹8

निवेश: सफलता की कहानी: परिणाम और आत्मविश्वास

लाख, अगर उस पर मैं वह 20% कैपिटल गेन टैक्स भी दे देता हूं, I am still sitting on near ₹7 लाख, approximately, of free money, generated from the stock market. ₹7 लाख रुपए महीना!

वित्तीय स्वतंत्रता: लक्ष्य और आत्मविश्वास

हमारा टोटल महीने का खर्चा, घर का करीब ₹1 लाख महीना। स्कूल की फीस डाल दी, सारी सैलरीज डाल दी। सारा बिजली-पानी का खर्चा, बाहर करने का, ट्रेवल करने का, साल का भी अगर हम पूरा खर्चा निकाल लें। So we spend anywhere between ₹50 to ₹60 लाख a month। मतलब, टेक्निकली इस ₹8 करोड़ से 12% रिटर्न से, we are financially free. हमारे सारे खर्चे इसके रिटर्न से ही निकल सकते हैं। That is the power of investing and getting to an amount, जहां it makes a difference. वहां आप

वित्तीय स्वतंत्रता: लक्ष्य और आत्मविश्वास

पहुंचना है, that is where you have to go, that is where you have to go. अब जो लोग ₹1 करोड़ से कम हैं, और बोल रहे हैं, यार यह ₹1 करोड़ की ना बातें, बहुत बड़ी-बड़ी, और बहुत अच्छी लगती हैं, लेकिन होती नहीं हैं।

वित्तीय स्वतंत्रता: समयबद्धता और मेहनत

तीन टिप्स: नंबर एक, अपना पेशेंट होराइजन बढ़ाइए। 10 साल के अंदर कुछ नहीं होगा, चाहे आप जितना भी पैसा डाल दें।

वित्तीय स्वतंत्रता: समयबद्धता और मेहनत

आपने देख लिया ना? ₹44,000 महीना इन्वेस्ट करना पड़ेगा, तब जाके 10 साल के अंदर ₹1 करोड़ बनेगा। कितने लोग हैं जो ₹44,000 महीना इन्वेस्ट कर सकते हैं? बहुत बहुत बहुत बहुत कम!

वित्तीय स्वतंत्रता: समयबद्धता और मेहनत

तो please, be patient with your first करोड़। नंबर दो, जितना फोकस अपनी इनकम को बढ़ाने में कर सकते हैं, करिए। That should be your goal. अपने स्किल्स

वित्तीय स्वतंत्रता: समयबद्धता और मेहनत

इम्प्रूव करिए, अपनी अपॉर्चुनिटी एक्सपेंड करिए, अपने नेटवर्क में इन्वेस्ट करिए। Make your income your priority, without sacrificing your well being, mental and physical।

वित्तीय स्वतंत्रता: अनुशासन और निवेश की रणनीति

एंड नंबर तीन, बहुत जरूरी, डिसिप्लिन। इन्वेस्टिंग में सबसे ज्यादा बड़ी गलती जो लोग करते हैं, वह होती है कि यार, हमारे महीने में जो हमारी तनख्वाह है, उसमें से जो

वित्तीय स्वतंत्रता: अनुशासन और निवेश की रणनीति

खर्चे हैं, वह निकाल के जो बच गया, वह हम इन्वेस्ट करेंगे। गलत! America mindset! करोड़पति वाला mindset, यह बोलता है कि हमारी जो तनख्वाह है, उसमें से सबसे पहले हम अपनी इन्वेस्टमेंट्स करेंगे, फिर जो बच गया, उसमें हमारा घर चलेगा।

वित्तीय स्वतंत्रता: अनुशासन और निवेश की रणनीति

उसमें हमारा महीना चलेगा।

वित्तीय स्वतंत्रता: अनुशासन और निवेश की रणनीति

If you get that mindset, ऑटोमेट करिए अपनी इन्वेस्टमेंट्स को, एसआईपी शुरू करिए। यह नहीं कि महीने के एंड में लम सम अमाउंट डाल दिया।

वित्तीय स्वतंत्रता: समय का महत्व

मार्केट को टाइम करने की कोशिश मत करिए। इतने सारे लोगों से मैं अभी बात कर रहा हूं। क्या रिसेशन आने वाला है?

वित्तीय स्वतंत्रता: समय का महत्व

क्या मार्केट डूबने वाली है? क्या हम बेचते नहीं?

वित्तीय स्वतंत्रता: समय का महत्व

ब्रो, यह चलता रहेगा। रिसेशन तो आता रहेगा। तुम अभी बहुत जवान हो, तुमने एक ही रिसेशन देखे हैं। मैं तो पांच, छह देख चुका हूं। आएंगे-जाएंगे। साइकिल है। You stay invested. अगर पैसे की जरूरत नहीं है, हमें कभी बेचना ही नहीं है।

वित्तीय स्वतंत्रता: निरंतरता और अनुशासन

कैपिटल गेन टैक्स उन लोगों को लगता है जो बेचते रहते हैं। हम तो कभी बेचने के लिए डालते ही नहीं हैं। हमें पता नहीं क्यों लत लगी हुई है इन्वेस्टमेंट करने की, और हम करते रहते हैं। It’s like the dog chasing the car. हमें कोई आईडिया नहीं है कि अगर गाड़ी रुक गई, तो हम करेंगे क्या। हम बस गाड़ी के पीछे भाग रहे हैं। कम से कम मैं आपको कुत्ता नहीं बुला रहा हूं। अपने आप को बचा लो।

वित्तीय स्वतंत्रता: निवेश की रणनीति

मैं कुत्ता हूं, मैं कुत्ता हूं। उफ! तो दैट इज नॉट द पॉइंट, the point is you stay invested. Don’t time the market. Don’t believe कि आपको कुछ ऐसा पता है, जो मार्केट को नहीं पता है।

वित्तीय स्वतंत्रता: समयबद्धता और अनुशासन

ब आप समझदार हैं। And least of all, don’t keep checking your portfolio every day. It never helps, doesn’t ever help.

वित्तीय स्वतंत्रता: आपका प्रतिज्ञा

तो अब मुझे आपसे एक वादा चाहिए, एंड वादा यह है कि आप अपने पहले करोड़ के लिए पूरी शिद्दत के साथ, पूरी मेहनत के साथ, पूरी लगन के साथ एक अप्रोच बनाएंगे।

वित्तीय स्वतंत्रता: निवेश की रणनीति

You will decide कि आपकी कितनी क्षमता है एक एसआईपी करने की। आपने देखा है कि ₹10 लाख से भी ₹1 करोड़ बनता है। ₹5 लाख से भी बन जाएगा, ₹44,000 से भी बन जाएगा, ₹1 लाख से भी बन जाएगा। बनके तो रहेगा ही, अंतर सिर्फ वक्त का है।

वित्तीय स्वतंत्रता: जोखिम का प्रबंधन

एंड कितना रिस्क आप ले सकते हैं, या लेना चाहिए? कम रिस्क में सही से ₹1 करोड़ तक पहुंचने के लिए मेरी राय रहेगी, 50% of your investments in निफ्टी 50, 30% in मिड कैप या फ्लेक्सी कैप, 20% in स्मॉल कैप म्यूचुअल फंड्स।

वित्तीय स्वतंत्रता: निवेश की रणनीति

कोई स्टॉक पिकिंग नहीं। सिर्फ म्यूचुअल फंड्स। अगर आप डालेंगे तो बहुत अच्छे से मार्केट धीरे-धीरे धीरे आपको आपके करोड़ तक पहुंचा देगी। और जिस दिन आपका करोड़ पहुंच गया, उस दिन से वही सेम 12% आपको साल के ₹12 लाख रुपए देगा, महीने के ₹1 लाख रुपए देगा।

वित्तीय स्वतंत्रता: सफलता की यात्रा

एंड वही छह साल बाद, जब दो करोड़ हो चुका होगा, सेम रिटर्न आपको साल के ₹25, ₹26 लाख रुपए देगा, महीने के ₹2 लाख रुपए देगा। And there is no looking back ever. पहला करोड़, your focus.

वित्तीय स्वतंत्रता: समाप्ति और नई किताब का प्रचार

वे टू डू इट। डिसिप्लिन इन्वेस्टिंग, be patient, start tomorrow। सांग ऑफ़ माय न्यू बुक,

वित्तीय स्वतंत्रता: समाप्ति और नई किताब का प्रचार

“Make Epic Money,” एक महीने के अंदर ही एक लाख कॉपीज बेचकर हिंदुस्तान की बेस्ट सेलर बन चुकी है। आप इसको ऑर्डर कर सकते हैं। इसी के साथ, मेरी पहली दो किताबें, “Get Epic Shit Done,” and “Do Epic Shit,” भी बेस्ट सेलर्स हैं।

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