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21 दिन में इंग्लिश बोलने में माहिर बनें 🔥 इंग्लिश बोलने के 7 आसान तरीके

21 दिन में इंग्लिश बोलने में माहिर बनें 🔥 इंग्लिश बोलने के 7 आसान तरीके

21 दिन में इंग्लिश बोलने में माहिर बनें 🔥 इंग्लिश बोलने के 7 आसान तरीके

दो दोस्तों की कहानी: एक की सफलता, दूसरे की नाकामी

एक बार दो बहुत अच्छे दोस्त थे, लेकिन उनकी दोनों की इंग्लिश बहुत ज़्यादा खराब थी। क्लास में जब उनके टीचर उनसे इंग्लिश में कुछ पढ़ने के लिए बोलते थे, तो वे पढ़ तो लेते थे, लेकिन बहुत ही अटक-अटक के पढ़ते थे। इंग्लिश उन्हें समझ नहीं आती थी और ना ही वे इंग्लिश बोल पाते थे। वे सोचते तो बहुत थे कि क्लास में जाकर इंग्लिश में बोलेंगे, लेकिन जैसे ही बोलना शुरू करते थे, पता नहीं होता था क्या, इंग्लिश उनके मुंह से निकलती ही नहीं थी। ये समस्या उनके लिए बहुत बड़ी बन चुकी थी, और क्लास के सारे स्टूडेंट्स उनका मज़ाक उड़ाया करते थे।

कुछ साल बाद, उन्हें एक इंटरव्यू देने जाना था। उन्हें पता चला कि 21 दिन में उनका इंटरव्यू है, और इंटरव्यू इंग्लिश में होने वाला है।

दोनों ने अपने-अपने तरीके से इंग्लिश की तैयारी करना शुरू करी। जो स्टूडेंट नंबर वन था, उसने इंग्लिश एक अलग तरीके से पढ़ी। उसने सबसे पहले ग्रामर पढ़ना शुरू करा। उसने सोचा कि यार, इंग्लिश के लिए ग्रामर तो बहुत ज़रूरी है। उसने सब कुछ पढ़ लिया, एडवर्ब, नाउन, प्रोनाउन, सब पढ़ा। उसके बाद उसने डिक्शनरी पढ़ी, वर्ड्स लिखे, और ऐसे ही उसने 21 दिन तक इंग्लिश की तैयारी की।

जबकि दूसरा स्टूडेंट, उसने एक नया तरीका ढूँढा। उसने सात ऐसे स्टेप्स ढूँढे, जिसकी मदद से उसने 21 दिन में अपनी पूरी इंग्लिश स्ट्रांग कर ली।

जब उस इंटरव्यू राउंड का रिजल्ट आया, तो पता चला कि स्टूडेंट नंबर वन का तो सिलेक्शन नहीं हो पाया, लेकिन स्टूडेंट नंबर टू बहुत अच्छे मार्क्स से उस इंटरव्यू में सेलेक्ट हो गया।

इंग्लिश बोलने के 7 आसान तरीके

तो आखिर ये सात तरीके क्या थे, जो स्टूडेंट नंबर टू ने फॉलो किए?

इंग्लिश बोलने में माहिर होने के लिए 7 तरीके

नमस्ते दोस्तों, मेरा नाम प्रशांत है, मैं हज़ारों स्टूडेंट्स का मेंटर हूँ। आप सोच रहे होंगे ना कि भैया वो सात तरीके बताओ, जिसकी मदद से हम अगले 21 दिन में अपनी इंग्लिश एकदम स्ट्रांग कर लेंगे। वो तरीके तो मैं तुम्हें बताऊंगा ही, लेकिन उससे पहले मेरा एक सवाल है।

ये समस्या आपके साथ आती होगी, होता होगा कितनी बार, कि जब आप इंग्लिश पढ़ने जाते हैं, तो आप समझ तो लेते हैं, इंग्लिश लैंग्वेज आपको समझ आती है, आप पढ़ भी लेते हैं, लेकिन जब आप लाउडली पढ़ने लगते हैं, तो कहीं ना कहीं वर्ड्स में आप अटक जाते हैं। या फिर आप मन में तो सोचते हैं कि इंग्लिश में हम ये बोलेंगे, वो बोलेंगे, ऐसे करेंगे, ये करेंगे, लेकिन जैसे ही आप बोलना शुरू करते हैं, पता नहीं होता क्या है, इंग्लिश मुंह से निकलती ही नहीं है।

अगर ये समस्या आपके साथ होती है, तो सबसे पहले कमेंट में “Yes” लिख देना।

अब देखो, वो जो स्टूडेंट नंबर टू था ना, उसने सात तरीके फॉलो किए, और वही सात तरीके आपको अगले 21 दिन तक फॉलो करने हैं।

तरीका 1: सुनना (Listening)

एक बात समझ लो, किताबों के अनुसार इंग्लिश पढ़ने का एक बहुत ही बेकार तरीका है। वो तरीका क्या है?

आपको स्कूल में बताया जाता होगा कि इंग्लिश अगर आपको समझनी है, इंग्लिश अगर आपको बोलना सीखना है, तो सबसे पहले तो डिक्शनरी ले आओ, ग्रामर उठाओ, पहले ग्रामर पढ़ो। नाउन, प्रोनाउन, वर्ब, एडवर्ब, पता नहीं क्या-क्या होता है। उसके अलावा डिक्शनरी लाओ और वर्ड्स को समझो। उसके बाद कहीं जाकर इंग्लिश बोलना शुरू करो।

ये तरीका एकदम बेकार है। मैं कितने स्टूडेंट्स को देखता हूँ जो यही तरीका फॉलो कर रहे हैं, लेकिन कभी इंग्लिश बोलना नहीं सीख पाते।

आपका सबसे पहला स्टेप होना चाहिए, सुनना। आपको क्या सुनना है? इंग्लिश में चीजें सुनना है।

इससे क्या होगा? जब आप सुनोगे ना, तो आपका दिमाग एक्टिवेट होगा।

इमेजिन करो बचपन में जब आप छोटे थे, तो आपने हिंदी लैंग्वेज या अपनी रीजनल लैंग्वेज कैसे बोलना सीखा? आपके पेरेंट्स बोलते थे, और यही कारण था कि आपको वो लैंग्वेज बोलना आ गया।

क्योंकि आपने वो बचपन से लैंग्वेज सुनी, आपके दिमाग ने प्रोसेस की, और आपको समझ आया कि ये लैंग्वेज होती है।

किसी ने आपको ये लैंग्वेज नहीं सिखाई।

इंग्लिश हमें इसलिए नहीं आती क्योंकि हम इंग्लिश को नहीं सुन रहे हैं। हम बचपन से हिंदी या हमारी रीजनल लैंग्वेज सुन रहे हैं।

तो आज से क्या करो? इंग्लिश को सुनना शुरू करो। अलग-अलग मूवीज़, न्यूज़ चैनल, सबके ज़रिए आप सुनो। जितना आप सुनोगे, वर्ड्स आपको धीरे-धीरे समझ में आने लगेंगे, और आपके दिमाग को समझ आएगा कि अच्छा, ये इंग्लिश लैंग्वेज होती है।

तरीका 2: रोजाना 10 मिनट एक्सरसाइज़ (Daily 10 Minutes Exercise)

एक 10 मिनट की एक्सरसाइज़ बता रहा हूँ, और बहुत मस्त एक्सरसाइज़ है। रोजाना करनी पड़ेगी, अगले 21 दिन के लिए। अगर करने के लिए तैयार हो, तो सुनो।

एक-एक चीज के बारे में बोलो। वर्ड्स बोलो, लाइन बोलने की ज़रूरत नहीं है। बस वर्ड्स बोलो।

अगर वर्ड्स बोलोगे, तो धीरे-धीरे आपको चीजें समझ में आने लगेगी।

स्टूडेंट्स क्या गलती करते हैं? वे डायरेक्टली भागते हैं बड़े-बड़े पैराग्राफ बोलने के लिए। वे सोचते हैं कि कल से इंग्लिश बोलना सीख जाऊँ, तो पूरी लाइन याद कर लेता हूँ और इंग्लिश बोलने की प्रैक्टिस करता हूँ।

ये बेकार तरीका है। हमें छोटे-छोटे वर्ड्स से शुरुआत करनी पड़ेगी।

तरीका 3: पढ़ना (Reading)

हम इंग्लिश कैसे सीखेंगे? हमारे दिमाग की मदद से।

हमारा दिमाग कब किस चीज को जल्दी सीखता है? जब हम अपने सारे सेंस का यूज़ करते हैं।

मुझे पता है बीच-बीच में आप अटकोगे, कुछ ऐसे वर्ड्स होंगे जो आप नहीं बोल पाओगे। कोई दिक्कत नहीं है। अटक रहे हो, कोई दिक्कत नहीं है। धीरे-धीरे बोलो, लेकिन जोर-जोर से बोलो। स्लोली, बट लाउडली।

जब आप जोर-जोर से पढ़ेंगे, तो आपके बहुत सारे सेंस का यूज़ होगा। जितने ज़्यादा सेंस का यूज़ होगा, दिमाग उतनी जल्दी इंग्लिश को समझने लगेगा, और आपके दिमाग में इंग्लिश धीरे-धीरे फीड होती जाएगी।

तरीका 4: टेक्नोलॉजी का यूज़ (Technology)

अगर आपको इंग्लिश जल्दी बोलना सीखना है, तो टेक्नोलॉजी का यूज़ लेना पड़ेगा।

मैंने खुद लिंगो (Lingo) एप इस्तेमाल किया है। ये एक फ्री लैंग्वेज लर्निंग एप है, जिसकी मदद से आप केवल इंग्लिश नहीं, 40 से ज़्यादा भाषाएँ सीख सकते हैं, जैसे फ्रेंच।

इनकी सबसे अच्छी बात है कि आप बहुत आसानी से नई भाषाएँ सीख पाते हैं, कुछ एक्सरसाइज़ की मदद से।

इसके अलावा, उनका अभी एक कोर्स भी चल रहा है: इंटरमीडिएट इंग्लिश कोर्स। ये कोर्स बहुत अच्छा है, क्योंकि अगर आपको बेसिक इंग्लिश आती है, और आपको अपनी इंग्लिश को और ज़्यादा स्ट्रांग करना है, ख़ासकर अगर आपके कुछ समय में कोई इंटरव्यू है, तो ये कोर्स बहुत अच्छा रहने वाला है। इसकी लिंक मैं डिस्क्रिप्शन में दे दूँगा।

तरीका 5: पिक्चर मेथड (Picture Method)

ये बहुत अच्छी एक्सरसाइज़ है। अभी आपकी स्क्रीन पर एक पिक्चर आ गई होगी।

जैसे कि इस इमेज में क्लियर दिखाई दे रहा है: “I can see trees.” “I can see mountains.” “I can see a sun.”

जो जो चीजें आपको दिख रही हैं, ऐसे एक सेंटेंस बनाओ। इस इमेज से आपको इंग्लिश में एक पूरा सेंटेंस बनाना है। आप अभी वीडियो को पॉज़ करो, इमेज को देखो, और खुद एक सेंटेंस बनाओ।

इसकी प्रैक्टिस डेली बेसिस पर करोगे, तो बहुत आसानी से आप देखोगे कि आप सारी चीजें इंग्लिश में बोल पा रहे हैं।

एक और एक्सरसाइज़:

“Today, I woke up at 6 am.” “Then, I went to my school.” “I went to my coaching.” “I had my lunch.”

पूरी सारी चीजें आपको इंग्लिश में बोलनी है।

अगर आप ये डेली करेंगे, तो आपकी इंग्लिश ऑटोमेटिक क्लियर होती जाएगी।

ये जो समस्या है ना कि मन में तो बहुत सारे थॉट्स आते हैं इंग्लिश में, लेकिन बोल नहीं पाते, ये समस्या सॉल्व हो जाएगी।

तरीका 6: पेन-पेंसिल ट्रिक (Pen-Pencil Trick)

ये बहुत ज़रूरी ट्रिक है उन स्टूडेंट्स के लिए जो इंग्लिश क्लियर नहीं बोल पाते।

ए ई आई ओ यू

इससे क्या फायदा होगा? इससे आपको क्लियर इंग्लिश बोलने में मदद मिलेगी।

बहुत बार क्या होता है कि हमारी ज़बान बहुत आसानी से हिंदी या रीजनल लैंग्वेज तो बोल लेती है, लेकिन इंग्लिश नहीं बोल पाती।

जब आप इस एक्सरसाइज़ को करेंगे, तो आपको हैबिट लग जाएगी।

ये जो एक्सरसाइज़ है, बड़े-बड़े एक्टर्स भी करते हैं, क्योंकि उन्हें भी अपनी डायलॉग क्लियर करना होता है।

तरीका 7: दर्पण का इस्तेमाल करें (Mirror Method)

यहाँ तक हमने क्या किया? इंग्लिश को सुना, पढ़ा, बोला, कुछ एक्सरसाइज़ की, और अब हम क्लियर भी बोल पाएँगे।

अगला मेथड क्या है? दर्पण का इस्तेमाल।

ये सारी चीजें आप करेंगे, तो धीरे-धीरे आपके अंदर कॉन्फिडेंस आएगा।

एक और ज़बरदस्त ट्रिक:

डे वन में आप देखेंगे कि आपको कुछ इंग्लिश नहीं आती थी, लेकिन डे 21 में आप कितने फ्लूएंटली और कितने अच्छी तरीके से इंग्लिश बोल पा रहे हैं।

तरीका 8: कॉन्फिडेंस का महत्व (Confidence Matters)

वो जो स्टूडेंट नंबर टू था, और जो स्टूडेंट नंबर वन था, कहानी में सबसे बड़ा अंतर पता है क्या था? इंग्लिश तो थी ही, लेकिन उससे बड़ा अंतर था कॉन्फिडेंस। स्टूडेंट नंबर वन में कॉन्फिडेंस नहीं था, जबकि स्टूडेंट नंबर टू में बहुत सारा कॉन्फिडेंस था, जिसकी मदद से उसने अपने इंटरव्यू को क्रैक किया।

इसके पीछे एक बहुत अच्छी कहानी भी है।

एक बार क्या होता है, एक इंसान था जो जूते की दुकान पर काम करता था, और वो इतनी अच्छी तरीके से जूता बेचता था कि अगर कोई भी उस दुकान के पास से निकलेगा, तो जूता लेके ही जाएगा। वो इंसान को बात करनी इतनी अच्छी आती थी कि वो बात करके सामने वाले को मना लेता था कि एक जूता दुकान से ले ही जाओ।

अब हुआ क्या? 15 दिन के लिए उसे इंग्लिश सिखाई गई, और 15 दिन बाद वो 90% लोगों से ज़्यादा अच्छी इंग्लिश में बात कर पा रहा था।

तो सब शॉक हो गए कि यार इसने बचपन से कभी इंग्लिश नहीं बोली, इसको 15 दिन में इतनी अच्छी इंग्लिश कैसे सीख गई?

तब लोगों को समझ आया कि लैंग्वेज इतनी मैटर नहीं करती, मैटर क्या करता है?

मैटर करता है कॉन्फिडेंस। वो जो इंसान था ना, उसके पास बोलने के स्किल्स थे। चाहे उसके पास हिंदी में स्किल्स हों, वो बहुत अच्छी तरीके से बात करता था, खुल के बात करता था। उसके पास कॉन्फिडेंस था। वही कॉन्फिडेंस उसने इंग्लिश लैंग्वेज में यूज़ करा।

हाँ, उसकी जो ग्रामर थी, वो बहुत खराब ग्रामर थी। वो टूटी-फूटी ग्रामर में बात करता था। उसे कुछ नहीं पता था ग्रामर के बारे में, प्रोनाउन, वर्ब, कुछ नहीं पता था। लेकिन फिर भी वो इतनी अच्छी इंग्लिश इसलिए बोल पाता था क्योंकि उसे खुद पे कॉन्फिडेंट था।

इंग्लिश तुम कैसी भी बोलो, टूटी-फूटी बोलो, रुक-रुक के बोलो, लेकिन अगर तुम कॉन्फिडेंट से बोल रहे हो, स्माइल के साथ बोल रहे हो, तो सामने वाले को लगेगा कि हाँ, इसको इंग्लिश आती है।

अगर आपको इंग्लिश सही में बोलनी सीखनी है, तो सबसे पहले अपना कॉन्फिडेंस स्ट्रांग करो। लोगों के पास जाकर बात करो, उनसे बोलो। डरो मत कि लोग क्या कहेंगे, जज करेंगे।

आई होप ये जो सात मेथड्स हैं, इन सात मेथड्स को आप फॉलो करेंगे, और इन सात मेथड्स से आपकी लाइफ में भी एक चेंज आएगा, और आप भी अगले 21 दिन के अंदर इंग्लिश को सीख पाओगे।

शुक्रिया, मेरा नाम प्रशांत है। अगर आपको वीडियो अच्छी लगी है, तो अपने एक दोस्त के साथ शेयर करना, चैनल सब्सक्राइब करो या मत करो, वो आपकी मर्ज़ी है, लेकिन अपने एक दोस्त के साथ शेयर करो ताकि उसकी भी मदद हो पाए।

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