[PDF] Eat that frog book summary in hindi ब्रायन ट्रेसी की "ईट दैट फ्रॉग" | eBookmela

Eat that frog book summary in hindi ब्रायन ट्रेसी की “ईट दैट फ्रॉग”

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ब्रायन ट्रेसी की “ईट दैट फ्रॉग”: मुश्किल काम सबसे पहले! (Book Summary)

नमस्कार दोस्तों! क्या आपको भी चीजों को टालने की आदत है? क्या आप कुछ भी सही वक्त से नहीं कर पाते हैं? क्या आप अपनी ज़िंदगी में बहुत कुछ करना चाहते हैं, लेकिन उसको मैनेज नहीं कर पाते हैं? क्या आप ये समझ नहीं पाते हैं कि क्या काम पहले करना है और क्या काम बाद में?

अगर आप भी इन्हीं सवालों से घिरे हैं और समझ नहीं पा रहे हैं कि बिल्कुल क्या करें, तो आज यह समरी आपके लोगों के लिए बहुत काम आने वाली है।

आज हम जिस किताब के बारे में बात करेंगे, उसका नाम है “ईट दैट फ्रॉग”, जिसे ब्रायन ट्रेसी ने लिखा है। ब्रायन ट्रेसी अर्थशास्त्र, इतिहास, मनोविज्ञान के क्षेत्र में पिछले 30 सालों से भी ज़्यादा वक्त से एक टॉप सेलिंग लेखक के तौर पर हैं। उन्होंने 70 से भी ज़्यादा किताबों को लिखा है और उनमें योगदान दिया है।

ट्रेसी पब्लिक स्पीकिंग के लिए बहुत ही पैशनेट हैं, और बहुत बार कॉर्पोरेट और पब्लिक ऑडियंस से पर्सनल और प्रोफेशनल डेवलपमेंट के बारे में बात कर चुके हैं।

यह किताब 21 टिप्स की एक लिस्ट है जो आपको काम को ना टालने और ज़्यादा काम करना सिखाती है। ये किताब उन लोगों के लिए बहुत अच्छी है जो काम के नीचे दबे हुए हैं, और नहीं जानते हैं कि कहाँ से शुरू करें।

आज आप समझेंगे कि कैसे ज़रूरी कामों को पहचानें और कैसे केंद्रित रहें।

तो चलिए देर किस बात की, शुरू करते हैं वीडियो, और जानते हैं कि वो 21 टिप्स कौन-कौन सी हैं:

ब्रायन ट्रेसी के 3 डी: डिसीजन, डिसिप्लिन, डिटरमिनेशन

सबसे पहले हम बात करते हैं ब्रायन ट्रेसी के 3 डी के बारे में:

  • डिसीजन (Decision): काम को पूरा करने के लिए बहुत ज़रूरी है। जब आप कोई नई आदत बनाते हैं, जब तक वह ऑटोमेटेड ना हो जाए, उसे रोज करते रहने के लिए अनुशासन की ज़रूरत पड़ती है।

  • डिसिप्लिन (Discipline): नई आदत की शुरुआत में दृढ़ संकल्प ज़रूरी होता है।

  • डिटरमिनेशन (Determination): कोई भी काम करते रहने की प्रेरणा के लिए आपको दृढ़ संकल्प की ज़रूरत होती है।

स्पष्टता (Clarity)

जब प्रोडक्टिविटी की बात आती है, तो सबसे ज़रूरी है लक्ष्य और उद्देश्य की स्पष्टता होना। जब आपको साफ तौर पर पता होता है कि आपके गोल्स क्या हैं, और आपको उन्हें पाने के लिए क्या करना है, तो आप ज़्यादा काम, ज़्यादा तेजी से करते हैं।

इस क्रम में ब्रायन ट्रेसी ने कुछ टिप्स दी हैं:

  1. फ़ैसला करें कि आप क्या चाहते हैं।

  2. उसे लिखकर कमिट करें।

  3. एक समय सीमा बनाएँ।

  4. अपने लक्ष्य तक पहुँचने के लिए क्या करने की ज़रूरत है, उसे पहचानें और उनकी सबकी लिस्ट बनाएँ।

  5. अपनी लिस्ट को एक प्लान में बदलें, जिससे पहले करने की ज़रूरत है, उससे शुरुआत करें।

  6. अपने प्लान पर एक्शन लेना जल्द से जल्द शुरू करें।

  7. हर रोज कुछ ना कुछ करते रहें, और कोशिश करें कि आप अपने लक्ष्य तक पहुँचने के लिए सब कुछ कर रहे हैं।

साफ लिखे हुए गोल्स का आपकी सोच पर कमाल का असर पड़ सकता है। वे आपको मोटिवेट करते हैं, आपकी क्रिएटिविटी को बढ़ाते हैं, आपकी एनर्जी को रिलीज़ करते हैं, और साथ ही आपको काम को टालने से बचाते हैं।

अग्रिम योजना (Advanced Planning)

आपको हर दिन एडवांस में प्लान करना चाहिए। अपने दिनों को प्लान करने से आपकी ज़िंदगी पर अलग ही असर पड़ता है। इसका मतलब ये होता है कि आप कोई भी दिन अनजाना सा नहीं बिताते हैं। आप हमेशा समझते हैं कि आप खुद से क्या उम्मीद रखते हैं। काम को टालने से बचने का सबसे अच्छा टूल है आपका दिमाग, आपकी सोच, प्लान करने और फ़ैसला लेने की क्षमता।

लेखक ने यहां “6P फ़ॉर्मूले” के बारे में भी बात की है:

“6P” का मतलब है: Proper Prior Planning Prevents Poor Performance.

जिसका सीधा सा मतलब है कि काम से पहले की गई सही प्लानिंग से खराब परफ़ॉर्मेंस से बचा जा सकता है। लेखक समझाते हैं कि योजना बनाना एक सरल सा कार्य है।

जब आपका कोई बड़ा प्रोजेक्ट पेंडिंग हो, तो उसे पूरा करने के सभी स्टेप्स की लिस्ट बनाएँ। इनको प्राथमिकता और डेडलाइन के हिसाब से अरेंज करें। आपके सामने क्लियर टाइमलाइन और प्लान आ जाएगा।

लिस्ट में ऊपर से शुरू करें, और नीचे तक काम करते चले जाएं। और इस तरह आपका काम वक्त पर ख़त्म हो जाएगा।

80/20 रूल (80/20 Rule)

इस क्रम में आगे ब्रायन ट्रेसी बताते हैं कि “80/20 रूल” क्या है।

आपके हर काम पर 80/20 रूल लगाया जा सकता है। उदाहरण के लिए, आप जो भी करते हैं, उसका 20% ही आपके रिजल्ट का 80% हिस्सा बनाएगा।

आपके पास 10 टास्क की एक लिस्ट हो सकती है। इनमें से एक-दो ज़्यादा ज़रूरी होंगे, जिन्हें पहले करना ज़रूरी होगा।

अपनी सूची को महत्व के आधार पर प्राथमिकता दें। सबसे ज़्यादा ज़रूरी काम सबसे ज़्यादा मुश्किल होते हैं, पर उनसे आपको सबसे ज़्यादा फायदा भी होता है। इसलिए, आपको नीचे के 80% काम को ना करके, ऊपर के, अर्थात टॉप के 20% काम को पहले करना चाहिए।

और छोटे कामों को करने के लालच पर काबू पाना चाहिए।

परिणामों को समझें (Understand Consequences)

अब हम बात करते हैं सभी परिणामों और अपने समय को समझने पर। जो भी काम आप शुरू करें, पहले उसके परिणाम और संभावित परिणाम पर विचार करें। इससे आपको काम की अहमियत पता चलेगी।

जिन लोगों के पास अपनी ज़िंदगी का लॉन्ग टर्म व्यू होता है, वे ज़्यादा बेहतर फ़ैसले ले पाते हैं कि आपको कितना वक्त किस काम पर खर्च करना है।

अगर आप अपने आने वाले 5 से 10 साल के बारे में सोचते हैं, तो आप ऐसे फ़ैसले लेंगे जो आपको आपके लॉन्ग टर्म गोल्स को हासिल करने की तरफ ले जाएँगे। और इसी से आपकी उत्पादकता और उत्पादन बढ़ेगा।

विलंब (Procrastination)

अब हम बात करते हैं कि क्या विलंब ठीक है?

आपको विलंब को रचनात्मक अभ्यास, अर्थात “क्रिएटिवली प्रैक्टिस” करना होगा, क्योंकि आप एक ही दिन में सारे काम नहीं कर सकते। इसलिए आपको कुछ चीजों को जाने देना होगा, छोटे कामों को टालना होगा।

छोटे-छोटे काम, जो समय बर्बाद कर सकते हैं, अक्सर ऐसे काम होते हैं जिन्हें आप छोड़ सकते हैं।

अगर आप अपने छोटे और कम ज़रूरी काम को टालेंगे, तो आप ज़रूरी काम ज़्यादा सफलता के साथ कर पाएँगे।

लेखक ने इसी क्रम में “ए बी सी डी ई मेथड”, अर्थात “ए बी सी डी ई विधि” बताई है।

  • A: सबसे ज़रूरी काम है, जिसे आप आज ही करना है। इससे एक से ज़्यादा काम भी हो सकते हैं, तो उन्हें A1, A2, A3 जैसे नाम दे सकते हैं।

  • B, C, D, E: ये काम सिर्फ़ तब किए जाने हैं जब A वाले सारे काम हो जाएँ। ये आपकी प्राथमिकता नहीं हैं। ये तब किए जाने चाहिए जब प्राथमिकता वाले काम पूरी तरह से किए जा चुके हों।

प्रमुख परिणाम क्षेत्र (Result Areas)

अपने मुख्य परिणाम क्षेत्र पर ध्यान दें। इसके पूरा होने में पूरी तरह आपका ही हाथ है। अगर आप ये नहीं करेंगे, तो ये नहीं होगा।

ऑफिस में काम करते हुए, अपने बॉस या सीनियर से डिस्कस करें, और अपने ज़रूरी ज़िम्मेदारियाँ जानें।

आप जिनके भी साथ काम करें, सबको अपने मुख्य परिणाम क्षेत्र पता होने चाहिए।

तीन का कानून (Law of Three)

आपको तीन मुख्य टास्क का पता लगाना होगा जो आपके या आपकी कंपनी के लिए सबसे ज़्यादा ज़रूरी हैं, और इन पर आपको सबसे ज़्यादा ध्यान देने की ज़रूरत है।

आपकी ज़िंदगी में तीन प्रमुख क्षेत्र हैं:

  1. परिवार या रिश्ते

  2. स्वास्थ्य, अर्थात फ़िटनेस

  3. आपका करियर

अगर आप हर एरिया के लिए एक गोल बना लेते हैं, तो आप सही चीजों पर ध्यान दे पाएँगे।

तैयारी (Preparation)

अगर आप वक्त की बर्बादी और टालने से बचना चाहते हैं, तो उस काम को शुरू करने से पहले आपके पास सभी टूल्स या रिसोर्सेस होने चाहिए।

तैयार होने का मतलब है कि आपको काम के बीच में से किसी चीज के लिए अपना ध्यान नहीं हटाना पड़ेगा, और आप बिना किसी रुकावट के अपना काम पूरा कर लेंगे।

कौशल उन्नयन (Skill Upgrades)

जब भी आपको ऐसा लगता है कि आपके पास किसी काम को पूरा करने के लिए ज़रूरी नॉलेज या काबिलियत की कमी है, तो आप उसे टाल देते हैं। इससे बचने के लिए, हमेशा अपनी स्किल को अपग्रेड करते रहें, और उसको तलाशते रहें।

हो सकता है आपको सब कुछ ना पता हो जो आपको पता होना चाहिए, लेकिन सीखते रहने से आपको दूर तक जाने में फायदा मिलेगा।

हमेशा सीखना सफलता के लिए न्यूनतम आवश्यकता, अर्थात “Minimum Requirement” है।

उसके लिए आप ये तीन ज़रूरी स्टेप्स ले सकते हैं:

  1. हर रोज एक घंटे के लिए पढ़ें, जो आपकी फ़ील्ड से रिलेटेड हो।

  2. किसी कोर्स या सेमिनार को अटेंड करने का अगर आपको मौका मिल रहा है, तो उसको ज़रूर अटेंड करें।

  3. ट्रैवलिंग के समय आप बुक्स भी पढ़ सकते हैं, या आप हमारी ऑडियो बुक्स भी सुन सकते हैं।

विशेष प्रतिभाएँ (Special Talents)

हर किसी के पास कोई खास टैलेंट होता है जो उन्हें सबसे अलग बनाता है। अपने टैलेंट को पहचानें, और उसे अपने करियर को बढ़ावा देने में उपयोग करें।

प्रतिबंध (Constraints)

जैसे सबके पास कोई खास टैलेंट होता है, वैसे ही ट्रेसी बताते हैं कि सबकी अपनी कोई कमज़ोरी भी होती है।

अगर आप उस कमज़ोरी या रुकावट को पहचान लेते हैं जो आपके गोल्स अचीव करने से रोक रही है, तो आप उससे लड़ने का एक प्लान बना सकते हैं, ताकि आप आगे बढ़ पाएँ और अपने गोल्स को पा सकें।

दबाव (Pressure)

हालांकि प्रेशर को सही नहीं माना जाता है, पर इसके अपने ही फायदे हैं। बहुत से लोग बिना प्रेशर के काम नहीं कर पाते हैं।

बहुत से लोग अपने लीडर का उन पर दबाव डालने का इंतज़ार करते हैं।

अगर आप खुद पर काम को करने लायक प्रेशर डालेंगे, तो बिना किसी की मदद के आप रोज प्रोग्रेस कर लेंगे।

व्यक्तिगत शक्तियां (Personal Powers)

आपका शरीर एक मशीन की तरह है, जिसे अच्छे से परफॉर्म करने के लिए ऑयल, फ़्यूल, और आराम की ज़रूरत है। और सिर्फ़ फ़िजिकल नहीं, इमोशनल और मेंटल एनर्जी का भी ध्यान रखना ज़रूरी है। अगर आप अच्छे से ध्यान रखते हैं, तो आप ज़्यादा मेहनत कर पाएँगे।

उसके लिए चार टिप्स दी गई हैं:

  1. बहुत ज़्यादा काम ना करें।

  2. अपने काम करने का सही रफ़्तार को समझें।

  3. रोज पूरी नींद लेने की कोशिश करें।

  4. अपनी शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखें। इसे अनदेखा मत करें।

प्रेरणा (Motivation)

बहुत से लोग ऐसा मानते हैं कि प्रेरणा ऐसी चीज है जो या तो आपके पास होती है या आपके पास नहीं होती है।

पर ऐसा नहीं है।

आप किसी घटना को कैसे लेते हैं, उसी तरह आपकी भावनाएं बनती हैं, और यही पता चलता है कि यह घटनाएँ आपको मोटिवेट करेंगी या डिमोटिवेट करेंगी।

आपकी रोज की प्रेरणा से आपके मूड और इमोशन पर असर नहीं पड़ना चाहिए।

टेक्नोलॉजी (Technology)

हम टेक्नोलॉजी के बिना अपनी ज़िंदगी की कल्पना नहीं कर सकते। पर ये समय बर्बाद भी हो सकता है।

आजकल के वक्त में इंटरनेट, संचार और सूचना में मदद के साथ-साथ, एक बहुत बड़ा व्याकुलता भी बन चुका है।

जब काम की बात आती है, तो हमेशा सुलभ होने का मतलब है, ज़्यादा ध्यान भटकने का होना।

ज़रा सोचिए, जब आप एक दिन, एक हफ़्ते, या महीने के लिए अपनी कम्युनिकेशन डिवाइस से दूर रहते हैं, तो कुछ भी नहीं होता है। दुनिया जैसे चल रही है, वैसे ही चलती रहती है।

स्लाइस और डाइस (Slice and Dice)

एक तकनीक है “स्लाइस और डाइस”। इसका मतलब है एक बड़े काम को छोटे टास्क में बांट लेना। इससे काम करना आसान होगा, और आप छोटे टास्क करते हुए लगातार प्रोग्रेस करते रहेंगे।

मनोवैज्ञानिक रूप से आपको एक छोटा टास्क करना ज़्यादा आसान लगेगा, और वो चाहे कितना भी छोटा हो, उसे पूरा करके आपको आगे काम करने का मोटिवेशन भी मिलेगा।

समय (Time)

आपको सबसे ज़रूरी काम को करने के लिए वक्त को अलग से निकालना होगा, अर्थात आपको “टाइम मैनेजमेंट” करना होगा।

इस वक्त में कोई रुकावट नहीं होनी चाहिए। इन “टाइम स्लॉट्स” को एडवांस में शेड्यूल करें, और काम बिना ध्यान भटकाए, उसको पूरा करें।

उतावलापन और गति (Urgency and Speed)

ये सबसे अच्छा होगा यदि आप अति आवश्यकता की भावना पैदा करें, ताकि काम करने की गति बनी रहे।

जब आप अपने लक्ष्यों की तरफ लगातार एक्शन लेते हैं, तो सफलता के लिए गति सिद्धांत को सक्रिय कर देते हैं।

इससे आपको काम शुरू करने में ज़्यादा एनर्जी लग सकती है, पर उसके बाद उसे करने में ज़्यादा एनर्जी नहीं लगेगी।

एक काम, एक बार में (One Thing at a Time)

किसी काम को ठीक तरीके से करने के लिए, आपको सिर्फ़ उसी काम को करना होगा, बिना किसी रुकावट और ध्यान भटकाए। एक वक्त में एक ही काम पर ध्यान देकर, आप उस टास्क पर खर्च करने वाले वक्त को 50% तक कम कर सकते हैं।

निष्कर्ष

तो दोस्तों, ये थी ब्रायन ट्रेसी द्वारा लिखित पुस्तक “ईट दैट फ्रॉग” की 21 टिप्स।

अगर आपको ये पसंद आई हो, तो प्लीज कमेंट में ज़रूर बताइएगा।

और हाँ, अब हम लोग बात कर लेते हैं कि हम लोगों ने इसमें क्या महत्त्वपूर्ण चीजें सीखी हैं:

  1. अपने लक्ष्यों और उद्देश्यों की स्पष्टता रखना।

  2. अपने दिनों को एडवांस में प्लान करना।

  3. 80/20 रूल को अप्लाई करना।

  4. लगातार सीखते रहना और अपने स्किल को अपग्रेड करते रहना।

  5. काम को छोटे-छोटे हिस्सों में बांट लेना।

  6. एक वक्त में एक ही काम करें।

दोस्तों, अगर ये बुक आप लोगों को पसंद आई हो, तो प्लीज कमेंट में ज़रूर बताइएगा। अगर आप लोगों के कोई सुझाव हो, तो उसको भी ज़रूर बताइएगा।

और मिलेंगे जल्द ही एक नई वीडियो के साथ।

तब तक के लिए सभी लोगों को धन्यवाद।

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