Google का $2 ट्रिलियन का बिजनेस मॉडल: Google कैसे पैसा कमाता है?
नमस्कार दोस्तों! क्या आप जानते हैं कि Google 2 ट्रिलियन डॉलर से ज़्यादा की कंपनी है? Google Maps React, Google APIs, Google के सर्च इंजन का नाम लेते ही आपके दिमाग में कौन सी तस्वीर आती है?
Google इतना लोकप्रिय क्यों है? आज के दिन हम फोटोकॉपी मशीन को Xerox मशीन कहते हैं, व्हाइट ग्लू को Fevicol कहते हैं, और Band-Aid को Bandage कहते हैं। जब भी कोई कंपनी अपनी फील्ड में इस तरीके से डोमिनेट करती है, तो उसके नाम को ही उसके काम से जोड़ा जाने लगता है। इसी तरीके से इंटरनेट सर्च करने को आज के दिन Google कहा जाता है।
Google की शुरुआत एक कॉलेज प्रोजेक्ट के तौर पर लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन ने की थी, एक मिशन के साथ: दुनिया की सारी इंफॉर्मेशन को ऑर्गेनाइज़ करना और उसे एक्सेसिबल और यूज़फुल बनाना। “To organize the world’s information and make it universally accessible and useful” – यह Google का मिशन था।
Google नाम की कहानी भी बहुत ही ख़ास है। अगर आप बहुत पुराने यूज़र हो इंटरनेट के, तो आपको याद होगा कि उस ज़माने में “Googol” शब्द इस्तेमाल होता था। “Googol” एक संख्या होती है। 1000 को हम 1 के बाद चार ज़ीरो कहेंगे, 10000 को 1 के बाद चार ज़ीरो कहेंगे। ऐसे ही 1 के बाद 100 ज़ीरो आएँगे तो उस नंबर को “Googol” कहा जाता है।
तो इस कंपनी का नाम Google “Googol” से ही प्रेरित है। शुरुआती दिनों में Google एक छोटा सा सर्च इंजन था, जो केवल 3-4-5 रिजल्ट्स दिखाता था, और अपने नाम को भी ऐसे ही 3-4-5 रिजल्ट्स के साथ नीचे लिखता था। लेकिन साल 2000 में Google का नया सिस्टम इंट्रोड्यूस किया गया, जिसे आज के दिन Google AdSense कहा जाता है। इसके चलते जो बिजनेसेस थे, वे पैसे दे सकते थे अपनी ऐड्स डिस्प्ले करने के लिए।
Google AdSense ने दुनिया का नक्शा ही बदल दिया। 2006 में Google ने YouTube को खरीद लिया।
Google ने 2006 में ही YouTube खरीद लिया था!
2008 में Google ने Android लॉन्च किया, और 2009 में Google ने Chrome ब्राउज़र को लॉन्च किया। Chrome आज के दिन दुनिया का सबसे पॉपुलर वेब ब्राउज़र है।
आगे चलकर Google ने स्मार्टफ़ोन्स, बुक रीडर्स, लैपटॉप्स, और स्मार्ट होम डिवाइसेस लॉन्च किए। Google ने आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस की फील्ड में भी बहुत बड़ी छलांग लगाई है।
यहाँ पर हम सबके लिए एक बहुत बड़ी सीख है: “Failure is the mother of all successes.” सही मायनों में सक्सेस अचीव करने के लिए आपको बहुत बार फेल होना पड़ेगा।
इन सारे सक्सेस और फेलियर को ध्यान में रखते हुए जानते हैं कि आज के दिन Google का बिजनेस मॉडल क्या है? Google कहाँ-कहाँ से पैसा कमाता है?
Google का कुल 280 बिलियन डॉलर्स का रेवेन्यू है। जिसमें से 58% पैसा, यानी 162 बिलियन डॉलर आता है Google AdSense से।
Google AdSense अलग-अलग वेबसाइट्स पर जो आप ऐड्स देखते हैं, जो आपको Google सर्च करने के दौरान दिखती हैं, उन ऐड्स से आता है।
दूसरा सबसे बड़ा रेवेन्यू सोर्स है Google Cloud Platform, जो 2.78 बिलियन डॉलर कमाता है। तीसरे नंबर पर है YouTube, 9 बिलियन डॉलर्स यहाँ से आते हैं।
यहाँ एक बड़ी इंटरेस्टिंग चीज़ है कि यही ऐड्स हम यूट्यूबर्स के लिए भी एक इनकम का सोर्स है। जो पैसा एडवर्टाइज़र्स पे करते हैं इन ऐड्स को दिखाने के लिए, वो पैसा क्रिएटर्स और Google पर शेयर होता है।
जो 45% रेवेन्यू YouTube से आता है, वो 29 बिलियन डॉलर्स Google को जाता है।
Google Play Store भी Google का एक बड़ा रेवेन्यू सोर्स है। जब कोई ऐप क्रिएटर अपनी ऐप को बेचता है, Google Play Store से, तो 70% रेवेन्यू उस ऐप बनाने वाले के पास जाता है, और 30% रेवेन्यू Google के पास जाता है।
Google Pixel फ़ोन्स और लैपटॉप्स बेचकर Google 6 बिलियन डॉलर का रेवेन्यू जनरेट करता है।
दिलचस्प बात ये भी है कि Google अपने नए प्रोडक्ट्स और सर्विसेस की रिसर्च करता है, और नए फेलियर अटेम्प्ट किए जाते हैं। लगभग 44 बिलियन डॉलर पैसा खर्च किया जाता है नॉन-प्रोडक्शन कॉस्ट में, जैसे कि ऑफिसेस, सिक्योरिटी, मार्केटिंग, अकाउंटिंग, एम्प्लॉयज़ की सैलरी देना। टोटल खर्चा इनका आता है, सारे एक्सपेंसेस मिलाकर लगभग 207 बिलियन डॉलर।
आप स्क्रीन पर Google की पूरी कंपनी की बैलेंस शीट देख सकते हैं। यहाँ आप ये भी देख सकते हैं कि इनकम बिफ़ोर टैक्स 71 बिलियन डॉलर बनता है। 2022 में लगभग 11 बिलियन डॉलर का टैक्स पे करते हैं, और लगभग 70 बिलियन डॉलर का Google का प्रॉफिट होता है।
इस पूरे बिजनेस मॉडल में जो सबसे इंटरेस्टिंग चीज़ है वो है ये “फ़्री” का फंडा। आखिर ये फ़्री चीजें देकर कैसे पॉसिबल है प्रॉफिट कमाना?
इसके पीछे दो कारण हैं:
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प्रीमियम मॉडल: ये फ़्री चीजें सारी कंप्लीट फ़्री नहीं हैं। बेस लेवल प्रोडक्ट्स फ़्री हैं, लेकिन अगर आपको प्रीमियम सर्विस चाहिए तो आपको पैसे पे करने पड़ते हैं।
ये एक बड़ी कॉमन बिजनेस स्ट्रेटेजी है, जिसे प्रीमियम मॉडल कहा जाता है (फ़्री + प्रीमियम)। बहुत सी कंपनियाँ इसका इस्तेमाल करती हैं, जैसे Spotify।
जिन लोगों को Google की फ़्री सर्विसेस का इस्तेमाल नहीं करना है, वे Google की प्रीमियम सर्विसेस का इस्तेमाल कर सकते हैं।
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डाटा कलेक्शन: जितनी ज़्यादा फ़्री सर्विसेस का हम इस्तेमाल करते हैं, उतना ही ज़्यादा Google हमारे बारे में डाटा इकट्ठा करता है।
जितना ज़्यादा Google हमारे बारे में जानता है, उतनी ही बेहतर तरीके से Google हम तक ज़रूरी ऐड्स पहुँचा सकता है।
मान लीजिए आप Google पर हेल्दी टिफ़िन सर्विसेस या न्यूट्रीशनिस्ट की सर्च कर रहे हो, तो आपको ऐड्स आने लगेंगी हेल्दी टिफ़िन सर्विसेस या न्यूट्रीशनिस्ट की।
अगर आप Google पर होटल्स के बारे में सर्च कर रहे हो, तो आपको ऐड्स आने लगेंगी दुबई टूरिज्म की, दुबई के अलग-अलग टूरिस्ट अट्रैक्शंस की।
Google के पास इतना ज़्यादा डाटा है कि वो हर यूज़र को पर्सनलाइज़्ड ऐड्स दिखा सकता है।
Google को ये ज़रूरतमंद डाटा कलेक्शन और टारगेटेड एडवर्टाइज़िंग करना है। यह चीज़ आज के दिन अपने आप में एक अलग साइंस बन चुकी है, इसे कहा जाता है SEO, यानी सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन।
अगर आपका अपना बिज़नेस है और आप चाहते हो कि Google पर बिना पैसे खर्च किए, ऑर्गेनिकली ही आपके बिज़नेस की वेबसाइट सर्च रिजल्ट्स पर ऊपर शो हो, तो आज के वीडियो के स्पॉन्सर्स आपके लिए काफी यूज़फुल होंगे।
“ThatWare” एक SEO की कंपनी है जो हज़ार से ज़्यादा प्रॉपर्टीज़ को टॉप पर रैंक कराने में मदद करती है आपके ब्रांड को, सर्च रिजल्ट्स में, ताकि आपका बिज़नेस और आपका ब्रांड और ज़्यादा विज़िबल बन सके, और लोग आपकी वेबसाइट पर आ सकें।
वे प्रेस रिलीज़, ROI ट्रैकिंग भी करते हैं, और रियल टाइम इंसाइट्स भी देते हैं ताकि आप इनके रिजल्ट्स को ट्रैक कर सकें, और इनफ़ॉर्म डिसीज़न ले सकें।
सर्च रिजल्ट्स में अच्छा रैंक किया जाना किसी भी छोटे बिज़नेस के लिए एक लॉटरी जैसा है, क्योंकि हज़ारों नए पोटेंशियल कस्टमर्स वहाँ पर सिर्फ़ एक Google सर्च करने पर आपकी वेबसाइट पर जा सकते हैं। इसका लिंक नीचे डिस्क्रिप्शन में भी मिल जाएगा, और अपनी इन्क्वायरी आप उन्हें ड्रॉप कर सकते हैं।
अब पेड ऐड्स के टॉपिक पर वापस आते हैं।
इस चीज़ को बेहतर समझने के लिए कि Google ऐड्स कैसे काम करती हैं, देखिए:
मान लीजिए आप अपनी ऐड्स को सिर्फ़ 20-30 साल की लड़कियों को दिखाना चाहते हैं, जो स्पेसिफ़िकली NCR के रीजन में रहती हैं, तो ये चीजें आप चूज़ कर सकते हैं।
और फिर आप कुछ कीवर्ड्स चूज़ कर सकते हैं, जैसे कि “Sun Glasses” या “Saree” और Google आपके ऐड्स को उन लोगों को दिखाएगा जो आपके टारगेट कस्टमर हैं।
Google पर अच्छी रैंक पर रखा जाए, इसके लिए पैसे के अलावा ऐड की क्वालिटी भी देखी जाती है। कि दूसरी तरफ जो यूज़र है, वो कितना ज़्यादा अच्छे तरीके से मैच कर रहा है इस स्पेसिफ़िक ऐड के साथ? उसने अगर कुछ सर्च किया है, तो कितना ज़्यादा रिलेवेंट है ये वाला एडवर्टाइज़मेंट उस यूज़र के लिए?
और यहाँ ऐड्स के भी अलग-अलग टाइप्स होते हैं, जैसे कि सर्च ऐड्स, जब आप Google पर सर्च करते हैं, तो आपको सर्च रिजल्ट्स के ऊपर ऐड्स दिख रही होती हैं।
यह Google AdSense की एक तरह की ऐड होती है।
और दूसरा, YouTube ऐड्स। ये वीडियो के बीच में या वीडियो के पहले प्ले होती हैं, इसमें भी स्किपेबल और नॉन-स्किपेबल की कैटेगरी होती है।
अगर हम इन सारी अलग-अलग टाइप की ऐड से आने वाले पैसों को टोटल करके देखें, तो Google AdSense से आने वाला रेवेन्यू, वो 237 बिलियन डॉलर है।
और वैसे ही 2022 में Google का टोटल रेवेन्यू था 280 बिलियन डॉलर। तो 280 में से 237 बिलियन डॉलर्स तो सिर्फ़ इन ऐड्स से ही कमाता है Google।
आप देख सकते हैं Google की इनकम पिछले 20 सालों से बढ़ती ही रही है, और 2020 से 21 में आप देखेंगे एक बहुत बड़ा जंप आया है। ये COVID की वजह से था। ज़्यादातर लोग अपने घरों में बैठकर इंटरनेट पर समय बिता रहे थे, ज़्यादा ऐड्स देखी जा रही थी, ज़्यादा एडवर्टाइज़र्स ऐड्स पर पैसे खर्च कर रहे थे।
Google एक ऐसी कंपनी नहीं है जो इस तरीके से टारगेटेड एडवर्टाइज़िंग पर निर्भर करती हो अपने बिज़नेस के लिए।
Meta की कंपनीज़, जैसे Facebook और Instagram भी इसी बिजनेस मॉडल पर निर्भर करती हैं, और ये भी बहुत बड़ी कंपनियाँ हैं, ज़्यादातर रेवेन्यू इन्हीं ऐड्स से ही आता है।
Google के बिज़नेस मॉडल में चुनौतियाँ
इस बिजनेस मॉडल में क्या कमियाँ हैं?
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प्राइवेसी कंसर्न्स: लोगों को चिंता होती है कि Google उनके बारे में क्या-क्या चीजें जानता है।
“I think it helps make the product better.”
2023 की इस खबर को देखिए: Google ने 40 मिलियन डॉलर्स का फाइन पे किया था कैलिफ़ोर्निया की स्टेट को, क्योंकि Google यूज़र्स की प्राइवेसी का उल्लंघन कर रहा था।
लोगों को लगता है कि अगर उनकी प्राइवेसी का ख़्याल नहीं रखा जा रहा है, तो वे Google पर ज़्यादा पैसे खर्च नहीं करना चाहेंगे, जिससे Google के रेवेन्यू पर असर पड़ेगा।
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एक ही टोकरी में सारे अंडे रखना: एक फ़ेमस कहावत है: “Don’t put all your eggs in one basket.” अपने सभी अंडों को एक टोकरी में मत रखो, कहीं वो टोकरी गिर गई, तो सारे अंडे टूट जाएँगे।
ये एडवर्टाइज़िंग का मॉडल पूरी तरीके से बिखर जाएगा अगर किसी दिन लोगों ने Google से सर्च करना बंद कर दिया।
अगर आप Google पर कुछ सर्च करोगे, तो पहले टॉप सर्च रिजल्ट्स ऐड्स ही होंगी।
अगर सर्च करने पर सिर्फ़ ऐड्स ही ऐड्स हर जगह दिखती हैं, तो उन सर्च रिजल्ट्स की यूज़फुलनेस कम होने लगती है।
अब इमेजिन करो एक ऐसा कंपटीटर आया जो आपको एक्ज़ैक्टली वही दिखाए जो आप सर्च करना चाहते हैं, बिना किसी ऐड्स के।
जैसे कि Chat GPT जैसा प्लेटफ़ॉर्म।
एक सवाल आप Chat GPT से पूछो, आपको सीधा एक पैराग्राफ में डायरेक्ट आंसर मिलता है, बिना किसी ऐड्स के।
लेकिन वही सवाल अगर आप Google पर सर्च करेंगे, तो आपके सामने ढेर सारे सर्च रिजल्ट्स होंगे, और आपको अलग-अलग सर्च रिजल्ट्स की रिलायबिलिटी नहीं पता, कौन सा रिलायबल है, कौन सा ट्रस्टेबल सोर्स है, किस वेबसाइट पर क्लिक किया जाए, किस पर नहीं किया जाए।
मेरी राय में ये AI पावर्ड चैट बॉट्स, जैसे कि Chat GPT, Google के लिए एक बड़ा कंपटीटर हैं।
अब ये तो आने वाला समय ही बताएगा कि अगले 20 सालों के लिए Google का बिज़नेस मॉडल सफल रहेगा या नहीं, लेकिन एक बात तो तय है, Google को खुद को बदलना होगा, खुद को अपग्रेड करना होगा, तभी Google अपनी स्थिति बरक़रार रख पाएगा।
निष्कर्ष
Google एक अद्भुत कंपनी है, जिसने दुनिया में क्रांति ला दी है। Google के बिजनेस मॉडल में बहुत सारे फायदे हैं, लेकिन कुछ चुनौतियाँ भी हैं।
आने वाले समय में Google कैसे इन चुनौतियों का सामना करेगा, ये देखना दिलचस्प होगा।