अलङ्कार सर्वस्वम् | Alankara Sarwaswam | गौरीनाथ शर्मा – Gaurinath Sharma, राजानक रुय्यक – Rajanak Ruyyak
अलङ्कार सर्वस्वम् – गौरीनाथ शर्मा द्वारा लिखित एक अद्भुत कृति
यह पुस्तक, “अलङ्कार सर्वस्वम्”, गौरीनाथ शर्मा द्वारा लिखी गई है, साहित्यिक अलंकारों पर एक व्यापक और गहन अध्ययन है। शर्मा जी ने इस पुस्तक में अलंकारों के प्राचीन विद्वानों के विचारों को संग्रहित करके एक अद्वितीय रचना की है। उनका व्याख्या शैली साफ़ और सरल है, जो पाठकों के लिए समझना आसान है। अलंकार शास्त्र के इच्छुक विद्यार्थियों के लिए यह पुस्तक एक मूल्यवान संसाधन है। इस पुस्तक को पढ़कर आप हिन्दी साहित्य के अलंकार शास्त्र को एक नए दृष्टिकोण से समझ सकेंगे।
अलङ्कार सर्वस्वम्: हिन्दी साहित्य में अलंकार शास्त्र का एक उत्कृष्ट मार्गदर्शक
“अलङ्कार सर्वस्वम्” गौरीनाथ शर्मा द्वारा लिखा गया एक ऐसा ग्रंथ है जो हिन्दी साहित्य के अलंकार शास्त्र को समझने और पढ़ने के लिए एक अद्भुत मार्गदर्शक का काम करता है। इस पुस्तक में अलंकार शास्त्र के मूलभूत सिद्धांतों से लेकर उनके व्यावहारिक उपयोग तक का विस्तृत चर्चा किया गया है। गौरीनाथ शर्मा ने इस पुस्तक में अलंकार शास्त्र के महान विद्वानों जैसे भामह, दंडी, कुंतक और राजानक रुय्यक के सिद्धांतों का विश्लेषण करते हुए उनकी महत्व को स्पष्ट किया है। इस पुस्तक के माध्यम से पाठक हिन्दी साहित्य के अलंकारों की गहन समझ प्राप्त कर सकते हैं।
अलङ्कार सर्वस्वम्: प्रमुख विशेषताएँ
- व्यापक विषयवस्तु: पुस्तक में अलंकार शास्त्र के विभिन्न आयामों को विस्तार से कवर किया गया है, जिसमें शब्दालंकार, अर्थालंकार और उपमा आदि शामिल हैं।
- स्पष्ट व्याख्या: गौरीनाथ शर्मा की व्याख्या शैली अत्यंत स्पष्ट और सुगम है, जो किसी भी पाठक के लिए समझना आसान है।
- प्राचीन विद्वानों के विचारों का समावेश: पुस्तक में प्राचीन विद्वानों के विचारों को संग्रहित करके उनके महत्व को स्पष्ट किया गया है।
- उदाहरणों का प्रयोग: पुस्तक में विभिन्न उदाहरणों का प्रयोग किया गया है जो पाठकों को अलंकारों की समझ को और भी बेहतर बनाता है।
- अलंकार शास्त्र की गहन समझ: पुस्तक के माध्यम से पाठक अलंकार शास्त्र की गहन समझ प्राप्त कर सकते हैं।
अलङ्कार सर्वस्वम्: अलंकार शास्त्र के अध्ययन के लिए एक मूल्यवान संसाधन
“अलङ्कार सर्वस्वम्” अलंकार शास्त्र के इच्छुक विद्यार्थियों के लिए एक मूल्यवान संसाधन है। यह पुस्तक न केवल अलंकारों के प्रकारों और उनके उपयोगों की समझ प्रदान करती है, बल्कि यह अलंकार शास्त्र के इतिहास और विकास को भी प्रकाश डालती है। गौरीनाथ शर्मा ने इस पुस्तक में अलंकार शास्त्र के महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की है, जिसमें अलंकार का भाषा पर प्रभाव, अलंकार और काव्य शिल्प और अलंकार और काव्य सौंदर्य शामिल हैं।
अलङ्कार सर्वस्वम्: अलंकार शास्त्र का एक नया दृष्टिकोण
“अलङ्कार सर्वस्वम्” हिन्दी साहित्य के अलंकार शास्त्र को एक नए दृष्टिकोण से समझने का अवसर प्रदान करता है। गौरीनाथ शर्मा ने अपनी व्याख्या में प्राचीन विद्वानों के सिद्धांतों को मॉडर्न दृष्टिकोण से जोड़कर एक अद्भुत संतुलन बनाया है। इस पुस्तक को पढ़कर आप हिन्दी साहित्य के अलंकार शास्त्र को एक नए दृष्टिकोण से समझ सकेंगे और इसके महत्व को और भी अच्छे से समझ सकेंगे।
राजानक रुय्यक – अलंकार शास्त्र का एक प्रमुख प्रणेता
राजानक रुय्यक हिन्दी साहित्य के एक महान अलंकार शास्त्री थे। उनकी कृति “अलङ्कार सरस्वती” अलंकार शास्त्र के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण योगदान है। रुय्यक ने अपनी कृति में अलंकारों के प्रकारों का विस्तृत वर्गीकरण किया है और उनके उपयोग के संबंध में नए सिद्धांत प्रस्तुत किए हैं। गौरीनाथ शर्मा ने “अलङ्कार सर्वस्वम्” में रुय्यक के सिद्धांतों का विस्तृत विश्लेषण किया है और उनकी महत्व को स्पष्ट किया है।
अलङ्कार सर्वस्वम्: हिन्दी साहित्य के अध्ययन के लिए एक अनिवार्य पुस्तक
“अलङ्कार सर्वस्वम्” हिन्दी साहित्य के अध्ययन के लिए एक अनिवार्य पुस्तक है। यह पुस्तक न केवल अलंकार शास्त्र की गहन समझ प्रदान करती है, बल्कि यह हिन्दी साहित्य के अलंकारों के इतिहास और विकास को भी प्रकाश डालती है। गौरीनाथ शर्मा ने इस पुस्तक में अपनी व्याख्या शैली और उदाहरणों के माध्यम से अलंकार शास्त्र को एक आकर्षक और समझने में आसान विषय बनाया है। इस पुस्तक को पढ़कर आप हिन्दी साहित्य की गहन समझ प्राप्त कर सकेंगे और इसके महत्व को और भी अच्छे से समझ सकेंगे।
संदर्भ
नोट: इस ब्लॉग पोस्ट में “अलङ्कार सर्वस्वम्” पुस्तक के विषयवस्तु और लेखक की शैली के बारे में अधिक जानकारी दिया गया है। यह पुस्तक अलंकार शास्त्र के इच्छुक पाठकों के लिए एक मूल्यवान संसाधन है और इसके अध्ययन से आप हिन्दी साहित्य की गहन समझ प्राप्त कर सकेंगे।
Aldankar Sarvasvam by Gaurinath Sharmana |
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Title: | Aldankar Sarvasvam |
Author: | Gaurinath Sharmana |
Subjects: | City |
Language: | san |
Collection: | digitallibraryindia, JaiGyan |
BooK PPI: | 600 |
Added Date: | 2017-01-22 02:09:04 |