[PDF] आश्वलायन गृह्यमन्त्रव्याख्या | Ashwalayana Grihyamantra Vyakhya | के० साम्बशिव शास्त्री - K. Sambashiv Shastri, हरदत्त मिश्र - Hardutt Mishra | eBookmela

आश्वलायन गृह्यमन्त्रव्याख्या | Ashwalayana Grihyamantra Vyakhya | के० साम्बशिव शास्त्री – K. Sambashiv Shastri, हरदत्त मिश्र – Hardutt Mishra

0

आश्वलायन गृह्यमन्त्रव्याख्या: एक अद्वितीय और मूल्यवान ग्रंथ

यह पुस्तक संस्कृत भाषा के अध्येताओं के लिए एक वरदान है। आश्वलायन गृह्यसूत्र का व्याख्यात्मक संस्करण, “आश्वलायन गृह्यमन्त्रव्याख्या” के० साम्बशिव शास्त्री द्वारा लिखी गई है, जिसमें प्राचीन भारतीय जीवन शैली और धर्म के बारे में बहुमूल्य जानकारी दी गई है। शास्त्री जी की व्याख्याएं सरल और स्पष्ट हैं, जिससे मंत्रों का अर्थ आसानी से समझ में आता है। यह पुस्तक धार्मिक अनुष्ठानों, रीति-रिवाजों, और समाज के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालती है। किसी भी संस्कृत शोधकर्ता या धार्मिक ज्ञान के इच्छुक व्यक्ति के लिए यह ग्रंथ एक अनिवार्य पाठ है।


आश्वलायन गृह्यमन्त्रव्याख्या: एक विस्तृत अध्ययन

“आश्वलायन गृह्यमन्त्रव्याख्या”, संस्कृत साहित्य में एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है जो आश्वलायन गृह्यसूत्र की व्याख्या प्रस्तुत करता है। यह ग्रंथ के० साम्बशिव शास्त्री द्वारा रचित है, जिन्होंने संस्कृत और वेदों के ज्ञान के लिए प्रसिद्ध हैं। इस ग्रंथ में गृह्यसूत्रों में प्रयुक्त मन्त्रों का विस्तृत व्याख्या दी गई है।

आश्वलायन गृह्यसूत्र:

आश्वलायन गृह्यसूत्र एक प्राचीन भारतीय ग्रंथ है जो गृहस्थ आश्रम के जीवन और विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों का वर्णन करता है। यह सूत्र वेदों की शिक्षाओं को प्राचीन भारतीय समाज में कैसे लागू किया जाता था, इसके विषय में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है।

के० साम्बशिव शास्त्री:

के० साम्बशिव शास्त्री, संस्कृत भाषा और वेदों के एक विद्वान थे। उनकी कई कृतियां संस्कृत साहित्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं। “आश्वलायन गृह्यमन्त्रव्याख्या” उनकी प्रसिद्ध कृतियां में से एक है।

पुस्तक का महत्व:

“आश्वलायन गृह्यमन्त्रव्याख्या” के महत्व का मुख्य कारण यह है कि यह गृह्यसूत्रों में उपयोग किए गए मन्त्रों के अर्थ को समझने में सहायता करता है। इसके अतिरिक्त, यह ग्रंथ प्राचीन भारतीय समाज के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालता है, जैसे कि:

  • धार्मिक अनुष्ठान: गृह्यसूत्रों में विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों का वर्णन है, जैसे जन्म सम्बन्धी अनुष्ठान, विवाह, और मृत्यु सम्बन्धी अनुष्ठान। “आश्वलायन गृह्यमन्त्रव्याख्या” इन अनुष्ठानों के मन्त्रों के अर्थ को समझने में सहायता करती है।
  • सामाजिक रीति-रिवाज: गृह्यसूत्र समाज की विभिन्न रीति-रिवाजों का भी वर्णन करते हैं, जैसे कुल परिवार व्यवस्था, माता-पिता और बच्चों के कर्तव्यों, और सामाजिक नियमों का पालन।
  • शिक्षा: गृह्यसूत्र शिक्षा के महत्व पर भी जोर देते हैं। यह ग्रंथ वेदों की शिक्षा के प्रसार और विद्यार्थियों के शिक्षा के विषय में जानकारी प्रदान करता है।

पुस्तक के लाभ:

“आश्वलायन गृह्यमन्त्रव्याख्या” का अध्ययन कई लाभ प्रदान करता है:

  • संस्कृत भाषा का ज्ञान: इस ग्रंथ के माध्यम से संस्कृत भाषा का ज्ञान बढ़ता है, और प्राचीन भारतीय साहित्य की समझ विकसित होती है।
  • धार्मिक ज्ञान: यह ग्रंथ धार्मिक अनुष्ठानों और रीति-रिवाजों के विषय में मूल्यवान जानकारी प्रदान करता है।
  • सामाजिक इतिहास: इस ग्रंथ से प्राचीन भारतीय समाज के सामाजिक रीति-रिवाजों और व्यवस्था के विषय में जानकारी प्राप्त होती है।

पुस्तक की उपलब्धता:

“आश्वलायन गृह्यमन्त्रव्याख्या” अब आसानी से उपलब्ध है। आप यह पुस्तक ऑनलाइन स्टोर से खरीद सकते हैं या किताबों के स्टोर से प्राप्त कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, यह पुस्तक अनेक डिजिटल लाइब्रेरी में भी उपलब्ध है।

निष्कर्ष:

“आश्वलायन गृह्यमन्त्रव्याख्या” एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है जो संस्कृत भाषा, धर्म, और प्राचीन भारतीय समाज के विषय में अनमोल जानकारी प्रदान करता है। यह पुस्तक किसी भी व्यक्ति के लिए उपयोगी है जो संस्कृत साहित्य, धर्म, और प्राचीन भारतीय इतिहास में रुचि रखता है।

संदर्भ:

Svalayanagrthyamantra Vyakhya by Sambasiva Sastri

Title: Svalayanagrthyamantra Vyakhya
Author: Sambasiva Sastri
Subjects: IIIT
Language: san
आश्वलायन गृह्यमन्त्रव्याख्या | Ashwalayana Grihyamantra Vyakhya 
 |  के० साम्बशिव शास्त्री - K. Sambashiv Shastri, हरदत्त मिश्र - Hardutt Mishra
Collection: digitallibraryindia, JaiGyan
BooK PPI: 600
Added Date: 2017-01-24 14:20:42

We will be happy to hear your thoughts

Leave a reply

eBookmela
Logo