ईश्वरानुमानं | Ishwaranumanam | गणेश उपाध्याय – Ganesh Upadhyay
ईश्वरानुमानं: गंगाधर उपाध्याय द्वारा एक उत्कृष्ट कृति
यह पुस्तक, “ईश्वरानुमानं,” गंगाधर उपाध्याय द्वारा लिखित, आपको प्राचीन भारतीय दर्शन की गहराई में ले जाती है। उपाध्याय ने ईश्वर के अस्तित्व को तार्किक रूप से प्रमाणित करने के लिए अनेक तर्क दिए हैं, जो इस पुस्तक में विस्तार से प्रस्तुत हैं। पुस्तक की भाषा स्पष्ट और सरल है, जिसके कारण इसे समझना आसान है। अपने ज्ञान और तार्किक दृष्टिकोण के साथ, उपाध्याय ने “ईश्वरानुमानं” को एक अद्भुत कृति बनाया है जो आपके ज्ञान को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में मदद करेगी।
ईश्वरानुमानं: गंगाधर उपाध्याय द्वारा एक महत्वपूर्ण दार्शनिक कृति
“ईश्वरानुमानं” गंगाधर उपाध्याय द्वारा लिखित एक महत्वपूर्ण दार्शनिक कृति है जो ईश्वर के अस्तित्व को तार्किक रूप से साबित करने का प्रयास करती है। यह पुस्तक न्याय दर्शन की अनुमान प्रक्रिया के माध्यम से ईश्वर के अस्तित्व को विश्लेषण करती है। पुस्तक के प्रमुख तर्क इस प्रकार हैं:
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विश्व की व्यवस्था: उपाध्याय तर्क देते हैं कि विश्व की व्यवस्था और इसमें दिखाई देने वाला नियमितता ईश्वर के अस्तित्व का प्रमाण है। यह नियमितता ऐसे कारण के बिना संभव नहीं है जो इसकी सृष्टि और संरक्षण करता हो।
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कार्य और कारण: उपाध्याय का तर्क है कि प्रत्येक कार्य के पीछे एक कारण होता है, और यह कारण श्रृंखला ईश्वर तक जाती है। ईश्वर ही सर्वोच्च कारण है जो सृष्टि का प्रारंभ और संरक्षण करता है।
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नैतिकता और धर्म: उपाध्याय यह भी तर्क देते हैं कि नैतिकता और धर्म का अस्तित्व ईश्वर के अस्तित्व का प्रमाण है। नैतिकता और धर्म के लिए एक उच्च शक्ति की आवश्यकता होती है जो उनके सिद्धांतों का समर्थन करे और उनकी पालना कराए।
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आत्मा की अमरता: उपाध्याय यह भी तर्क देते हैं कि आत्मा की अमरता ईश्वर के अस्तित्व का प्रमाण है। आत्मा एक अमर तत्व है जो शरीर के नाश के बाद भी बनी रहती है। यह आत्मा ईश्वर के साथ जुड़ी होती है और उसके द्वारा निरंतर संरक्षित होती है।
“ईश्वरानुमानं” एक महत्वपूर्ण दार्शनिक कृति है जो ईश्वर के अस्तित्व के संबंध में गहराई से चिंतन करती है। इस पुस्तक के तर्क आज भी संबंधित हैं और वे ईश्वर के अस्तित्व को समझने में मदद करते हैं।
ईश्वरानुमानं: एक निःशुल्क पीडीएफ डाउनलोड करें
“ईश्वरानुमानं” को आप निःशुल्क पीडीएफ के रूप में डाउनलोड कर सकते हैं। यह पुस्तक एक महत्वपूर्ण दार्शनिक कृति है जो आपके ज्ञान को समृद्ध करेगी। इस पुस्तक को डाउनलोड करने के लिए आप इन स्रोतों का उपयोग कर सकते हैं:
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डिजिटल लाइब्रेरी ऑफ़ इंडिया (DLI): DLI एक ऑनलाइन लाइब्रेरी है जो भारतीय भाषाओं में लिखी गई बहुत सी पुस्तकों का संग्रह प्रदान करती है। आप “ईश्वरानुमानं” को यहां निःशुल्क डाउनलोड कर सकते हैं: https://archive.org/details/in.ernet.dli.2015.345165
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पीडीएफ फॉरेस्ट: पीडीएफ फॉरेस्ट एक वेबसाइट है जो विभिन्न प्रकार की पुस्तकों का पीडीएफ प्रदान करती है। आप “ईश्वरानुमानं” को यहां निःशुल्क डाउनलोड कर सकते हैं: https://book.pdfforest.in/textbook/?ocaid=in.ernet.dli.2015.345165
“ईश्वरानुमानं” एक महत्वपूर्ण दार्शनिक कृति है जो आपके ज्ञान को समृद्ध करेगी। आज ही इस पुस्तक को डाउनलोड करें और इस महान दार्शनिक कृति का आनंद लें!
संदर्भ
- https://archive.org/details/in.ernet.dli.2015.345165
- https://book.pdfforest.in/textbook/?ocaid=in.ernet.dli.2015.345165
A Part Of The Anumana-khanda by Upadhyaya, Gangesa |
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Title: | A Part Of The Anumana-khanda |
Author: | Upadhyaya, Gangesa |
Subjects: | C-DAK |
Language: | san |
Collection: | digitallibraryindia, JaiGyan |
BooK PPI: | 600 |
Added Date: | 2017-01-21 05:40:17 |