खण्डनखण्डखाद्यम् – खण्ड 1 | Khandan Khanda Khadyam – Vol. 1 | परमहंस परिव्राजकाचार्य – Paramhans Parivrajakacharya, श्री हर्ष – Shri Harsh
खण्डनखण्डखाद्यम् – खण्ड 1 | Khandan Khand Khadyam – Vol. 1
श्री हर्ष द्वारा लिखा गया “खण्डनखण्डखाद्यम्” एक अद्वितीय कृति है जो हिन्दू धर्म के विभिन्न पहलुओं पर गहन विचार प्रस्तुत करती है। यह पुस्तक अपने विद्वत्तापूर्ण विश्लेषण और स्पष्ट भाषा के कारण एक उत्कृष्ट कृति है।
खण्डनखण्डखाद्यम् – खण्ड 1: परमहंस परिव्राजकाचार्य श्री हर्ष की अनूठी कृति
परिचय
“खण्डनखण्डखाद्यम्” श्री हर्ष द्वारा रचित एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है जो हिन्दू धर्म की जटिलताओं और विविधता को समझने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह ग्रंथ अपने विद्वत्तापूर्ण विश्लेषण और स्पष्ट भाषा के लिए जाना जाता है, जो धार्मिक दर्शनों और उनके विवादों पर गहन चर्चा प्रस्तुत करता है। खण्ड 1 विशेष रूप से दर्शनशास्त्र, धर्मशास्त्र और वेदांत के सिद्धांतों को समझने के लिए महत्वपूर्ण है।
लेखक
श्री हर्ष एक प्रतिष्ठित विद्वान और लेखक थे जिन्होंने 12वीं शताब्दी में भारत में रहते थे। उन्होंने अपने समय के विभिन्न धार्मिक और दार्शनिक विवादों पर व्यापक अध्ययन किया, और “खण्डनखण्डखाद्यम्” उनकी सबसे महत्वपूर्ण कृतियों में से एक है। उनकी लेखन शैली स्पष्ट, तार्किक और प्रभावी थी, जिसने उन्हें कई शताब्दियों तक धार्मिक विद्वानों का सम्मान और प्रशंसा प्राप्त हुई।
विषय वस्तु
“खण्डनखण्डखाद्यम्” हिन्दू धर्म के प्रमुख दर्शनों और उनके विवादों पर प्रकाश डालता है। यह ग्रंथ विभिन्न दर्शनों के प्रमुख सिद्धांतों, उनके तर्क, और उनमें मौजूद अंतरों का विश्लेषण करता है। खण्ड 1 में, श्री हर्ष ने न्याय, वैशेषिक, सांख्य, योग, मीमांसा और वेदांत जैसे दर्शनों की व्यापक चर्चा की है। इस ग्रंथ में श्री हर्ष ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपनी राय व्यक्त की है, जैसे कि आत्मा, ब्रह्म, मुक्ति, कर्म, पुनर्जन्म, और धर्म के सिद्धांत।
महत्व
“खण्डनखण्डखाद्यम्” हिन्दू धर्म को समझने के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण ग्रंथ है। यह ग्रंथ विभिन्न दर्शनों और उनके सिद्धांतों को स्पष्ट और व्यवस्थित तरीके से प्रस्तुत करता है, जो पाठक को इन दर्शनों के बारे में गहराई से समझने में मदद करता है। इसके अलावा, इस ग्रंथ में श्री हर्ष द्वारा किए गए तर्क और विश्लेषण धार्मिक विद्वानों के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन हैं।
उपयोगिता
“खण्डनखण्डखाद्यम्” का अध्ययन हिन्दू धर्म के छात्रों, विद्वानों और रुचि रखने वालों के लिए अत्यंत उपयोगी है। यह ग्रंथ धार्मिक दर्शनों को समझने, उनके विवादों को जानने, और श्री हर्ष के विचारों को जानने का एक उत्कृष्ट माध्यम है। इसके अलावा, यह ग्रंथ हिन्दू दर्शनशास्त्र के विकास को समझने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
निष्कर्ष
“खण्डनखण्डखाद्यम्” एक महत्वपूर्ण और प्रभावशाली ग्रंथ है जो हिन्दू धर्म की जटिलताओं और विविधता को उजागर करता है। श्री हर्ष की विद्वत्ता, स्पष्टता, और तार्किक विश्लेषण ने इस ग्रंथ को एक महत्वपूर्ण संसाधन बना दिया है जो धार्मिक विद्वानों और आम जनता दोनों के लिए उपयोगी है।
संदर्भ
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Khandan Khand Khadyam Vol.i by Shri Harsh |
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Title: | Khandan Khand Khadyam Vol.i |
Author: | Shri Harsh |
Subjects: | Banasthali |
Language: | san |
Collection: | digitallibraryindia, JaiGyan |
BooK PPI: | 300 |
Added Date: | 2017-01-15 19:24:25 |