छन्दोग्य उपनिषद – खण्ड 3, भाग 2 | Chhandogya Upanisad – Vol. 3, Part 2 | सरिसचन्द्र वासु – Sarischandra Vasu
छन्दोग्य उपनिषद – खण्ड 3, भाग 2 – एक ख़ास किताब
यह किताब, “छन्दोग्य उपनिषद – खण्ड 3, भाग 2” अनुवाद और टिप्पणी के साथ, आनंदतीर्थ द्वारा लिखी गई है. सरल और स्पष्ट भाषा में लिखी गई यह किताब इस महान उपनिषद की गहराई से समझने में मदद करती है. आनंदतीर्थ ने अपने अनुवाद में मूल श्लोकों को बनाए रखते हुए, उनका अर्थ स्पष्ट रूप से बताने का प्रयास किया है. किताब में दिए गए टिप्पणी भी बहुत उपयोगी हैं, जो आपको विभिन्न प्रकार की व्याख्याओं और परिप्रेक्ष्यों को समझने में मदद करते हैं.
छन्दोग्य उपनिषद – खण्ड 3, भाग 2 | Chhandogya Upanisad – Vol. 3, Part 2
सारांश:
छन्दोग्य उपनिषद हिन्दू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण उपनिषदों में से एक है. यह किताब “छन्दोग्य उपनिषद” के तीसरे खंड का दूसरा भाग है, जो ऋग्वेद के छन्दों पर आधारित है. इस खंड में, मुख्य रूप से ब्रह्मज्ञान पर प्रकाश डाला गया है. इसमें ब्रह्म की परिभाषा, उसकी विशेषताएं और ब्रह्म को प्राप्त करने के तरीके के बारे में विस्तार से बताया गया है.
मुख्य विषय:
- ब्रह्मज्ञान: इस खंड में ब्रह्म की अवधारणा, उसकी प्रकृति और ब्रह्म को जानने के तरीके का विस्तृत विवरण दिया गया है.
- आत्मा: आत्मा की प्रकृति, उसकी ब्रह्म से संबंध और ब्रह्म में आत्मा का विलय – यह सभी महत्वपूर्ण विषय इस खंड में उठाये गये हैं.
- ज्ञान: यह खंड ज्ञान प्राप्ति के महत्व और इसके विभिन्न स्तरों पर प्रकाश डालता है.
- योग: यहां पर योग के विभिन्न मार्गों, जैसे कि कर्म योग, ज्ञान योग और भक्ति योग का वर्णन किया गया है.
विशेषताएं:
- सरल भाषा: सरिसचन्द्र वासु द्वारा लिखी गई यह किताब साधारण भाषा में लिखी गई है, जो पाठकों को आसानी से समझ आती है.
- व्याख्याएँ: इस किताब में दिए गए टिप्पणियाँ और व्याख्याएँ आपको उपनिषद के विभिन्न पहलुओं को समझने में मदद करते हैं.
- PDF प्रारूप: यह किताब PDF प्रारूप में उपलब्ध है, जिसे आप मुफ्त में डाउनलोड कर सकते हैं.
- डिजिटल पुस्तकालय: यह किताब विभिन्न डिजिटल पुस्तकालयों में भी उपलब्ध है.
कैसे डाउनलोड करें:
इस किताब का PDF प्रारूप आप विभिन्न वेबसाइटों पर मुफ्त में डाउनलोड कर सकते हैं. “Chhandogya Upanisad Vol-iii Part Ii” या “छन्दोग्य उपनिषद – खण्ड 3, भाग 2” खोजकर आप यह किताब आसानी से पा सकते हैं.
निष्कर्ष:
“छन्दोग्य उपनिषद – खण्ड 3, भाग 2” हिन्दू धर्म के गहन ज्ञान को समझने के लिए एक महत्वपूर्ण किताब है. सरिसचन्द्र वासु द्वारा लिखी गई यह किताब उपनिषद को एक सरल और स्पष्ट तरीके से समझने में मदद करती है.
संदर्भ:
अतिरिक्त जानकारी:
- यह किताब सभी हिन्दू धर्म के छात्रों और अध्येताओं के लिए उपयोगी है.
- यह किताब उन लोगों के लिए भी उपयुक्त है जो आध्यात्मिक ज्ञान में रुचि रखते हैं.
- इस किताब के माध्यम से आप ब्रह्मज्ञान, आत्मा, ज्ञान और योग जैसे महत्वपूर्ण विषयों की गहराई से समझ प्राप्त कर सकते हैं.
Chhandogya Upanisad Vol-iii Part Ii by Anandatirtha |
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Title: | Chhandogya Upanisad Vol-iii Part Ii |
Author: | Anandatirtha |
Subjects: | Banasthali |
Language: | san |
Collection: | digitallibraryindia, JaiGyan |
BooK PPI: | 300 |
Added Date: | 2017-01-22 08:31:00 |