जानवर कैसे सोते हैं | Janwar Kaise Sote Hain | अरविन्द गुप्ता – ARVIND GUPTA, पुस्तक समूह – Pustak Samuh, मिल्लीसेंट सेल्सम – Millisent Selsam
जानवर कैसे सोते हैं – एक मजेदार और शिक्षाप्रद यात्रा
क्या आप जानते हैं कि जानवर कैसे सोते हैं? क्या सभी जानवरों की नींद एक जैसी होती है? जानवर कैसे सोते हैं, अरविंद गुप्ता द्वारा लिखित और पुस्तक समूह द्वारा प्रकाशित, यह एक अनोखी किताब है जो बच्चों को जानवरों की नींद के बारे में अनोखे तथ्य बताती है।
मिल्लीसेंट सेल्सम के आकर्षक चित्रों के साथ, यह किताब बच्चों को जानवरों की नींद के तरीकों के बारे में बताती है, जैसे चमगादड़ उल्टे लटककर कैसे सोते हैं, हिरण खड़े होकर कैसे सोते हैं, और मछलियां कैसे सोती हैं! यह किताब बच्चों को जानवरों की दुनिया के बारे में अधिक जानने के लिए प्रेरित करती है, जिससे वे जानवरों के प्रति और भी अधिक सम्मान और करुणा रखेंगे।
अगर आप अपने बच्चों को जानवरों के बारे में रोमांचक तथ्य सिखाना चाहते हैं, तो यह किताब एक बेहतरीन विकल्प है।
जानवर कैसे सोते हैं? एक अनोखा दृष्टिकोण
हम सभी को नींद की ज़रूरत होती है, चाहे हम इंसान हों या जानवर। नींद हमारे शरीर और दिमाग को आराम देने और खुद को फिर से रिचार्ज करने का एक ज़रूरी तरीका है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि जानवरों की नींद हमारे जैसी नहीं होती? जानवरों की नींद के तरीके, अवधि और चरण अलग-अलग होते हैं।
जानवर कैसे सोते हैं, अरविंद गुप्ता द्वारा लिखित, बच्चों को जानवरों की दुनिया के बारे में अनोखी जानकारी प्रदान करती है। मिल्लीसेंट सेल्सम के रंगीन चित्रों के साथ, यह किताब जानवरों की नींद के विभिन्न पहलुओं को आकर्षक तरीके से समझाती है।
नींद के प्रकार:
- REM नींद (रैपिड आई मूवमेंट स्लीप): इस दौरान, मस्तिष्क सक्रिय होता है और सपने आते हैं। इंसानों के अलावा, कई स्तनधारी, पक्षी और सरीसृप REM नींद लेते हैं।
- NREM नींद (नॉन-रैपिड आई मूवमेंट स्लीप): इस दौरान, मस्तिष्क और शरीर आराम करते हैं।
- यूनिहेमीस्फेरिक स्लीप: कुछ जानवर, जैसे डॉल्फ़िन और पक्षी, एक समय में अपने मस्तिष्क का केवल आधा हिस्सा सोते हैं। यह उन्हें जागते रहने और खतरे से बचने में मदद करता है।
विभिन्न जानवरों की नींद:
- चमगादड़: चमगादड़ उल्टे लटककर सोते हैं, और कुछ प्रजातियां 20 घंटे तक सो सकती हैं!
- हिरण: हिरण खड़े होकर सोते हैं, और वे केवल कुछ मिनटों के लिए सोते हैं।
- मछलियां: मछलियां पानी में सोती हैं, और वे अपनी आँखें खुली रख सकती हैं।
- जिराफ़: जिराफ़ केवल 30 मिनट तक सोते हैं, और वे खड़े होकर सोते हैं।
जानवरों की नींद के पीछे के कारण:
- खतरे से बचाव: शिकारियों से बचने के लिए कुछ जानवर बहुत कम समय के लिए सोते हैं, जैसे हिरण।
- ऊर्जा संरक्षण: ठंडे मौसम में, कुछ जानवर हाइबरनेट करते हैं, जिससे उनकी ऊर्जा का संरक्षण होता है।
- प्रजनन: कुछ जानवर, जैसे पक्षी, प्रजनन के मौसम में अधिक सोते हैं।
क्यों बच्चों के लिए जानवरों की नींद के बारे में जानना महत्वपूर्ण है?
- जानवरों की दुनिया की बेहतर समझ: यह किताब बच्चों को जानवरों की दुनिया की बेहतर समझ प्रदान करती है, जिससे वे जानवरों के प्रति और भी अधिक सम्मान और करुणा रखेंगे।
- विज्ञान में रुचि बढ़ाना: यह किताब बच्चों में विज्ञान के प्रति रुचि बढ़ाने में मदद करती है, क्योंकि यह प्राकृतिक दुनिया के बारे में मूल्यवान ज्ञान प्रदान करती है।
- पठन कौशल को बढ़ावा देना: इस किताब के रंगीन चित्र और सरल भाषा बच्चों के पठन कौशल को बढ़ाने में मदद करते हैं।
यह किताब सभी उम्र के बच्चों के लिए एक बेहतरीन विकल्प है जो जानवरों की दुनिया के बारे में अधिक जानना चाहते हैं।
यह किताब कहाँ से प्राप्त करें?
आप “जानवर कैसे सोते हैं” पुस्तक को ऑनलाइन या किसी भी बुकस्टोर से खरीद सकते हैं। आप इस पुस्तक का PDF प्रारूप भी मुफ्त में डाउनलोड कर सकते हैं!
संदर्भ: