जीवन [मासिक पत्रिका] [वर्ष १] | Jeevan [Maasik Patrika] [Varsh 1] | अज्ञात – Unknown
“जीवन” मासिक पत्रिका के पहले वर्ष का अंक एक अनूठा और ज्ञानवर्धक अनुभव है। स्वामी दोरा के लेखन में गहराई और स्पष्टता है जो पाठक को एक नई दुनिया में ले जाती है। लेखों की विविधता, जीवन के विभिन्न पहलुओं को छूते हुए, इसे और भी आकर्षक बनाती है।
जीवन [मासिक पत्रिका] [वर्ष १]: एक सामाजिक और धार्मिक विचारों का संगम
“जीवन (हिंदू जाति का मासिक पत्र)” स्वामी दोरा द्वारा प्रकाशित एक पत्रिका है, जो भारत के सामाजिक और धार्मिक परिवेश में महत्वपूर्ण योगदान करती है। यह पत्रिका, जो वर्ष 1900 के दशक की शुरुआत में प्रकाशित हुई थी, हिंदू समाज के लिए एक महत्वपूर्ण मंच बन गई थी। आज, यह इतिहास का एक अमूल्य दस्तावेज है, जो हमें उस समय की सोच और सामाजिक व्यवस्था के बारे में जानने में मदद करता है।
पत्रिका की विशेषताएं:
- सामाजिक सुधार: “जीवन” में विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर लेख प्रकाशित होते थे, जिनमें महिलाओं की शिक्षा, बाल विवाह का विरोध, छुआछूत का उन्मूलन, और सामाजिक न्याय शामिल थे।
- धार्मिक विचार: पत्रिका में हिंदू धर्म के विभिन्न पहलुओं, दर्शन, वेदों, उपनिषदों, और अन्य धार्मिक ग्रंथों पर भी लेख प्रकाशित होते थे।
- समाचार और घटनाएं: “जीवन” में समाज में घटित महत्वपूर्ण घटनाओं के बारे में समाचार भी प्रकाशित होते थे।
- साहित्यिक रचनाएं: पत्रिका में कविता, कहानियाँ, और निबंध जैसी साहित्यिक रचनाएं भी प्रकाशित होती थीं।
पत्रिका का महत्व:
- हिंदू समाज में जागरूकता: “जीवन” ने हिंदू समाज में सामाजिक मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- शिक्षा और प्रगति: पत्रिका ने शिक्षा को बढ़ावा दिया और सामाजिक प्रगति के लिए प्रेरणा प्रदान की।
- धार्मिक अध्ययन: “जीवन” ने धार्मिक अध्ययन को बढ़ावा दिया और लोगों को हिंदू धर्म के बारे में गहन समझ प्रदान की।
- इतिहास का दस्तावेज: आज, “जीवन” 1900 के दशक की शुरुआत के भारत में सामाजिक और धार्मिक विचारों को समझने के लिए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है।
पत्रिका के साथ जुड़े महत्वपूर्ण लोग:
- स्वामी दोरा: “जीवन” के संस्थापक और सम्पादक, स्वामी दोरा एक प्रख्यात समाज सुधारक और लेखक थे।
- अज्ञात (Unknown): पत्रिका में कई लेख ऐसे भी हैं जिनके लेखक अज्ञात हैं। ये लेख उस समय के अनकहे विचारों और भावनाओं को दर्शाते हैं।
निष्कर्ष:
“जीवन (हिंदू जाति का मासिक पत्र)” एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक पत्रिका है, जिसने भारत के सामाजिक और धार्मिक परिवेश को आकार देने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। यह पत्रिका आज भी प्रासंगिक है, क्योंकि यह हमें उस समय की चुनौतियों और समाधानों के बारे में सोचने के लिए प्रेरित करती है।
संदर्भ:
- डिजिटल लाइब्रेरी ऑफ़ इंडिया: https://www.dli.ernet.in/
- ईबुकमेला: https://www.ebookmela.co.in/
कैसा है “जीवन (हिंदू जाति का मासिक पत्र)” का पहला वर्ष?
यह पत्रिका अपने समय की एक झलक है, जिसमें सामाजिक, धार्मिक, और साहित्यिक विषयों का संगम देखने को मिलता है। यह पढ़ने के लिए एक अनूठा और ज्ञानवर्धक अनुभव है। यह पत्रिका एक ऐतिहासिक दस्तावेज है, जिसके माध्यम से हम उस समय की सोच और जीवन के विभिन्न पहलुओं को समझ सकते हैं।
पत्रिका का PDF डाउनलोड करने के लिए, आप Digital Library of India की वेबसाइट का उपयोग कर सकते हैं।
Jivan (hindu Jati Ka Masik Patr) by Swami Dora |
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Title: | Jivan (hindu Jati Ka Masik Patr) |
Author: | Swami Dora |
Subjects: | Banasthali |
Language: | hin |
Collection: | digitallibraryindia, JaiGyan |
BooK PPI: | 300 |
Added Date: | 2017-01-22 03:32:43 |