पद्मपुराण भाषा [सप्तम खंड] | Padmapuran Bhasha [Saptam Khand] | अज्ञात – Unknown
पद्मपुराण भाषा [सप्तम खंड] की समीक्षा
“पद्मपुराण भाषा” (सप्तम खंड) एक ऐसा खज़ाना है जो हिंदी साहित्य के इतिहास में अनमोल योगदान देता है। पंडित रामविहारी सुकुल द्वारा संपादित, यह पुस्तक पद्मपुराण के मूल संस्कृत श्लोकों को हिंदी भाषा में प्रस्तुत करती है, जिससे यह धार्मिक ग्रंथ आम जनता के लिए समझने में आसान हो जाता है। सप्तम खंड, जो क्रियायोगसारखंड के नाम से जाना जाता है, आध्यात्मिक ज्ञान और दिव्य कथाओं का संग्रह है। पंडित सुकुल का अनुवाद सरल और स्पष्ट भाषा में किया गया है जिससे पद्मपुराण की गहराई और अर्थ समझने में मदद मिलती है। यह पुस्तक अपने पाठकों को पौराणिक कथाओं में झाँकने और अपने जीवन को समृद्ध करने का अवसर प्रदान करती है।
पद्मपुराण भाषा: सप्तम खंड – अज्ञात
पद्मपुराण एक प्राचीन हिंदू ग्रंथ है जो धार्मिक कथाओं, दिव्य ज्ञान और आध्यात्मिक मार्गदर्शन से भरपूर है। यह 18 खंडों में विभाजित है, और प्रत्येक खंड विभिन्न विषयों पर प्रकाश डालता है। पद्मपुराण भाषा (सप्तम खंड), जिसे “क्रियायोगसारखंड” के नाम से भी जाना जाता है, एक ऐसा खंड है जो योग, आध्यात्मिक अभ्यास, और मोक्ष प्राप्ति पर केंद्रित है।
पंडित रामविहारी सुकुल द्वारा संपादित, इस खंड में मूल संस्कृत श्लोकों का हिंदी भाषा में अनुवाद किया गया है। इस पुस्तक का उद्देश्य पद्मपुराण के ज्ञान को आम जनता के लिए सुलभ बनाना है ताकि वे इसके दार्शनिक और आध्यात्मिक मूल्यों को समझ सकें।
सप्तम खंड की मुख्य विशेषताएं
- क्रियायोग: यह खंड मुख्य रूप से क्रियायोग पर केंद्रित है, जो एक योग शास्त्र की शाखा है जो आध्यात्मिक मुक्ति के लिए अभ्यास और क्रियाओं के महत्व पर जोर देती है।
- विविध विषय: खंड में विविध विषयों पर चर्चा की गई है जैसे कि धर्म, कर्म, मोक्ष, भक्ति, ज्ञान, और नैतिकता।
- कथाएँ और उपदेश: यह खंड विभिन्न कथाओं और उपदेशों से भरपूर है जो आध्यात्मिक समझ को बढ़ाने और जीवन जीने के तरीके को प्रभावित करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।
- हिंदी अनुवाद: पंडित सुकुल द्वारा संस्कृत श्लोकों का हिंदी भाषा में अनुवाद सरल और स्पष्ट है, जिससे पद्मपुराण के अर्थ को आसानी से समझा जा सके।
- मुफ्त डाउनलोड: यह पुस्तक “डीजीटल लाइब्रेरी ऑफ इंडिया” (DLIndia) पर मुफ्त में उपलब्ध है, जिसका अर्थ है कि कोई भी व्यक्ति इस पुस्तक को डाउनलोड कर सकता है और इसका अध्ययन कर सकता है।
पद्मपुराण भाषा [सप्तम खंड] को डाउनलोड कैसे करें
पद्मपुराण भाषा [सप्तम खंड] को डाउनलोड करना बहुत आसान है। आप “डीजीटल लाइब्रेरी ऑफ इंडिया” (DLIndia) की वेबसाइट पर जा सकते हैं और इस पुस्तक को खोज सकते हैं। इस पुस्तक को डाउनलोड करने के लिए, आप “Download” बटन पर क्लिक कर सकते हैं।
पद्मपुराण भाषा [सप्तम खंड] का उपयोग कैसे करें
आप इस पुस्तक का उपयोग कर सकते हैं:
- आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करने के लिए: यह पुस्तक आध्यात्मिक अनुभवों, योग अभ्यासों और मोक्ष प्राप्ति के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करती है।
- अपने जीवन में नैतिकता को बढ़ाने के लिए: यह पुस्तक नैतिक मूल्यों और अच्छे कर्म के महत्व को उजागर करती है।
- पद्मपुराण की गहराई को समझने के लिए: यह पुस्तक पद्मपुराण के मूल अर्थ और संदेश को समझने में मदद करती है।
निष्कर्ष
पद्मपुराण भाषा [सप्तम खंड] एक मूल्यवान पुस्तक है जो हिंदी भाषी पाठकों के लिए पद्मपुराण के ज्ञान को सुलभ बनाती है। यदि आप आध्यात्मिकता, योग, और नैतिकता में रुचि रखते हैं, तो यह पुस्तक आपके लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन हो सकती है।
संदर्भ:
Padmapuranbhasha (saptam Kriyayogasarkhand) by Pandit, Ramvihari Sukul |
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Title: | Padmapuranbhasha (saptam Kriyayogasarkhand) |
Author: | Pandit, Ramvihari Sukul |
Subjects: | Banasthali |
Language: | hin |
Collection: | digitallibraryindia, JaiGyan |
BooK PPI: | 300 |
Added Date: | 2017-01-17 09:52:58 |