[PDF] बौद्ध दर्शन तथा अन्य भारतीय दर्शन [भाग-1] | Boudh Darshan Tatha Anya Bharatiy Darshan [Bhag-1] | eBookmela

बौद्ध दर्शन तथा अन्य भारतीय दर्शन [भाग-1] | Boudh Darshan Tatha Anya Bharatiy Darshan [Bhag-1]

0

यह पुस्तक बौद्ध दर्शन और अन्य भारतीय दर्शनों के बीच तुलनात्मक अध्ययन प्रस्तुत करती है, जो विषय को समझने के लिए एक शानदार शुरुआत है। लेखक ने जटिल विचारों को सरल भाषा में समझाया है, जिससे यह पुस्तक सभी पाठकों के लिए सुलभ हो जाती है।

बौद्ध दर्शन तथा अन्य भारतीय दर्शन [भाग-1] | Boudh Darshan Tatha Anya Bharatiy Darshan [Bhag-1]

भारतीय दर्शन की समृद्ध परंपरा में, बौद्ध दर्शन एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह दर्शन अन्य भारतीय दर्शनों, जैसे कि वैदिक दर्शन, जैन दर्शन, और न्याय दर्शन से प्रभावित है, साथ ही साथ इन दर्शनों को भी प्रभावित करता है। इस ब्लॉग पोस्ट में, हम बौद्ध दर्शन और अन्य भारतीय दर्शनों के बीच महत्वपूर्ण संबंधों और तुलनात्मक पहलुओं पर चर्चा करेंगे।

बौद्ध दर्शन की उत्पत्ति

बौद्ध दर्शन का विकास छठी शताब्दी ईसा पूर्व में भारत में हुआ था। इसके संस्थापक, सिद्धार्थ गौतम, जिन्हें बुद्ध के नाम से जाना जाता है, एक राजकुमार थे जिन्होंने संसार के दुखों से मुक्ति पाने के लिए घर-बार छोड़ दिया था। छह साल के तपस्या के बाद उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई, और उन्होंने बौद्ध दर्शन को प्रचारित किया।

बौद्ध दर्शन के प्रमुख सिद्धांत

बौद्ध दर्शन के कुछ प्रमुख सिद्धांत हैं:

  • दुःख: बुद्ध ने जीवन को दुःख से भरा बताया। दुःख का अर्थ है पीड़ा, निराशा, और असंतोष।
  • दुःख का कारण: दुःख का कारण त्रिषना (लालच) है।
  • दुःख का अंत: त्रिषना से मुक्ति पाकर दुःख का अंत हो सकता है।
  • मुक्ति का मार्ग: आर्य अष्टांगिक मार्ग दुःख से मुक्ति का मार्ग है। यह आठ चरणों का मार्ग है जो सही दृष्टिकोण, सही विचार, सही वाणी, सही कर्म, सही जीविका, सही प्रयास, सही ध्यान, और सही समाधि से बना है।

बौद्ध दर्शन और अन्य भारतीय दर्शनों का तुलनात्मक अध्ययन

बौद्ध दर्शन अन्य भारतीय दर्शनों से कई तरह से जुड़ा हुआ है। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण तुलनात्मक पहलू दिए गए हैं:

  • वैदिक दर्शन: बौद्ध दर्शन, वैदिक दर्शन के कुछ सिद्धांतों को स्वीकार करता है, जैसे कि कर्म का सिद्धांत। हालांकि, बौद्ध दर्शन वैदिक दर्शन के ब्रह्म की अवधारणा को अस्वीकार करता है।
  • जैन दर्शन: बौद्ध दर्शन और जैन दर्शन में अहिंसा का सिद्धांत समान है। जैन दर्शन अहिंसा को अहिंसा परमो धर्म (अहिंसा सर्वोत्तम धर्म है) मानता है।
  • न्याय दर्शन: न्याय दर्शन के अनुसार ज्ञान का मुख्य स्रोत प्रत्यक्ष है, जबकि बौद्ध दर्शन ज्ञान के अनेक स्रोत मानता है।
  • सांख्य दर्शन: सांख्य दर्शन में पुरुष (आत्मा) और प्रकृति (पदार्थ) की अवधारणा है। बौद्ध दर्शन आत्मा की अवधारणा को अस्वीकार करता है, और प्रकृति की अवधारणा को विभिन्न धर्मों के रूप में समझता है।

बौद्ध दर्शन का प्रभाव

बौद्ध दर्शन का भारत के सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ा है। यह दर्शन ने धर्म, दर्शन, कला, साहित्य, और राजनीति पर अपना प्रभाव छोड़ा है। बौद्ध दर्शन का प्रभाव आज भी दुनिया भर में देखने को मिलता है।

निष्कर्ष

बौद्ध दर्शन एक गहराई से सोचा गया दर्शन है जिसने अन्य भारतीय दर्शनों को प्रभावित किया है और उनसे प्रभावित हुआ है। यह दर्शन आज भी प्रासंगिक है और हमें जीवन के दुखों से मुक्ति पाने के लिए एक मार्ग प्रदान करता है।

संदर्भ

इस पोस्ट के साथ, हम बौद्ध दर्शन और अन्य भारतीय दर्शनों के बीच संबंधों और तुलनात्मक पहलुओं पर एक आधार प्राप्त कर सकते हैं। अगले भाग में हम इस विषय को अधिक विवरण में पढ़ेंगे।

Boidh Darshan Any Bharatiy Darshan Bhag I by Upadhyay,bhrta Singh

Title: Boidh Darshan Any Bharatiy Darshan Bhag I
Author: Upadhyay,bhrta Singh
Subjects: Banasthali
Language: hin
Boidh Darshan Any Bharatiy Darshan Bhag I
Collection: digitallibraryindia, JaiGyan
BooK PPI: 300
Added Date: 2017-01-17 16:47:28

We will be happy to hear your thoughts

Leave a reply

eBookmela
Logo