[PDF] माध्यमिका वृत्तिः | Madhyamika Vrittih | चन्द्रकीर्ति - Chandrakirti | eBookmela

माध्यमिका वृत्तिः | Madhyamika Vrittih | चन्द्रकीर्ति – Chandrakirti

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माध्यमिका वृत्तिः – चन्द्रकीर्ति द्वारा एक शानदार व्याख्या

यह पुस्तक चन्द्रकीर्ति द्वारा रचित “माध्यमिका वृत्तिः” की एक अत्यंत उपयोगी और सुलभ व्याख्या प्रस्तुत करती है। उनके स्पष्ट और विस्तृत शब्द माध्यमिक दर्शन को समझने में सहायक होते हैं। पुस्तक में संदर्भों के साथ, माध्यमिक दर्शन के मूल सिद्धांतों की गहन समझ प्रदान की गई है।


माध्यमिका वृत्तिः – चन्द्रकीर्ति की एक महत्त्वपूर्ण कृति

माध्यमिका वृत्तिः एक महत्वपूर्ण बौद्ध ग्रंथ है जो महायान बौद्ध दर्शन के माध्यमिक स्कूल की व्याख्या प्रस्तुत करता है। ग्रंथ की रचना प्रसिद्ध बौद्ध विद्वान चन्द्रकीर्ति ने की थी, जो 7वीं शताब्दी में तिब्बत में रहते थे। माध्यमिका वृत्तिः शून्यता के मूल सिद्धांतों पर चर्चा करती है और अन्य बौद्ध स्कूलों के सिद्धांतों से इसकी तुलना करती है। चन्द्रकीर्ति ने अपनी वृत्ति में शून्यता को एक नकारात्मक दृष्टिकोण के रूप में प्रस्तुत किया है, जो किसी भी स्वतंत्र अस्तित्व को नकारता है।

चन्द्रकीर्ति का शिक्षण:

चन्द्रकीर्ति के शिक्षण के केन्द्र में शून्यता का सिद्धांत है। शून्यता का अर्थ है कि कोई भी वस्तु या घटना स्वतंत्र रूप से नहीं विद्यमान है। वे सब अन्य वस्तुओं और घटनाओं पर निर्भर हैं। चन्द्रकीर्ति ने अपनी वृत्ति में यह भी दर्शाया है कि शून्यता नकारात्मक नहीं है, बल्कि एक मुक्ति की स्थिति है।

माध्यमिका के मूल सिद्धांत:

माध्यमिका दर्शन के कुछ मूल सिद्धांत इस प्रकार हैं:

  • शून्यता: कोई भी वस्तु या घटना स्वतंत्र रूप से नहीं विद्यमान है।
  • अन्योन्याश्रित उत्पत्ति: सभी वस्तुओं का अस्तित्व अन्य वस्तुओं पर निर्भर है।
  • द्वित्व का त्याग: वास्तविकता में कोई द्वित्व नहीं है, जैसे विषय और वस्तु या आत्मा और शरीर।
  • बोधिसत्व का मार्ग: मुक्ति के लिए बोधिसत्व का मार्ग अनुपालन करना जरूरी है।

माध्यमिका वृत्तिः का महत्व:

माध्यमिका वृत्तिः एक महत्वपूर्ण बौद्ध ग्रंथ है जो शून्यता के मूल सिद्धांतों को समझने में सहायक है। यह ग्रंथ माध्यमिक दर्शन के लिए एक महत्वपूर्ण संदर्भ है और बौद्ध विद्वानों के लिए बहुत प्रभावशाली रहा है।

माध्यमिका वृत्तिः को कैसे पढ़ें:

माध्यमिका वृत्तिः एक जटिल ग्रंथ है जो कई बारीक अवधारणाओं को समझाने के लिए कई तर्कों का उपयोग करता है। इस ग्रंथ को समझने के लिए आप को बौद्ध दर्शन के कुछ मूल सिद्धांतों से परिचित होना जरूरी है। यह ग्रंथ अक्सर अनुवाद और व्याख्या के साथ पढ़ा जाता है जो इस ग्रंथ की समझ को सुगम बनाते हैं।

निष्कर्ष:

माध्यमिका वृत्तिः एक गहन और प्रभावशाली ग्रंथ है जो बौद्ध दर्शन की समझ को गहरा करता है। यह ग्रंथ शून्यता के मूल सिद्धांतों को समझने में सहायक है और बौद्ध विद्वानों के लिए बहुत प्रभावशाली रहा है।

संदर्भ:

Buddhist Texts Of The Northern And Southern Schools by Castri, Carat Chandra

Title: Buddhist Texts Of The Northern And Southern Schools
Author: Castri, Carat Chandra
Subjects: C-DAK
Language: san
माध्यमिका वृत्तिः | Madhyamika Vrittih 
 |  चन्द्रकीर्ति - Chandrakirti
Collection: digitallibraryindia, JaiGyan
BooK PPI: 600
Added Date: 2017-01-22 13:40:41

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