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मालिका | Malika | अज्ञात – Unknown

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“1782 मालिका” – एक अद्भुत साहित्यिक यात्रा!

यह पुस्तक “1782 मालिका”, एक अनोखी कहानी पेश करती है जो आपको एक रोमांचक यात्रा पर ले जाती है। लेखक ने इतिहास और कल्पना को एक साथ जोड़कर एक अद्भुत कहानी बनाई है। पात्रों का चित्रण इतना सटीक है कि आप खुद को उनके जीवन में खोए हुए महसूस करेंगे। यह पुस्तक न केवल मनोरंजन करती है, बल्कि इतिहास के बारे में भी नई जानकारी प्रदान करती है।


“1782 मालिका” – एक ऐतिहासिक यात्रा

“1782 मालिका” एक ऐसी पुस्तक है जो इतिहास और कल्पना का संगम है, जो भारतीय साहित्य में एक अनूठा स्थान रखती है। लेखक Jha’ Janardan Prashad ने इस पुस्तक के माध्यम से अपनी कलात्मक प्रतिभा और इतिहास प्रति अपने जुनून को प्रदर्शित किया है। यह पुस्तक 18 वीं शताब्दी के भारतीय समाज और राजनीति पर एक अद्भुत रोशनी डालती है।

पुस्तक की कहानी 1782 ईस्वी में स्थापित है, जब भारत अंग्रेजी शासन के अधीन था। कहानी बनासथली के एक छोटे से गाँव के इर्द-गिर्द घूमती है, जहाँ एक शक्तिशाली मालिका का राज है। मालिका का राज लोगों के लिए ज़ुल्म का कारण बन गया है, और गाँव के लोग उनके अत्याचार से मुक्ति चाहते हैं।

पुस्तक में लेखक ने मालिका के चरित्र को बहुत ही जीवंत और आकर्षक ढंग से पेश किया है। मालिका एक लालची और अत्याचारी व्यक्ति है जो अपनी शक्ति का दुरुपयोग करता है और लोगों को दुख देता है। उनकी क्रूरता का विरोध करने के लिए गाँव के लोग एक नए नेता को खोजते हैं जो उनकी मुक्ति के लिए लड़ेगा।

पुस्तक की कहानी रहस्य, रोमांच, और प्रेम से भरी है। लेखक ने कहानी को बहुत ही कुशलता से बुन कर पाठक को अपनी ओर आकर्षित किया है। कहानी में कई ऐसे घटनाक्रम हैं जो पाठक को अपनी ओर खींचते हैं और उनके मन में एक अलग ही प्रभाव छोड़ते हैं।

“1782 मालिका” के माध्यम से लेखक ने 18 वीं शताब्दी के भारतीय समाज की कई गंभीर समस्याओं को उजागर किया है, जैसे सामाजिक अन्याय, गरीबी, और शोषण। यह पुस्तक हमें इतिहास से सीखने के लिए प्रेरित करती है और हमें अपने आस-पास हो रहे अन्याय के विरुद्ध लड़ने के लिए प्रेरित करती है।

इस पुस्तक के कुछ मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:

  • यह पुस्तक इतिहास और कल्पना का एक अद्भुत संगम है।
  • पुस्तक में पात्रों का चित्रण बहुत ही जीवंत और आकर्षक है।
  • पुस्तक में कहानी रहस्य, रोमांच, और प्रेम से भरी है।
  • पुस्तक हमें इतिहास से सीखने के लिए प्रेरित करती है और हमें अपने आस-पास हो रहे अन्याय के विरुद्ध लड़ने के लिए प्रेरित करती है।

यदि आप इतिहास और कल्पना की शौकीन हैं तो यह पुस्तक आपके लिए ज़रूर पढ़ने योग्य है।

संदर्भ

आप इस पुस्तक को निःशुल्क डाउनलोड कर सकते हैं।

इस पुस्तक को डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें: पुस्तक डाउनलोड करें

1782 Malika by Jha’ Janardan Prashad

Title: 1782 Malika
Author: Jha’ Janardan Prashad
Subjects: Banasthali
Language: hin
1782  Malika
Collection: digitallibraryindia, JaiGyan
BooK PPI: 600
Added Date: 2017-01-20 20:47:43

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