रत्नप्रभाभासित शाङ्करब्रह्मसूत्रभाष्यं | Ratnaprabhabhasit Shankara Brahmasutra Bhashyam | बादरायण – Badrayana, रामनारायण विद्यारत्न – Ram Narayan Vidyaratna
रत्नप्रभाभासित शाङ्करब्रह्मसूत्रभाष्यं: एक अमूल्य रत्न
यह ग्रंथ शंकराचार्य द्वारा लिखा गया ब्रह्मसूत्र भाष्य का एक अद्भुत और विस्तृत विवरण प्रस्तुत करता है। रामनारायण विद्यारत्न ने अपने ‘रत्नप्रभाभासित’ के माध्यम से शंकराचार्य के भाष्य को और भी अधिक स्पष्ट और सुलभ बनाया है। इस ग्रंथ में वेदांत दर्शन की गहराई को एक नए दृष्टिकोण से समझने का मौका मिलता है।
रत्नप्रभाभासित शाङ्करब्रह्मसूत्रभाष्यं: एक विद्वत्तापूर्ण व्याख्या
परिचय:
“रत्नप्रभाभासित शाङ्करब्रह्मसूत्रभाष्यं”, प्रख्यात विद्वान् राम नारायण विद्यारत्न द्वारा रचित, शाङ्कर ब्रह्मसूत्र भाष्य की एक महत्वपूर्ण व्याख्या है। यह ग्रंथ वेदांत दर्शन के अध्येताओँ के लिए एक मूल्यवान साधन है, जो शंकराचार्य के प्रतिभाशाली भाष्य को समझने में सहायक होता है।
लेखक और ग्रंथ:
राम नारायण विद्यारत्न एक प्रसिद्ध संस्कृत विद्वान् थे जिन्होने ‘रत्नप्रभाभासित’ के माध्यम से शाङ्कर ब्रह्मसूत्र भाष्य की एक अद्वितीय व्याख्या प्रस्तुत की है। इस ग्रंथ में वे शंकराचार्य के दृष्टिकोण को स्पष्ट करते हुए उनके भाष्य के गूढ़ अर्थ को समझने में सहायता करते हैं।
ब्रह्मसूत्र और शंकराचार्य का भाष्य:
ब्रह्मसूत्र वेदांत दर्शन के मूल सिद्धांतों को संक्षेप में प्रस्तुत करते हैं। शाङ्कर ने इन सूत्रों की व्याख्या करते हुए एक विस्तृत भाष्य रचा जिसमें वे वेदांत दर्शन के विभिन्न पक्षों को समझाने का प्रयास करते हैं।
रत्नप्रभाभासित का महत्व:
रत्नप्रभाभासित शाङ्कर ब्रह्मसूत्र भाष्य की एक महत्वपूर्ण व्याख्या है क्योंकि यह ग्रंथ शंकराचार्य के भाष्य को अधिक स्पष्ट और सुलभ बनाता है। विद्यारत्न ने इस ग्रंथ में शंकराचार्य के दृष्टिकोण को विस्तार से समझाया है और उनके भाष्य में उपस्थित विभिन्न दार्शनिक विचारों को सहज तौर पर स्पष्ट किया है।
रत्नप्रभाभासित में उपस्थित विषय:
रत्नप्रभाभासित में वेदांत दर्शन के विभिन्न विषयों पर चर्चा की गई है, जैसे:
- ब्रह्म का स्वरूप
- जीव और ब्रह्म का संबंध
- मोक्ष का मार्ग
- कर्म और मोक्ष का संबंध
- ज्ञान और ज्ञान का मार्ग
- आत्मा का स्वरूप
निष्कर्ष:
रत्नप्रभाभासित शाङ्कर ब्रह्मसूत्र भाष्य की एक मूल्यवान व्याख्या है जो वेदांत दर्शन के अध्येताओँ के लिए बहुत उपयोगी हो सकती है। यह ग्रंथ शंकराचार्य के भाष्य को समझने में सहायता करता है और उनके विचारों को एक नए दृष्टिकोण से प्रस्तुत करता है।
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संदर्भ:
The Aphorisms Of The Vedanta by Vidyaratna, Rama Narayana, Ed. |
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Title: | The Aphorisms Of The Vedanta |
Author: | Vidyaratna, Rama Narayana, Ed. |
Subjects: | C-DAK |
Language: | san |
Collection: | digitallibraryindia, JaiGyan |
BooK PPI: | 600 |
Added Date: | 2017-01-20 05:43:51 |