संपूर्ण गाँधी वांड्मय [भाग -28] | Sampurn Gandhi Vaangmay [Bhag -28] | अज्ञात – Unknown
संपूर्ण गाँधी वाङ्मय, भाग – 28: महात्मा गांधी के विचारों की गहरी अंतर्दृष्टि
यह पुस्तक, “संपूर्ण गाँधी वाङ्मय, भाग – 28” महात्मा गांधी के विचारों और कार्यों का गहरा अध्ययन प्रदान करती है। पुस्तक में गांधी जी के विभिन्न विषयों पर लिखे लेखों और भाषणों का संग्रह है, जो उनकी विचारधारा की व्यापक समझ प्रदान करता है।
यह पुस्तक गांधीवादी विचारों को समझने और आत्मसात करने के लिए अत्यंत मूल्यवान साधन है। इसके अध्ययन से हम महात्मा गांधी के जीवन, दर्शन और कार्यो के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
संपूर्ण गाँधी वाङ्मय [भाग – 28] | Sampurn Gandhi Vaangmay [Bhag -28]
अज्ञात – Unknown
परिचय:
“संपूर्ण गाँधी वाङ्मय” महात्मा गांधी द्वारा लिखे गए लेखों, भाषणों और पत्रों का एक विशाल संग्रह है। यह संग्रह गांधी के विचारों, जीवन दर्शन और अहिंसक प्रतिरोध की रणनीतियों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करता है।
इस ब्लॉग में हम “संपूर्ण गाँधी वाङ्मय, भाग – 28” की समीक्षा करेंगे, जिसके लेखक अज्ञात हैं। यह पुस्तक गांधी जी के विचारों और कार्यों के बारे में महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि प्रदान करती है।
पुस्तक का विषय:
“संपूर्ण गाँधी वाङ्मय, भाग – 28” में महात्मा गांधी द्वारा 1930 से 1940 के बीच लिखे गए लेख, भाषण और पत्र शामिल हैं। यह अवधि भारत के स्वतंत्रता संग्राम के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण थी। इस पुस्तक में गांधी जी द्वारा प्रस्तुत किए गए महत्वपूर्ण विषयों में निम्नलिखित शामिल हैं:
- स्वतंत्रता संग्राम: गांधी जी ने इस दौरान भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेतृत्व में ब्रिटिश शासन के खिलाफ अहिंसक प्रतिरोध का नेतृत्व किया। पुस्तक में उनके द्वारा चलाए गए आंदोलनों और ब्रिटिश सरकार के साथ उनकी वार्ता का वर्णन है।
- हिंदू-मुस्लिम एकता: गांधी जी ने भारत में हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच एकात्म्य स्थापित करने के लिए बहुत प्रयास किए। इस पुस्तक में उनके इस प्रयास का विस्तृत वर्णन है।
- सामाजिक सुधार: गांधी जी केवल राष्ट्रीय स्वतंत्रता के साथ-साथ सामाजिक सुधारों में भी गहरी रुचि थी। पुस्तक में उनके द्वारा चलाए गए अस्पृश्यता उन्मूलन और महिलाओं के अधिकारों के लिए किए गए कार्यों का वर्णन है।
- गाँधी जी का व्यक्तिगत दर्शन: पुस्तक में गांधी जी के व्यक्तिगत दर्शन के विषयों जैसे सत्य, अहिंसा, ब्रह्मचर्य, और स्वदेशी का विस्तृत विश्लेषण है।
पुस्तक का महत्व:
“संपूर्ण गाँधी वाङ्मय, भाग – 28” भारत के स्वतंत्रता संग्राम और महात्मा गांधी के विचारों को समझने के लिए एक महत्वपूर्ण पुस्तक है। यह पुस्तक हमें गांधी जी के जीवन, दर्शन, और कार्यों के बारे में गहरी समझ प्रदान करती है।
निष्कर्ष:
“संपूर्ण गाँधी वाङ्मय, भाग – 28” एक महत्वपूर्ण पुस्तक है जो गांधी जी के विचारों और कार्यों के बारे में अत्यंत मूल्यवान जानकारी प्रदान करती है। यह पुस्तक सभी उन लोगों के लिए पढ़ने योग्य है जो गांधी जी के जीवन और दर्शन में रुचि रखते हैं।
कहाँ से डाउनलोड करें:
यह पुस्तक “Digital Library of India” और “JaiGyan” जैसे डिजिटल लाइब्रेरी से निःशुल्क डाउनलोड की जा सकती है। आप इसे Amazon से भी खरीद सकते हैं।
संदर्भ:
मुझे आशा है कि यह ब्लॉग आपको “संपूर्ण गाँधी वाङ्मय, भाग – 28” के बारे में अधिक जानकारी प्रदान करेगा।
Sampurna Gandhi Vaangmay, Vol-28 by Bharat Sarkar |
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Title: | Sampurna Gandhi Vaangmay, Vol-28 |
Author: | Bharat Sarkar |
Subjects: | Banasthali |
Language: | hin |
Collection: | digitallibraryindia, JaiGyan |
BooK PPI: | 600 |
Added Date: | 2017-01-22 02:13:00 |