सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय [खण्ड ७६ ] | Sampurna Gandhi Vanmay [ Vol 76] | मोहनदास करमचंद गांधी – Mohandas Karamchand Gandhi ( Mahatma Gandhi )
सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय, खंड ७६: गांधीजी के विचारों का अनमोल खजाना
यह खंड गांधी जी के जीवन और विचारों को समझने के लिए एक अनमोल खजाना है। लेखन शैली सरल और स्पष्ट है, जो पाठक को गांधी जी के विचारों को आसानी से समझने में मदद करती है। इस खंड में गांधी जी के विभिन्न विषयों पर विचारों को समाहित किया गया है, जो उनके दर्शन को और गहराई से समझने में मदद करते हैं। यह खंड गांधी जी के जीवन और विचारों में रुचि रखने वाले सभी पाठकों के लिए एक जरूरी पठन है।
सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय [खण्ड ७६ ] – मोहनदास करमचंद गांधी ( महात्मा गांधी )
परिचय
“सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय” एक बहुमूल्य संग्रह है जो मोहनदास करमचंद गांधी ( महात्मा गांधी ) के जीवन और विचारों का एक विस्तृत चित्र प्रस्तुत करता है। यह संग्रह भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के एक महान नेता के जीवन और कार्यों को समझने के लिए एक आवश्यक संसाधन है। इस लेख में, हम “सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय” के खंड ७६ के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे, जो गांधी जी के विचारों और कार्यों की गहराई से समझ प्रदान करता है।
खंड ७६ का महत्व
“सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय” का खंड ७६ गांधी जी के जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं को उजागर करता है। इस खंड में उनके पत्र, भाषण और लेख शामिल हैं जो विभिन्न विषयों पर प्रकाश डालते हैं, जिनमें शामिल हैं:
- राजनीतिक विचार: गांधी जी का राजनीतिक दर्शन और उनके द्वारा प्रचारित सविनय अवज्ञा आंदोलन का विश्लेषण किया जाता है।
- सामाजिक न्याय: जाति, लिंग और धर्म के आधार पर भेदभाव को दूर करने के लिए गांधी जी के विचारों और प्रयासों का विस्तृत विवरण प्रदान किया गया है।
- आर्थिक विकास: गांधी जी ग्रामीण अर्थव्यवस्था, स्वदेशी उद्योगों और स्वावलंबन के महत्व पर जोर देते थे। इस खंड में उनके आर्थिक विचारों का विश्लेषण किया गया है।
- शिक्षा: गांधी जी शिक्षा को सामाजिक परिवर्तन का प्रमुख माध्यम मानते थे। इस खंड में उनकी शिक्षा प्रणाली के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की गई है।
- धर्म: गांधी जी सभी धर्मों में समानता और सहयोग पर विश्वास रखते थे। इस खंड में उनके धार्मिक विचारों को स्पष्ट किया गया है।
खंड ७६ में शामिल महत्वपूर्ण दस्तावेज
खंड ७६ में गांधी जी के कई महत्वपूर्ण दस्तावेज शामिल हैं जिनमें:
- पत्र: गांधी जी के विभिन्न व्यक्तियों को लिखे गए पत्र शामिल हैं, जिसमें राजनेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और आम नागरिकों के पत्र शामिल हैं। ये पत्र गांधी जी के समय की राजनीतिक और सामाजिक स्थिति को समझने में मदद करते हैं।
- भाषण: गांधी जी के विभिन्न सभाओं में दिए गए भाषणों का संग्रह है। ये भाषण उनके विचारों, नीतियों और आंदोलनों को समझने में मदद करते हैं।
- लेख: गांधी जी के विभिन्न विषयों पर लिखे गए लेखों का संग्रह है। ये लेख गांधी जी के विभिन्न मुद्दों पर दृष्टिकोण को समझने में मदद करते हैं।
खंड ७६ का उपयोग कैसे करें
“सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय” का खंड ७६ गांधी जी के जीवन और विचारों को समझने के लिए एक अनमोल संसाधन है। इसे निम्नलिखित तरीकों से उपयोग किया जा सकता है:
- शोध और अध्ययन: गांधी जी के जीवन और विचारों पर शोध कर रहे छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए यह खंड बहुत उपयोगी है।
- शिक्षा: शिक्षक इस खंड का उपयोग गांधी जी के जीवन और विचारों के बारे में छात्रों को शिक्षित करने के लिए कर सकते हैं।
- व्यक्तिगत विकास: जो लोग गांधी जी के जीवन और विचारों से प्रेरित हैं, वे इस खंड का उपयोग अपने व्यक्तिगत विकास के लिए कर सकते हैं।
- सामाजिक और राजनीतिक गतिविधियां: यह खंड सामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्ताओं को गांधी जी के विचारों और नीतियों के अनुप्रयोग के लिए प्रेरणा प्रदान कर सकता है।
निष्कर्ष
“सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय” का खंड ७६ गांधी जी के जीवन और विचारों को समझने के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन है। यह खंड गांधी जी के विभिन्न विषयों पर विचारों को स्पष्ट करता है और उनके दर्शन को समझने में मदद करता है। यह खंड गांधी जी के जीवन और विचारों में रुचि रखने वाले सभी पाठकों के लिए एक जरूरी पठन है।
संदर्भ
- [सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय, खंड ७६ ] https://archive.org/details/in.ernet.dli.2015.342449
- [गांधीवाङ्मय: जीवन और दर्शन] https://www.google.com/search?q=गांधीवाङ्मय%3A%20जीवन%20और%20दर्शन&rlz=1C1GCEU_enIN934IN934&oq=गांधीवाङ्मय%3A%20जीवन%20और%20दर्शन&aqs=chrome..69i57j0i22i30l2j0i131i433i433j0i131i433.1021j0j15&sourceid=chrome&ie=UTF-8
- गांधी के विचारों का प्रभाव
Sampurna Gandhi Vaangmay, Vol-76 by Bharat Sarkar |
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Title: | Sampurna Gandhi Vaangmay, Vol-76 |
Author: | Bharat Sarkar |
Subjects: | Banasthali |
Language: | hin |
Collection: | digitallibraryindia, JaiGyan |
BooK PPI: | 600 |
Added Date: | 2017-01-17 21:08:30 |