सुत्तागमे [भाग २] | Suttagame [Volume २] | अज्ञात – Unknown
सुत्तागमे [भाग २] | Suttagame [Volume २]
सुत्तागमे एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है जो ज्ञान और समझ की गहराई प्रदान करता है। भाग २ विशेषकर, मनुष्य के जीवन और उसके अर्थ पर गहन विचार प्रस्तुत करता है।
मुनि श्री फूलचंदजी महाराज की भाषा सुंदर और सरल है, जो इस ग्रंथ को सभी के लिए समझने योग्य बनाती है। यह ग्रंथ जीवन के महत्वपूर्ण सवालों के जवाब खोजने में मदद करता है, जिससे पाठक को एक नया दृष्टिकोण मिलता है।
Suttagame Volume Ii एक अनमोल खजाना है जो आपके जीवन को समृद्ध बनाने में सहायक सिद्ध होगा। यह ग्रंथ हर किसी के लिए एक अनिवार्य पढ़ाई है।
सुत्तागमे [भाग २] | Suttagame [Volume २] – अनमोल ज्ञान का स्रोत
“सुत्तागमे” एक प्राचीन जैन ग्रंथ है जो आध्यात्मिक ज्ञान और जीवन के रहस्यों को उजागर करता है। इसका दूसरा भाग “सुत्तागमे [भाग २] | Suttagame [Volume २]” इस ग्रंथ के आध्यात्मिक दार्शनिक विचारों को और भी गहराई से पेश करता है।
मुनि श्री फूलचंदजी महाराज, जिनके द्वारा यह ग्रंथ लिखा गया है, ज्ञान के एक सच्चे साधक और आध्यात्मिक गुरु थे। उनका ज्ञान और उनकी लेखन शैली “सुत्तागमे” को एक अद्वितीय ग्रंथ बनाती है।
सुत्तागमे [भाग २] | Suttagame [Volume २] के मुख्य विषय:
- जीवन का अर्थ: ग्रंथ मानव जीवन के अर्थ और उद्देश्य को विश्लेषण करता है। यह बताता है कि मोक्ष के लिए पथ क्या है और कैसे हम अपने जीवन को अर्थपूर्ण बना सकते हैं।
- कर्म सिद्धांत: “सुत्तागमे” कर्म सिद्धांत पर गहन चर्चा करता है। यह बताता है कि कर्म कैसे हमारे भविष्य को आकार देता है और कैसे हम अपने कर्मों को शुद्ध कर सकते हैं।
- आत्मा और मोक्ष: ग्रंथ आत्मा की अमरता और मोक्ष के महत्व पर जोर देता है। यह मोक्ष प्राप्त करने के लिए आवश्यक साधनों और प्रक्रियाओं का वर्णन करता है।
“सुत्तागमे” को आप कहाँ पढ़ सकते हैं:
- मुफ्त PDF डाउनलोड: आप इस ग्रंथ का PDF वर्जन मुफ्त में डाउनलोड कर सकते हैं। इसके लिए आप इन्टरनेट पर “Suttagame Volume Ii PDF download” सर्च कर सकते हैं। [१]
- ऑनलाइन पढ़ें: आप “Suttagame Volume Ii” को ऑनलाइन भी पढ़ सकते हैं। कई वेबसाइट्स इस ग्रंथ को ऑनलाइन पढ़ने का विकल्प प्रदान करती हैं। [२]
- पुस्तक खरीदें: आप यह पुस्तक ऑनलाइन और ऑफ़लाइन किताबों की दुकानों से खरीद सकते हैं।
“सुत्तागमे” का महत्व:
“सुत्तागमे” ज्ञान और अंतर्दृष्टि का एक अनमोल स्रोत है। यह ग्रंथ हमारे जीवन को एक नए दृष्टिकोण से देखने का मौका देता है और हमें मोक्ष के पथ पर चलने की प्रेरणा देता है।
“सुत्तागमे” को पढ़ने का आनंद लें और इस ग्रंथ के ज्ञानात्मक खजाने से लाभान्वित होएँ।
संदर्भ:
[1] https://archive.org/details/in.ernet.dli.2015.474197 [यह लिंक आपको “Suttagame Volume Ii” का PDF वर्जन डाउनलोड करने की सुविधा प्रदान करता है।]
[2] https://book.pdfforest.in/?s=Suttagame Volume Ii [इस वेबसाइट पर आप “Suttagame Volume Ii” को ऑनलाइन पढ़ सकते हैं।]
Suttagame Volume Ii by Muni Sri Phulchandji Maharaj |
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Title: | Suttagame Volume Ii |
Author: | Muni Sri Phulchandji Maharaj |
Subjects: | IIIT |
Language: | hin |
Collection: | digitallibraryindia, JaiGyan |
BooK PPI: | 600 |
Added Date: | 2017-01-22 23:06:52 |