[PDF] हिंसा से परे | Hinsa Se Pare | जे. कृष्णमूर्ति - J. Krishnamurti | eBookmela

हिंसा से परे | Hinsa Se Pare | जे. कृष्णमूर्ति – J. Krishnamurti

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हिंसा से परे: एक अनोखी यात्रा

जे. कृष्णमूर्ति के “हिंसा से परे” की भाषा सरल, विचारोत्तेजक और आत्मा को छू लेने वाली है। कृष्णमूर्ति हिंसा के मूल कारणों को उजागर करते हैं, जो व्यक्ति के भीतर मौजूद होते हैं। वे हमें हमारे विचारों, भावनाओं और क्रियाओं के प्रति सजग होने के लिए प्रोत्साहित करते हैं, ताकि हम हिंसा के चक्र को तोड़ सकें। यह पुस्तक हमारे जीवन में शांति और सद्भाव लाने के लिए एक अद्वितीय दृष्टिकोण प्रस्तुत करती है।

हिंसा से परे: जे. कृष्णमूर्ति का विचार

जे. कृष्णमूर्ति, एक भारतीय दार्शनिक और लेखक, 20वीं सदी के सबसे प्रभावशाली विचारकों में से एक थे। उनकी शिक्षाओं का केंद्र “स्वयं” की खोज और मानसिक मुक्ति पर था। कृष्णमूर्ति ने “हिंसा से परे” में मानवीय अनुभव के मूलभूत सत्यों को उजागर किया, यह बताते हुए कि हिंसा न केवल शारीरिक है, बल्कि मन और विचारों में भी गहरी जड़ें जमाए हुए होती है।

हिंसा से परे: मुख्य विचार

  • मन की हिंसा: कृष्णमूर्ति इस बात पर जोर देते हैं कि हिंसा केवल भौतिक कार्यों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि मन में भी गहरी जड़ें जमाए हुए होती है। क्रोध, ईर्ष्या, घृणा, और नकारात्मक विचार सभी हिंसा के रूप हैं जो मन में बढ़ती है।
  • समाज की हिंसा: वे यह भी बताते हैं कि समाज में हिंसा का मूल व्यक्ति के मन में ही होता है। असमानता, न्याय का अभाव, और डर सब हिंसा के बीज हैं जो समाज में फैलते हैं।
  • स्वयं की खोज: कृष्णमूर्ति का मानना है कि हिंसा से मुक्ति के लिए हमें अपने आपको समझना होगा। हमें अपने विचारों और भावनाओं को निरीक्षण करना होगा और समझना होगा कि वे कैसे हमारे कार्यों को प्रभावित करते हैं।
  • जागरूकता: कृष्णमूर्ति जागरूकता को हिंसा से मुक्ति का एक महत्वपूर्ण उपाय मानते हैं। जागरूकता के माध्यम से हम अपने मन के कार्यों को समझ सकते हैं और उनके प्रति जवाबदेह हो सकते हैं।

“हिंसा से परे” के प्रभाव:

“हिंसा से परे” एक ऐसा कार्य है जो समाज के लिए एक आवश्यक संदेश देता है। यह पुस्तक हमें हमारे मन और विचारों की शक्ति को समझने के लिए प्रोत्साहित करती है और यह बताती है कि हिंसा से मुक्ति हमारे हाथ में है। कृष्णमूर्ति का विचार हमें शांति और सद्भाव के लिए एक नए रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित करता है।

पुस्तक को डाउनलोड कैसे करें:

“हिंसा से परे” के पीडीएफ संस्करण को आप ई-बुक वेबसाइटों से मुफ्त में डाउनलोड कर सकते हैं। कई वेबसाइटें इस पुस्तक को डिजिटल रूप में उपलब्ध कराती हैं जिसे आप अपने कंप्यूटर, टैबलेट या स्मार्टफोन पर डाउनलोड कर सकते हैं।

निष्कर्ष:

“हिंसा से परे” जे. कृष्णमूर्ति की एक गहरी और प्रभावशाली कृति है जो मानवीय अनुभव के मूल सत्यों को उजागर करती है। यह पुस्तक हमें हिंसा के चक्र को तोड़ने के लिए प्रोत्साहित करती है और हमारे जीवन में शांति और सद्भाव लाने के लिए एक नया दृष्टिकोण प्रस्तुत करती है। यह एक ऐसी पुस्तक है जिसे हर व्यक्ति को जरूर पढ़ना चाहिए जो दुनिया में शांति और सद्भाव चाहता है।

संदर्भ:

यह ब्लॉग पोस्ट कृष्णमूर्ति के विचारों पर आधारित है और इसमें उनकी लेखन शैली और संदेश को समझने की कोशिश की गई है।

Hindsa Se Pare by J.krishanamurti

Title: Hindsa Se Pare
Author: J.krishanamurti
Subjects: Banasthali
Language: hin
Hindsa Se Pare
Collection: digitallibraryindia, JaiGyan
BooK PPI: 300
Added Date: 2017-01-18 11:20:45

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