अच्युतशतकम् | Achyuta Shatakam | वेदान्ताचार्य सूरी – Vedantacharya Suri
Achyuta Shatakam – A Chant of Divine Grace
This is a beautiful and powerful stotra that resonates deep within the soul. The verses are simple yet profound, offering solace and strength through the invocation of Lord Achyuta. The author, Vedantacharya Suri, has skillfully captured the essence of devotion and surrender, making it a timeless masterpiece. The rhythm and flow of the Sanskrit verses are truly mesmerizing.
अच्युतशतकम् : वेदान्ताचार्य सूरी का भक्ति-गीत
अच्युतशतकम्, वेदान्ताचार्य सूरी द्वारा रचित एक प्रसिद्ध शास्त्र, भगवान विष्णु की भक्ति का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। यह सौ श्लोकों का एक संग्रह है जो भगवान अच्युत की महिमा का वर्णन करता है, उनकी दिव्य शक्ति और उनके भक्तों के प्रति उनके असीम प्रेम को दर्शाता है।
इस शास्त्र की महत्ता इसकी सरल भाषा और गहन अर्थ में है। सूरी ने अपने शब्दों में भगवान विष्णु के प्रति अपनी निष्ठा और श्रद्धा को इस तरह से अभिव्यक्त किया है कि पाठक को भी उनके प्रति एक गहरा सम्मान और प्रेम उत्पन्न होता है। श्लोकों में भक्ति, आत्मज्ञान और मोक्ष की महत्वपूर्ण शिक्षाएं निहित हैं।
वेदान्ताचार्य सूरी एक प्रसिद्ध वैष्णव आचार्य थे, जो 13वीं शताब्दी में भारत में हुए थे। उनकी शिक्षाएं मुख्यतः भगवान विष्णु की उपासना पर केंद्रित थीं। उनके द्वारा रचित अच्युतशतकम् आज भी लाखों लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
अच्युतशतकम् के कुछ प्रमुख विषय हैं:
- भगवान विष्णु की महिमा: श्लोकों में भगवान विष्णु को सर्वशक्तिमान, सर्वज्ञानी और सर्वव्यापी बताया गया है। उनकी दिव्य शक्तियों और गुणों का विस्तृत वर्णन किया गया है।
- भक्ति का महत्व: यह शास्त्र भक्ति को मोक्ष प्राप्त करने का सबसे महत्वपूर्ण साधन बताता है। भगवान विष्णु के प्रति निष्ठा और श्रद्धा से जीवन में सच्चा सुख प्राप्त होता है।
- आत्मज्ञान: सूरी ने श्लोकों में आत्मज्ञान की महत्ता पर भी प्रकाश डाला है। आत्मा का ज्ञान प्राप्त करने से मनुष्य मोक्ष की प्राप्ति कर सकता है।
- मोक्ष की प्राप्ति: अच्युतशतकम् में बताया गया है कि भगवान विष्णु की भक्ति से ही मोक्ष की प्राप्ति संभव है।
अच्युतशतकम् का अध्ययन और पाठ करने से व्यक्ति के मन में भगवान विष्णु के प्रति श्रद्धा और प्रेम बढ़ता है। यह शास्त्र आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करने के लिए एक उत्कृष्ट स्रोत है।
अच्युतशतकम् का पाठ करने के लाभ:
- मन को शांति प्रदान करता है।
- आत्मज्ञान प्राप्त करने में मदद करता है।
- भगवान विष्णु के प्रति श्रद्धा बढ़ाता है।
- जीवन में सच्चा सुख प्राप्त करने में मदद करता है।
- मोक्ष की प्राप्ति में सहायक होता है।
अच्युतशतकम् एक ऐसा शास्त्र है जो आज भी लाखों लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। इसकी सरल भाषा और गहन अर्थ इसे सभी वर्गों के लोगों के लिए सुलभ बनाते हैं। अगर आप भगवान विष्णु की भक्ति में रूचि रखते हैं, तो अच्युतशतकम् का अध्ययन आपके लिए बेहद लाभदायक हो सकता है।
संदर्भ:
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नोट: अच्युतशतकम् का पाठ किसी भी आध्यात्मिक गुरु या विद्वान के मार्गदर्शन में करना बेहतर होता है।
Achyuta Shatakama~ by Antaachaar^yasuri |
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Title: | Achyuta Shatakama~ |
Author: | Antaachaar^yasuri |
Subjects: | Other |
Language: | san |
Collection: | digitallibraryindia, JaiGyan |
BooK PPI: | 600 |
Added Date: | 2017-01-21 20:45:04 |