[PDF] अथर्ववेद संहिता - खण्ड 2, भाग 2 | Atharvaveda Samhita - Vol. 2, Part 2 | शङ्कर पाण्डुरङ्ग - Shankar Pandurang | eBookmela

अथर्ववेद संहिता – खण्ड 2, भाग 2 | Atharvaveda Samhita – Vol. 2, Part 2 | शङ्कर पाण्डुरङ्ग – Shankar Pandurang

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अथर्ववेद संहिता – खण्ड 2, भाग 2 | Atharvaveda Samhita – Vol. 2, Part 2

यह अथर्ववेद संहिता का खंड 2, भाग 2, पंडित शंकर पाण्डुरंग द्वारा संपादित एक बहुमूल्य ग्रंथ है। इस ग्रंथ में, अथर्ववेद के कई मंत्रों और उनके अर्थों को स्पष्ट और व्यापक रूप से प्रस्तुत किया गया है। पंडितजी ने अपने व्याख्यात्मक शैली में आधुनिक पाठकों के लिए अथर्ववेद को आसानी से समझने योग्य बनाया है।

इस ग्रंथ में वैदिक काल की संस्कृति, जीवनशैली, और विचारधाराओं पर प्रकाश डाला गया है। यह ग्रंथ केवल धार्मिक अध्येताओं के लिए ही नहीं, बल्कि इतिहास, दर्शन और भाषा विज्ञान में रुचि रखने वालों के लिए भी एक महत्वपूर्ण संसाधन है।

अथर्ववेद संहिता – एक संक्षिप्त परिचय

अथर्ववेद वेदों में सबसे बाद का ग्रंथ माना जाता है। इसे “ब्रह्मविद्या” या “अनुष्टुभवेद” के नाम से भी जाना जाता है। यह ग्रंथ मुख्यतः मंत्रों और उनके अर्थों से संबंधित है। अथर्ववेद में जादू, औषधि, और दैनिक जीवन के कई पहलुओं को शामिल किया गया है।

पंडित शंकर पाण्डुरंग – एक प्रख्यात विद्वान

पंडित शंकर पाण्डुरंग, वेदों और उपनिषदों के एक प्रख्यात विद्वान थे। उन्होंने अथर्ववेद संहिता के कई खंडों का संपादन किया और वेदों पर कई ग्रंथ भी लिखे। उनके काम ने वेदों के अध्ययन को प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

अथर्ववेद संहिता – खण्ड 2, भाग 2 – महत्वपूर्ण विशेषताएं

  • सटीक अनुवाद: पंडित शंकर पाण्डुरंग ने संस्कृत मंत्रों का सटीक अनुवाद प्रदान किया है।
  • विस्तृत व्याख्या: ग्रंथ में मंत्रों के अर्थों की विस्तृत व्याख्या दी गई है।
  • आधुनिक पाठकों के लिए उपयोगी: पंडितजी ने आधुनिक पाठकों के लिए ग्रंथ को आसानी से समझने योग्य बनाया है।
  • वैदिक संस्कृति का ज्ञान: ग्रंथ वैदिक काल की संस्कृति, जीवनशैली, और विचारधाराओं पर प्रकाश डालता है।

अथर्ववेद संहिता – खण्ड 2, भाग 2 – डाउनलोड

यह ग्रंथ अब मुफ्त में डाउनलोड करने के लिए उपलब्ध है। आप इसे यहां से डाउनलोड कर सकते हैं।

अथर्ववेद संहिता – खण्ड 2, भाग 2 – उपयोग

  • अध्ययन और शोध: यह ग्रंथ अथर्ववेद, संस्कृत व्याकरण, और भारतीय दर्शन के अध्ययन में महत्वपूर्ण सहायता प्रदान करता है।
  • आध्यात्मिक ज्ञान: ग्रंथ में वर्णित मंत्रों का उपयोग आध्यात्मिक विकास के लिए किया जा सकता है।
  • दैनिक जीवन में उपयोग: ग्रंथ में वर्णित विचारों और नैतिकता का उपयोग दैनिक जीवन में किया जा सकता है।

निष्कर्ष

अथर्ववेद संहिता – खण्ड 2, भाग 2, पंडित शंकर पाण्डुरंग द्वारा संपादित एक मूल्यवान ग्रंथ है। यह ग्रंथ वेदों और वैदिक संस्कृति के बारे में ज्ञान प्रदान करता है। यह ग्रंथ सभी धार्मिक और वैदिक विद्वानों के लिए एक अनिवार्य ग्रंथ है।

संदर्भ

ध्यान दें: यह ब्लॉग पोस्ट केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है। इसे किसी भी चिकित्सा या कानूनी सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए।

Atharvaveda Samhita Vol. 2, Pt. 2 by Pandit, Shankar Pandurang, Ed.

Title: Atharvaveda Samhita Vol. 2, Pt. 2
Author: Pandit, Shankar Pandurang, Ed.
Subjects: C-DAK
Language: san
अथर्ववेद संहिता - खण्ड 2, भाग 2 | Atharvaveda Samhita - Vol. 2, Part 2 
 |  शङ्कर पाण्डुरङ्ग - Shankar Pandurang
Collection: digitallibraryindia, JaiGyan
BooK PPI: 600
Added Date: 2017-01-16 02:34:33

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