उत्तररामचरितम् – संस्करण 2 | Uttara Ramcharitam – Ed. 2 | पी० वी० काणे – P. V. Kane
उत्तररामचरितम् – संस्करण 2 | Uttara Ramcharitam – Ed. 2
This second edition of Uttararamacharitam, edited by the renowned scholar P. V. Kane, is a must-have for any serious student of Sanskrit literature. The detailed commentary and analysis of the text make it incredibly accessible, even for those with limited Sanskrit knowledge. The text is clearly presented, and the annotations are both comprehensive and insightful. This edition is a testament to Kane’s profound understanding of the work and his dedication to sharing this important text with others.
उत्तररामचरितम् – संस्करण 2: पी. वी. काणे द्वारा संपादित एक महत्वपूर्ण ग्रंथ
सांस्कृतिक साहित्य के क्षेत्र में उत्तररामचरितम् एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है। भास द्वारा रचित यह नाटक, रामचरितमानस के बाद की घटनाओं का वर्णन करता है, जिसमें श्री रामचंद्र जी द्वारा अपने राज्य अयोध्या की वापसी और राज्य भार ग्रहण करना शामिल है।
पी. वी. काणे द्वारा संपादित उत्तररामचरितम् – संस्करण 2 साहित्य के विद्यार्थियों और सांस्कृतिक विद्वानों के लिए एक अनमोल खजाना है। इस संस्करण में मूल पाठ, व्याख्या और विस्तृत टीका सहित कई विशेषताएं शामिल हैं जो इस ग्रंथ को और अधिक समझने में मदद करती हैं।
विशेषताएं:
- मूल पाठ: संस्करण में उत्तररामचरितम् का मूल पाठ सुंदर ढंग से प्रस्तुत किया गया है।
- व्याख्या: काणे जी की व्याख्या समझदार और विद्वतापूर्ण है। यह नाटक के विभिन्न पहलुओं को स्पष्ट करता है, जैसे कि चरित्र विकास, कथा संरचना, और उपदेशात्मक संदेश।
- टीका: इस संस्करण में विस्तृत टीका भी शामिल है। टीका संस्कृत व्याकरण, अलंकार शास्त्र, और साहित्यिक संदर्भों पर प्रकाश डालती है।
- सटीकता: इस संस्करण में मूल पाठ और व्याख्या में सटीकता का विशेष ध्यान रखा गया है। काणे जी अपने विद्वतापूर्ण शोध के लिए जाने जाते हैं और उनकी व्याख्या वस्तुनिष्ठ और विश्वसनीय है।
- उपयोगिता: साहित्य के छात्रों, संस्कृत विद्वानों, और सांस्कृतिक रुचि वाले पाठकों के लिए यह संस्करण एक अनिवार्य संग्रह है।
इस ग्रंथ को डाउनलोड करें:
यह ग्रंथ PDF प्रारूप में मुफ्त में उपलब्ध है। आप इस ग्रंथ को यहां से डाउनलोड कर सकते हैं।
अन्य महत्वपूर्ण पहलू:
- भाषा: संस्कृत
- प्रकाशन: डिजिटल लाइब्रेरी ऑफ इंडिया
- लेखक: भास
- संपादक: पी. वी. काणे
निष्कर्ष:
पी. वी. काणे द्वारा संपादित उत्तररामचरितम् – संस्करण 2 एक अत्यंत मूल्यवान संस्करण है जो इस महत्वपूर्ण नाटक को समझने और अध्ययन करने के लिए एक अच्छा साधन है। यह संस्करण अपने विस्तृत व्याख्या और टीका के लिए प्रसिद्ध है और यह सांस्कृतिक विद्वानों और साहित्य के छात्रों के लिए एक अनिवार्य संस्करण है। यह ग्रंथ अभ्यास करने वाले व्यक्ति को सांस्कृतिक विश्व की गहराई में ले जाता है और उसके मन में ज्ञान और अनुभव का नया जागरण करता है।
संदर्भ:
यह ग्रंथ आपके सांस्कृतिक ज्ञान को बढ़ाने के लिए एक अनमोल स्रोत है। इस ग्रंथ को डाउनलोड करें और इस महान नाटक की शानदार दुनिया का अनुभव करें!
Uttararamacharitam Second Edition by Kane, P. V. |
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Title: | Uttararamacharitam Second Edition |
Author: | Kane, P. V. |
Subjects: | Banasthali |
Language: | san |
Collection: | digitallibraryindia, JaiGyan |
BooK PPI: | 300 |
Added Date: | 2017-01-22 03:33:52 |