क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की उपलब्धियों का मूल्यांकन | Kshetriy Gamin Banko Ki Uplabadhayo Ka Mulankayan | विष्णु स्वरूप गुप्ता – Visnu Svarup Gupta
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की उपलब्धियों का मूल्यांकन | Kshetriy Gamin Banko Ki Uplabadhayo Ka Mulankayan
यह पुस्तक, “क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की उपलब्धियों का मूल्यांकन”, एक अनूठा दृष्टिकोण प्रदान करती है जो क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के महत्वपूर्ण योगदान को उजागर करता है। इसकी गहन विश्लेषणात्मक पद्धति और व्यवस्थित प्रस्तुति ग्रामीण भारत में आर्थिक विकास में इन बैंकों की भूमिका को समझने के लिए एक आवश्यक संसाधन बनाती है।
विष्णु स्वरूप गुप्ता – Visnu Svarup Gupta ने एक ऐसे विषय को सरल और समझने योग्य तरीके से प्रस्तुत किया है जो अक्सर जटिल और तकनीकी माना जाता है। इस पुस्तक को पढ़कर, ग्रामीण बैंकों की उपलब्धियों के बारे में एक व्यापक समझ प्राप्त होती है।
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की उपलब्धियों का मूल्यांकन | Kshetriy Gamin Banko Ki Uplabadhayo Ka Mulankayan
परिचय
भारत की अर्थव्यवस्था में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (RRBs) की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। देश के ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देना और गरीबी को कम करना इन बैंकों का मुख्य लक्ष्य है।
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की उपलब्धियों का मूल्यांकन
RRBs की स्थापना और विकास
आरआरबी की स्थापना 1975 में की गई थी ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय सेवाओं की उपलब्धता बढ़ाई जा सके। इन बैंकों का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि, लघु उद्योगों और अन्य आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देना था। आरआरबी की स्थापना के बाद से, ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय समावेशन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
RRBs के कार्य और जिम्मेदारियां
आरआरबी ग्रामीण क्षेत्रों में निम्न कार्यों का संचालन करते हैं:
- कृषि ऋण प्रदान करना
- लघु और सूक्ष्म उद्योगों को ऋण प्रदान करना
- ग्रामीण क्षेत्रों में बचत योजनाओं का संचालन करना
- वित्तीय साक्षरता कार्यक्रमों का संचालन करना
- अन्य वित्तीय सेवाएँ प्रदान करना
RRBs की उपलब्धियां
आरआरबी ग्रामीण क्षेत्रों में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल कर चुके हैं:
- वित्तीय समावेशन में वृद्धि: आरआरबी ने ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सुविधाओं की पहुंच में महत्वपूर्ण वृद्धि की है।
- कृषि उत्पादन में वृद्धि: कृषि ऋणों के माध्यम से, आरआरबी ने ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि उत्पादन को बढ़ावा दिया है।
- गरीबी में कमी: आरआरबी ने ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
- रोजगार सृजन: आरआरबी ने लघु और सूक्ष्म उद्योगों को ऋण प्रदान करके रोजगार सृजन में योगदान दिया है।
RRBs के सामने चुनौतियाँ
आरआरबी के सामने कई चुनौतियाँ भी हैं:
- नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स (NPAs) की समस्या: किसानों की कम आय और मौसम की अनिश्चितता के कारण, आरआरबी को NPAs की समस्या का सामना करना पड़ता है।
- बैंकिंग क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा: अन्य बैंकों से प्रतिस्पर्धा भी आरआरबी के लिए एक चुनौती है।
- कुशल कर्मचारियों की कमी: कुशल कर्मचारियों की कमी भी आरआरबी के लिए एक महत्वपूर्ण बाधा है।
RRBs के लिए सुझाव
आरआरबी की उपलब्धियों को और बढ़ाने के लिए, निम्नलिखित सुझाव दिए जा सकते हैं:
- NPAs को कम करना: किसानों की आय को बढ़ाने के लिए सरकार को नीतियाँ बनानी चाहिए, और आरआरबी को NPAs को कम करने के लिए बेहतर ऋण प्रबंधन प्रणाली विकसित करनी चाहिए।
- प्रौद्योगिकी का उपयोग: आरआरबी को अपने कार्यों को और अधिक कुशल बनाने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करना चाहिए।
- कर्मचारियों का प्रशिक्षण: आरआरबी को कर्मचारियों के प्रशिक्षण पर ध्यान देना चाहिए ताकि उनकी क्षमताओं को बढ़ाया जा सके।
निष्कर्ष
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों ने ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। भविष्य में, आरआरबी को NPAs को कम करने, प्रौद्योगिकी का उपयोग करने और कर्मचारियों के प्रशिक्षण पर ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि वे अपनी उपलब्धियों को और बढ़ा सकें।
संदर्भ
Keywords: क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की उपलब्धियों का मूल्यांकन | Kshetriy Gamin Banko Ki Uplabadhayo Ka Mulankayan | विष्णु स्वरूप गुप्ता – Visnu Svarup Gupta | PDF, free, download
Chaytraya Gamin Banko Ki Uplabadhayo Ka Mulankayan by Abhilash Kumar Srivastva |
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Title: | Chaytraya Gamin Banko Ki Uplabadhayo Ka Mulankayan |
Author: | Abhilash Kumar Srivastva |
Subjects: | IIIT |
Language: | hin |
Collection: | digitallibraryindia, JaiGyan |
BooK PPI: | 600 |
Added Date: | 2017-01-20 19:36:34 |