[PDF] नैषधमहाकाव्यम् - भाग 2 | Naishadha Mahakavyam - Part 2 | श्री हर्ष - Shri Harsh, हरगोविन्द शास्त्री - Hargovind Shastri | eBookmela

नैषधमहाकाव्यम् – भाग 2 | Naishadha Mahakavyam – Part 2 | श्री हर्ष – Shri Harsh, हरगोविन्द शास्त्री – Hargovind Shastri

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नैषधमहाकाव्यम् – भाग 2 | Naishadha Mahakavyam – Part 2

This is a must-have for any Sanskrit literature enthusiast. The commentary by Hargovind Shastri brings clarity and depth to Sriharsh’s masterpiece. The language is lucid and engaging, making the complex narrative accessible to a wide audience. A valuable addition to any Sanskrit library.

नैषधमहाकाव्यम् – भाग 2: श्री हर्ष की कलात्मकता का उत्कर्ष

“नैषधमहाकाव्यम्” एक ऐसा ग्रन्थ है जो संस्कृत साहित्य में अपने अद्वितीय सौन्दर्य और कथा-कला के लिए प्रसिद्ध है। श्री हर्ष द्वारा रचित इस महाकाव्य को दो भागों में विभाजित किया गया है, और यह दूसरा भाग, “नैषधमहाकाव्यम् – भाग 2”, एक शानदार रचना है जो पाठक को अपनी गहराई से मोहित करती है।

श्री हर्ष: एक प्रतिभाशाली कवि

श्री हर्ष काल के एक प्रतिभाशाली कवि थे, जिन्होंने अपनी अद्भुत काव्य-कला के ज़रिए संस्कृत साहित्य को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाया। “नैषधमहाकाव्यम्” उनकी उत्कृष्ट कृतियों में से एक है, जिसने उन्हें एक महान कवि के रूप में स्थापित किया।

“नैषधमहाकाव्यम्” का सारांश:

यह महाकाव्य नल और दमयंती की प्रसिद्ध प्रेम कहानी पर आधारित है। इस भाग में, नल और दमयंती के वियोग और पुनर्मिलन का मार्मिक वर्णन किया गया है। कहानी में विभिन्न देवी-देवताओं, मुनियों और राजाओं के प्रवेश से नाटक और रोमांच का तत्व भी जुड़ जाता है।

हरगोविन्द शास्त्री: एक उत्कृष्ट टीकाकार

“नैषधमहाकाव्यम् – भाग 2” को हरगोविन्द शास्त्री द्वारा अत्यंत कुशलता से टिप्पणी किया गया है। शास्त्री जी ने इस महाकाव्य की गहन समझ के साथ इसकी टीका लिखी है, जिसमें उन्होंने कवि के भावों और विचारों को स्पष्ट करते हुए कविता की गहराई को उजागर किया है।

“नैषधमहाकाव्यम् – भाग 2” का महत्व:

यह महाकाव्य केवल एक प्रेम कहानी से कहीं अधिक है। इसके माध्यम से, श्री हर्ष ने धर्म, नीति, दर्शन और जीवन के विभिन्न पहलुओं पर अपनी गहरी सोच प्रस्तुत की है। यह महाकाव्य हमें अपनी अद्भुत भाषा, भावपूर्ण श्लोकों और कथा-कला के साथ एक अविस्मरणीय साहित्यिक अनुभव प्रदान करता है।

“नैषधमहाकाव्यम् – भाग 2” को क्यों पढ़ना चाहिए:

  • अद्भुत भाषा और शैली: श्री हर्ष की भाषा सुलभ और आकर्षक है, जिससे पाठक आसानी से कहानी में डूब जाते हैं।
  • शक्तिशाली कहानी: यह महाकाव्य एक शानदार प्रेम कहानी के साथ, धर्म, नीति और दर्शन के महत्वपूर्ण सन्देशों को भी समेटे हुए है।
  • हरगोविन्द शास्त्री की टिप्पणी: शास्त्री जी की टिप्पणी महाकाव्य की गहन समझ को बढ़ाती है और पाठक को इसका सच्चा अर्थ समझने में मदद करती है।

“नैषधमहाकाव्यम् – भाग 2” कहाँ से डाउनलोड करें:

“नैषधमहाकाव्यम् – भाग 2” को आप विभिन्न ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म से PDF प्रारूप में डाउनलोड कर सकते हैं। यहाँ कुछ लिंक दिए गए हैं:

  1. Digital Library of India: https://archive.org/details/in.ernet.dli.2015.407565
  2. PDFforest: https://book.pdfforest.in/textbook/?ocaid=in.ernet.dli.2015.407565
  3. JaiGyan: https://www.ebookmela.co.in/

“नैषधमहाकाव्यम् – भाग 2” एक ऐसी रचना है जिसे हर संस्कृत साहित्य प्रेमी को अवश्य पढ़ना चाहिए। यह महाकाव्य आपको अपनी अद्भुत काव्य-कला और सन्देशों के साथ एक अद्वितीय साहित्यिक अनुभव प्रदान करेगा।

Naisadhamahakavyam Bhag-2 by Sriharsh

Title: Naisadhamahakavyam Bhag-2
Author: Sriharsh
Subjects: Banasthali
Language: san
नैषधमहाकाव्यम् - भाग 2 | Naishadha Mahakavyam - Part 2 
 |  श्री हर्ष - Shri Harsh, हरगोविन्द शास्त्री - Hargovind Shastri
Collection: digitallibraryindia, JaiGyan
BooK PPI: 300
Added Date: 2017-01-16 08:29:40

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