[PDF] पर्यायरत्नमाला - खण्ड 2 | Paryayaratnamala - Vol. 2 | माधवकर - Madhavakara | eBookmela

पर्यायरत्नमाला – खण्ड 2 | Paryayaratnamala – Vol. 2 | माधवकर – Madhavakara

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पर्यायरत्नमाला – खण्ड 2 : एक अमूल्य निधि

“पर्यायरत्नमाला – खण्ड 2” माधवकर जी द्वारा रचित एक अनोखी कृति है जो संस्कृत भाषा के अध्येताओं के लिए अमूल्य निधि साबित होती है। यह ग्रंथ विविध शब्दों के पर्यायवाची शब्दों को एकत्रित करता है, जिससे भाषा की समृद्धि को समझने में सहायता मिलती है। इसकी सरल भाषा और व्यवस्थित प्रस्तुति इसे पढ़ने में सुखद बनाती है।


पर्यायरत्नमाला – खण्ड 2 : एक संपूर्ण संस्कृत शब्दकोश

“पर्यायरत्नमाला” नाम से प्रसिद्ध यह ग्रंथ संस्कृत साहित्य का एक प्रमुख ग्रंथ है, जिसके दो खंड हैं। खंड 2 एक संपूर्ण संस्कृत शब्दकोश की तरह कार्य करता है, जिसमें विभिन्न विषयों से संबंधित शब्दों के पर्यायवाची दिए गए हैं। इसके विशाल संग्रह में अनेक दुर्लभ और अत्यंत उपयोगी शब्दों के पर्यायवाची शामिल हैं जो संस्कृत भाषा के अध्ययन को और भी अधिक समृद्ध बनाते हैं।

इस ग्रंथ की कुछ प्रमुख विशेषताएँ हैं:

  • विशाल संग्रह: इस ग्रंथ में अनेक शब्दों के पर्यायवाची दिए गए हैं, जिससे भाषा की समृद्धि को समझने में सहायता मिलती है।

  • व्यवस्थित प्रस्तुति: ग्रंथ में सभी शब्दों को वर्णमाला क्रम में व्यवस्थित किया गया है, जिससे शब्दों को आसानी से ढूँढना संभव हो जाता है।

  • सरल भाषा: माधवकर जी ने इस ग्रंथ को सरल भाषा में लिखा है, जिससे यह सभी स्तरों के संस्कृत विद्वानों के लिए समझने योग्य है।

  • उपयोगीता: यह ग्रंथ संस्कृत साहित्य का अध्ययन करने वाले सभी छात्रों, विद्वानों और शोधार्थियों के लिए अत्यंत उपयोगी है।

इस ग्रंथ को डाउनलोड करने के लिए निम्नलिखित लिंक का उपयोग करें:

https://book.pdfforest.in/textbook/?ocaid=in.ernet.dli.2015.312435

पर्यायरत्नमाला – खण्ड 2 के प्रमुख विषय:

यह ग्रंथ संस्कृत भाषा के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालता है। इसमें शामिल प्रमुख विषय निम्नलिखित हैं:

  • देवता: देवताओं के नामों के पर्यायवाची शब्द, जैसे इंद्र, अग्नि, सूर्य आदि।

  • ऋषि: प्रसिद्ध ऋषियों के नामों के पर्यायवाची शब्द, जैसे वशिष्ठ, विश्वामित्र, भारद्वाज आदि।

  • नदी: प्रमुख नदियों के नामों के पर्यायवाची शब्द, जैसे गंगा, यमुना, सरस्वती आदि।

  • पर्वत: प्रमुख पर्वतों के नामों के पर्यायवाची शब्द, जैसे हिमालय, विंध्य, सतपुड़ा आदि।

  • वृक्ष: विभिन्न वृक्षों के नामों के पर्यायवाची शब्द, जैसे पीपल, बरगद, नीम आदि।

  • पक्षी: विभिन्न पक्षियों के नामों के पर्यायवाची शब्द, जैसे हंस, मयूर, कोयल आदि।

  • जन्तु: विभिन्न जन्तुओं के नामों के पर्यायवाची शब्द, जैसे सिंह, हाथी, गाय आदि।

  • विभिन्न विषय: इस ग्रंथ में संस्कृत भाषा के अन्य विभिन्न विषयों से संबंधित शब्दों के पर्यायवाची भी दिए गए हैं।

पर्यायरत्नमाला – खण्ड 2 का महत्व:

इस ग्रंथ का महत्व संस्कृत भाषा के अध्ययन में अपार है। यह ग्रंथ भाषा की समृद्धि को प्रदर्शित करता है और शब्दों के अर्थां और उपयोग को समझने में सहायता करता है। यह संस्कृत साहित्य के अध्ययन के लिए एक महत्वपूर्ण संदर्भ पुस्तक है।

निष्कर्ष:

पर्यायरत्नमाला – खण्ड 2 एक अमूल्य निधि है जो संस्कृत भाषा के अध्ययन में अत्यंत उपयोगी है। इस ग्रंथ के द्वारा हम संस्कृत भाषा की समृद्धि और विविधता को समझ सकते हैं और अपनी भाषा प्रति अधिक सम्मान और प्रेम पैदा कर सकते हैं। इसलिए, यह ग्रंथ संस्कृत साहित्य के सभी प्रेमियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

संदर्भ:

Paryayaratnamala Vol-ii by Madhavakara

Title: Paryayaratnamala Vol-ii
Author: Madhavakara
Subjects: Banasthali
Language: san
पर्यायरत्नमाला - खण्ड 2 | Paryayaratnamala - Vol. 2 
 |  माधवकर - Madhavakara
Collection: digitallibraryindia, JaiGyan
BooK PPI: 300
Added Date: 2017-01-21 14:16:10

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