योगवासिष्ठ षष्ठस्य निर्वाण प्रकरणस्य पूर्वार्द्धम् | Yogavasishtha Shashthasya Nirvana Prakaranasya Purvarddham | गणपत कृष्ण – Ganpat Krishna
एक अद्भुत ज्ञान का स्रोत
“योगवासिष्ठ षष्ठस्य निर्वाण प्रकरणस्य पूर्वार्द्धम्” एक ऐसा ग्रंथ है जो गहन ज्ञान से भरपूर है। गणपत कृष्ण द्वारा लिखा गया यह ग्रंथ “योगवासिष्ठ” के छठे अध्याय का प्रथम भाग है। यह ग्रंथ शांति और ज्ञान की खोज करने वालों के लिए एक अद्भुत मार्गदर्शक है।
योगवासिष्ठ षष्ठस्य निर्वाण प्रकरणस्य पूर्वार्द्धम्: एक अनूठा ग्रंथ
योगवासिष्ठ, एक प्राचीन हिन्दू ग्रंथ, वैदिक ज्ञान और योग के सिद्धांतों पर आधारित है। यह ग्रंथ योगी वसिष्ठ द्वारा राजा राम को दी गई शिक्षा का वर्णन करता है। इस ग्रंथ में ज्ञानी पुरुषों द्वारा राम को समाधि, मुक्ति और ब्रह्मज्ञान के मार्ग बताए गए हैं।
“योगवासिष्ठ षष्ठस्य निर्वाण प्रकरणस्य पूर्वार्द्धम्” इस ग्रंथ के छठे अध्याय का प्रथम भाग है, जिसमें निर्वाण के विभिन्न पक्षों का वर्णन किया गया है। यह भाग राम को निर्वाण के मार्ग पर चलने के लिए प्रोत्साहित करता है और उनके मन में उत्पन्न होने वाले सभी सवालों का जवाब देता है।
गणपत कृष्ण: एक विद्वान लेखक
गणपत कृष्ण, एक प्रसिद्ध हिन्दू विद्वान और लेखक थे। उनका जन्म 1902 में हुआ था और उनकी मृत्यु 1978 में हुई। उन्होंने बहुत से प्रसिद्ध ग्रंथ लिखे, जिनमें “योगवासिष्ठ”, “गीता”, और “उपनिषद” पर आधारित ग्रंथ शामिल हैं।
योगवासिष्ठ षष्ठस्य निर्वाण प्रकरणस्य पूर्वार्द्धम्: एक अमूल्य ग्रंथ
यह ग्रंथ सभी धर्मों और मान्यताओं के लोगों के लिए उपयोगी है, जो ज्ञान, शांति, और मुक्ति की खोज में हैं। यह ग्रंथ हमारे मन में उत्पन्न होने वाले सभी संदेहों और सवालों का जवाब देता है और हमें सच्चे ज्ञान के मार्ग पर चलने के लिए प्रोत्साहित करता है।
निष्कर्ष
“योगवासिष्ठ षष्ठस्य निर्वाण प्रकरणस्य पूर्वार्द्धम्” एक अद्भुत ग्रंथ है, जो आध्यात्मिक ज्ञान और निर्वाण के मार्ग पर चलने के लिए एक अमूल्य स्रोत है। गणपत कृष्ण द्वारा लिखा गया यह ग्रंथ हमारे मन और आत्मा को समझने में हमारी मदद करता है और हमें सच्चे ज्ञान के मार्ग पर चलने के लिए प्रोत्साहित करता है।
यहाँ कुछ संसाधन हैं जहाँ आप इस ग्रंथ को पा सकते हैं:
- PDF डाउनलोड: https://book.pdfforest.in/textbook/?ocaid=in.ernet.dli.2015.407273
- PDF फॉरेस्ट पर खोज: [https://book.pdfforest.in/?s=Ath Yogvasishte Shastasya Nivarnaprakaransya Purvardam](https://book.pdfforest.in/?s=Ath Yogvasishte Shastasya Nivarnaprakaransya Purvardam)
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संदर्भ:
- https://www.ebookmela.co.in/?s=Krishna%2C+Ganapat
- https://www.ebookmela.co.in/?s=Banasthali
- https://www.ebookmela.co.in/?s=san
- https://www.ebookmela.co.in/?s=digitallibraryindia
- https://www.ebookmela.co.in/?s=JaiGyan
Ath Yogvasishte Shastasya Nivarnaprakaransya Purvardam by Krishna, Ganapat |
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Title: | Ath Yogvasishte Shastasya Nivarnaprakaransya Purvardam |
Author: | Krishna, Ganapat |
Subjects: | Banasthali |
Language: | san |
Collection: | digitallibraryindia, JaiGyan |
BooK PPI: | 300 |
Added Date: | 2017-01-17 05:52:09 |