रामायणमञ्जरी | Ramayana Manjari | काशीनाथ शर्मा – Kashinath Sharma, क्षेमेन्द्र – Kshemendra, दुर्गाप्रसाद – Durgaprasad, पण्डित भवदत्त शास्त्री – Pandit Bhavadutt Shastri
रामायणमञ्जरी: एक सुन्दर आख्यायिका
“रामायणमञ्जरी” क्षेमेन्द्र द्वारा रचित एक अद्भुत रचना है। पंडित भवदत्त शास्त्री जी का यह संस्करण प्राचीन काव्य के सौन्दर्य को जीवंत करता है। यह ग्रंथ न केवल रामायण के महत्वपूर्ण दृश्यों को समाहित करता है, बल्कि कथा में नए आयामों को भी प्रस्तुत करता है। पाठक को राम, सीता, लक्ष्मण आदि पात्रों के चरित्रों को एक नये दृष्टिकोण से समझने का अवसर मिलता है। यह संस्करण सभी हिंदी भाषा के उपयोगकर्ताओं के लिए एक बहुमूल्य रत्न है।
रामायणमञ्जरी: क्षेमेन्द्र की एक उत्कृष्ट रचना
परिचय
“रामायणमञ्जरी” क्षेमेन्द्र द्वारा रचित एक संस्कृत काव्य है जो रामायण की कहानी को एक नए रूप में प्रस्तुत करता है। यह काव्य साहित्यिक दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह अपने काल के समाज और संस्कृति का प्रतिबिम्ब है।
लेखक और रचना
क्षेमेन्द्र, 11वीं शताब्दी के प्रसिद्ध संस्कृत लेखक थे। “रामायणमञ्जरी” उनकी प्रमुख रचनाओं में से एक है। इस काव्य में क्षेमेन्द्र ने मूल रामायण की कहानी को संक्षेप में प्रस्तुत करते हुए अपने विचारों और दृष्टिकोण को जोड़कर एक नयी रचना की है।
रचना का महत्व
“रामायणमञ्जरी” रामायण की कथा को एक नए दृष्टिकोण से प्रस्तुत करती है। यह काव्य पौराणिक कथाओं को समझने के लिए एक महत्वपूर्ण स्रोत है। इसके अलावा, इस काव्य में प्रयुक्त भाषा और शैली भी बहुत सुंदर और प्रभावशाली है।
रामायणमञ्जरी के विषय वस्तु
“रामायणमञ्जरी” में रामायण की मुख्य कथा को संक्षेप में प्रस्तुत किया गया है। इस काव्य में राम, सीता, लक्ष्मण, हनूमान आदि प्रमुख पात्रों के चरित्र और कर्मों का वर्णन किया गया है। इसके अलावा, काव्य में रामायण की कथा के साथ साथ क्षेमेन्द्र के अपने विचार और दृष्टिकोण भी प्रकट होते हैं।
रामायणमञ्जरी का साहित्यिक महत्व
“रामायणमञ्जरी” अपने साहित्यिक गुणों के लिए बहुत प्रसिद्ध है। इस काव्य में प्रयुक्त भाषा बहुत सुंदर और प्रभावशाली है। क्षेमेन्द्र ने अपनी रचना में अनेक अलंकारों और छंदों का प्रयोग किया है जो इस काव्य को और भी सुंदर और आकर्षक बनाते हैं।
रामायणमञ्जरी का सामाजिक महत्व
“रामायणमञ्जरी” केवल एक साहित्यिक रचना नहीं है, बल्कि यह अपने काल के सामाजिक और सांस्कृतिक मूल्यों का भी प्रतिबिम्ब है। इस काव्य में उस समय के समाज में चलन में आए रहन-सहन, विचारधारा, और मूल्यों का वर्णन किया गया है।
निष्कर्ष
“रामायणमञ्जरी” एक उत्कृष्ट काव्य रचना है जो अपने साहित्यिक और सामाजिक महत्व के लिए बहुत प्रसिद्ध है। यह काव्य रामायण की कथा को समझने के लिए एक महत्वपूर्ण स्रोत है और हिंदी साहित्य का एक मूल्यवान रत्न है।
संदर्भ
पीडीएफ डाउनलोड करने के लिए क्लिक करें:
पीडीएफ फॉरेस्ट पर खोजें:
[पीडीएफ फॉरेस्ट पर खोजें](https://book.pdfforest.in/?s=The Ramayana -manjari Of Kshmendra)
ऑनलाइन पढ़ें:
अमेज़ॅन पर खरीदें:
[अमेज़ॅन पर खरीदें](https://www.amazon.in/s?k=The Ramayana -manjari Of Kshmendra&i=stripbooks&tag=228309-21)
अर्काइव:
The Ramayana -manjari Of Kshmendra by Pandit Bhavadatta Sastrai |
|
Title: | The Ramayana -manjari Of Kshmendra |
Author: | Pandit Bhavadatta Sastrai |
Subjects: | Banasthali |
Language: | san |
Collection: | digitallibraryindia, JaiGyan |
BooK PPI: | 300 |
Added Date: | 2017-01-19 10:25:46 |