विहान – सुबह सवेरे | Vihaan – SUBAH SAVERE | पुस्तक समूह – Pustak Samuh
एक अद्भुत कहानी जो हर बच्चे को प्रेरित करेगी!
इस पुस्तक में, बाबा मायाराम ने बच्चों में उम्मीद के बीज बोने की कहानी को जीवंत रूप से पेश किया है। उनकी सरल और मार्मिक भाषा बच्चों को आकर्षित करती है और उन्हें जीवन के मूल्यों से परिचित कराती है। यह पुस्तक सभी उम्र के पाठकों के लिए एक अनमोल खजाना है जो बच्चों के दिलों में आशा और प्रेरणा जगाती है।
“विहान – सुबह सवेरे” : एक बच्चे के दिल में उम्मीद के बीज बोने की कहानी
यह लेख “विहान – सुबह सवेरे” शीर्षक से “पुस्तक समूह” द्वारा प्रकाशित पुस्तक के बारे में है। यह पुस्तक बाबा मायाराम द्वारा लिखी गई है, जो एक ऐसे लेखक हैं जिन्होंने बच्चों के लिए कहानियों और कविताओं के माध्यम से जीवन के मूल्यों को समझाया है।
पुस्तक का सार:
“विहान – सुबह सवेरे” एक प्रेरणादायक कहानी है जो एक ऐसे बच्चे की यात्रा का वर्णन करती है जिसका जीवन चुनौतियों से भरा हुआ है। कहानी एक ऐसे गांव में शुरू होती है जहां एक बच्चा गरीबी और अभाव के बीच जीवन बिता रहा है। बच्चे का नाम विहान है और वह अपनी उम्र से परे समझदार और दयालु है। वह अपने आस-पास के लोगों की मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहता है, चाहे वह अपने परिवार के लिए लकड़ियाँ इकट्ठा करना हो या अपने दोस्तों की मदद करना हो।
कहानी के दौरान, विहान कई कठिनाइयों का सामना करता है। उसके माता-पिता गरीब हैं और उसका परिवार कई कठिनाइयों से जूझ रहा है। लेकिन विहान कभी हार नहीं मानता। वह हर चुनौती का सामना साहस और धैर्य के साथ करता है। विहान का दृढ़ निश्चय और सकारात्मक सोच उसे आगे बढ़ने में मदद करते हैं।
पुस्तक के मुख्य बिंदु:
- उम्मीद का बीज बोना: यह पुस्तक बच्चों को उम्मीद का बीज बोने और सकारात्मक सोच रखने के महत्व को समझाती है। विहान की कहानी यह दर्शाती है कि कठिनाइयों के बावजूद भी, उम्मीद और दृढ़ निश्चय हमें आगे बढ़ने में मदद करते हैं।
- दया और करुणा: विहान अपने आस-पास के लोगों के प्रति दया और करुणा का भाव रखता है। वह हमेशा दूसरों की मदद करने के लिए तैयार रहता है, चाहे वह कोई भी हो। यह पुस्तक बच्चों को दयालु और करुणावान बनने का महत्व सिखाती है।
- साहस और दृढ़ निश्चय: विहान अपने जीवन में आने वाली चुनौतियों का सामना साहस और दृढ़ निश्चय के साथ करता है। यह पुस्तक बच्चों को कठिनाइयों के बावजूद भी हार न मानने और अपनी लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रेरित करती है।
पुस्तक का प्रभाव:
“विहान – सुबह सवेरे” बच्चों पर एक गहरा प्रभाव डालती है। यह पुस्तक उन्हें जीवन के मूल्यों को समझने में मदद करती है और उनके अंदर सकारात्मकता, दया, साहस और दृढ़ निश्चय जैसे गुणों को विकसित करती है।
किसके लिए है यह पुस्तक:
यह पुस्तक सभी बच्चों के लिए एक अनमोल खजाना है, खासकर उन बच्चों के लिए जो कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। यह पुस्तक बच्चों को आशा और प्रेरणा देती है और उन्हें एक बेहतर इंसान बनने के लिए प्रेरित करती है। यह पुस्तक माता-पिता, शिक्षकों और सभी उन लोगों के लिए भी एक उपयोगी संसाधन है जो बच्चों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाना चाहते हैं।
कहाँ से खरीदें:
“विहान – सुबह सवेरे” “पुस्तक समूह” की वेबसाइट से उपलब्ध है, जहाँ आप पुस्तक का PDF संस्करण मुफ्त में डाउनलोड कर सकते हैं।
संदर्भ:
निष्कर्ष:
“विहान – सुबह सवेरे” एक ऐसी पुस्तक है जो बच्चों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। यह पुस्तक उन्हें जीवन के मूल्यों को समझने में मदद करती है और उन्हें एक बेहतर इंसान बनने के लिए प्रेरित करती है। यह पुस्तक सभी बच्चों के लिए एक अनमोल खजाना है और इसे पढ़ना हर किसी के लिए फायदेमंद है।
JISNE BACHCHON MEIN UMMEED KE BEEJ BOYE – HINDI – SUBAH SAVERE by BABA MAYARAM |
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Title: | JISNE BACHCHON MEIN UMMEED KE BEEJ BOYE – HINDI – SUBAH SAVERE |
Author: | BABA MAYARAM |
Subjects: | JISNE BACHCHON MEIN UMMEED KE BEEJ BOYE; HINDI; SUBHA SAVERE; BHOPAL; 05 MARCH 2017. ARTICLE ON ARVIND GUPTA; BABA MAYARAM |
Collection: | ArvindGupta, JaiGyan |
BooK PPI: | 300 |
Added Date: | 2017-03-06 04:52:01 |