श्रीनवपद प्रकरणम् | Shrinavapada Prakaranam | देवगुप्ता सूरी – Devagupta Suri
श्रीनवपद प्रकरणम् – एक अद्भुत ग्रन्थ
“श्रीनवपद प्रकरणम्” देवगुप्ता सूरी द्वारा रचित एक अद्वितीय ग्रन्थ है जो जैन धर्म के दर्शन को गहराई से समझने में मदद करता है। इस ग्रन्थ की भाषा सरल और सुबोध है, जो इसे हर वर्ग के पाठक के लिए सुलभ बनाता है।
श्रीनवपद प्रकरणम्: ज्ञान का मार्ग
“श्रीनवपद प्रकरणम्” एक बहुमूल्य ग्रन्थ है जो जैन धर्म के नौ तत्वों (नव पद) को स्पष्टता से समझने में सहायक है। देवगुप्ता सूरी ने इस ग्रन्थ में जैन दर्शन के मूलभूत सिद्धान्तों को विस्तार से प्रस्तुत किया है। जैन धर्म के मनन, तत्वज्ञान, आत्मा, कर्म और मोक्ष जैसे महत्वपूर्ण विषयों को इस ग्रन्थ में विशेष रूप से स्पष्ट किया गया है।
ग्रन्थ का महत्व
“श्रीनवपद प्रकरणम्” सिर्फ जैन धर्म के विद्वानों के लिए ही नहीं, बल्कि सभी ज्ञानप्रेमियों के लिए एक महत्वपूर्ण ग्रन्थ है। इस ग्रन्थ में जैन धर्म के मूलभूत सिद्धान्तों के साथ साथ जीवन के महत्वपूर्ण सिद्धान्तों का भी वर्णन किया गया है। यह ग्रन्थ मन को शांति और आत्म ज्ञान प्रदान करने में मदद करता है।
श्रीनवपद प्रकरणम् को आप कैसे पढ़ सकते हैं
आप “श्रीनवपद प्रकरणम्” को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से पढ़ सकते हैं। आप इस ग्रन्थ का पीडीएफ वर्जन इंटरनेट से मुफ्त में डाउनलोड कर सकते हैं या इसके प्रिंट वर्जन को किताबों की दुकानों से खरीद सकते हैं।
निष्कर्ष
“श्रीनवपद प्रकरणम्” एक अद्भुत ग्रन्थ है जो जैन धर्म के दर्शन को गहराई से समझने में मदद करता है। यह ग्रन्थ सभी ज्ञानप्रेमियों के लिए एक महत्वपूर्ण पठन है।
संदर्भ
Shrinavpadprakarnam by Suri,devgupta |
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Title: | Shrinavpadprakarnam |
Author: | Suri,devgupta |
Subjects: | Banasthali |
Language: | san |
Collection: | digitallibraryindia, JaiGyan |
BooK PPI: | 300 |
Added Date: | 2017-01-21 14:04:32 |