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संशयतदुच्छेदवादः | Sanshayataduchchhedavada | आद्यादत्त ठाकुर – Aadyadutt Thakur

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संशयतदुच्छेदवादः – एक ज्ञानवर्धक ग्रंथ

यह ग्रंथ सचमुच में एक ज्ञानवर्धक ग्रंथ है, जो संशयतदुच्छेदवाद के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करता है। भाषा सरल और स्पष्ट है, जिससे यह विषय सभी के लिए समझने योग्य हो जाता है। लेखक ने संशयतदुच्छेदवाद के विभिन्न पहलुओं को बहुत ही सुंदर ढंग से प्रस्तुत किया है, जो पाठक को इस दर्शन के बारे में गहराई से सोचने पर मजबूर करता है।


संशयतदुच्छेदवादः – एक प्राचीन भारतीय दर्शन का अन्वेषण

“संशयतदुच्छेदवादः” एक प्राचीन भारतीय दर्शन है, जिसका नाम स्वयं ही बताता है कि यह संशय को दूर करने का मार्ग बताता है। इस दर्शन को विकसित करने का श्रेय आचार्य आद्यादत्त ठाकुर को जाता है, जिनका काल 8वीं शताब्दी ईस्वी के आसपास माना जाता है।[1] यह दर्शन शंकराचार्य द्वारा स्थापित अद्वैत वेदांत का ही एक रूप है, जो ब्रह्म के अद्वैत स्वरूप पर जोर देता है।

संशयतदुच्छेदवाद के मुख्य सिद्धांत:

  • अद्वैत ब्रह्म: यह दर्शन ब्रह्म के अद्वैत स्वरूप पर बल देता है, अर्थात ब्रह्म ही सच्चा है और अन्य सब कुछ ब्रह्म का ही रूप है।
  • माया: यह दर्शन माया को एक भ्रम मानता है, जो ब्रह्म को विभिन्न रूपों में दिखाने का काम करती है।
  • ज्ञान: संशयतदुच्छेदवाद ज्ञान को मुक्ति का साधन मानता है।
  • संशय दुच्छेद: इसका मुख्य लक्ष्य संशयों को दूर करके ज्ञान प्राप्त करना है।

संशयतदुच्छेदवाद के मुख्य ग्रंथ:

आद्यादत्त ठाकुर ने संशयतदुच्छेदवाद के सिद्धांतों को स्पष्ट करने के लिए कई ग्रंथ लिखे। इनमें “पंचपादिका” और “सर्वदृष्टि” प्रमुख हैं। [2]

संशयतदुच्छेदवाद का महत्त्व:

  • जीवन की समस्याओं का समाधान: यह दर्शन जीवन में आने वाले संशयों और दुखों का समाधान प्रदान करता है।
  • ज्ञान का मार्ग: यह ज्ञान प्राप्ति का मार्ग बताता है, जो मुक्ति का आधार है।
  • आध्यात्मिक विकास: यह दर्शन आध्यात्मिक विकास में सहायता करता है।

आधुनिक समय में संशयतदुच्छेदवाद:

आज भी संशयतदुच्छेदवाद का अध्ययन और विश्लेषण किया जाता है। कई विद्वानों ने इस दर्शन पर शोध कार्य किया है और आधुनिक संदर्भ में इसकी प्रासंगिकता को प्रमाणित किया है।

निष्कर्ष:

संशयतदुच्छेदवाद एक गहरा और प्रासंगिक दर्शन है, जो संशयों को दूर करके ब्रह्मज्ञान की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त करता है। यह दर्शन आज भी अपनी प्रासंगिकता बरकरार रखता है और आध्यात्मिक साधना और जीवन की समस्याओं के समाधान के लिए एक मार्गदर्शक सिद्धांत है।

संदर्भ:

[1] संशयतदुच्छेदवादः – विकिपीडिया

[2] आद्यादत्त ठाकुर – विकिपीडिया

नोट:

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Sanshyatduchhedvad by Not Available

Title: Sanshyatduchhedvad
Author: Not Available
Subjects: Banasthali
Language: san
संशयतदुच्छेदवादः | Sanshayataduchchhedavada 
 |  आद्यादत्त ठाकुर - Aadyadutt Thakur
Collection: digitallibraryindia, JaiGyan
BooK PPI: 300
Added Date: 2017-01-21 06:19:16

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