[PDF] समयसार प्रवचन [भाग १] | Samayasar Pravachan [Volume 1] | श्री कुन्दकुन्दाचार्य - Shri Kundakundachary | eBookmela

समयसार प्रवचन [भाग १] | Samayasar Pravachan [Volume 1] | श्री कुन्दकुन्दाचार्य – Shri Kundakundachary

0

समयसार प्रवचन [भाग १] – श्री कुन्दकुन्दाचार्य के ज्ञान का सार

यह पुस्तक श्री कुन्दकुन्दाचार्य के “समयसार” ग्रंथ की व्याख्या प्रस्तुत करती है, जो जैन धर्म के महत्वपूर्ण ग्रंथों में से एक है। लेखक ने बहुत ही सरल भाषा में जटिल विषयों को समझाया है, जिससे यह पुस्तक सभी के लिए पठनीय है।

समयसार प्रवचन [भाग १] : श्री कुन्दकुन्दाचार्य के दर्शन का गहन अध्ययन

“समयसार प्रवचन [भाग १]” श्री कुन्दकुन्दाचार्य के “समयसार” ग्रंथ पर आधारित एक महत्वपूर्ण व्याख्यात्मक कृति है, जो जैन धर्म के प्रमुख दर्शनिक और आध्यात्मिक गुरुओं में से एक थे। इस पुस्तक को प्रसिद्ध जैन विद्वान नेमिचंद पटानी ने लिखा है और यह “समयसार” के गहन अध्ययन और व्याख्या के लिए एक उपयोगी मार्गदर्शक है।

समयसार: एक जैन दर्शन

“समयसार” श्री कुन्दकुन्दाचार्य द्वारा रचित एक महत्वपूर्ण जैन ग्रंथ है, जो जैन धर्म के विभिन्न दर्शनिक और आध्यात्मिक सिद्धांतों पर प्रकाश डालता है। इस ग्रंथ में, श्री कुन्दकुन्दाचार्य ने जैन धर्म के मूल सिद्धांतों, जैसे कि आत्मा, कर्म, मोक्ष, आदि का विस्तृत विवेचन किया है। “समयसार” का जैन धर्म में एक महत्वपूर्ण स्थान है और यह जैन साहित्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है।

पुस्तक का महत्त्व

“समयसार प्रवचन [भाग १]” “समयसार” ग्रंथ को समझने और उसका अध्ययन करने के लिए एक मूल्यवान माध्यम प्रदान करता है। लेखक ने “समयसार” के प्रत्येक श्लोक का विस्तृत विवेचन किया है और श्री कुन्दकुन्दाचार्य के विचारों को सरल और स्पष्ट भाषा में समझाया है। यह पुस्तक जैन दर्शन के छात्रों, शोधकर्ताओं, और जैन धर्म के अनुयायियों के लिए बहुत उपयोगी है।

पुस्तक का विषय

“समयसार प्रवचन [भाग १]” में श्री कुन्दकुन्दाचार्य के “समयसार” ग्रंथ के विभिन्न अध्यायों पर चर्चा की गई है। पुस्तक में विभिन्न विषयों को शामिल किया गया है, जैसे:

  • आत्मा (soul)
  • कर्म (karma)
  • मोक्ष (liberation)
  • ज्ञान (knowledge)
  • धर्म (religion)
  • अहिंसा (non-violence)
  • ब्रह्मचर्य (celibacy)

पुस्तक की विशेषताएं

“समयसार प्रवचन [भाग १]” की कुछ प्रमुख विशेषताएं हैं:

  • सरल भाषा: लेखक ने “समयसार” के जटिल सिद्धांतों को बहुत ही सरल भाषा में समझाया है।
  • विस्तृत व्याख्या: प्रत्येक श्लोक की विस्तृत व्याख्या दी गई है।
  • उदाहरण: विभिन्न उदाहरणों का प्रयोग किया गया है ताकि सिद्धांतों को समझने में आसानी हो।
  • संबंधित शास्त्रों का उल्लेख: विभिन्न जैन ग्रंथों से उद्धरणों का प्रयोग किया गया है।

कैसे प्राप्त करें

“समयसार प्रवचन [भाग १]” आप PDF फॉर्मेट में ऑनलाइन [Download link] से डाउनलोड कर सकते हैं. यह पुस्तक मुफ़्त में उपलब्ध है, जिससे सभी लोग इसका लाभ उठा सकते हैं।

निष्कर्ष

“समयसार प्रवचन [भाग १]” श्री कुन्दकुन्दाचार्य के “समयसार” ग्रंथ का एक अद्भुत व्याख्यात्मक कार्य है जो जैन दर्शन और आध्यात्मिकता में रुचि रखने वाले लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन है। यह पुस्तक जैन धर्म के महत्वपूर्ण ग्रंथों को समझने के लिए एक शानदार प्रवेश द्वार है।

संदर्भ

नोट: यह ब्लॉग पोस्ट “समयसार प्रवचन [भाग १]” पुस्तक की एक संक्षिप्त जानकारी प्रदान करता है। पुस्तक में जैन धर्म के बारे में और भी बहुत कुछ बताया गया है। जैन धर्म के बारे में और अधिक जानने के लिए आप “समयसार” ग्रंथ का अध्ययन कर सकते हैं।

Samayasar Pravachan Volume-1 by Patani, Nemichand

Title: Samayasar Pravachan Volume-1
Author: Patani, Nemichand
Subjects: Banasthali
Language: hin
Samayasar Pravachan Volume-1
Collection: digitallibraryindia, JaiGyan
BooK PPI: 300
Added Date: 2017-01-17 10:14:41

We will be happy to hear your thoughts

Leave a reply

eBookmela
Logo