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Gawan-Sudhar Kaise ho by Ram Chandra Trivedi

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गवाँ-सुधार कैसे हो? – रामचंद्र त्रिवेदी द्वारा

रामचंद्र त्रिवेदी जी का “गवाँ-सुधार कैसे हो?” भारत के गाँवों की स्थिति और उनमें सुधार लाने के लिए जरूरी कदमों पर एक मार्मिक चिंतन है। यह पुस्तक गाँवों में फैले गरीबी, अशिक्षा, स्वास्थ्य समस्याओं, और सामाजिक बुराइयों के बारे में गहन चर्चा प्रस्तुत करती है।

गाँवों की दुर्दशा:

त्रिवेदी जी गाँवों में व्याप्त अनेक समस्याओं पर प्रकाश डालते हैं, जिनमें शिक्षा की कमी, स्वास्थ्य सेवाओं की अभाव, अशिक्षा, जीवन स्तर में गिरावट, सामाजिक असमानता, और प्राकृतिक संसाधनों के दोहन की समस्याएँ शामिल हैं।

सुधार के लिए कदम:

लेखक गवाँ-सुधार के लिए विभिन्न सुझाव प्रस्तुत करते हैं जिनमें शिक्षा का प्रसार, स्वास्थ्य सेवाओं का विकास, नई टेक्नोलॉजी का उपयोग, कृषि में आधुनिकीकरण, और सामाजिक सुधार शामिल हैं।

यह पुस्तक समाज के सभी वर्गों के लिए उपयोगी है:

  • यह गाँवों के लोगों को अपनी स्थिति समझने और सुधार के लिए कदम उठाने में मदद करती है।
  • शिक्षाविदों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को गाँवों की समस्याओं को समझने और उनके हल ढूँढने में मदद करती है।
  • सरकार और अन्य संस्थाओं को गाँवों के विकास के लिए नीतियाँ बनाने में मदद करती है।

पुस्तक की ख़ास बातें:

  • “गवाँ-सुधार कैसे हो?” गाँवों की समस्याओं को बहुत ही साफ़ और सरल भाषा में पेश करती है।
  • इसमें प्रस्तुत सुझाव व्यावहारिक और कारगर हैं।
  • यह पुस्तक गाँवों के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण मार्गदर्शन का काम करती है।

निष्कर्ष:

“गवाँ-सुधार कैसे हो?” एक महत्वपूर्ण पुस्तक है जो भारत के गाँवों की स्थिति पर गंभीर चिंतन करती है। यह पुस्तक समाज के सभी वर्गों के लिए पढ़ने लायक है।

संदर्भ:

  • त्रिवेदी, रामचंद्र. “गवाँ-सुधार कैसे हो?”. पटना पब्लिशर्स, पटना.

यह लेख त्रिवेदी जी की पुस्तक “गवाँ-सुधार कैसे हो?” के आधार पर लिखा गया है और गाँवों के विकास के लिए उनके विचारों को प्रतिबिंबित करता है।

Gawan-Sudhar Kaise ho by Ram Chandra Trivedi

Title: Gawan-Sudhar Kaise ho
Author:
Language: hin
Gawan-Sudhar Kaise ho by Ram Chandra Trivedi
Publisher: Patana Publisars Patana
Collection: universallibrary
Contributor: Hindustani Academy
Pages Count: 105
Added Date: 2006-12-08 05:21:10

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